Posted on 15 January 2019 by admin
लखनऊ: दिनांक 15 जनवरी, 2019
प्रयागराज कुम्भ-2019 में मण्डी परिषद द्वारा 51 दिनों के लिए विभागीय
स्टाॅल स्थापित किया गया है। यह जानकारी देते हुए निदेशक मण्डी परिषद
श्री रमाकान्त पाण्डेय ने बताया कि कुम्भ में लगाए गए मण्डी परिषद के
स्टाॅल में मण्डी परिषद की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पैनल पर
प्रदर्शित की गयी है तथा ब्रोशर के माध्यम से भी योजनाओं का विवरण कुम्भ
में आए किसानों एवं श्रद्धालुओं को दिया जा रहा है।
निदेशक मण्डी ने बताया कि कुम्भ में बड़ी संख्या में प्रदेश के
गाॅव-गाॅव से कृषक आते हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए स्टाॅल में
मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना, मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना,
मुख्यमंत्री खेत-खलिहान अग्निकाण्ड सहायता योजना, कृषक छात्रवृत्ति योजना
सहित तिल, मेंथा, चावल, आलू, आम निर्यात हेतु प्रोत्साहन सम्बन्धी तथा
ई-नाम पोर्टल, ई-लाइसेंस जैसी कई जानकारियाॅ प्रदर्शित की गई हैं।
उन्हांेने बताया मण्डी परिषद के स्टाॅल की थीम किसान आधारित है तथा इसके
द्वार पर एक सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है।
Posted on 05 January 2019 by admin
प्रेस कान्फ्रेन्स कर कुम्भ की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं की दी जानकारी
‘अक्षय वट’ और ‘सरस्वती कूप’ पहली बार दर्शकों के लिए खुले
लखनऊ: 05 जनवरी, 2019
उत्तर प्रदेश के श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज गोल्डन सरोवर पोर्टिको, अमृतसर (पंजाब) में प्रेस कान्फ्रेन्स कर 15 जनवरी, 2019 से प्रयागराज में प्रारम्भ हो रहे कुम्भ की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने पंजाब की जनता को प्रयागराज कुम्भ-2019 में आने का आमंत्रण दिया। श्रम मंत्री ने इसके पहले शुक्रवार को पंजाब के राज्यपाल श्री वी.पी. ंिसंह बडनोर से भेंट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की ओर से कुम्भ में आने का आमंत्रण दिया। साथ ही कुम्भ का लोगो, अंगवस्त्र तथा कुम्भ का साहित्य और कलेन्डर भी भेंट किया। पंजाब के मुख्यमंत्री को भी कुम्भ का आमंत्रण पत्र, लोगो, अंगवस्त्र, कुम्भ साहित्य और कलेन्डर भेजा गया।
उन्होंने प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुम्भ भारत की महान परम्परा का वाहक है। यह 15 जनवरी से प्रारम्भ हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी ने कुम्भ को युनेस्को की ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में सम्मिलित करवाया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का प्रयास है कि कुम्भ में आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों को सुविधाओं सहित श्रद्धा और भक्ति का माहौल प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि इस बार कुम्भ में 5000 से ज्यादा प्रवासी भारतीयों के साथ भारत के 6 लाख से अधिक गांवों के लोग भी प्रतिभाग कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस बार कुम्भ में श्रद्धालुओं को अक्षय वट और सरस्वती कूप के दर्शन भी होंगे। इस अनूठे कुम्भ में पूरी दुनिया हिस्सेदारी कर रही है। 71 देशों के राजदूत आ चुके हैं और अपने-अपने देशों के राष्ट्रध्वज संगम तट पर लगा चुके हैं। फरवरी में 192 देशों के प्रतिनिधि भी इस कुम्भ में आयेंगे। कुम्भ के विशाल मेला क्षेत्र में एक नये नगर की स्थापना की जा रही है, जिसमें 250 किमी0 सड़कें तथा 22 पाण्टून पुल बनाये गये हैं, जो कि विश्व का सबसे बड़ा अस्थायी नगर होगा। साथ ही पर्यटकों को उच्च स्तरीय सुविधा देने के लिए 3000 प्रीमियम टेण्ट सिटी भी कुम्भ मेले में स्थापित किये जा रहे हैं, जिसमें 6000 श्रद्धालुओं को एक बार में ठहरने की व्यवस्था होगी।
प्रयागराज कुम्भ-2019 में स्वच्छता को दृष्टिगत रखते हुए 1.22 लाख शौचालय बनाये गये ताकि यहां से स्वच्छता का संदेश पूरे देश में जाय। प्रयागराज में संगम का तट साफ रहे, गंगा जी का जल निर्मल रहे इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन और नामामि गंगे अभियान के तहत अब तक गंगा में गिरने वाले 32 नालों को टेप कराया गया। प्रयागराज में पहली बार भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा बड़े क्रूज और मोटरबोटों का संचालन किया जा रहा है। साथ ही कुम्भ को जल-थल-नभ तीनों मार्गों से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज नगर को भारतीय संस्कृति और कला के सुन्दर चित्रों से सजाया गया है। यहां 20 लाख वर्गफुट दीवारें कुम्भ के लिए सजायी जा रहीं हैं। कुम्भ में प्रथम बार 10 हजार व्यक्तियों की क्षमता का गंगा पण्डाल, 2 हजार क्षमता का प्रवचन पण्डाल, 1000 क्षमता के चार सांस्कृतिक पण्डाल तथा 20 हजार आम श्रद्धालुओं के निवास हेतु यात्री निवास की व्यवस्था की गई है।
Posted on 05 January 2019 by admin
लखनऊ: 05 जनवरी, 2019
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को उनके कार्यालय तथा मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल को इन्दौर सर्किट हाउस पर भेंटकर प्रयागराज में होने वाले कुम्भ-2019 में भाग लेने का न्यौता दिया तथा उन्हे कुम्भ प्रतीक लोगो एवं कलश भेंट किया।
इस अवसर पर आयोजित प्रेसवार्ता में उप मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता में उपस्थित सभी प्रेस प्रतिनिधियों को भी कुम्भ-2019 का निमन्त्रण देते हुये कहा कि कुम्भ भारत की महान परम्परा का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि कुम्भ के माध्यम से हर किसी को भारतीय संस्कृति एवं परम्पराओं से जुड़ने का अवसर प्राप्त होता है। यही कारण है कि राज्य सरकार भव्य और दिव्य आयोजन कर कुम्भ आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये संकल्पित है। श्री मौर्य नेकहा कि मा0 प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से जनमानस की भावनाओं के अनुरूप प्रयागराज नामकरण कर ऐतिहासिक एवं पौराणिक प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि कुम्भ मेले में 192 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। अभी तक 71 देशों के राजदूत मेले की तैयारियों को देख चुके हैं इस भव्य आयोजन पर 2013 के कुम्भ में व्यय हुये 1214 करोड़ रुपये के सापेक्ष कुम्भ 2019 में 4300 करोड़ खर्च कर श्रद्धालुओं के लिये सभी सुविधाएं उच्च स्तर की उपलब्ध करायी जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये मेला क्षेत्र में 22 पार्टून पुलों का निर्माण कराये जाने के साथ ही लगभग 250 किमी0 सड़कें बनायी गयी। अविरल एवं निर्मल गंगा के लिये हर सम्भव कदम उठाये गये हैं।
उप मुख्यमंनी ने कहा कि देश में चार स्थलों पर कुम्भ का आयोजन होता है जिसमें प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुम्भ अपने आप में देश एवं दुनिया के लिये अलग ही आकर्षण रखता है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में कुम्भ के आयोजन को प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से यूनेस्कों द्वारा विश्व धरोहर के रूप में सम्मान दिया गया है। ‘‘मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी ने 18 दिसम्बर, 2018 को प्रयागराज में गंगा मइया का पूजन कर कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को रक्षा मंत्रालय के सहयोगसे साढ़े चार सौ वर्ष में प्रथम बार अक्षय वट और सरस्वती कूप के दर्शन सुलभ कराने की घोषणा की श्री मौर्य ने कहा कि कुम्भ का मुख्य आयोजन त्रिवेणी संगम में होता है। कुम्भ के माध्यम से भारतीय संस्कृति एवं उन्नत जीवन और आचार विचार से दुनिया को परिचित कराने का प्रयास इस आयोजन का लक्ष्य है।