प्रेस कान्फ्रेन्स कर कुम्भ की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं की दी जानकारी
‘अक्षय वट’ और ‘सरस्वती कूप’ पहली बार दर्शकों के लिए खुले
लखनऊ: 05 जनवरी, 2019
उत्तर प्रदेश के श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज गोल्डन सरोवर पोर्टिको, अमृतसर (पंजाब) में प्रेस कान्फ्रेन्स कर 15 जनवरी, 2019 से प्रयागराज में प्रारम्भ हो रहे कुम्भ की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं की जानकारी दी। उन्होंने पंजाब की जनता को प्रयागराज कुम्भ-2019 में आने का आमंत्रण दिया। श्रम मंत्री ने इसके पहले शुक्रवार को पंजाब के राज्यपाल श्री वी.पी. ंिसंह बडनोर से भेंट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की ओर से कुम्भ में आने का आमंत्रण दिया। साथ ही कुम्भ का लोगो, अंगवस्त्र तथा कुम्भ का साहित्य और कलेन्डर भी भेंट किया। पंजाब के मुख्यमंत्री को भी कुम्भ का आमंत्रण पत्र, लोगो, अंगवस्त्र, कुम्भ साहित्य और कलेन्डर भेजा गया।
उन्होंने प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुम्भ भारत की महान परम्परा का वाहक है। यह 15 जनवरी से प्रारम्भ हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी ने कुम्भ को युनेस्को की ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में सम्मिलित करवाया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का प्रयास है कि कुम्भ में आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों को सुविधाओं सहित श्रद्धा और भक्ति का माहौल प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि इस बार कुम्भ में 5000 से ज्यादा प्रवासी भारतीयों के साथ भारत के 6 लाख से अधिक गांवों के लोग भी प्रतिभाग कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस बार कुम्भ में श्रद्धालुओं को अक्षय वट और सरस्वती कूप के दर्शन भी होंगे। इस अनूठे कुम्भ में पूरी दुनिया हिस्सेदारी कर रही है। 71 देशों के राजदूत आ चुके हैं और अपने-अपने देशों के राष्ट्रध्वज संगम तट पर लगा चुके हैं। फरवरी में 192 देशों के प्रतिनिधि भी इस कुम्भ में आयेंगे। कुम्भ के विशाल मेला क्षेत्र में एक नये नगर की स्थापना की जा रही है, जिसमें 250 किमी0 सड़कें तथा 22 पाण्टून पुल बनाये गये हैं, जो कि विश्व का सबसे बड़ा अस्थायी नगर होगा। साथ ही पर्यटकों को उच्च स्तरीय सुविधा देने के लिए 3000 प्रीमियम टेण्ट सिटी भी कुम्भ मेले में स्थापित किये जा रहे हैं, जिसमें 6000 श्रद्धालुओं को एक बार में ठहरने की व्यवस्था होगी।
प्रयागराज कुम्भ-2019 में स्वच्छता को दृष्टिगत रखते हुए 1.22 लाख शौचालय बनाये गये ताकि यहां से स्वच्छता का संदेश पूरे देश में जाय। प्रयागराज में संगम का तट साफ रहे, गंगा जी का जल निर्मल रहे इसके लिए स्वच्छ भारत मिशन और नामामि गंगे अभियान के तहत अब तक गंगा में गिरने वाले 32 नालों को टेप कराया गया। प्रयागराज में पहली बार भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा बड़े क्रूज और मोटरबोटों का संचालन किया जा रहा है। साथ ही कुम्भ को जल-थल-नभ तीनों मार्गों से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज नगर को भारतीय संस्कृति और कला के सुन्दर चित्रों से सजाया गया है। यहां 20 लाख वर्गफुट दीवारें कुम्भ के लिए सजायी जा रहीं हैं। कुम्भ में प्रथम बार 10 हजार व्यक्तियों की क्षमता का गंगा पण्डाल, 2 हजार क्षमता का प्रवचन पण्डाल, 1000 क्षमता के चार सांस्कृतिक पण्डाल तथा 20 हजार आम श्रद्धालुओं के निवास हेतु यात्री निवास की व्यवस्था की गई है।