Archive | December 13th, 2010

विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का ग्यारहवां अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन विश्व सरकार ही विश्वव्यापी समस्याओं का निराकरण कर सकती है -देश-विदेश से पधारे न्यायविदों व कानूनविदों का मत

Posted on 13 December 2010 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित “विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के ग्यारहवें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन´´ में 71 देशों से पधारे मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व कानूनविदों ने आज `विश्व सरकार´ की जमकर वकालत करते हुए कहा कि विश्व सरकार ही विश्वव्यापी समस्याओं का समाधान कर सकती है और भावी पीढ़ी के सुरक्षित व खुशहाल भविष्य की गारंटी ले सकती है। देश-विदेश से पधारे माननीय न्यायमूर्तियों ने जोर देकर कहा कि सीमाओं में बंधी सरकारें विश्वव्यापी समस्याओं का समाधान करने में सक्षम नहीं है। इससे पहले आज सम्मेलन के चौथे दिन की शुरुआत सर्व-धर्म व विश्व शान्ति प्रार्थना से हुई जिससे पूरा ऑडिटोरियम ईश्वरीय व आध्याित्मक वातावरण से सराबोर हो गया। इसके अलावा सी.एम.एस. छात्रों ने भी आज विद्वान न्यायविदों व कानूनविदों के समक्ष विश्व के दो अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु बड़े ही प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रखी जिनमें परमाणु हथियारों सहित सभी रासायनिक व जैविक हथियारों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने, युद्धों पर प्रतिबन्ध लगाने, वातावरण को दूषित होने से बचाने, विश्व की जटिल समस्याओं के समाधान विचार-विमर्श ने निकालने की मांगे शामिल थीं। इससे पहले सम्मेलन के चौथे दिन का उद्घाटन आज मुख्य अतिथि श्री स्वामी प्रसाद मौर्या, मन्त्री, पंचायती राज, उ.प्र. ने किया एवं प्रात:कालीन सत्र की अध्यक्षता चाड सुप्रीम कोर्ट के प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति अब्दराहिम बिरेमे हामिद ने की जबकि अफगानिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रो. अब्दुल सलाम अजीमी ने की-नोट एड्रेस दिया।

lighting-the-lamp_iccjw_4th-dayइस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि श्री स्वामी प्रसाद मौर्या, मन्त्री, पंचायती राज, उ.प्र. ने कहा कि समानता व न्याय न्यायविदों का प्रथम कर्तव्य है और इसी से आप मानवजाति का विश्वास जीत सकते हैं। अब समय आ गया है कि विश्व के न्यायमूर्ति एक नई जिम्मेदारी को भी निभायें एवं जनता की आवाज का ऊपर उठायें क्योंकि जनता की वाणी ईश्वर की वाणी होती है। श्री मौर्य ने सी.एम.एस. छात्रों को विश्व एकता के इस अभियान के लिए बधाइयां देते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अन्तर्गत बच्चों को अधिकार है कि उन्हें शिक्षा, पालन-पोषण आदि का अधिकार मिलना चाहिए किन्तु सी.एम.एस. के बच्चों द्वारा संसार के सभी बच्चों के सुरक्षित भविष्य की मांग अपने आपमें बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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चाड सुप्रीम कोर्ट के प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति अब्दराहिम बिरेमे हामिद ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि दरअसल अन्तर्राष्ट्रीय कानून एक ऐसा विषय है जिसकी विश्व में अनदेखी की जा रही है, ऐसे में विश्व के गम्भीर हालातों पर तुरन्त उपाय खोजने की आवश्यकता महसूस की जा रही है और `विश्व सरकार´ का विचार इसी आवश्यकता की पूर्ति करने का प्रयास है। प्रो. अब्दुल सलाम अजीमी, मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट, अफगानिस्तान ने कहा कि सी0एम0एस0 व यहां के छात्र इस बात का संकेत है कि यदि विश्व के दो अरब बच्चों को सही शिक्षा मिले तो वे अवश्य ही विश्व का रूप बदल कर रख देंगे। उन्होंने कहा कि डा. जगदीश गांधी व डा. (श्रीमती) भारती गांधी ने सम्पूर्ण विश्व को एक रास्ता दिखाया है, जो विश्व के बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इक्वाडोर के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रेसीडेन्ट न्यायमूर्ति गालो पिको मंटिला ने अपने सम्बोधन में आशा व्यक्त की कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन में हुई वार्ताओं के जरिए हम वर्तमान विश्व की समस्याओं के समाधान खोजने व विश्व के बच्चों के लिए एक सुरक्षित भविष्य बनाने में सफल होंगे। मॉरीशस सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश मैडम जस्टिस प्रेमिला बालगोबिन ने कहा कि विश्व में कानून की कमी नहीं है।

किन्तु प्रभावशाली विश्व कानून के लिए सभी देशों व जनता का सहयोग और समर्थन चाहिए। राष्ट्रीय कानून को अन्तर्राष्ट्रीय सहमति मिलनी चाहिए व अन्तर्राष्ट्रीय कानून से इसे जोड़ना चाहिए। इसे प्रभावशाली व हितकारी बनाने के लिए जरूरी है कि इसका सही निरीक्षण व विश्लेषण होता रहे। श्रीलंका सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश शिराने तिलकवर्धने ने कहा कि बच्चों को अपने अधिकारों को पाने का पूरा हक है और `सुरक्षित भविष्य´ का अधिकार भी उन्हीं में से एक है। उन्होंने कहा कि कानून सिर्फ नागरिकों के आचरण को ही नियिन्त्रत नहीं करता अपितु विभिन्न कानूनों को नियिन्त्रत करने का काम भी करता है इसलिए `प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून´´ की अवधारणा पूर्णतया उपयुक्त है। पेरू सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति पिलर काबोZनेल विल्चेज ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों के सुरक्षित भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिए इण्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के महत्व को समझना होगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक कानून व्यवस्था एक अच्छा विचार है परन्तु यह निश्चित करना आवश्यक है कि यह प्रभावशाली भी हो और समस्त विश्व के लिए स्वीकार्य हो। सेशल्स सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहन बुर्हान ने सी-एम-एस- संस्थापक डा- जगदीश गाधी के प्रयासों की सराहना की जिनके पूर्ण समर्पण व दृढ़ विश्वास ने बाल अधिकारों के लिए इस संघर्ष को एक नई दिशा प्रदान की है। इससे आगे के लिए आशा की एक किरण नजर आ रही है। इसी प्रकार तजाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व डेप्यूटी चेयरमैन न्यायमूर्ति सैफुलो गियोव, कोस्टारिका सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश मैडम जस्टिस रोसा एकन एज-जी-, आन्ध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी- चन्द्र कुमार, मुंबई हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए-डी- माने, आदि कई न्यायविदों व कानूनविदों ने अपने विचार रखे। इन विद्वान कानूनविदों ने अपने संबोधन में समस्त विश्व समुदाय से मार्मिक अपील की कि वह विश्व के उन तमाम बच्चों के पक्ष में निर्णय ले जो आज भी अन्तर्राष्टीय आतंकवाद, हिंसा, गरीबी, बीमारी व प्रदूषित पर्यावरण के शिकार हैं।

इस ऐतिहासिक सम्मेलन के संयोजक डा. जगदीश गांधी, प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्थापक, सी.एम.एस. ने अपरान्ह: सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में देश-विदेश से पधारे प्रख्यात न्यायविदों व कानूनविदों के चार दिनों तक चले गहन विचार मन्थन का सार प्रस्तुत किया। न्यायविदों के विचारों का निचोड़ बताते हुए डा. गांधी ने कहा कि लगभग सभी मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाशीशों व कानूनविदों की आम राय रही कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51(सी) विश्व की समस्याओं का एक मात्र समाधान है। भारतीय संविधान विश्व के अकेला ऐसा संविधान है जो पूरे विश्व को एकता के सूत्र में जोड़ने की बात कहता है। अनुच्छेद 51(सी) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य इस ओर प्रयासरत रहेगा कि अन्तर्राष्ट्रीय कानून के लिए आदर भाव हो। डा. गांधी ने बताया कि देश-विदेश से जुटे प्रख्यात कानूनविद यहां अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था बनाने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं जिससे विश्व के दो अरब बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सके व आने वाला कल सुखमय व शान्तिपूर्ण हो सके। देश-विदेश से पधारे न्यायाधीशों की बात को दोहराते हुए डा. गांधी ने कहा कि विज्ञान और तकनीक के नये अविष्कारों ने देशों के बीच की दूरी समाप्त कर दी है और समय की सीमा को पार करके अब हम मिनटों में दूर-दूर के देशों से सम्पर्क स्थापित कर लेते हैंं। इस दूरी को समाप्त करने का हमें सही उपयोग करना चाहिए। जहां एक ओर न्यूिक्लयर बम का बटन दबाने से मानव जाति नष्ट हो सकती है वहीं दूसरी ओर दूर बैठे ही किसी बच्चे का आपरेशन व इलाज हो सकता है। इसके लिए अन्तर्राष्ट्रीय कानून ही हमें एक-दूसरे से जोड़ सकता है। डा. गांधी ने बताया कि इस मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन की प्रेरणा हमें आइन्सटीन जैस महान वैज्ञानिक, जवाहर लाल नेहरू और डा0 राम मनोहर लोहिया जैसे विचारक और वसुधैव कुटुम्बकम के महान आदर्श से मिली है। इन सभी महान विभूतियों ने विश्व को एक परिवार के रूप में देखा है व विश्व एकता और विश्व सरकार का सपना बरसों पहले देखा था।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने कहा कि विश्व के तमाम देशों के मुख्य न्यायाधीशों व न्यायाधीशों का एक लक्ष्य के एक साथ एकत्र होना इस बात को दर्शाता है कि विश्व के बच्चों के भविष्य की सुरक्षा विश्व के सबसे प्रशिक्षित लोगों के हाथ में है। श्री शर्मा ने बताया कि सी0एम0एस0 के तत्वावधान में आयोजित `विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का दसवें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन´ में चार दिनों तक चली गहन चर्चा-परिचर्चा के पश्चात देश-विदेश के न्यायविद् व कानूनविद् कल 14 दिसम्बर को होटल क्लार्क अवध में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से रूबरू होंगे। इसके अलावा विभिन्न देशों के न्यायविद् व कानूनविद् लखनऊ भ्रमण पर भी निकलेंगे एवं लखनऊ की ऐतिहासिक विरासत व गंगा-जमुनी तहजीब को नजदीक से अनुभव करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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अब खर्च की रिकवरी के लिए मनरेगा पर प्रधानों की नज़र

Posted on 13 December 2010 by admin

केन्द्र सरकार द्वारा चलायी जा रही महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गांरन्टी योजना मनरेगा पर विजयी होकर आये प्रधानों की नज़रें अब गड़ी हुई हैं। जहां निवार्चित प्रधान इस योजना के बहाने अपनी किस्मत संवारने के चक्कर में अÒी से पड़े हुए हैं वहीं हारे हुए प्रत्याशी अपनी तकदीर को रोते नज़र आ रहे हैं। प्रधान पद को प्राप्त करने के बाद विजयी प्रत्याशी अपने सारे खर्चे वसूल करने के लिए वििÒé योजनाओं का धन कागजी खाना पूर्ति करने के बाद अपने पाकेट के हवाले करने को आतुर हैं इसमें  केन्द्र की मनरेगा योजना पर सÒी के दान्त गड़ गये हैं।

केन्द्र सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत जाब कार्ड धारक गरीब मजदूरों को 100 दिन का रोजगार गांव में ही उनलब्ध कराने का प्रावधान है। जिससे मजदूरों का पलायन शहर की ओर जाने से रोका जा सके। लेकिन पूर्व प्रधानों के क्रिया कलापों प नज़र डाला जाय तो सरकार की इस योजना का Òðा बैठाने में प्रधानों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इन प्रधानों सांठ गांठ कर प र्जी जाब कार्ड बनवाकर पुचायत अधिकारियों की मदद से आधे अधूरे कार्यो का सम्यापन कराके पूरा धन हड़प लिया। जबकि सरकार द्वारा यह योजना गारबों के उत्थान और Òलाई के लिए चलायी जा रही है। लेकिन मनरेगा से गरीबों का कम प्रधानों की Òलाई ज्यादा होती नज़र आती है। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में जाब कार्ड धारक को सौ दिन का काम मिलना चाहिए। लेकिन प्रधान व अन्य अधिकारियों की मिली Òगत से कागजों में कार्य पूर्ण दिखाकर धन की निकासी कर ली जाती है। नवनिर्वाचित प्रधानों ने चुनाव से पहले गांव के विकास का जो वादा किया था। उसका कितना लाÒ आम जनता को मिलता है यह तो आने वाला समय ही बतायेगा लेकिन इस सरकारी योजना का लाÒ किस प्रकार लिया जाय प्रधान इसके जुगत में अÒी से हैं। हकीकत यह है कि इस योजना में ग्राम विकास अधिकारी,ब्लाकों के अवर अिÒयन्ता, खण्ड विकास अधिकारी तथा विÒाग के जिलास्तरीय अधिकारी Òी अपना कमीशन बाकायदा वसूलते हैं और सबसे अधिक बदनाम प्रधान होते हैं। गांवों तथा गरीबों का उत्थान सरकारी विÒागों में ब्याप्त Ò्रष्टाचार के कारण नहीं हो पा रहा है। सरकार अनेक प्रकार की योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रूपया खर्च करती हे लेकिन उसका लाÒ अन्य सक्षम लोग उठाते और मौज करते दिखाई देते है। मनरेगा से नतो मजदूरों का शहरों की ओर पलायन रूका है तथा न उनके जीवन स्तर में ही सुधार हों सका है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आंगनवाड़ी केन्द्रेां का पोषाहार चढ़ रहा कालाबाजारी की Òेंट

Posted on 13 December 2010 by admin

जनपद में Ò्रष्टाचार की जड़े जड़े इतनी मजबूत हो चुकी हैं कि इसे उखाड़ पाना किसी के बात नहीं रह गई हैं। नन्हे मुéों के पेट में जाने वाला पोष्टिक आहार पशुओं को खिलाने के लिए बेच दिया जा रहा है। जबकि बाल विकास विÒाग करोड़ों रूपया पोषाहार में खर्च करके वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहा है। परन्तु जमीनी हकीकत पर गौर करने की कोशिश जिममेदार अधिकारी नहीं कर रहे हैं।

आंगनवाड़ी के कन्द्रों के माध्यम से वििÒé प्रकार के कार्यक्रम चलाकर गÒZवती, महिलाओं व किशोरियों ,धात्री महिलाओं तथा नवविवाहितों को अनेक प्रकार के स्वास्थ्य संबन्धी जानकारी देने का प्रावधान है। लेकिन जिले में शायद ही ऐसा कोई आंगनवाड़ी केन्द्र हो जहां इस प्रकार की जानकारी दी जाती हो। मगर उक्त कार्यक्रम के नाम पर लाखों रूपये आराम से हर माह हजम कर लिया जाता है। इतना ही नहीं अनेक आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे हैं जो महीने में एक या दो बार खुलते हैं लेकिन कागजों पर प्रतिदिन खुलना दशाZया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विÒाग में कई बाल विकास परियोजना अधिकारी हैं जो आंगनवाड़ी केन्द्र न चलाने के नाम पर 300 से 1000 रूपये तक प्रति मीटिंग के दौरान प्रति आंगनवाड़ी कार्यकित्रयों से वसूलती हैं। इसके एवज में आंगनवाड़ी केन्द्रों का पोशाहार खुले बाजार में बेच दियरा जाता है। यह पोशाहार दुधारू पश्ुओं के मलिको आराम से खरद लेते हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोशण से ग्रसित महिलाओं व बच्चों के लिए उक्त पोषाहार की योजना विÒाग द्वारा बनायी गई थी। अधिकारी Òी इस मामले में अपना हिस्सा लेकर नतमस्तक हो जाते हैं। जो केन्द यदा कदा खुलते हैं वहां के बच्चों को 50 से 100 ग्राम पुश्टाहार दे दिया जाता है। कई केन्द्रों पर वह Òी नहीं दिया जाता बच्चे Òूखे वापस चले जाते है। सरकारी विÒागों में लूटखसोट का जारी सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है। आम लोगों की समझ में नहीं आता कि जिले का प्रमुख अधिकारी सब कुछ जानते हुए Òी इस प्रकार के Ò्रष्टाचार पर चुप्पी साधे रहते हैं। यह योजना पूरी तरह से अधिकारियों व कर्मचारियों की जेब में चली जा रही है और जनप्रतिनिधि Òी अपने काम में मशगूल हैं। अखबारों में छपी खबरों का अधिकारियों पर कोई असर नहीं होता। जांच पड़ताल और कार्रवाइ्र के नाम पर कुछ Òी नहीं किया जा रहा है। जिससे इस विÒाग के लोग पूरी तरह से मनमानेपन पर उतर आये हैं और गरीब महिलाओं तथा कुपोषण बच्चों के हक को मारकर अपना पोषण करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आतंकवाद के विरोध में विलांगों ने किया प्रदशZन

Posted on 13 December 2010 by admin

राष्ट्रीय विकलांग मोर्चा के तत्वावधान में आतंकवाद के विरोध में सोमवार को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदशZन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि वाराणसी में आतंकवादियों द्वारा किया गया विस्फोट गंगा जमुनी तहजीब को विध्वन्स करने की साजिश है।

सÒा को सम्बोधित करते हुए मोर्चा के जिलाध्यक्ष नियाज अहम ने कहा कि आतंकवादियों की इस बुजदिली और नकारा गतिविधियों की उपेक्षा की जानी चाहिए। उन्होने कहा कि बम विस्फोट का कुित्सत प्रयास करके वाराणसी की मुस्कराहट तथा गंगा जमुनी तहसीब नष्ट करने की साजिश है। इस नापाक साजिश का हिसाब आतंवादियों को जˆर देना होगा। उन्होने कहा कि हम तन से विकलांग हैं दिल से नहीं। बेगुनाह लोगों के मौत ओर उनके परिजनों के दर्द में विकलांग साथ हैं। ईÜवर ने हमें विकलांग बनाया हैं हम आतंकवादियों को विकलांग बनाने से पीछे नही हटेगें। जां देश के बेगुनाहों को बम का धमाका करके विकलांग बना रहे हैं। हम विकलांगों की कोई जाति बिरादरी नहीं होती ओर न ही वे देश के हिन्दू, मुिस्लम, सिख, इसाई को अलग कर सकते हैं। इस अवसर तमाम विकलांग मौजूद रहे। अन्त में जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन प्रशासन को सौपा गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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देश की तीसरी बड़ी सीमेन्ट उत्पादक कम्पनी है जेपी सीमेन्ट : एसकेपी गुप्त

Posted on 13 December 2010 by admin

photo_no_1140 वषोZं से अविरत चल रही विकास यात्रा के फलस्वरूप इन्जीनियरिंग एंव कन्स्ट्रक्सन में अग्रणी, जेपी ग्रुप आज सीमेन्ट, हाईड्रोपावर, थर्मलपावर, विन्डपावर, एक्सप्रेसवे, हािस्पटैलिटि - टूरिस्म, रीयल एस्टेट, माइनिंग, पावर ट्रांसमिशन, आईटी,, खेलकूद और शिक्षा के क्षेत्रों में तीव्रता से आगे बढ़ रहा है। जेपी ग्रुप भारत के 14 राज्यों में 50000 से अधिक कुशल कार्यकर्ताओं एंव क्षमतावान प्रबन्धकों की टीम द्वारा संचालित ग्रुप हैं।

वर्ष 1986 में 10 लाख टन वाषिZक सीमेन्ट उम्पादन से प्रारम्भ करने के बाद निरन्तर प्रगति करता हुआ जेपी सीमेन्ट वर्ष 2011 तक 360 लाख टन वाषिZक उत्पादन के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। जेपी सीमेन्ट की प्रगति की इस रफ्तार ने 10 लाख टन एकल इकाई वाली कम्पनी से बढ़ाकर इसे 360 लाख टन बहुल इकाई वाली एक राष्ट्र्रीय इकाई बना दिया है एवं म0प्र0 एवं उ0प्र0 में कुल सीमेन्ट उत्पादन में हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गई हैं एवं कम्पनी देश की तीसरी बड़ी सीमेन्ट उत्पदन के रूप में स्थापित हो गई है। भारतीय सीमेन्ट उद्योग में अपने आप में यह एक अनूठा उदाहरण हैं।

समूह की जेपी शक्तिमान सीमेन्ट चादर की दूसरी इकाई चुनार में वर्ष 2011 से उत्पादन प्रारम्भ हो जाएगा। जेपी समूह अपने सामाजिक दायित्वों को निभाने के क्रम में अपने प्लान्ट के आसपास के लोगों को समृद्धि एवं आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है। इसी परिप्रेक्ष्य में कम्पनी ने जेपीनगर(रीवा) में सोया एवं मस्टर्ड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की है जिससे उत्पादन मार्च 2011 तक प्रारम्भ हो जाएगा।

जेपी समूह अपने साथ साथ अपने व्यवसायिक सहयोगियों की प्रगति का पूरा ख्याल रखती है। इसी क्रम में कम्पनी ने अपने सीमेन्ट व्यवसायियों एवं अन्य बिजनेस एसोसिएट्स को जेपी शक्तिमान सीमेन्ट चादर के व्यवसाय में प्राथमिकता दी है एवं आने वाले समय में सोया एवं मस्टर्ड आयल एवं खाद के व्यवसाय में भी कम्पनी अपने व्यवसायिक सहयोगियों को पूर्ण प्राथमिकता देने को वचनबद्ध हैं।

यह जानकारी कम्पनी के वरिष्ठ महाप्रबंधक एसकेपी गुप्त ने जौनपुर में एक प्रेसवार्ता के दौराना बताया। इस अवसर पर कम्पनी के फील्ड अफीसर एसपी मिश्रा,केके त्रिपाठी एवं सेल्स प्रमोटर विनोद कुमार गुप्ता, सन्तोष कुमार गुप्ता तथा स्थानीय डीलर उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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तिलहनी फसलों में माहू का प्रकोप होने पर तुरन्त उपचार करें फसल सतर्कता समूह की बैठक 15 दिसम्बर को

Posted on 13 December 2010 by admin

तिलहनी फसलों में माहू के प्रकोप होने पर तुरन्त डायमिथोएट 30 ई0सी0 एक लीटर या इन्डोसल्फान 35 ई0सी0 1.25 कि0ग्रा0 प्रति हे0 अथवा जीरम 80 प्रतिशत 2 कि0ग्रा0 प्रति हे0 की दर से छिड़काव किया जाना चाहिये।

किसानों को फसलों से सम्बंधित वैज्ञानिक सलाह देने के लिये फसल सतर्कता समूह की बैठक आगामी 15 दिसम्बर को उ0प्र0 कृषि अनुसंधान परिषद, (उपकार) किसान मण्डी भवन, गोमती नगर, लखनऊ में आयोजित की जायेगी।

फसल सतर्कता समूह के कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार पिछला सप्ताह झुलसा रोग के लिए अनुकूल रहा है। इसलिये पत्तियों पर गहरे कत्थई रंग के धब्बे बन रहे हों तो मैकोजेव 75 प्रतिशत 2 कि0ग्रा0 प्रति हे0 अथवा जीरम 80 प्रतिशत 2 कि0ग्रा0 प्रति हे0 की दर से छिड़काव करें।

तिलहनी फसलों में समय से बोई गयी सरसों में बिरलीकरण अवश्य करें तथा बुआई के 35 से 40 दिन बाद हल्की सिंचाई करें। पौधों के समुचित विकास एवं अधिक शाखाओं के लिये शीर्ष भाग की खोटाई अवश्यक करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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ग्रामीण क्षेत्र में संचालित प्राथमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन के लिये मध्यान्ह भोजन निधि के नाम से अलग खाता खोला जायेगा

Posted on 13 December 2010 by admin

नई व्यवस्था के अनुसार मध्यान्ह भोजन योजना के ग्रामीण क्षेत्र में सफल क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक विद्यालय स्तर पर मध्यान्ह भोजन योजना हेतु पृथक खाता खोला जायेगा जो “मध्यान्ह भोजन निधि´´ कहलायेगा। इस खाते में परिवर्तन लागत, रसोइये का मानदेय, किचन उपकरण, किचेन सेड निर्माण आदि की धनरािश रखी जायेगी, तथा ग्राम निधि में अवशेश पविर्तन लागत की धनरािश एवं ग्राम िशक्षा समितियों के खाते में उपलब्ध मध्यान्ह भोजन योजना सम्बंधी धनरािश मध्यान्ह भोजन निधि में तत्काल स्थानान्तरित कर दी जायेगी। खाते का संचालन ग्राम पंचायत के प्रधान तथा विद्यालय के प्रधानाध्यापक के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा।

पूर्व में जारी व्यवस्था के अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर मध्यान्ह भोजन योजना हेतु ग्राम निधि खाता संख्या-5 (मिड-डे-मील) खोला गया है जिसमें मध्यान्ह भोजन योजना के अन्तर्गत प्राप्त परिवर्तन लागत रखी जाती हैै, जिसका संचालन ग्राम प्रधान तथा सचिव ग्राम पंचायत के संयुक्त हतस्ताक्षर से किया जाता है। एक ग्राम पंचायत सचिव द्वारा 4-5 ग्राम पंचायतों का कार्य देखे जाने तथा दूसरी मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत विद्यालयवार एकाउिन्टंग की आवश्यकता होने के कारण योजना के संचालन में स्थानीय स्तर पर कठिनाई अनुभव की जा रही थी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध अभियान निरन्तर जारी

Posted on 13 December 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध  अभियान निरन्तर जारी है।

यह जानकारी आज यहॉ खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के प्रवक्ता ने देते हुए बताया कि खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण की रोकथाम हेतु मिलावटखोरों के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है ताकि आम जनता को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिल सके। मिलावटखोरों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत अब तक दर्ज कराये गये 502 एफ0आई0आर0 में 777 व्यक्तियों को नामित करते हुए 478 को गिरफ्तार किया गया तथा 394 मिलावटखारों को विभिन्न न्यायालयों से सजा दिलवाई गई। खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम के अन्तर्गत एफ0डी0ए0टीम द्वारा 118556 निरीक्षण किये गये तथा 12096 मारे गये छापों में कुल 448.39 लाख रूपये मूल्य की खाद्य सामग्री जब्त की गई है।

प्रवक्ता ने बताया कि आज कुल 02 जनपदों-कौशाम्बी एवं राय बरेली में एफ0डी0ए0 टीम द्वारा छापे मारकर 01 नमूना संग्रहीत किया गया। जनपद कौशाम्बी के मंझनपुर क्षेत्र के अन्तर्गत 2500 किग्रा0 अपमिश्रित गुड़ जब्त कर नमूने लिये गये एवं रायबरेली में 15 दर्जन केले जब्त कर नष्ट किया गया।

प्रवक्ता ने बताया कि छापामार अभियान के दौरान खाद्य पदार्थों के निर्माण, उत्पादन एवं भण्डारण इकाइयों पर पैनी नज़र रखी जा रही है। एफ0डी0ए0 टीम को सिन्दग्ध खाद्य पदार्थों के प्रतिष्ठानों से नमूने संकलित करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रवक्ता ने बताया कि खाद्य पदार्थों के नमूनों में अपमिश्रण की पुष्टि होने पर अपराधियों के विरूद्ध खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम के तहत सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बढ़ते अपराध के लिए बाहरी लोगों को जिम्मेदार ठहराना गैर जिम्मेदाराना

Posted on 13 December 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने केन्द्रीय गृहमन्त्री श्री पी0 चिदम्बरम द्वारा दिल्ली में बढ़ते अपराध के लिए बाहरी लोगों को जिम्मेदार ठहराये जाने सम्बंधी आज दिये गये बयान को गैर जिम्मेदाराना एवं दुर्भावना पूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है कि केन्द्रीय गृहमन्त्री को इस बयान के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

माननीया मुख्यमन्त्री जी ने कहा है कि दिल्ली देश की राजधानी है। यहां पूरे देश के लोगों आने एवं रहने का बराबर का अधिकार है। उन्होंने कहा कि श्री चिदम्बरम उत्तर भारतीयों को लेकर अन्य गैर जिम्मेदार लोगों की तरह बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि श्री चिदम्बरम अपनी कमजोरियों पर परदा डालने के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं।

सुश्री मायावती जी ने कहा है कि देश एवं ज्यादातर राज्यों में सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी की  सरकारों की गरीब एवं मजदूर विरोधी नीतियों के कारण उत्तरी राज्यों से रोजी-रोटी की तलाश में बड़ी संख्या में लोगों का पलायन दिल्ली एवं अन्य महानगरों में हुआ। उन्होंने कहा कि दिल्ली तथा अन्य महानगरों के विकास और उनकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देने के बावजूद उत्तर भारतीयों को प्राय: दूसरे राज्यों में अपमानित होना पड़ता है। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस सरकारों को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि केन्द्रीय गृहमन्त्री को अपना बयान देने से पहले इन तथ्यों की तरफ ध्यान देना चाहिए था।

सुश्री मायावती जी ने कहा है कि सभी जानते है कि दिल्ली राज्य में कानून-व्यवस्था और अपराध नियन्त्रण केन्द्रीय गृह मन्त्रालय के अधीन है। इसलिए यदि आज दिल्ली में अपराध बढ़ रहे हैं तो ऐसी स्थिति में गृहमन्त्री द्वारा अपनी कमजोरी को छिपाने के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को दोषी ठहराया जाना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यू0पी0 और बिहार के लोग श्री चिदम्बरम को इस तरह के बयान के लिए कभी माफ नही करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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चौथे वल्र्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो का आयोजन बैंगलोर में

Posted on 13 December 2010 by admin

पूरक एवं वैकल्पिक उपचार हेतु विश्व का सबसे बड़ा आयोजन

चौथे वल्र्ड आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) एवं आरोग्य एक्सपो का उद्घाटन आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर गुरूजी और कर्नाटक के माननीय मुख्यमन्त्री श्री बी.एस. येद्यूरप्पा द्वारा किया गया। इस भव्य कार्यक्रम की शुरूआत बेंगलूरू में शुरू हुआ है।

pic-1इस कार्यक्रम का आयोजन विजन भारती द्वारा आयुष विभाग, भारत सरकार और कर्नाटक सरकार के सहयोग से किया गया है। इस सम्मेलन में देश और विदेश के लगभग 500,000 आगन्तुकों और 4,000 प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। प्रथम वल्र्ड आयुर्वेद कांग्रेस का आयोजन नवंबर, 2002 में कोची में, इसके द्वितीय संस्करण का आयोजन नवंबर, 2006 में पुणे में और तृतीय संस्करण का आयोजन दिसम्बर 2008 में जयपुर में किया गया था।

सम्मेलन पूर्व इन कार्यशालाओं के विषय हैं: उत्पादन की उचित प्रणालियां (जीएमपी), आहार पूरक एवं स्वास्थ्य शिक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आहार पूरकों का विनियमन (डीएसएचईए), पंचकर्म पर कार्यशाला, भारतीय शैली की औषधियों के लिये शोध केन्द्र (सीआरआईएसएम): आयुष विभाग एवं प्राकृतिक उत्पाद शोध हेतु राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएनपीआर)- भारतीय शैली की औषधियां, मानसिक स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद, अग्नि कर्म एवं क्षार कर्म और वैज्ञानिक लेखन। कार्यक्रम के दौरान इन कार्यशालाओं/सत्रों का निर्धारण किया गया है: अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा- एक चिकित्सा पद्धति के रूप में आयुर्वेद की वैश्विक पहचान( संरक्षण, संवर्धन और स्थाई संग्रहण पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार, दुर्लभ और विलुप्ति के कगार पर खड़े औषधीय पौधों को प्राथमिकता देते हुए इनका परिमार्जन और विपणन, फार्मेक्ससिल: पारंपरिक/आयुर्वेदिक औषधियों के अन्तर्राष्ट्रीय क्रेताओं और विक्रेताओं की गोष्ठी, गुरू शिष्य गोष्ठी, पारंपरिक उपचारकर्ताओं की सभा और प्रदर्शन, प्रमुख एलोपैथिक एवं आयुर्वेदिक चिकित्सकों की पारस्परिक चर्चा, तदविद्या संभाषा, यूनानी दवाओं का परिचय, आयुर्वेद प्रोटोकॉल और आयुष इंफॉर्मेटिक्स, आदि।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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