Posted on 30 September 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि विभिन्न विकास परियोजनाओं को प्राथमिकता पर तेजी से पूरा किया जाए, ताकि जनता को समय से इनका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि आई0टी0 सिटी के जरिये प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ राज्य के नौजवानों को प्रशिक्षण और रोजगार की बेहतर सुविधा मिलेगी। इसलिए आई0टी0 सिटी परियोजना को हर हाल में अक्टूबर, 2016 से शुरू कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां आई0टी0 सिटी परियोजना की प्रगति की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में किसी भी प्रदेश के विकास में सूचना प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका है, क्योंकि इसके इस्तेमाल से लोगों को विभिन्न सेवाएं एवं सूचनाएं घर बैठे उपलब्ध कराई जा सकती हैं। लखनऊ में बन रहा आई0टी0 सिटी भविष्य में प्रदेश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इसकी स्थापना से न केवल आई0टी0 से लैस मानव संसाधन की प्रदेश में उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के नए मौके भी मिलेंगे।
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि पिछली
27 अगस्त को भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में बी0ओ0ए0 बैठक के दौरान आई0टी0 सिटी को स्पेशल इकोनाॅमिक ज़ोन का दर्जा देने के लिए औपचारिक सहमति बन गई है। साथ ही, ऐक्सिस बैंक ने पिछली
14 सितम्बर को परियोजना के लिए 468 करोड़ रुपये के मौजूदा ‘लेटर आॅफ ऐग्रीगेट क्रेडिट फैसिलिटीज’ में आवश्यक संशोधन के लिए हामी भर दी है।
बैठक के दौरान श्री यादव के संज्ञान में इस परियोजना के विकास से जुड़े अहम पक्षों को लाया गया। उन्होंने इसकी प्रगति के लगातार अनुश्रवण के भी निर्देश दिए, ताकि लोगों को इस परियोजना का लाभ समय से मिल सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाजवादी सरकार प्रदेश का तेजी से विकास कर इसे अगली पंक्ति का राज्य बनाने के लिए काम कर रही है। इसलिए अवस्थापना से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता पर पूरा किया जाना जरूरी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 September 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त प्रमुख सचिवों एवं सचिवों को अपने विभाग से सम्बन्धित 90 सेवाओं को इलेक्ट्रानिक प्रणाली से उपलब्ध कराये जाने तथा ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से निर्धारित समय-सीमा के अन्दर इन्टीग्रेट कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों जिनका उल्लेख संलग्नकों में नहीं है, के द्वारा भी वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रदत्त की जा रही सेवाओं को आॅनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक साफ्टवेयर एवं हार्डवेयर की व्यवस्था सुनिश्चिित करा ली जाये तथा विकसित होने वाले पोर्टल्स का इन्टीग्रेशन भी यथासंभव ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 आई0टी0 नीति-2015 में विभागों द्वारा आई0टी0 सम्बन्धी कार्यों के सम्पादन हेतु आय-व्ययक में 02 प्रतिशत की धनराशि रखे जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा है कि सेवाओं को इलेक्ट्रानिक प्रणाली से उपलब्ध कराने हेतु आय-व्ययक में आवश्यक धनराशि की व्यवस्था भी सुनिश्चित करा ली जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त प्रमुख सचिवों/सचिवों को परिपत्र निर्गत कर दिये। 09 विभागों की 26 शासकीय सेवाओं को केवल इलेक्ट्राॅनिक प्रणाली से ही प्रदान किये जाने हेतु यथावश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराकर विभाग स्तर से मैनुअल प्रक्रिया को समाप्त किये जाने हेतु शासनादेश निर्गत किये जाने के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने कहा कि अन्य समस्त विभाग जिनकी सेवायें वर्तमान में आॅनलाईन माध्यम से आम जनमानस को उपलब्ध करायी जा रही है, को भी ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से इन्ट्रीग्रेट कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 09 विभागों की 26 शासकीय सेवायें इलेक्ट्राॅनिक प्रणाली के माध्यम से ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल से आम जनमानस को उपलब्ध करायी जा रही है, जिससे अब तक प्रदेश के 5.11 करोड़ आम जनमानस लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आम जनमानस को शासकीय सेवायंे त्वरित गति एवं पारदर्शिता से उपलब्ध कराना मा0 मुख्यमंत्री जी के जनहितकारी कार्यक्रमों तथा विकास के एजेण्डा में सम्मिलित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 September 2015 by admin
प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म प्रमुख सचिव डाॅ0 गुरदीप सिंह ने बताया कि औद्योगिक खनिजों की खोज के लिए प्रदेश में लगभग 50,000 वर्ग कि0मी0 पठारी क्षेत्र उपलब्ध है। प्रदेश के दक्षिणी भाग अर्थात बुन्देलखण्ड, मिर्जापुर, सोनभद्र, इलाहाबाद, बाँदा, चित्रकूट आदि जनपदों में खनिज की पर्याप्त मात्रा विद्यमान है, जबकि अन्य जनपदांे में बालू, मोरंग, बजरी आदि उपखनिज भी पाये जाते हैं। उन्होंने बताया कि चट्टान युक्त क्षेत्र, खनिज अन्वेषण की दृष्टि से सम्भावनाओं से भरा हुआ है। इन क्षेत्रांे में अधात्विक तथा धात्विक खनिजांे के पाये जाने की सम्भावनाओं का आंकलन करने के लिए खनिज अन्वेषण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। प्रदेश के खनिज अन्वेषण कार्यकलापों की रुपरेखा तय करने एवं आपसी विचार-विमर्श के लिए यह बैठक आयोजित की गई है।
प्रदेश के भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय में आज राज्य भूवैज्ञानिक कार्यक्रयी परिषद की 41वीं बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सचिव, भूतत्व एवं खनिकर्म डाॅ0 गुरदीप सिंह ने की। बैठक में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग, उत्तरी क्षेत्र, लखनऊ, पर्यावरण विभाग उ0प्र0, रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेन्टर, लखनऊ, केन्द्रीय भूगर्भ जल सर्वेक्षण परिषद, लखनऊ, निदेशक, भूगर्भ जल सर्वेक्षण, लखनऊ, विभागाध्यक्ष (भू-विज्ञान विभाग), लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ एवं देश व प्रदेश के वरिष्ठ भूवैज्ञानिकों द्वारा भाग लिया गया।
इस मौके पर निदेशक श्री संतोष कुमार खनिज विभाग ने विगत वर्षों में किये गये अन्वेषण कार्यों की प्रगति एवं विभाग की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया कि अन्वेषण क्षेत्र के सभी कार्यक्रम तेजी से पूर्ण कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनपद सोनभद्र के हरदी क्षेत्र में लगभग 1200 मीटर लम्बी, 18 मीटर चैड़ी तथा 15.5 मीटर मोटी स्वर्णयुक्त क्वार्टज पेबल कांग्लोमिरेट की चट्टानों में स्वर्ण की उपस्थिति ज्ञात की गयी है, क्षेत्र में औसत 0.3 ग्राम प्रति टन स्वर्ण की उपस्थिति पायी गयी है। जनपद झांसी के बडागाँव-मऊरानीपुर क्षेत्र में प्रारम्भिक अन्वेषण कार्य पूर्ण कर लिया गया है प्रारम्भिक आकंलन के अनुसार इस क्षेत्र में लगभग 20 मिलियन टन लौह अयस्क के भण्डार उपलब्ध है।
निदेशक ने विभिन्न विभागों द्वारा रखे गए विचारों एवं सुझावों पर सहमति जताते हुए कहा कि विभाग द्वारा अन्वेषण क्षेत्र में गम्भीरता से कार्य किया जा रहा है। साथ ही, आवश्यकता इस बात की भी है कि सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित किया जाए, जिससे खनन कार्यांे में किसी प्रकार की तकनीकी समस्या न आने पाए।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रमुख सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म डाॅ0 गुरदीप सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस अवसर पर निदेशक खनिज अनुसंधान परियोजना प्रयाद्वीपीय उत्तरी क्षेत्र, भूवैज्ञानिक व विभिन्न विभागों से आए प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 September 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई विद्युत आपूर्ति प्रदान कराने हेतु वर्तमान में लगभग 11 हजार मेगावाॅट की विद्युत उपलब्धता को वर्ष 2016-17 तक बढ़ाकर लगभग 21 हजार मेगावाॅट करने तथा पारेषण तथा वितरण नेटवर्क के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण हेतु प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि बढ़े हुये विद्युत प्रवाह के सापेक्ष राजस्व बढ़ाने हेतु फीडरवार, उपकेन्द्रवार, खण्डवार, मण्डलवार एवं क्षेत्रवार मासिक लक्ष्य निर्धारित कर सम्बन्धित अवर अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं मुख्य अभियंताओं की जिम्मेदारी नियत की जाये। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्तर पर सम्बन्धित अभियन्ता निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में विफल हो, तो उसकी वार्षिक गोपनीय आख्या में प्रतिकूल प्रविष्टि एवं अन्य प्रशासनिक दण्ड हर हालत में दिया जाये। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु वर्तमान वर्ष के अवशेष 06 माहों में ‘तारा-1’, ‘तारा-2’, ‘तारा-3’ अभियान के रूप में चलाया जाये, जिसके अन्तर्गत 200 तहसीलों, 20 हजार से कम उपभोक्ता के 105 टाउन एवं 63 टाउनों के 368 उपकेन्द्रों की ए0टी0 एण्ड सी0 हानियों को 15 प्रतिशत से कम स्तर पर लाना सुनिश्चित कराना होगा। उन्होंने कहा कि तारा अभियान (टर्न अराउण्ड बाई रिड्यूसिंग ए0टी0 एण्ड सी0 लाॅसेस) की सफलता से ही पावर कार्पोरेशन की वित्तीय स्थिति और अधिक बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी इस तारा अभियान में अपने टाउन, तहसील या उपकेन्द्र की ए0टी0एण्ड सी0 लाइन हानियों को 15 प्रतिशत से कम हासिल करें, उन्हें तारा रत्न की उपाधि से प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय के कर-कमलों द्वारा प्रशस्ति पत्र दिलाने के साथ-साथ उनकी वार्षिक प्रविष्टि में इसका विशेष रूप से उल्लेख किया जाये। उन्होंने कहा कि आगामी 12 अक्टूबर को उनके समक्ष समस्त लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये एक समेकित एवं समग्र रणनीति तैयार कर प्रस्तुत की जाये, जिसमें अभियान के लिये आवश्यक मानव संसाधन एवं अन्य आवश्यकताओं का तथ्यपरक आकलन अवश्य हो।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में ऊर्जा विभाग की कार्य योजना/वसूली की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने वित्त विभाग एवं गृह विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह तत्काल पावर कारपोरेषन के अन्तर्गत उपलब्ध विजिलेन्स यूनिट को बिजली चोरी रोकने के लिये विषेष थानों का अधिकार प्रदान कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें, जिससे विजिलेन्स इकाई एफ़0आई0आर0 की विवेचना का अधिकार प्राप्त कर सके। उन्होंने विजिलेन्स के 55 अतिरिक्त दलों के अनुमोदन के लिए भी आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से संपादित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत 33 के0वी0 एवं 11 के0वी के पोषकों पर फीडर मीटर स्थापना सुनिष्चित की जाये और साथ ही 11 के0वी0 केपेसिटर बैंक स्थापित किये जायें, जिससे लगभग 1500 करोड़ रुपये की लाईन हानियों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र से भी शत-प्रतिषत राजस्व वसूली सुनिष्चित कराने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में बिलिंग एवं कलेक्षन की स्थिति को सुदृढ़ करते हुए आई0टी0 इन्टरवेन्षन के ज़रिए एक समेकित व्यवस्था मार्च 2016 से पहले विकसित कर क्रियाषील करानी होगी। उन्होंने कहा कि ‘तारा‘ कार्यक्रमों का प्रत्येक स्थिति में प्रभावी अनुश्रवण किया जाये और प्रत्येक षिथिलता को दण्डित और उपलब्धि को पुरस्कृत किया जाये।
प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय अग्रवाल द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में अनमीटर्ड बिजली उपभोक्ताओं, हो रही विद्युत चोरी, बिल वितरण एवं राजस्व वसूली की मूलभूत सुविधाओं के न होना तथा विभागीय अधिकारियो एवं कर्मचारियों की अत्यधिक कमी को वितरण कम्पनियों की ख़राब वित्तीय स्थिति का कारण बताया गया। उन्होंने बताया कि प्रति यूनिट प्राप्त राजस्व (थ्रू रेट) विद्युत कम्पनियों की वित्तीय स्थिति का सबसे प्रमुख मानक है विद्युत कम्पनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार हेतु थ्रू रेट में सुधार आवष्यक है। थ्रू रेट को रणनीति का मुख्य आधार बनाते हुए प्रमुख सचिव द्वारा सूचित किया गया कि प्रत्येक विद्युत कम्पनी को अपने वर्तमान थ्रू रेट एवं 15 प्रतिषत एटी एण्ड सी हानियों के आधार पर निकाले गये थ्रू रेट के अन्तर के लगभग 30 प्रतिषत को वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान पूर्ण करना होगा। इस प्रकार से रणनीति के अन्तर्गत कारपोरेषन स्तर पर थ्रू रेट का लक्ष्य रू0 3.95 प्रति यूनिट तय किया गया। कारपोरेषन स्तर पर उपरोक्त लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 के अन्त तक दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 को रू0 3.37 प्रति यूनिट, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 को रू0 4.16 प्रति यूनिट, पष्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 को रू0 4.48 प्रति यूनिट, पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लि0 को रू0 3.23 प्रति यूनिट एवं केस्को को रू0 5.55 प्रति यूनिट का थ्रू रेट प्राप्त करना होगा। रणनीति के अन्तर्गत थ्रू रेट के टारगेट के अतिरिक्त वितरण कम्पनियों के थर्ड क्वार्टर एवं फोर्थ क्वार्टर के बिल वितरण के लक्ष्य भी क्रमषः 95 प्रतिषत एवं 97 प्रतिषत निष्चित किये गये है। रणनीति के तहत चलाये जाने वाले अभियान के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष के अन्तर्गत सभी वितरण कम्पनियों को अपने 2 साल से कम के बकायों को 90 प्रतिषत तक एवं 2 साल से ऊपर के बकायों को 50 प्रतिषत तक वसूलना होगा। इस हेतु विजिलेन्स टीम द्वारा रू0 25 हज़ार से अधिक के बकायेदारों के संयोजनों का विच्छेदन किया जायेगा।
बैठक में ऊर्जा, गृह एवं वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 September 2015 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी ने हमेशा किसानों, गरीबों, वंचितों और सुविधा विहीन अन्य कमजोर वर्गो के उत्थान तथा उनके सामाजिक आर्थिक विकास पर ध्यान दिया है और उनके कल्याण की योजनाएं कार्यान्वित की है। प्रदेश की समाजवादी सरकार और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्राथमिकता से इनको समाज में प्रतिष्ठा और अवसर दिलाने का काम किया है। उन्होने इनकी शैक्षिक, आर्थिक तथा सामाजिक उत्थान की दिशा में प्रभावशाली कदम उठाए हैं।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जानते है कि समाज में अपना स्थान बनाने के लिए व्यक्ति का शिक्षित होना आवश्यक है। इसलिए उन्होने अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को छात्रवृत्ति एवं फीस प्रतिपूर्ति की सुविधाएं दी हैं। मदरसा/मकतब आधुनिकीकरण योजना के संचालनार्थ 285 करोड़ रूपए की बजट व्यवस्था की है।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन परिवारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से आम आदमी बीमा योजना संचालित है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाले सभी भूमिहीन परिवारों के 18 से 59 वर्ष तक की आयु के मुखिया सदस्य पात्र है। आसरा योजना के अंतर्गत 300 करोड़ रूपए की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है जिससे लगभग 8,000 आवासहीन परिवार लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव यह भी महसूस करते हैं कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना जरूरी है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की ऐसी छात्राओं, जो उच्च शिक्षा पाना चाहती हैं, उनके लिए कन्या विद्याधन योजना लागू की गई है। निराश्रित महिलाओं के बच्चों की शिक्षा के लिए भी वर्ष 2015-16 के बजट में 637 करोड़ रूपए की व्यवस्था है। ऐसी महिलाएं/बालिकाएं जो जघन्य अपराध से पीडि़त हैं, को आर्थिक क्षतिपूर्ति/स्वास्थ्य राहत देने और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को स्वास्थ्य राहत देने के उद्देश्य से 11 जनपदो में “आशा ज्योति केन्द्र“ की स्थापना हेतु 11 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश की युवाशक्ति की तरक्की के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें प्रदेश के विकास में भागीदार बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से कौशल विकास नीति तैयार की गई है। इस हेतु कौशल विकास मिशन का गठन किया गया है। वस्तुतः मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होने समाज के सभी वर्गो को लाभान्वित करनेवाली योजनाओं को कार्यान्वित किया है। इन योजनाओं के फलस्वरूप प्रदेश षीघ्र ही आदर्श प्रदेश बनकर निखरेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 September 2015 by admin
उ0प्र0 में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया का शुभारम्भ आज से हो गया है। ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत चुनाव को लेकर आम जनता में भारी दिलचस्पी से अमूमन रंजिश के साथ ही बड़े पैमाने पर धनबल-बाहुबल के प्रयोग के साथ ही बूथ कैप्चरिंग की भी गुंजाइश रहती है। ऐसे समय में उ0प्र0 चुनाव आयोग द्वारा केन्द्र से अतिरिक्त सुरक्षा बल की मांग को जिस तरह से केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने ठुकराया है उससे उ0प्र0 में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव सम्पन्न होना पूरी तरह संदिग्ध है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने आज जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में तमाम बूथ अतिसंवेदनशील हैं। लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में भी अतिसंवेदनशील बूथों के प्रति सरकार व चुनाव आयोग अपनी विशेष भूमिका का निर्वहन कर निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव के लिए तमाम साधन मुहैया कराता है। आज उ0प्र0 में जब पंचायत का चुनाव निचले पायदान तक विस्तारित हो चुका है और ऐसे में अतिरिक्त साधन एवं सुरक्षा बलों की आवश्यकता है, केन्द्र सरकार का रवैया इस चुनाव को लेकर जिस तरह दिख रहा है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि केन्द्र सरकार पूरी तरह से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार को खुली छूट देकर मदद करना चाहती है। सर्वविदित है कि समय-समय पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की जुगलबन्दी ऐन-केन-प्रकारेण उत्तर प्रदेश के किसी भी चुनाव में दिखाई पड़ती रहती है।
प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी प्रबल आशंका है कि लोकतंत्र के इस पवित्र उत्सव पंचायत चुनाव में खूनखराबा-मारपीट, बूथकैप्चरिंग सहित बाहुबल-धनबल और माफिया की भूमिका भी कहीं न कहीं इस चुनाव को प्रभावित कर सकती है। यदि जनता इस पंचायत के चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित नहीं कर पायेगी तो इसकी पूरी जिम्मेदारी केन्द्र और प्रदेश सरकार की होगी। चुनाव आयोग की भी निष्पक्षता पर यक्ष प्रश्न बना रहेगा।
उ0प्र0 कंाग्रेस एक बार पुनः चुनाव आयोग एवं केन्द्र सरकार से मांग करती है कि वह उ0प्र0 में हो रहे पंचायत चुनाव को निष्पक्ष एवं स्वतंत्र कराने हेतु प्रदेश की पुलिस के स्थान पर केन्द्रीय बलों की तैनाती सुनिश्चित करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 28 September 2015 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की बदतर हालात पर गंम्भीर चिंता व्यक्त की है। प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया साईकिल ट्रैक बना रहे है। परन्तु प्रदेश की कानून व्यवस्था को टैªक पर नहीं ला पा रहे है।
हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि थानों के अंदर लाक-अप में हो रही संदिग्घ आत्महत्यों की घटनाएं बढ़ रही है, फिरोजाबाद में घटी आज की घटना हो या पिछले दिनों बाराबंकी या सीतापुर जनपद की महमूदाबाद की घटना है पुलिस प्रशासन सवालिया घेरे में है। दूसरी तरफ काशी में पुलिस रात्रि में 2 बजे शान्तिपूर्ण ढ़ग से पूजा अर्चना में लगे साधु-संतो पर जिस तरह लाठियां बरसाई उससे तो जलियावाला बाग की घटना भी शर्मिन्दा हो गई अन्तर केवल इतना था कि जलियावाला बाग में बरतानियां हुकूमत ने निहत्थों को घेर कर गोलियों बरसाई थी और वाराणसी में पुलिस के बहादुर अधिकारियों व सिपाहियों ने अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती पर और उनके शिष्यों पर घेर कर जर्बदस्त लाठियां बरसाई उस घटना क्रम को जिसने भी देखा वह पुलिस बल की गुण्डागर्दी पर शार्मिन्दा हो गया। इलाहाबाद, मिर्जापुर हो या प्रदेश भर में पंचायत चुनाव में जिस तरह ताबड़तोड़ हत्याएं हो रही है, वहां कानून व्यवस्था के हालात की आइना है।
हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने प्रदेश की सपा सरकार से सवाल किया कि प्रदेश में काशी में घटी घटना हो या गोण्डा में घटी घटना आखिर हिन्दू मतालाम्बियों पर अत्याचार पर यह सरकार मौन क्यों है ? प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की जनता के जेहन में सवाल गूंज रहा है कि क्या प्रदेश में अलग-अलग वर्ग के लोगों के लिए कानून व्यवस्था की परिभाषाएं अलग-अलग है ?
हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव उ0प्र0 के विकास के लिए जो भी कसीदे पढ़ रहे हो लेकिन उ0प्र0 के विकास की सारी कहानी तब तक झूठी है जब-तक कानून व्यवस्था की हालात पट्री पर नहीं आती।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 28 September 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने आज सिंदूर मेमोरियल अकादमी, लखनऊ द्वारा प्रख्यात गीतकार स्व0 प्रो0 रामस्वरूप ‘सिंदूर‘ की 85वीं जयंती पर आयोजित प्रो0 रामस्वरूप ‘सिंदूर‘ सम्मान समारोह 2015 में हिन्दी के प्रख्यात लेखक एवं कवि डाॅ0 अशोक चक्रधर तथा उर्दू के जाने माने शायर एवं गीतकार श्री हसन कमाल को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र व नगदी पुरस्कार देकर सम्मानित किया। समारोह का आयोजन राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में किया गया था।
राज्यपाल ने समारोह में आयोजित कवि सम्मेलन एवं मुशायरे के कवियों एवं शायरों, जिनमें श्री शिव ओम अंबर, प्रो0 वसीम बरेलवी, डाॅ0 धनंजय, डाॅ0 माजिद देवबंदी, डाॅ0 तारिक कमर, श्री देवेन्द्र सफल, श्री फारूक जायसी, शहनाज हिन्दुस्तानी, श्री बृजेन्द्र नाथ श्रीवास्तव व अन्य कलाकारों को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
श्री नाईक ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रो0 रामस्वरूप ‘सिंदूर‘ ने जो साहित्य की सेवा की है वह अपने आप में बड़ी बात है। प्रो0 रामस्वरूप की साहित्य सेवा को देखते हुए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। कवियों को सम्मान आसानी से नहीं मिलता, मगर प्रेक्षागृह में श्रोताओं की उपस्थिति देखकर सहजता से उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रो0 रामस्वरूप का राजभवन से भी बड़ा करीब का रिश्ता था। पूर्व राज्यपाल स्व0 विष्णुकांत शास्त्री के पास वे बराबर आते रहते थे। उन्होंने कहा कि ‘ऐसे कवि को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।‘
समारोह में अकादमी के अध्यक्ष डाॅ0 महमूद रहमानी, मुख्य संरक्षक पद्मश्री इरशाद मिर्जा तथा उस्ताद युगान्तर ‘सिंदूर‘ सहित अन्य साहित्यप्रेमी जन भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 28 September 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि प्रतिभाशाली एवं मेहनती अधिकारियों को सम्मानित करना एक अच्छी परम्परा है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से अन्य अधिकारियों को भी अपने शासकीय सेवा में बेहतर कार्य करने हेतु बेहतर प्रेरणा मिलती हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अपने बेहतर कार्यों से प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी येाजनाओं से अधिक से अधिक पात्र लोगों को लाभान्वित अपनी पहचान समाज में अलग बनायें। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को अपने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में अत्यधिक समय देने के बावजूद भी आम नागरिकों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान कराना प्राथमिकताओं में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को अपने जीवनकाल में यह नहीं भूलना चाहिए कि वह भी किसी परिवार या समाज का सदस्य है, जिसके उत्थान के प्रति उसकी भी जिम्मेदारी है।
मुख्य सचिव आज यहां राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में राजीव नारायण श्रीवास्तव फाउण्डेशन द्वारा आयोजित दशम् राजीव लोक नारायण सम्मान समारोह-2015 में मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजीव नारायण श्रीवास्तव फाउण्डेशन द्वारा प्रतिभाशालियों को सम्मानित करना एक अच्छा कार्य है। उन्होंने कहा कि यह सिलसिला निरन्तर चलता रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद भी राजीव नारायण श्रीवास्तव फाउण्डेशन द्वारा गरीब प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं की मदद करने के साथ-साथ प्रतिभाशाली अधिकारियों को सम्मानित किया जाना सराहनीय कार्य है।
सम्मान समारोह में मिशन निदेशक कौशल विकास मिशन श्री सुरेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक उन्नाव श्री पवन कुमार, प्रशासनिक अधिकारी एवं साहित्यकार, शायर एवं गायक डाॅ0 हरिओम को दशम् राजीव नारायण लोक सेवा सम्मान समारोह-2015 तथा गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को आकांक्षा समिति की अध्यक्षा एवं समाजसेविका श्रीमती सुरभि रंजन, सेवानिवृत्त श्री अमल कुमार वर्मा, पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्री सुलखान सिंह, पुलिस महानिदेशक रेलवे तथा सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी श्री अतुल एवं समिति की सचिव श्रीमती मंजू श्रीवास्तव द्वारा सम्मानित किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 28 September 2015 by admin
गुरू रविदासनगर वजीरहसन रोड निकट मयंक हास्पिटल स्थिति गणेश पंडाल में आज नवें दिन भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से विघ्नहर्ता के दर्शन करने के उपरान्ंत प्रसाद ग्रहण किये। आज दोपहर बाद प्रतिमा के विजर्सन की तैयारी शुरू करके शाम को गोमती तट पर विसर्जित कर दिया जायेगा।
गुरू रविदास नगर स्थिति गणेश पंडाल में इस बार का आकर्षण शाम को होने वाले गणेश वन्दना होती है जो देर रात तक चलती रहते थे। इसी कड़ी में नवें दिन भंडारे व हवन का आयोजन हुआ। गुरू रविदासनगर वजीरहसन रोड स्थिति सार्वजनिक गणेश पूजा पंडाल के आयोजनकर्ता में से एक कपिल जी ने बताया कि रविदासनगर में गणेशपूजा पण्डाल का लगातार दूसरा वर्ष है। गणेश प्रतिमा की ऊंचाई भी पिछले वर्ष की तुलना में दो फिट ज्यादा है। साथ ही उन्होंने बताया कि दस दिवसीय आयोजन आज प्रतिमा विजर्सन के साथ समाप्त होगा। कपिल ने बताया कि कि गणेश पूजन का विधान उत्तर भारत में सह़त्रों वर्षो से है। किसी शुभ कार्य का आरम्भ गणेश पूजा से ही होता है। भगवान श्री गणेश हमारी सनातन संस्कृति में बल, बुद्धि विद्या एवं सम्पन्नता के देव माने जाते है। गुरू रविदास नगर श्री गणेश पूजा पंडाल में प्रमुख सहयोगकताओं में श्री रितेश चैधरी, बुल्ली, अन्नू, नीरज, सूरज, नीतू, कुशाग्र, शुभम, कीर्ति, कपिल, सहित स्थानीय निवासी शामिल है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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