40 वषोZं से अविरत चल रही विकास यात्रा के फलस्वरूप इन्जीनियरिंग एंव कन्स्ट्रक्सन में अग्रणी, जेपी ग्रुप आज सीमेन्ट, हाईड्रोपावर, थर्मलपावर, विन्डपावर, एक्सप्रेसवे, हािस्पटैलिटि - टूरिस्म, रीयल एस्टेट, माइनिंग, पावर ट्रांसमिशन, आईटी,, खेलकूद और शिक्षा के क्षेत्रों में तीव्रता से आगे बढ़ रहा है। जेपी ग्रुप भारत के 14 राज्यों में 50000 से अधिक कुशल कार्यकर्ताओं एंव क्षमतावान प्रबन्धकों की टीम द्वारा संचालित ग्रुप हैं।
वर्ष 1986 में 10 लाख टन वाषिZक सीमेन्ट उम्पादन से प्रारम्भ करने के बाद निरन्तर प्रगति करता हुआ जेपी सीमेन्ट वर्ष 2011 तक 360 लाख टन वाषिZक उत्पादन के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। जेपी सीमेन्ट की प्रगति की इस रफ्तार ने 10 लाख टन एकल इकाई वाली कम्पनी से बढ़ाकर इसे 360 लाख टन बहुल इकाई वाली एक राष्ट्र्रीय इकाई बना दिया है एवं म0प्र0 एवं उ0प्र0 में कुल सीमेन्ट उत्पादन में हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गई हैं एवं कम्पनी देश की तीसरी बड़ी सीमेन्ट उत्पदन के रूप में स्थापित हो गई है। भारतीय सीमेन्ट उद्योग में अपने आप में यह एक अनूठा उदाहरण हैं।
समूह की जेपी शक्तिमान सीमेन्ट चादर की दूसरी इकाई चुनार में वर्ष 2011 से उत्पादन प्रारम्भ हो जाएगा। जेपी समूह अपने सामाजिक दायित्वों को निभाने के क्रम में अपने प्लान्ट के आसपास के लोगों को समृद्धि एवं आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित है। इसी परिप्रेक्ष्य में कम्पनी ने जेपीनगर(रीवा) में सोया एवं मस्टर्ड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की है जिससे उत्पादन मार्च 2011 तक प्रारम्भ हो जाएगा।
जेपी समूह अपने साथ साथ अपने व्यवसायिक सहयोगियों की प्रगति का पूरा ख्याल रखती है। इसी क्रम में कम्पनी ने अपने सीमेन्ट व्यवसायियों एवं अन्य बिजनेस एसोसिएट्स को जेपी शक्तिमान सीमेन्ट चादर के व्यवसाय में प्राथमिकता दी है एवं आने वाले समय में सोया एवं मस्टर्ड आयल एवं खाद के व्यवसाय में भी कम्पनी अपने व्यवसायिक सहयोगियों को पूर्ण प्राथमिकता देने को वचनबद्ध हैं।
यह जानकारी कम्पनी के वरिष्ठ महाप्रबंधक एसकेपी गुप्त ने जौनपुर में एक प्रेसवार्ता के दौराना बताया। इस अवसर पर कम्पनी के फील्ड अफीसर एसपी मिश्रा,केके त्रिपाठी एवं सेल्स प्रमोटर विनोद कुमार गुप्ता, सन्तोष कुमार गुप्ता तथा स्थानीय डीलर उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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