उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति, श्री राम नाईक ने चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के पूर्व कुलपति, प्रो0 मुन्ना सिंह का इस्तीफा नामंजूर करते हुए निर्णय लिया है कि उनका निलम्बन जारी रहेगा तथा उनके विरूद्ध अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति बी0डी0 चतुर्वेदी की अध्यक्षता मे चल रही जांच भी चलती रहेगी। श्री नाईक ने प्रो0 मुन्ना सिंह को कुलाधिपति के आदेशों की अवहेलना करने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति द्वारा गत मासों में उक्त विश्वविद्यालयों के शिक्षकों आदि की नियुक्ति हेतु सम्पन्न की गयी चयन/नियुक्ति प्रक्रिया के विरूद्ध विश्वविद्यालय के लगभग 75 शिक्षकों, कतिपय सांसदों, भूतपूर्व मंत्री एवं अन्य व्यक्तियों से चयन एवं नियुक्ति प्रक्रिया में कुलपति द्वारा व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार व अनियमितता किये जाने की शिकायत प्राप्त होने पर राज्यपाल/कुलाधिपति द्वारा तीन सदस्यीय प्रारम्भिक जांच समिति गठित की गयी थी। प्रारम्भिक जांच समिति की जांच में कुलपति प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये थे जिसके आधार पर राज्यपाल/कुलाधिपति नेे कुलपति, प्रो0 मुन्ना सिंह को 1 मई, 2015 को निलम्बित कर दिया था। प्रो0 मुन्ना सिंह ने अपने निलम्बन के विरूद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ बैंच से 28 मई, 2015 को स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था, जिसके बाद कुलाधिपति कार्यालय द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के विरूद्ध अपील की गई। उच्चतम न्यायालय ने 21 अगस्त, 2015 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश को स्थगित कर दिया।
निलम्बित कुलपति, प्रो0 मुन्ना सिंह ने दिनांकित 19 अगस्त, 2015 का त्यागपत्र 23 अगस्त, 2015 को राजभवन मंे दस्तीतौर उपलब्ध कराया था, जिसमें उन्होंने चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति पद से इस्तीफा देने तथा उसे स्वीकार करने का अनुरोध किया था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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