Posted on 09 September 2015 by admin
चेशायर होम इण्डिया लखनऊ द्वारा आयोजित एकदिवसीय वार्षिक आम बैठक 6 सितम्बर 2015 को हलवासिया कोर्ट, हजरतगंज पर आयोजित की गयी। बैठक का उद्घाटन संस्था की संरक्षक बेगम हामिदा हबीबुल्लाह एवं अध्यक्ष जनरल वी.एम. कालिया, एस.एम, वी.एस.एम द्वारा सर लियोनार्ड चेशायर एवं संस्था के संस्थापक स्व. वी.के. घई के चित्रों पर माल्यार्पण एवं केक काट कर किया गया।
बैठक में अनेक बिन्दुओं पर चर्चा की गयी तथा इस बात पर गहन विचार किया गया कि समाज में आज वृद्ध एवं असहाय लोंगो की स्थिति बड़ी दयनीय है, अतः हमारी संस्था को इस ओर अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। बैठक में पूर्व डी.जी.पी. श्री के.एल. गुप्ता, रमेश लाल चन्दानी, अनिल गोयल, सुरभी दुआ, सरिता बैजल, राकेश महेन्द्रा, श्रीमती बी. सिंह, अरविन्दर कोहली, पंकज मित्तल, ज्योत्सना हबीबउल्लाह, रोहित भल्ला, वी.के. गुप्ता, मंजू कालिया, सुक्षम अरोरा, गुनीश होरा, इन्द्रा गुप्ता आदि सदस्यगण उपस्थित रहें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य सरकार प्रबन्ध तंत्र के माध्यम से वित्त विहीन माध्यमिक शिक्षकों के भुगतान की उचित व्यवस्था कराने का दायित्व तय करेगी। उन्होंने कहा कि वित्त विहीन माध्यमिक शिक्षकों के सभी भुगतान चेक के माध्यम से ही कराने की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
यह जानकारी देते हुए शासन के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि वित्त विहीन माध्यमिक शिक्षकों की समस्याओं पर विचार के लिए आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है कि आगामी बजट सत्र में वित्त विहीन शिक्षकों के मानदेय भुगतान के सम्बन्ध में सार्थक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के छात्र-छात्राओं को बेहतर शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है और किसी भी परिस्थिति में शिक्षक एवं शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करेगी। मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद वित्त विहीन माध्यमिक शिक्षकों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है।
इस बैठक में माध्यमिक शिक्षा मंत्री श्री महबूब अली, प्रमुख सचिव श्री जितेन्द्र कुमार, एम0एल0सी0 श्री संजय कुमार मिश्रा, श्री उमेश द्विवेदी सहित माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक महासभा के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2015 by admin
प्रदेश के 331 अनुदानित अशासकीय महाविद्यलयों के शिक्षक शनिवार दिनांक 05.09.2015 शिक्षक दिवस के अवसर पर जी0पी0ओ0 पार्क में विरोध स्वरूप सुबह 10ः00 बजे गांधी प्रतिमा के समक्ष एकत्रित होगें तथा अपनी दशकों से लम्बित मांगों के समर्थन में शान्तिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए मा0 मुख्यमंत्री जी के आवास का घेराव करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने आज जन्माष्टमी के अवसर पर सुल्तानपुर रोड स्थित इस्कान मंदिर जाकर पूजा अर्चना की तथा श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस की बधाई दी। उन्होंने इस्कान मंदिर की सराहना करते हुए कहा कि यह मंदिर लखनऊ में अपनी विशेष पहचान रखता है।
राज्यपाल ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा है कि भगवान श्रीकृष्ण ने सदैव कर्म पर जोर दिया। गीता के उनके उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश में मानवता एवं मानव कल्याण का मर्म निहित है।
कार्यक्रम में राज्यपाल को अंग वस्त्र भेंट करके सम्मानित भी किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति, श्री राम नाईक ने चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के पूर्व कुलपति, प्रो0 मुन्ना सिंह का इस्तीफा नामंजूर करते हुए निर्णय लिया है कि उनका निलम्बन जारी रहेगा तथा उनके विरूद्ध अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति बी0डी0 चतुर्वेदी की अध्यक्षता मे चल रही जांच भी चलती रहेगी। श्री नाईक ने प्रो0 मुन्ना सिंह को कुलाधिपति के आदेशों की अवहेलना करने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति द्वारा गत मासों में उक्त विश्वविद्यालयों के शिक्षकों आदि की नियुक्ति हेतु सम्पन्न की गयी चयन/नियुक्ति प्रक्रिया के विरूद्ध विश्वविद्यालय के लगभग 75 शिक्षकों, कतिपय सांसदों, भूतपूर्व मंत्री एवं अन्य व्यक्तियों से चयन एवं नियुक्ति प्रक्रिया में कुलपति द्वारा व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार व अनियमितता किये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर राज्यपाल/कुलाधिपति द्वारा तीन सदस्यीय प्रारम्भिक जांच समिति गठित की गयी थी। प्रारम्भिक जांच समिति की जांच में कुलपति प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये थे जिसके आधार पर राज्यपाल/कुलाधिपति नेे कुलपति, प्रो0 मुन्ना सिंह को 1 मई, 2015 को निलम्बित कर दिया था। प्रो0 मुन्ना सिंह ने अपने निलम्बन के विरूद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ बैंच से 28 मई, 2015 को स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था, जिसके बाद कुलाधिपति कार्यालय द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के विरूद्ध अपील की गई। उच्चतम न्यायालय ने 21 अगस्त, 2015 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश को स्थगित कर दिया।
निलम्बित कुलपति, प्रो0 मुन्ना सिंह ने दिनांकित 19 अगस्त, 2015 का त्यागपत्र 23 अगस्त, 2015 को राजभवन मंे दस्तीतौर उपलब्ध कराया था, जिसमें उन्होंने चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति पद से इस्तीफा देने तथा उसे स्वीकार करने का अनुरोध किया था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2015 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त जिलाधिकारियों एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि शहरों में विद्युत लाइन हानि को 15 प्रतिशत से भी कम लाकर अपने शहरों में 22 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु सार्थक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि ऐसे 100 शहरों एवं 75 सब स्टेशनों में आगामी 02 अक्टूबर से ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घंटे तथा शहरी क्षेत्रों में 22 से 24 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि विद्युत लाइन हानि को कम करने तथा अनियमित कनेक्शनों को नियमित कराकर विद्युत मीटर लगाकर विद्युत राजस्व वसूली बढ़ाने हेतु दिनांक 21 जुलाई से चलाये जा रहे संयुक्त अभियान का और अधिक प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अभियान के दौरान कार्यों की प्रगति का नियमित अनुश्रवण सुनिश्चित कर आवश्यकतानुसार अपने स्तर से सहयोग प्रदान कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान जिलाधिकारी संवेदनशील क्षेत्रों में व्यापक सुरक्षा उपलब्ध कराने के साथ-साथ किसी भी अप्रिय स्थिति के निराकरण में केन्द्रीय भूमिका का निर्वहन सुनिश्चित करायें।
मुख्य सचिव आज योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों एवं विद्युत विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आगामी अक्टूबर, 2016 से जनपद मुख्यालयों, तहसील मुख्यालयों को न्यूनतम 22 घंटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम 16 घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके लिये आवश्यक है कि लाइन हानि को न्यूनतम स्तर पर लाया जाये तथा शत-प्रतिशत मीटरिंग कर विद्युत बिलों का जमा कराना सुनिश्चित कराया जाये।
श्री रंजन ने कहा कि जिन उपभोक्ताओं के बिल ठीक न होने के कारण विद्युत बिल जमा करने में असुविधा हो रही है अथवा विद्युत संयोजन निर्गत हो जाने के फलस्वरूप भी कतिपय कारणों से विद्युत बिल निर्गत नहीं हो पा रहे हैं, ऐसे उपभोक्ताओं के नियमानुसार बिलों को ठीक कराना तथा आॅनलाइन सिस्टम पर लेजराइजेशन सुनिश्चित कराना होगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नं0 विद्युत कनेक्शन में दर्ज हैं, उन्हें विद्युत बिल आदि की जानकारी एस0एम0एस0 के माध्यम से प्राथमिकता से उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कहा कि विद्युत हानि कम होने के फलस्वरूप अधिक समय की विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने वाले शहरों एवं सब स्टेशनों का होर्डिंग लगाकर व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाये तथा विद्युत बिल जमा करने हेतु इन्टरनेट कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जाये, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली का बिल जमा करने में असुविधा न हो।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि मौसम विभाग के अनुसार वर्षा कम होने की स्थिति पर वर्तमान समय में किसानों की फसल को नुकसान से बचाने के लिये आवश्यकतानुसार पानी की आपूर्ति सुनिश्चित प्रत्येक दशा में कराने हेतु पर्याप्त विद्युत आपूर्ति कराकर नलकूपों का संचालन एवं नहरों में टेल तक पानी की आपूर्ति नियमित रूप से कराया जाना भी सुनिश्चित किया जाये।
प्रमुख सचिव ऊर्जा ने बताया कि लाइन हानि को 15 प्रतिशत तक लाने हेतु चलाये जा रहे संयुक्त अभियान के अन्तर्गत 34 हजार नये विद्युत कनेक्शन निर्गत किये गये हैं तथा लगभग 65 हजार उपभोक्ताओं को आॅनलाइन प्रणाली पर लगाया गया है। इसके अतिरिक्त 23 हजार उपभोक्ताओं के भार में वृद्धि की गयी है तभा लगभग 7500 उपभोक्ताओं के विरुद्ध कार्यवाही कर 05 करोड़ रुपये तथा लगभग 43 हजार उपभोक्ताओं से विद्युत विच्छेछन कर 70 करोड़ रुपये के राजस्व की अतिरिक्त वसूली की गयी है। उन्होंने बताया कि 20 हजार से कम उपभोक्ता संख्या वाले 53 जिलों के 100 आर0ए0पी0डी0आर0पी0 टाउनों में अभियान चलाकर 76.50 उपभोक्ताओं की जांच की जा चुकी है, जिससे अगस्त माह में बिलिंग दक्षता में लगभग 03 प्रतिशत की वृद्धि हुई है एवं राजस्व वसूली में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
वीडियो कान्फ्रेन्सिंग में प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद, राहत आयुक्त श्रीमती लीना जौहरी, उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक श्री ए0पी0मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2015 by admin
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर, केन्द्रीय बिक्रीकर की दर 04 प्रतिशत से घटाकर 02 प्रतिशत किए जाने के फलस्वरूप, उत्तर प्रदेश को हुई राजस्व हानि की भरपाई करने का अनुरोध किया है। उन्होंने वर्ष 2011-12 एवं 12-13 के केन्द्रीय बिक्रीकर प्रतिपूर्ति की विचाराधीन धनराशि 2711.62 करोड़ रुपए के क्लेम को शीघ्र अवमुक्त किए जाने की मांग की है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा है कि भारत सरकार द्वारा 01 अप्रैल, 2010 से जी0एस0टी0 व्यवस्था लागू किए जाने के उद्देश्य से, केन्द्रीय बिक्रीकर की दर 04 प्रतिशत से घटाकर 01 अप्रैल, 2007 से 03 प्रतिशत तथा 01 जून, 2008 से 02 प्रतिशत निर्धारित की गई थी। केन्द्रीय बिक्रीकर की दर कम किए जाने के कारण राज्यों को होने वाली राजस्व हानि की प्रतिपूर्ति के सम्बन्ध में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के 22 अगस्त, 2008 के पत्र द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए थे।
श्री यादव ने यह भी अवगत कराया है कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप गणना करते हुए महालेखाकार, उ0प्र0 द्वारा सत्यापित आंकड़ों के आधार पर वर्ष 2007-08 से वर्ष 2012-13 तक के क्लेम भेजे गए हैं। भारत सरकार द्वारा इनमें से वर्ष 2010-11 तक के क्लेम निस्तारित किए गए हैं तथा वर्ष 2011-12 एवं वर्ष 2012-13 के क्रमशः 1,392.09 करोड़ रुपए एवं 1319.53 करोड़ रुपए इस प्रकार कुल 2711.62 करोड़ रुपए के क्लेम भुगतान हेतु विचाराधीन है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में अनुरोध किया है कि भारत सरकार स्तर पर विचाराधीन केन्द्रीय बिक्रीकर प्रतिपूर्ति क्लेम की धनराशि को शीघ्र अवमुक्त किया जाए। उन्होंने कहा है कि केन्द्रीय बिक्रीकर की दर कम किए जाने के कारण इन वर्षों में प्रदेश को हानि हुई है। इसलिए केन्द्र स्तर पर विचाराधीन धनराशि को अतिशीघ्र अवमुक्त की जाए ताकि राज्य को हुई हानि की प्रतिपूर्ति सम्भव हो सके। इसके साथ ही प्रदेश के विकास कार्यों के लिए अपेक्षित वित्तीय संसाधन उपलब्ध हो सकें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2015 by admin
बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व उनके समस्त वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा आर.एस.एस. (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के दरबार में पेश होकर उसके आगे दण्डवत होने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि एक चुनी हुई सरकार को केवल संविधान व उसकी मर्यादा एवं जनभावना के आगे ही नतमस्तक होना शोभा देता है ना कि द्वेष, घृणा, साम्प्रदायिकता व फासिस्टवादी मानसिकता रखने वाले जनता के प्रति एक गै़र-जवाबदेह व गै़र-उत्तरदायी संगठन आर.एस.एस. के सामने।
नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय आर.एस.एस. व श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के बीच शुक्रवार को समाप्त हुयी ’’समन्वय बैठक’’ और उसमें श्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अपनी रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करने व दिशा-निर्देश प्राप्त करने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि इस बैठक के सम्बन्ध में अधिकारिक तौर पर जो बातें कही गयी हैं उससे भी यह स्पष्ट हो जाता है कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार व आर.एस.एस. को देश की चिन्ताओं व ज्वलन्त समस्याओं ख़ासकर ग़रीबी व महंगाई कम करने, बेरोज़गारी समाप्त करने व भ्रष्टाचार उन्मूलन आदि के साथ-साथ करोड़ों शोषितों, दलितों, पिछड़ों आदि के हित की कोई परवाह नहीं है।
देश की जनता से सम्बंधित इन ज्वलन्त समस्याओं की चिन्ता किये बिना आर.एस.एस. द्वारा श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के कामकाज पर संतोष व्यक्त कर देना वास्तव में देश की आमजनता की भावना के विपरीत आचरण है और इसके लिये आगे चलकर लोग ना केवल भाजपा बल्कि आर.एस.एस. के तथाकथित स्वयंसेवकों से भी हिसाब अवश्य ही मांगेंगे।
बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार एक तरफ संविधान में कही गयी बातें और उसकी मंशा के विपरीत काम करके देश के उपेक्षितों, शोषितों, दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग के करोड़ों लोगों के हित व कल्याण की घोर अनदेखी कर रही है, तो दूसरी तरफ संसद व देश की जनता के प्रति ग़ैर-जवाबदेह होकर आर.एस.एस. के सामने घुटने टेक रही है, जो कि देश की जनता के प्रति एक ग़ैर-जवाबदेह व गै़र-उत्तरदायी संगठन है।
वैसे तो पूर्व की कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली यू.पी.ए. सरकार के समय में यह आरोप लगाया जाता था कि डा. मनमोहन सिंह की सरकार 10 जनपथ (अर्थात कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष श्रीमती सोनियां गांधी के निवास स्थान) के रिमोट-कन्ट्रोल से चलती है, परन्तु सत्ताधारी पार्टी की प्रमुख होने के नाते उन्हें जनता की जवाबदेही सुनिश्चित थी और उसका ख़ामियाज़ा भी उस पार्टी को सन् 2014 को लोकसभा आमचुनाव में भुगतना पड़ा है, परन्तु श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार तो आर.एस.एस. के सामने पूरी तरह से दण्डवत नज़र आती है।
और अब तो यह पूरी तरह से जग-ज़ाहिर है कि इस सरकार की नकेल आर.एस.एस. के नेताओं के हाथों में ही है व इसका रिमोट-कन्ट्रोल आर.एस.एस. के मुख्यालय नागपुर में है, जबकि आर.एस.एस. अपने आपको राजनीति से अलग एक सामाजिक संगठन होने का दावा करती है। हालांकि इनके बड़े ओहदे वाले ज़्यादातर लोग अनेकों प्रकार के सरकारी तामझाम व जे़ड प्लस सहित भारी सुरक्षा का आनन्द प्राप्त कर रहे हैं। यह कितनी विचित्र बात है कि जनता के प्रति बिना किसी उत्तरदायित्व व जि़म्मेदारी एवं जवाबदेही के जनता के पैसे पर तमाम सरकारी सुख-सुविधा का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि उपरोक्त परिस्थिति में यह लोकतंत्र के लिये एक प्रकार से ख़तरे की घंटी है कि देश का प्रधानमंत्री व उसके मंत्रीगण देश की जनता व संसद के प्रति पूरी तरह से जवाबदेह नहीं होकर, आर.एस.एस. जैसी घोर साम्प्रदायिक, घृणा व विघटनकारी सोच वाली संस्था के प्रति जवाबदेह होकर पूरी तरह से दण्डवत हो रहे हैं।
इतना ही नहीं, बल्कि आर.एस.एस. व भाजपा की सोच कितनी क्रूर व फा़सीवादी है इसका एक ताज़ा उदाहरण महाराष्ट्र में जनता के सामने आया है जहाँ की भाजपा सरकार ने सरकार या मंत्री, सासंद व विधायक आदि के खि़लाफ बोलने या लिखने पर ’’देशद्रोह’’ का मुक़दमा चलाने का घोर तानाशाही फरमान जारी किया है। इस प्रकार केन्द्र व राज्य स्तर पर भी भाजपा सरकार का यह प्रयास लगातार जारी है कि आलोचना करने वालों की जुबान को बंद करके उन्हें जेल की सलाख़ों के पीछे भेजा जाये, जबकि इसके विपरीत आर.एस.एस. व उसकी सहयोगी संगठनों के नेताओं को यह पूरी आज़ादी दे दी गयी है कि वे देश भर में जितना चाहें आग उगल सकते हैं, हिंसा फैला सकते हैं फिर भी उन्हें हर प्रकार की पूरी सरकारी सुरक्षा व संरक्षण प्रदान की जाती रहेगी और उन्हें उच्च सरकारी पदों से भी उपकृत किया जाता रहेगा।
साथ ही, करीब साढ़े 24 लाख पूर्व सैनिकों व 6 लाख शहीद सैनिकों की विधवाओं को सम्मानजनक व संतोषजनक ’’वन रैंक वन पेंशन’’ दिये जाने की माँग को लेकर क्रमिक भूख हड़ताल का आन्दोलन करने वाले पूर्व सैनिकों की काफी समय से लम्बित मांग को आधे-अधूरे मन से मानने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि कई प्रमुख मांगों के नहीं माने जाने के कारण पूर्व सैनिकों में नाराज़गी व असंतोष स्वाभाविक है। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार को ’’वन रैंक वन पेंशन’’ प्रदान करते समय कंजूसी नहीं करनी चाहिये, क्योंकि वह राशि देश की जनता के घरों में ही जायेगी और पूर्व सैनिक परिवारों का थोड़ा भला हो सकेगा।
श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने बिहार विधानसभा आमचुनाव के मद्देनज़र काफी आधे-अधूरे मन से एकतरफा तौर पर यह फैसला तो ले लिया है, परन्तु बी.एस.पी. को उम्मीद है कि रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी होने वाले सरकारी आदेश में उन त्रुटियों को अवश्य ही सुधार लिया जायेगा जिससे कि हमारे लाखों पूर्व सैनिक व उनका परिवार अपने आपको संतुष्ट पा सके।
इसके साथ ही, अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन के अवसर पर कल बिहार के बोधगया में दिये गये भाषण में श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि आर.एस.एस. के प्रचारक के तौर पर जो बातें कही हैं उनसे समाज व देश का थोड़ा भी भला होने वाला नहीं है। वह कहते तो बहुत कुछ हैं परन्तु उनके सांसद, मंत्री, विधायक व पार्टी के अन्य लोग ठीक उसका उल्टा करते हुये हर तरफ नज़र आते हैं और मा. प्रधानमंत्री मूक दर्शक बने रहते हैं। इस कारण उन कोरे प्रवचनों व उपदेशों से देश की जनता का क्या भला हो सकता है।
इसके अलावा, बोधगया को ’’अध्यात्म की राजधानी’’ बनाने की बात करने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वास्तव में अभी भी कहने से चूकना नहीं चाहते, जबकि करनी नदारद है। हक़ीक़त में बोधगया तो अध्यात्म का केन्द्र बिन्दु हज़ारों वर्षों से हैं, परन्तु असल ज़रुरत तो उस क्षेत्र के अन्तर्राष्ट्रीय महत्व व विश्व पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की व वहां आने वाले श्रद्धालुओं को उचित सुविधा प्रदान करने की है, जिसके प्रति वर्तमान केन्द्र सरकार भी काफी ज्यादा उदासीन नज़र आती है। ज़रुरत है कि बोलने से पहले कुछ ख़ास काम करके लोगों को दिखाया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2015 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के पंचायत चुनाव में प्रधान और सदस्यों के चुनाव के स्थगन का तीखा विरोध व्यक्त किया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने प्रधान और सदस्यों के चुनाव स्थगन को सपा सरकार सोची समझी साजिश बताया। सपा सरकार प्रधानों के चुनाव स्थगित कर बूथ कैप्चरिंग की राह तैयार कर रही है। अलग-अलग चुनाव में दो गुना खर्च भी प्रदेश की जनता पर पड़ेगा।
प्रवक्ता डा0 मिश्र ने आरोप लगाया कि सपा सरकार हर तिकडम और भ्रष्टाचार कर पंचायत चुनाव जबर्दश्ती जीत लेना चाहती हैं। धमकी और घौंस का भी प्रयास हो रहा है। सीटों का आरक्षण सपाई सुविधानुसार करवाया जा रहा है। प्रदेश में पुलिस का भी दुरूपयोग की संभावना है।
प्रवक्ता डा0 मिश्र ने संभावना व्यक्त की कि प्रधान के चुनाव न करवाकर बूथ कैप्चरिंग की पृष्टभूमि तैयार की जा रही है। इस तरह अलग-अलग चुनाव करवाने से प्रदेश की जनता पर दोहरे खर्च की भार पड़ेगा। खर्चे के कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। सरकार की विफलता है एक साथ चुनाव न करवा पाना।
डा0 मिश्र ने सपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा हर तिकड़म का खुला विरोध करेगी। बूथ कैप्चरिंग, भ्रष्टाचार, आरक्षण में सपाई हितो का पार्टी हर स्तर पर विरोध करेगी। प्रधान के चुवान का स्थगन सपा की कुचाल है जिसे भाजपा सफल नहीं होने देगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 09 September 2015 by admin
प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री मनोज कुमार पाण्डेय ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दी शिक्षाएं अत्यधिक प्रासंगिक हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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