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आपदा राहत घोटाले पर मुख्य सचिव की लीपापोती पर जलजला?

Posted on 20 July 2015 by admin

हरीश रावत स्‍वयं के राजनीतिक चक्रव्यूह में फंसे ;आपदा राहत घोटाले पर मुख्य सचिव से क्लीन चिट Execlusive Report: present by www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) CS JOSHI- EDITOR

भाजपा नेता अभिमन्‍यु जी कहते हैं कि मुख्य मंत्री हरीश रावत वैसे तो राजनीतिक चातुर्य के धनी हैं। परन्तु जैसे कि कहावत है कि तैराक ही डूबता है, आपदा रहत घोटाले में मुख्य सचिव से क्लीन चिट लेकर हरीश रावत खुद अपने ही रचाये राजनीतिक चक्र-व्यूह में बुरी तरह फंस गये हैं। इसमें से जितना ही वे निकलने का प्रयास करेंगे उतना ही धंसते चले जायेंगे। वही भाजपा प्रवक्‍ता बलराज पासी ने आपदा घोटाले की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्‍य सचिव ने अधिकारियों और सरकार को बचाने के लिए लीपापोती की, भाजपा सीबीआई जांच की मांग सत्र में उठायेगी-*
वही भाजपा की आगामी रणनीति को महसूस कर उत्तराखण्ड शासन के मुख्य सचिव श्री एन. रविशंकर ने 19 जुलाई 15 को राजभवन में राज्यपाल डा0 कृष्ण कांत पाल से भेंट करके उन्हें 2013 की आपदा राहत में अनियमितताओं से सम्बंधित शिकायत की जाॅच रिपोर्ट सौंपी। सूच्य है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत शिकायतों के आधार पर सूचना आयुक्त की संस्तुतियों सम्बंधी पत्र पर मुख्यमंत्री द्वारा एक जून को मुख्य सचिव को जाॅच सौंपी गई थी। उसी जाॅच रिपोर्ट और संस्तुतियों की प्रति मुख्य सचिव द्वारा आज राज्यपाल को सौंपी गई है।
वही ज्ञात हो कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने साफ ऐलान किया था भगवान भी आ जाएं तो भी सीबीआई जांच नहीं होगीःअब ऐसे में किस नौकरशाह की हिम्मनत थी कि राज्य सरकार से सीधे सीधे टकराता- वही ऐसे समय में जब स्वयं मुख्य् सचिव को अपनी नई नौकरी के लिए मुख्यमंत्री की खुशामद करनी है, और अपर सचिव को मुख्य सचिव बनना है- ज्ञात हो कि मुख्‍य सचिव का कार्यकाल पूरा हो रहा है और उनको राज्‍य का नया सूचना आयुक्‍त बनाये जाने की तैयारी चल रही है-
आपदा रहत घोटाले का RTI में खुलासा होने पर हरीश रावत की पहली प्रतिक्रिया एक राजनेता के अनुरूप थी कि दोषियों को कड़ी सजा दिलायेंगे। परन्तु न जाने किसने कान में फूँक मार दी उन्होंने यू टर्न लिया और दोषियों को बचाने के लिये मुख्य सचिव की जाँच बैठा दी।
मुख्य सचिव से क्लीन चिट पाकर मुख्य मंत्री सहित कांग्रेस पार्टी भले ही अपना गाल बजा रही हो उसे उत्तराखंड की जनता को जवाब तो देना ही होगा कि यदि आपदा राहत में कोई घोटाला नहीं हुआ तो तीन साल गुजर जाने के बाद भी आपदा पीड़ितों का अभी तक पुनर्वास क्यों नहीं हुआ? क्या मुख्य मंत्री हरीश रावत मानते हैं कि आपदा राहत के कार्यों में राज्य की नौकरशाही ने पूर्ण कर्तव्य-निष्ठां व ईमानदारी बरती? क्या इसी राजनीतिक चातुर्य के बल पर वो उत्तराखंड की जनता के दिलों पर राज करना चाहते हैं?
शायद वो नहीं समझ पा रहे कि आपदा राहत घोटाले पर मुख्य सचिव से क्लीन चिट लेकर उन्होंने उत्तराखंड कांग्रेस के death warrant पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। मुख्य मंत्री जी चाहे न चाहे जनता का दबाव समय के साथ बढ़ता जायेगा और देर-सबेर CBI जाँच की मांग उन्हें माननी ही होगी।
नेता प्रतिपक्ष उत्तराखण्ड विधानसभा श्री अजय भटृ ने आपदा घोटाले में सूचना आयुक्त द्वारा मामले को अत्यधिक गम्भीर व बडा घोटाला बताते हुए इसकी सी०बी०आई० जॉच कराये जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सी०बी०आई० जॉच न कराकर मुख्य सचिव को इसकी जॉच सौंप दी और हमने उसी दिन कह दिया था कि सरकार इस जॉच में सभी को क्लीन चिट दे देगी तथा मुख्य सचिव वही जॉच करेंगे जो सरकार चाहेगी और इस घोटाले में पूरी सरकार संलिप्त है तो भला मुख्य सचिव की देख-रेख वाली कमेटी कैसे इसमें घोटाला साबित कर सकती थी।
चंद्र प्रकाश बुडाकोटी जन लोक केसरी उत्तराखंड लिखते हैं कि साल 2013 में आयी भीषण आपदा के बादराहत अभियान में जब पिछले दिनों घोटाला उजागर हुआ तो उत्तराखंड और कांग्रेस सरकार की खूब किरकिरी हुई। उस घोटाले को लेकर सरकार की राज्य ही नहीं देशभर में भी आलोचना हुई। घोटाला उजागर होने के बाद सकते में आई राज्य सरकार ने इसकी जांच मुख्य सचिव को सौंप दी।
लेकिनजांच की रिपोर्ट जब सामने आई घोटाला कहीं गायब हो गया। राज्य सरकार की जांच के अनुसार असल में घोटाला हुआ ही नहीं।जांच रिपोर्ट में सामने आया कि आपदा राहत में हुई गड़बड़ी कोई घोटाला नहीं बल्कि लिपिकीय त्रुटिहै। शुक्रवार को जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए मुख्य सचिव एन.रविशंकर ने यह जानकारी दी। मुख्य सचिव के मुताबिक जांच में भुगतान में किसी तरह की कोई अनियमितता सामने नहीं पायी गई। साथ ही उन्होंने सूचना के अधिकार कानून के तहत उजागर हुए आपदा राहत घोटालेके मामले में राज्य सरकार को क्लीनचिट दे दी।उन्होंने कहा कि इस त्रुटि की जिम्मेदारी तय करने और प्रशासनिक कार्यवाही करने का अधिकार मंडलायुक्त गढ़वाल और कुमाऊं को दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष से भी आग्रह किया है कि आपदा प्रबंधन के मामलों को लेकर सर्वदलीय समिति का गठन किया जाए जो स्थलीय निरीक्षण करें और सरकार को सुझाव भी दें।शुक्रवार को सचिवालय में जांच रिपोर्ट पर जानकारी देते हुए एन. रविशंकर ने कहा कि लिपिकीय त्रुटि के कारण सूचना के अधिकार में गलत सूचनाएं दी गईं। इससे सूचना आयुक्त ने यह निष्कर्ष निकाला कि आपदा राहत में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि एक जून 2015 को मुख्यमंत्री के निर्देश पर आपदा राहत घोटाले की जांच शुरू की गई थी। जांच में सहयोग के लिए संबंधित विभागों के सचिवों की समिति भी बनाई गई थी।उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के जिलाधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट ली गई। 30 जून को मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपी दी गई। मुख्य सचिव के मुताबिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की की अनुमति दे दी है। जांच रिपोर्ट विभागीय वेबसाइट पर सोमवार तक अपलोड कर दी जाएगी।राज्य सरकार ने विधानसभा अध्यक्ष से सर्वदलीय समिति का गठन करने का आग्रह भी किया है। सर्वदलीय समिति से यह भी अपेक्षा की गई है कि समिति2013 की आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों से विवरण हासिल करे। स्थलीय निरीक्षण करे और आपदा प्रबंधन में सुधार के लिए संस्तुति दे
: ये थेआरोप और जांच के बाद स्पष्टीकरण:——–राहत अभियान के दौरान मांस खाया गया। आपदा के समय पिकनिक मनाई गई।*.आधा किलो दूध की कीमत 194 रुपये बताई गई*.मोटरसाइकिल में डीजल भरवाने का बिल पाया गया*.हेलीकाप्टर से फंसे यात्रियों कोनिकालने का बिल 98 लाख*.रुद्रप्रयाग में अधिकारियों के रहने और खाने पर 25.19 लाख का भुगतान*.पर्यटक आवास गृह कुमाऊं मंडल के लाखों रुपये के बिल मानवता को शर्मसार/कलंकित करने वाले हैं।दरअसल आरटीआई के तहत देहरादून निवासी भूपेंद्र कुमार ने प्रशासनसे आपदा राहत का पूर्ण विवरण मांगाथा। जब यह जानकारी पूरी नहीं मिली तो मामला राज्य सूचना आयुक्त तक पहुंचा। राज्य सूचना आयुक्त अनिल कुमार शर्मा ने आपदा राहत के मामलेमें आपदा प्रबंधन पर तल्ख टिप्पणी की। आयुक्त ने मामले की सुनवाई करते हुए यह साफ कहा कि आपदा राहत कार्य में मिली जानकारी किसी बड़े घोटाले की तरफ इशारा कर रही है।आयुक्त ने सरकार से सीबीआई जांच कराने को कहा था। इस पर विपक्ष ने भी खूब हो-हल्ला मचाया तो मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्य सचिव को आरटीआई में उठे बिंदुओं परजांच करने के निर्देश दिए।ये है आरोपों पर बिंदुवार सफाई*.आपदा के अवसर पर मांसाहारी पदार्थों का सेवन किया गया। राहत दल में सेना के लोग भी शामिल थे। सेना में मांसाहार की परंपरा है। विषम परिस्थितियों में मांसाहार को अन्यथा नहीं लिया जाना चाहिए। इसको पिकनिक मनाना परिभाषित करनाउचित नहीं है।*.आधा किलो दूध तरल नहीं बल्कि पाउडर दूध था। आरटीआई में सूचना देते समय यह स्पष्ट रूप से नहीं दर्शाया गया। तहसील कपकोट का यह मामला पिंडारी ट्रैक में फंसे 47लोगों को निकालने का है। राजस्व निरीक्षक ने 25 किलोमीटर पैदल चलकर इस दूध को पहुंचाया, ऐसे मेंयह छोटी सी गलती संभव है।*.वाहन UA 07A 0881 में 25 लीटर डीजल भरवाना दर्शाया गया जो कि एकमोटरसाइकिल का नंबर है। वास्तव में यह वाहन UA 07TA 0881 है जो एक टैक्सी का नंबर है।*.बचाव कार्य में जरूरत को देखते हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए हेलीकॉप्टर की ट्रिप और यात्रियों की संख्या तो है पर यात्रियों के नाम नहीं है। जिलाधिकारियों ने बताया कि आपदा बचाव कार्य में इतना समय नहीं था कि यात्रियों के नाम पते भी लिखे जाते। हालांकि इस खर्च में अनियमितता नहीं पाई गई।*.एक मामला कैलास रेंसीडेंसी गुप्तकाशी का है। वास्तविक रूप से भुगतान 4000 रुपये प्रति कमराप्रति दिन का हुआ। जरूरी वस्तुओं की कमी होने पर खाने-पीने के बिलों को अनुचित बताया जाना सही नहीं होगा। एक लाख रुपये का भुगतान वVायुसेना के अधिकारियों के हिसाबसे आपदा घोटाला उजागर होते ही जाँच की बात करते समय जिसका अंदेशा था वही हुवा जाँच रिपोर्ट के मुताबिक घोटाला हुवा ही नहीं यह लिपिकीय त्रुटि थी

regards
CS JOSHI
Journalist
Ddun
mob. 9412932030
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विकास का झूठा ढंढोरा पिटने में जुटी सरकार

Posted on 16 May 2015 by admin

त्यूनी से धारचूला पदयात्राः उत्तराखण्ड बचाओ आंदोलन का शंखनाद  रुउत्तराखण्ड में  सभी पार्टियों ने जनता को केवल गुमराह ही किया रु सरकार अपनी कल्याणकारी भूमिका से पीछे  ६७ साल बाद भी उत्तराखण्ड के गाँव एक अच्छी सुबह देखने से वंचित  रुसाढे ६ लाख गाँव स्वतन्त्रता का दम नही भर सकते रुगाँव की पहचान चुनावों में मतदाता से ज्यादा नही रुउत्तराखण्ड राज्य गठन के १५ वर्ष  रुउत्तराखण्ड राज्य से जुडी आशाएं ध्वस्तरुलोगों के सपने ढेर  रुआन्दोलनकारी ताकतें हताश व निराश रुसब खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं  रु उत्तराखण्डियों को आशा थी कि रु नीतियां उनके अनुरूप बनेंगी रु जलए जंगलए जमीन पर लोगों के हक हकूक बनें रहेंगे रु शिक्षा स्वास्थ्य तक आम आदमी की पहुंच होगी रु गांवों में रोजगार के अवसर पैदा होने से पलायन रूकेगा। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ रुराज्य में प्राकृतिक संसाधनों की लूट  रुशिक्षा.स्वास्थ्य की स्थिति बदहाल   रु बेरोजगारी के हालात बदस्तूर  रु रोजगार के अवसर समाप्त कर नियुक्तियां ठेके पर  रुन पंचायत नियमावली में संशोधन कर उन्हें वन विभाग के नियंत्रण में दे दिया   रु तराई की वेशकीमती जमीनें कौडयों के भाव उद्योगपतियों को दी रु  उर्जा प्रदेश के नाम पर ५५६ से अधिक बांध बनाकर उपजाउ जमीनों को डुबोने की तैयारी  रु पीण्पीण्पीण्मोड के जरिये आम जनता को शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी अधिकारों से वंचित रु  उत्तराखण्ड में १६ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पीण्पीण्पीण्मोड में  रु १८०० राजकीय प्राथमिक विद्यालय कम छात्रों की संख्या होने के कारण बंदी के कगार पर  रु अल्मोडा तथा पौडी जैसे समृद्ध जिलों में राज्य बनने के बाद आबादी का घटना सरकार के विकास के दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। लगभग ३६०० गाँव वीरानी की ओर अग्रसर हैं। रु चन्‍द्रशेखर जोशी सम्‍पादक द्वारा प्रस्‍तुत एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट. लॉग ऑन करें. ूूूण्ीपउंसंलंनाण्वतह ;न्ज्ञ स्मंकपदह छमूेचवतजंसद्ध  उत्‍तराखण्‍ड के सामाजिक सरोकारों के लिए प्रतिबद्व वेब पोर्टल
प्रख्यात समाजसेवी तथा पदमश्री डा० अनिल प्रकाश जोशी के नेतृत्व में त्यूनी से धारचूला: गांव बचाओ आंदोलन का शंखनांद शुरू होने जा रहा हैए इसके लिए २४ मई २०१५ को राज्य के गांवों से सन्दर्भित एक गोष्‍ठी का आयोजन देहरादूनए उत्तराखण्ड में किया गया है। आज आवश्‍यकता महसूस की जाने लगी है कि उत्तराखण्ड बनने के १५ वर्षो में गांव का दमखम लगातार बिगडता चला गया। वहीं दूसरी तरफ सरकारें विकास का झूठा ढंढोरा पिटने में जुटी रही। इन्हीं गांवों ने उत्तराखण्ड के सृजन में कई तरह की बलि दी हैं पर आज वे हताश और भौचक्कें है। गांव के बिगडते हालातों व सरकारों का नकारापन एक नयी चुनौती के रूप में फिर से हमारे बीच में हैं। इन तमाम मुददों पर बातचीत करने के लिए व अगामी गांव बचाओं आन्दोलन की रणनीति पर चर्चा के लिए आम जन सहभागिता की अपील की गयी है। डा० अनिल जोशी ने आह्वान किया है कि
भाई बहनों
स्वतन्त्रता के ६७ साल बाद भी उत्तराखण्ड के गाँव एक अच्छी सुबह देखने से वंचित हैं। यह कहानी सारे देश की है। आज देश की पहचान ८००० शहर और २२००० कस्बे तक ही सीमित है। साढे ६ लाख गाँव आज भी देश की स्वतन्त्रता का दम नही भर सकते। देश की प्रगति एक पक्षीय दिखाई देती है। सरकारों की मंशा गाँव से अलग विकास के चारों तरफ केन्द्रित है। गाँवों में रोशनी और निराशा को कभी भी स्वतन्त्रता के बाद मुहांसा नही मिला गाँव की आज बडी पहचान चुनावों में मतदाता से ज्यादा नही समझी जाती।
नवोदित उत्तराखण्ड राज्य इस कडी का एक बडा उदाहरण है। राज्य की कल्पना के पीछे इसके गाँव की व्यथा राज्य की मांग का बडा हिस्सा रही है। इस आन्दोलन में उत्तराखण्ड के हर गाँव की उपस्थिति प्रमुख रूप से दर्ज थी। इसके पीछे एक बडी आशा थी कि राज्य मिलने के बाद गाँव के हालात बहुरेंगें।
उत्तराखण्ड राज्य गठन के १५ वर्ष होने जा रहे हैं। इन वर्षो में उत्तराखण्ड राज्य से जुडी आशाएं ध्वस्त हो गयी हैं। नये राज्य को लेकर लोगों के सपने ढेर हो गये हैं। आन्दोलनकारी ताकतें हताश व निराश हैं। सब खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं।
उत्तराखण्डियों को आशा थी कि राज्य बनने के बाद इस हिमालयी राज्य में उनकी अपनी सरकार होगीए जो यहां के घर बाहर के मुद्दों को भलिभांति समझेगी। नीतियां उनके अनुरूप बनेंगी। जलए जंगलए जमीन पर लोगों के हक हकूक बनें रहेंगे। शिक्षा स्वास्थ्य तक आम आदमी की पहुंच होगी। गांवों में रोजगार के अवसर पैदा होने से पलायन रूकेगा। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके विपरीत राज्य में प्राकृतिक संसाधनों की लूट तेज हो गयी। शिक्षा.स्वास्थ्य की स्थिति बदहाल हुई। महंगाई से आम आदमी त्रस्त हुआ। बेरोजगारी के हालात बदस्तूर हैं। रोजगार के अवसर समाप्त कर नियुक्तियां ठेके पर चल पडी हैं। उद्योगों में रोजगार के नाम पर युवाओं का अत्यधिक शोषण हो रहा है। सरकार पहाड पर चढने में असमर्थ हुई है। गैरसैंण राजधानी के मसले पर अब तक सत्ता में काबिज रही सभी पार्टियों ने जनता को केवल गुमराह ही किया है।
राज्य बनने के तत्काल बाद २००१ में वन पंचायत नियमावली में संशोधन कर उन्हें वन विभाग के नियंत्रण में दे दिया गया। उसी वर्श वन अधिनियम में संशोधन कर आरक्षित वनों तक वनोत्पाद को लाना अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया। तराई की वेशकीमती जमीनें कौडयों के भाव उद्योगपतियों को दी गयी हैं। लचीले भू कानूनों के चलते समूचे राज्य में काश्‍तकारों की जमीनों की बडे पैमाने पर खरीद फरोख्त हुई है। उर्जा प्रदेश के नाम पर ५५६ से अधिक बांध बनाकर उपजाउ जमीनों को डुबोने की तैयारी की जा रही हैए जबकि इसका कोई लाभ यहां की जनता के पक्ष में नही पडने वाला।
सरकार अपनी कल्याणकारी भूमिका से पीछे हट चुकी है। पीण्पीण्पीण्मोड के जरिये आम जनता को शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी बुनियादी अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में १६ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पीण्पीण्पीण्मोड में दिये जा चुके हैं। इन अस्पतालों में की जा रही लूट के खिलाफ जनता आन्दोलित हैए लेकिन सरकार के कान में जूं नही रेंगती। स्वास्थ्य केन्द्र रैफरल सेन्टर बनकर रह गये हैं। और शिक्षा के हालात भी इतने ही दयनीय हैं। राज्य में १८०० राजकीय प्राथमिक विद्यालय कम छात्रों की संख्या होने के कारण बंदी के कगार पर हैं।
भूमि बंदोबस्त व चकबंदी के सवाल पर सभी सरकारें मौन हैं। समय पर भूमि बन्दोबस्त ना होने से गाँवों में पलायन बढा है। हमारी युवा षक्ति श्रमषील है। लेकिन भूमि के अभाव में बैरोजगार है। भूमि बन्दोबस्त व साथ में चकबन्दी भी एक बडा मुद्दा है। कठोर वन एवं भू कानूनों के चलते ग्रामीणों के कृशि एवं पषुपालन जैसे पुष्तैनी व्यवसायों पर सीधा हमला हुआ है। रही.सही कसर जंगली जानवरों ने पूरी कर दी है। आज उत्तराखण्ड के गाँवों की पहली समस्या वन्य जीवों से खेती व जान को बचाना है। इनके संरक्षण के नाम पर नये सिरे से इकोसेन्सीइटव जोन बनाने के प्रयास जारी है। उत्तराखण्ड में वन्य जीवों की तुलना में आदमी को बोना कर दिया गया है। अब संरक्षित क्षेत्रों की सीमा से लगे १० किलोमीटर के दायरे को इको सेंसटिव जोन बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। दूसरी तरफ लम्बे संघर्श के बाद २००६ में अस्तित्व में आये वनाधिकार कानून को लागू करने में सरकार नाकाम रही हैं।
पहाडों में घटती जनसंख्या और षहरों में बढता दबाव राजनैतिक असन्तुलन पैदा करने की कगार पर आ चुका है।पलायन की गति सुविधाओं के अभाव में तेजी से बढने वाली है। जनसंख्या के आधार पर किये गये परिसीमन ने पर्वतीय राज्य की अवधारणा पर गहरी चोट पहुंचाई है। अब विधानसभा में पहाडों का प्रतिनिधित्व नये समीकरणों से घटता जायेगा। अल्मोडा तथा पौडी जैसे समृद्ध जिलों में राज्य बनने के बाद आबादी का घटना सरकार के विकास के दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। लगभग ३६०० गाँव वीरानी की ओर अग्रसर हैं।
इन परिस्थितियों में उत्तराखण्ड के तमाम सामाजिक संगठनों ने गहन विचार मंथन के बाद गांव बचाओं आंदोलन करने की ठानी है। इसके लिए सितम्बर २०१५ में संपूर्ण उत्तराखण्ड में यात्रा करने के बाद देहरादून में विशाल प्रदर्शन कर आगे की रणनीति बनाना तय किया गया है। त्यूनी से धारचूला की यह यात्रा पहाड के सामाजिकए राजनैतिक व आर्थिक प्रश्नों को लोगों के बीच में उतारेगी। हमारा जनपक्षीय उत्तराखण्ड निर्माण की पक्षधर जनता से अनुरोध है कि आम जन की अपेक्षा के अनुरूप राज्य निर्माण हेतु गांव बचाओ आंदोलन में भागीदारी कर अपनी जागरूकता व कर्तव्य का परिचय दें।

चन्‍द्रशेखर जोशी

सम्‍पादक

द्वारा प्रस्‍तुत एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट

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केदारनाथ यात्रा से हिन्‍दुत्‍व के ब्राण्‍ड एम्‍बेसडर बने राहुलए भाजपा में मचा हडकम्‍प

Posted on 25 April 2015 by admin

जन्म  दिन से दो दिन पूर्व केदारनाथ कपाट खोल कर अभीभूत हुए हरीश रावतरु हरीश रावत की रणनीति रही कामयाबरु भाजपा के प्रति देशभर में एक नकारात्‍मक संदेशरुकेदार मंदिर में अजीब शक्ति का अनुभव हुआय राहुल रु भाजपा में हडकम्प रुकांग्रेस गदगद रुभाजपा खासतौर से मोदी ने स्‍वर्णिम अवसर गंवायारु मोदी जी  ने उत्‍तराखण्‍ड सांसदो की तरह केदारनाथ की भी उपेक्षा कर दी रुमोदी जी ने केदारनाथ आने का वायदा किया था रु हरीश रावत की रणनीति रुराहुल गॉधी हिन्दुदत्वे के ब्रांड अम्बेसडर बन गये रुचिढी व नाराज भाजपा इसे राहुल की नौटकी बताने में लगीरु जन्मत दिन से दो दिन पूर्व केदारनाथ कपाट खोल कर अभीभूत हुए हरीश रावत रुजन्‍मदिनि से दो दिन पूर्व राजनीति के धुर खिलाडी हरीश रावत  ने वह कर दिखाया जिसकी कल्‍पना दिल्‍ली में बैठे बडे बडे कांग्रेसी नेताओं ने भी नही की थी रुहिंदुओं की आस्था के केंद्र 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ मंदिर में कपाट खुलने के उपरांत राहुल गॉधी से पूजा अर्चना करवा कर एक ऐसा संदेश चला गया जिससे भाजपा में हडकम्‍प मच गया रुहरीश रावत की विशेष रणनीति से ही सफल हो सका रु27 अप्रैल को अपने जन्मादिन से दो दिन  हरीश रावत ने कांग्रेस के भी सुखद व दूरगामी संदेश के कपाट खोल दियेरु देश भर से आये श्रद्वालुओं के बीच राहुल गॉधी का इस तरह हिन्दुीओं के आस्था  के प्रतीक केदारनाथ में 18 किमी0 पैदल चलकर आने से बहुत अच्छाद व सकारात्म‍क संदेश चला गयारु इस बात को भाजपा ने जब तक महसूस किया तब तक बहुत देर हो चुकी थीरु
राहुल गॉधी ने  बाबा केदार के दर्शन कर कहा कि केदार मंदिर में जाने के बाद अजीब शक्ति का अनुभव हुआए इससे भाजपा में भयातुर हो हडकम्‍प मच गयाए वही कांग्रेस गदगद हो गयीए हालांकि भाजपा ने ही स्‍वर्णिम अवसर गंवायाए ज्ञात हो कि पीएम बनने से पूर्व ही मोदी जी ने केदारनाथ आने का वायदा किया थाए इधर हरीश रावत की रणनीति काम कर गयी और भाजपा के प्रति देशभर में एक नकारात्‍मक संदेश चला गयाए राहुल के आने और अलग अंदाज़ में पदयात्रा करके धाम तक जाने से राहुल गॉधी अपने आप में हिन्दुात्वब ब्रांड अम्बेसडर बन गये हैं। देश विदेश से खचाखच भरे केदारनाथ मंदिर में यह सब हुआए कांग्रेस गदगद होकर फूली नही समा रही है वही भाजपा इसका जवाब देने की तैयारी में लग गयी हैए चिढी व नाराज भाजपा इसे राहुल की नौटकी बताने में लग गयी हैए हिमालयायूके डॉट ओआरजी न्यूआज पोर्टल सम्पा दक चन्द्रौशेखर जोशी को आयी मेल  यह र्इशारा कर रही है. मेल में कहा गया है कि. श्र ब् टलंे रण्बण्अलंे/हउंपसण्बवउ ब्वदमिेे पे ंदजप.भ्पदकने तिवउ पजश्े पदबमचजपवदण् त्ंीनस बंद कव ंसस दवजंदापे इनज दमअमत तमचतमेमदजमक अवपबम व िभ्पदकने ण् त्महंतकेण् श्रब् टलंे वही केदारनाथ में भाजपा नेता अजेन्द्र  अजय ने कहा कि राहुल गॉधी एक टूरिस्टभ् की तरह आये और चले गयेए
कपाटोद्घाटन के अवसर पर श्रद्धालुओं की उपस्थिति से अभीभूत सीएम श्री रावत ने भी पूरे उत्साह के साथ बाबा केदार के जयकारे लगाये तथा वह स्वअयं झूमने लगे तथा इस अवसर पर फिल्म जगत के मशहूर सूफीयाना गायक कैलाश खेर व स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत बाबा केदार के भजनों पर काफी देर तक झूमे।
जन्‍मदिनि से दो दिन पूर्व राजनीति के धुर खिलाडी हरीश रावत  ने वह कर दिखाया जिसकी कल्‍पना दिल्‍ली में बैठे बडे बडे कांग्रेसी नेताओं ने भी नही की थीए हिंदुओं की आस्था के केंद्र 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ मंदिर के कपाट  शुक्रवार 24 अप्रैल 15 को सुबह  8ण्50 बजे मंत्रोच्‍चारण के साथ खुलने के उपरांत कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष राहुल गॉधी से पूजा अर्चना करवा कर एक ऐसा संदेश चला गया जिससे भाजपा में हडकम्‍प मच गया। वही बाबा केदारनाथ की पूजा करके बहुत कुछ ताकत प्राप्‍त कर लीए हालांकि राहुल गॉधी ने  बाबा केदार के दर्शन कर कहा कि मैं मंदिर में भगवान से कुछ अपने लिए नही मांगता परन्‍तु  केदार मंदिर में जाने के बाद अजीब शक्ति का अनुभव हुआए वही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का उत्तराखंड दौरा न सिर्फ कांग्रेस के लिये राष्ट्रीय स्तर पर एक सुखद संदेश दे गया बल्कि चारधाम यात्रा के मद्देनज़र राज्य की सरकार के लिये भी एक अच्‍छा व दूरगामी संदेश तथा विशेषकर संजीवनी बूटी का काम कर गया है। अचानक बदले घटनाक्रम से जहां भातरीय जनता पार्टी  में हडकम्‍प व बेचैनी व्‍याप्‍त हो गयी है वहीँ कांग्रेस गदगद है।  यहां गौर करने लायक बात यह है कि राहुल के बाबा केदारनाथ धाम आने का कार्यक्रम एकदम अचानक बना क्योंकि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक उनको अपने चुनाव क्षेत्र अमेठी जाना था। लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष नें जिस अंदाज में गौरीकुंड से केदारनाथ धाम का सफर पैदल तय किया वह अपने आप में न सिर्फ अनोखा है बल्कि शायद पहली बार कोई किसी राजनेता नें पैदल सफर किया है।
यह सब हरीश रावत की विशेष रणनीति से ही सफल हो सकाए वही 27 अप्रैल को अपने जन्मौदिन से दो दिन पूर्व केदारनाथ के कपाट विशेष पूजा अर्चना के साथ कांग्रेस के युवराज के साथ खुलवा कर मानो हरीश रावत ने कांग्रेस के भी सुखद व दूरगामी संदेश के कपाट खोल दियेए देश भर से आये श्रद्वालुओं के बीच राहुल गॉधी का इस तरह हिन्दुीओं के आस्था  के प्रतीक केदारनाथ में 18 किमी0 पैदल चलकर आने से बहुत अच्छाध व सकारात्मुक संदेश चला गयाए इस बात को भाजपा ने जब तक महसूस किया तब तक बहुत देर हो चुकी थीए
ज्ञात हो कि 2013 में केदारनाथ में आयी आपदा के उपरांत गुजरात के मुख्यसमंत्री के रूप में आये श्री नरेन्द्र  मोदी को उस समय कांग्रेस के तत्काकलीन मुख्य मंत्री ने केदारनाथ जाने की अनुमति नही दी थी उस समय भाजपा ने प्रधानमंत्री बनने के उपरांत सबसे पहले केदारनाथ आने तथा पुनर्निर्माण का वायदा किया था परन्तुं प्रधानमंत्री बनने के एक वर्ष उपरांत भी केदारनाथ की ओर रूख तक न किये जाने से यह महसूस किया जाने लगा कि मोदी केदारनाथ जी की उपेक्षा कर रहे हैंए तथा बाबा के दरबार में मोदी के बारे में असत्यल बयान दिया गयाए वही राहुल गाधी ने बिना कार्यक्रम के 18 किूमी पैदल यात्रा कर केदारनाथ पहुंच कर मानो एक एक विशेष शक्ति  प्राप्तग कर लीए देश विदेश के मीडिया से एक सकारात्म क संदेश कांग्रेस के पक्ष में गयाए यह सब संभव कर पाये कांग्रेस के धुर खिलाडी हरीश रावतए  भाजपा तथा मोदी की इस असफलता व नकारात्मकक संदेश के बीच जहां राहुल गांधी नें गौरीकुंड केदारनाथ तक की अपनी पदयात्रा के दौरान जगह जगह रुक कर यात्रा मार्ग पर आ रही कठिनाइयों को न सिर्फ देखा बल्कि जानकारी भी ली। इतना ही नहीं बल्कि लिनचोली जहां उन्होंने अपने साथ चल रहे कारवां के साथ रात्रि विश्राम के लिये पडाव डाला वहां काम में लगे मजदूरों के बीच बैठ कर उन्होंने उनके साथ चाय पी और उनका हाल चाल भी जाना।
जन्मैदिन से दो दिन पूर्व केदारनाथ का कपाट सफलतापूर्वक खुलवाने वाले सूबे के लोकप्रिय मुख्योमंत्री के रूप में शुमार हुए हरीश रावत  जन्म २७ अप्रैलए १९४८ को अल्मोडा जिले की भिकियासैंण तहसील में मोहनरी गांव के किसान श्री राजे सिंह के यहां हुआ।  बचपन में ही हरीश रावत जी के पिता का निधन हो गया था। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के निकटवर्ती विद्यालय में ही हुई थी लेकिन आप इन्टर पढने रामनगर चले गये थे। अपनी युवा अवस्था में ही आप राजनीति में सक्रिय हो गये थे। आपने भिकियासैंण के ब्लाक प्रमुख से राजनैतिक पारी प्रारम्भ कर एक सामान्य पितृ विहीन युवक के राजनैतिक संघर्ष में स्वंय को स्थापित करने की क्षमता दिखायी।  आपका बचपन से ही रूझान जनसेवा  पूर्ण राजनीति की ओर रहा। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में आपने अल्मोडा के भिकियासैंण ब्लाक से ब्लाक प्रमुख का चुनाव लडकर विजय प्राप्त की थीए लेकिन प्रतिद्वन्दी ने आपकी  उम्र कम होने के कारण न्यायपालिका में वाद दायर किया ए जिसके कारण आप ब्लाक प्रमुख पद से हट गये। इसके बाद ही  आप जनआन्दोलन में सक्रिय हो गये थे। २८ नवम्बर १९७४ में वन बचाओं संघर्ष समिति के नेत्तृव में नैनीताल में वन की नीलामी का जर्बदस्त विरोध करने पर १८ लोगों के साथ आप ;हरीश रावतद्ध पहली बार गिरफ्तार हुए थे। आपकी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए पूरे कुमाऊॅ में छात्रों ने हडताल के साथ बंद करा दिया था। इसी बीच आप रानीखेत के विधायक गोविंद सिंह मेहरा के सम्फ में आयेए जो बाद में आफ ससुर भी बने। सन् १९७६ में आप ;श्री हरीश रावतजीद्ध कांग्रेस में चले गये। आपने लखनऊ में विधायक निवास में रहकर एलएलबी की। वहां तत्कालीन छात्र नेता सी०बी० सिंह के सम्फ में आये  जंहा से आपको जुझारूपन की शिक्षा मिलीए सन् १९८० तक आपने अल्मोडा क्षेत्र में अपने कार्यो से अपनी पहचान बनाई। उत्तराखंड के अल्मोडा जनपद को तीन मुख्यमंत्री देने का सौभाग्य मिला हैए अल्मोडा जनपद से हरीश रावत तीसरे मुख्यमंत्री बने  हैं। चन्द्रशेखर जोशी सम्पादक ने आपकी  सक्रिय राजनीतिक जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला है।
अल्मोडा में भिकियासैंण और सल्ट तहसील का इलाका स्वतंत्रता संग्राम के दिनों से ही राजनीतिक गतिविधियों में काफी चर्चित रहा है और ऐसे वातावरण में पले बढे आपका राजनीति से लगाव होना स्वभाविक ही रहा। लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आपने वकालत को अपने जीवन यापन का साधन बनाया लेकिन राजनीति का दामन भी थामे रखा। विद्यार्थी जीवन में ही आपने भारतीय युवक कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष १९७३ में कांग्रेस की जिला युवा इकाई के प्रमुख चुने जाने वाले वे सबसे कम उम्र के युवा थे। वर्ष १९७३ और १९८० के बीच की अवधि में आप जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक युवक कांग्रेस के महत्वपूर्ण पदों पर रहे। १९८० में कांग्रेस ने आपको अल्मोडा.पिथौरागढ संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनायाए और  आपने भारी मतो से विजय हासिल की। फिर इसी संसदीय क्षेत्र से आप तीन बार सांसद रहें । वर्ष १९९२ में आपने अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का महत्वपूर्ण पद संभाला जिसकी जिम्मेदारी आपने १९९७ तक संभाली। राज्य निर्माण के पश्चात आप उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाये गये और आपकी अगुवाई में २००२ के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत प्राप्त हुआ। इसके उपरांत सन् २००९ में यह आपका ;हरीश रावतद्ध का ही करिश्मा था कि आपने हरिद्वार संसदीय लोकसभा सीट से कांग्रेस का वनवास खत्म करा दिया। संघर्ष से उपजेए केवल अपने और अपने दम पर राजनीति में स्थापित ग्रामीण पृष्ठ भूमि के इस संघर्षशील जननेता ने बचपन से ही उत्तराखण्ड का दर्द समझा तथा उसे दूर करने करने के लिए आप हमेशा दृढ प्रतिज्ञ रहे। समय और परिस्थितियां कभी आफ बहुत अनुकूल नही रही परन्तु इसके  बावजूद केवल अपनी क्षमताए जुझारूपन से आप उत्तराखण्ड राज्य के सबसे लोकप्रिय जननेता के रूप में छा चुके हैं।  उत्तराखण्ड के  मुख्यमंत्री के रूप में जननायक की ताजपोशी पर राज्य की जनता का उत्साह मानो राज्य का गठन सरीखे था।  उत्तराखंड के कददावर नेता व करिश्माई नेता व राज्य आन्दोलनकारी के रूप में शुमार किये जाने वाले हरीश रावत जी का करिश्मा २००९ के लोकसभा चुनावों में भी देखने को मिलाए जब वह ं पूरे राज्य में अपने दम पर बदलाव लाने में कामयाब हुए थे।  आपको प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल में पहले राज्य मंत्री ओर बाद में कैबिनेट मंत्री का दायित्व दिया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री बनने के बाद जनता की इस जननायक के प्रति दीवानगी ने भी सूबे का माहौल ही बदल दिया।
२ फरवरी २०१४ दिन रविवार को देवभूमि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पद को  सुशोभित किये जाने पर विशेष खुशियां मनाई गयी।
कूर्माचल परिषद के महासचिव चन्‍द्रशेखर जोशी ने उनके मुख्‍यमंत्री पद पर सुशोभित होने के समय उनसे अपेक्षा की कि इस देवभूमि को सर्वागीण विकास के पथ पर ले जाने हेतु भौतिकए दैहिक एवं आत्मिक सहयोग देने को तत्पर रहते हुए हरीश रावत जिससे यह प्रदेशए राष्ट्र एवं विश्व में अपनी श्रेष्ठता प्रकट कर सके एवं पथ प्रदर्शक भी बनेगे।

चन्‍द्रशेखर जोशी

देदून उत्‍तराखण्‍ड

एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट

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देहरादून से चन्‍द्रशेखर जोशी की एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट-बाबा रामदेव की हरीश रावत से दोस्‍ती पर दिल्‍ली में कांग्रेस में सनसनी

Posted on 27 October 2014 by admin

नेहरू तथा सोनिया गॉधी के चरित्र पर ऊंगली उठाने वाले बाबा रामदेव की हरीश रावत से दोस्‍ती पर दिल्‍ली में कांग्रेस में सनसनी फैल गयी हैए उत्तराखंड सरकार ने रामदेव एंड कंपनी को सरकारी हेलीकॉप्टरों से केदारधाम भेजकर वहां पूजा.पाठ करवाया। यात्रा को ज्यादा से ज्यादा प्रचार मिलेए इसके लिए दिल्ली से न्यूज चैनलों को भी बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि बाबा मुख्यमंत्री हरीश रावत के अनुरोध पर केदारनाथ आए थे। मुख्यमंत्री के खासमखास औद्योगिक सलाहकार रंजीत रावत मोदी के नवरत्नों में शामिल रामदेव और अन्य संतों को हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ से केदारनाथ ले गए।
नेहरू तथा सोनिया गॉधी के चरित्र पर ऊंगली उठाने वाले बाबा रामदेव की हरीश रावत से दोस्‍ती पर दिल्‍ली में कांग्रेस में सनसनी फैल गयी हैए
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को चरित्रहीन कहने वाले बाबा रामदेव ने कांग्रेस अध्‍यक्षा सोनिया गॉधी तथा राहुल गॉधी को भी नही बख्‍शा थाए तथा कांग्रेस के सर्वोच्‍च नेताओं पर पर हर तरह के संगीन व सनसनीखेज लांछन व आरोप लगाये थेए आज उसी बाबा रामदेव से उत्‍तराखण्‍ड के कांग्रेस मुख्‍यमंत्री ने दोस्‍ती महज इसलिए कर ली कि बाबा रामदेव केन्‍द्र सरकार से धनराशि दिलवायेगे तथा हरीश रावत सरकार को केदारनाथ में कार्य करने का प्रमाण पत्र. परन्‍तु उत्‍तराखण्‍ड के मुख्‍यमंत्री हरीश रावत द्वारा बाबा रामदेव को गले लगाने से दिल्‍ली स्‍थित कांग्रेस गलियारों में सनसनी फैल गयी हैए हालांकि हरीश रावत को मामले की गंभीरता का अहसास अभी तक नही हो पाया है परन्‍तु अंदरखाने की खुफिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस में ऊपरी स्‍तर तक हरीश रावत की बाबा रामदेव की दोस्‍ती को लेकर गाज गिरना तय हैए 2015 में उत्‍तराखण्‍ड को तीसरा मुख्‍यमंत्री देखना पड सकता हैए ज्ञात हो कि कांग्रेस अध्‍यक्षा सोनिया गॉधी ने छोटी सी गलती को लेकर लम्‍बे समय तक सपा सुप्रीमो को माफ नही किया थाए वह क्‍या उस बाबा रामदेव को माफ कर सकती है कि जिसने उनके चरित्र को लेकर लगातार सवाल उठाये हो.
ज्ञात हो . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने अपने एक बयान में कहा है कि कांग्रेस पार्टी का मनोबल गिरा हुआ है। वही दूसरी ओर उत्तराखण्ड में सत्तारूढ कांग्रेस द्वारा जाने अनजाने में कांग्रेस का मनोबल गिराने वालों को तवज्जो देने की नीति अमल में लाई जा रही हैंए कांग्रेस अध्यंक्षा सोनिया गॉधी से लम्बी लडाई लडने वाले बाबा रामदेव को कांग्रेस उत्तराखण्डी में विशेष तवज्‍जो दे रही हैए प्रमुख समाचार पत्रों की रिपोर्टके अनुसार उत्तराखंड सरकार ने चारधाम और वर्ष भर चलाई जाने वाली यात्राओं की ब्रांडिंग के लिए रामदेव एंड कंपनी को सरकारी हेलीकॉप्टरों से केदारधाम भेजकर वहां पूजा.पाठ करवाया। यात्रा को ज्यादा से ज्यादा प्रचार मिलेए इसके लिए दिल्ली से न्यूज चैनलों को भी बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि बाबा मुख्यमंत्री हरीश रावत के अनुरोध पर केदारनाथ आए थे। मुख्यमंत्री के खासमखास औद्योगिक सलाहकार रंजीत रावत मोदी के नवरत्नों में शामिल रामदेव और अन्य संतों को हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ से केदारनाथ ले गए। बदली भूमिका के बारे में सवाल दगे तो बाबा बोले.हरीश रावत ने पहल की तो हमने भी हाथ बढ़ा दिया। बाबा की यात्रा का कार्यक्रम मंगलवार देर रात बना। बाबा ने मुख्यमंत्री के निमंत्रण को एकाएक स्वीकार कर सभी को चौंका दिया। बुधवार सवेरे बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दिल्ली से आए मीडिया के साथ केदारनाथ पहुंचे। बाबा ने तीर्थ पुरोहितों से भी वार्ता की। केदारनाथ मंदिर में पूजा.पाठ के बाद मंदिर परिसर स्थित हवन कुंड में यज्ञ किया। करीब दो घंटे केदारनाथ में बिताने के बाद वह हरिद्वार लौट आए। बाबा के साथ हेलीकॉप्टर से जाने वालों में दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारीए पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारीए बड़ा अखाड़ा उदासीन के महंत मोहन दास तथा शिवानंद भारती थे। रामदेव ने केदारधाम में किए जा रहे विकास कार्यों की प्रशंसा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए अतिरिक्त धन दिलाने का आश्वासन भी दिया। गौरतलब है कि मात़ सदन के संत स्वामी शिवानंद सरस्वुती जी महाराज से परहेज क्यों किया गयाए उन्हें महज इसलिए दूर कर दिया गया कि वह हरिद्वार में अवैध खनन के सख्तन विरोधी है जिसे सूबे के मुखिया को यह पसंद नही है

चन्‍द्रशेखर जोशी

देहरादून

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शिया.पुलिस भिडंत व लाठीबाजी में भाजपा की रही सुनियोजित योजना.चै0 लौटन राम

Posted on 26 July 2014 by admin

राष्ट्रीय निषाद संघ ;एन0ए0एफ0द्ध के राष्ट्रीय सचिव चै0 लौटन राम निषाद ने अलविदा की नमाज के बाद शिया समुदाय के लोगों द्वारा आपत्ति जनक व गन्दी नारे बाजी करते हुये शिया धर्म गुरू कल्वे जव्वाद के नेतृत्व में जुलूस निकाला वह अत्यन्त निन्दनीय व शर्मनाक था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व मंत्री मोहम्मद आजम खाॅ के विरूद्ध जिस तरह के आपत्ति जनक व शर्मनाक शब्दों में लिखी दफ्तियां व पोस्टर लेकर प्रदर्शनकारी शिया भाई चल रहे थेए उसे शिया धर्म गुरू कल्वे जव्वाद जैसे सम्मानित व्यक्ति को रोकना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बड़े ईमामबड़े में नमाज के बाद शिया बोर्ड गठित करने की मांग को लेकर मोहम्मद आज़म खाॅ का आवास घेरने के लिए निकले शिया समुदाय के लोग अत्यन्त घृणित व अपमानित शब्दों का इस्तेमाल करते हुये नारे बाजी कर रहे थे। उन्होंने शिया.पुलिस भिडंत में भाजपा की पूर्व सुनियोजित योजना बताते हुये कहा कि भाजपा प्रदेश में साम्प्रदायिक दंगा कराने की साजिश में लगी हुयी है। उन्होंने कहा कि भाजपा साम्प्रदायिक आग में प्रदेश को झोक कर समाजवादी पार्टी की सरकार को बदनाम करना चाह रही है। श्री निषाद ने कहा कि 30 जून को विधान सभा के सामने भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जिस तरह पूर्व नियोजित योजना के तहत पुलिस वालों पर पत्थर बाजी किये थे और झूठे पुलिस को बदनाम किया गयाए उसी तरह आज शिया सम्प्रदाय के प्रदर्शनकारियों ने दो पुलिस वालांे को गिराकर लात घूसों से पिटाई करने के बाद दौड़ा.दौड़ा कर पुलिस वालों को लाठियों से पीटा और भद्दी.भद्दी गालियां दिया जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया। उन्होंने कहा कि शिया बोर्ड के गठन की मांग ही करना था तो क्या आज ही का उचित थाघ् इसे दहशतगर्दी का माहौल बनाकर मांग किया जाना उचित नहीं थाए इसे लोकतांत्रिक तरीके से उठाना चाहिए था। श्री निषाद ने उत्तरांचल विधान सभा उप चुनाव में तीनों सीटों पर भाजपा की बुरी तरह पराजय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि उपचुनाव में मोदी लहर की हवा निकल गयी है। उन्होंने कहा कि भाजपा जिस तरह ष्ष्अच्छे दिन आयेंगेष्ष् का सपना दिखाकर जनता का वोट लियाए कुछ ही दिनों में जनता को भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया और सम्मानित जनता ने उत्तरांचल विधान सभा उपचुनाव में तीनों सीटों पर भाजपा को हराकर भाजपा को सच्चाई का आईना दिखा दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

sa@upnewslive.com

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Sahara India Pariwar continues its incessant relief work in Uttarakhand

Posted on 01 July 2013 by admin

Today additional relief material dispatched to the Guptkashi and Laksar for more than 20,000 people

•    Till now over 5000 people of remote areas have benefitted from free medical aid by Sahara
•    Ready to eat food packets, safe drinking water, solar lanterns, blankets, bleaching powder and chlorine tablets are being provided free of cost

doctors-of-sahara-india-pariwar-providing-free-medical-aid-to-the-victims-of-uttarachand-floodSahara India Pariwar, a major business conglomerate of India as a part of its continues endeavors to provide relief to the flood victims of Uttrakhand has so far extended free medical aid to more than 5000 people residing in remote and flood affected areas of Uttarakhand. The medical aid has also been provided to the aggrieved pilgrims who have been stuck up in the region. Today relief materials for more than 20,000 people have been dispatched to the Guptkashi and Laksar. Sahara is providing ready to eat food packets, safe drinking water, solar lanterns, blankets, bleaching powder and chlorine tablets free of cost, under its relief measures.

The region, particularly of Uttarkashi and Tehri which has been badly devastated due to massive flood which triggered the landslides have been accessed by the doctors and the Medical Health Unit (MHU) vans of Sahara India Pariwar. 25 medical health unit vans equipped with doctors, pharmacists, free medicines and basic testing equipments have been able to make their way to the remotest parts of the region despite of bad or almost no road connectivity and damaged bridges. Health experts of Sahara India Pariwar treated over 5000 patients most of whom were suffering from Gastrointestinal Tract (GI tract), Skin Diseases, Cold & Cough, Fever, etc.

volunteers-of-sahara-india-pariwar-distributing-sahara-q-safe-driniking-water-along-with-juice-bottles-and-food-packets-at-the-haridwar-railway-stationSahara is working in close coordination with State Disaster Mitigation Management Centre and extending its support continuously to the flood affected areas. In addition to the continuing relief support from Sahara, Mr. Ashok Roy Choudhury, Executive Director and Mrs. Kumkum Roy Choudhury, Executive Director, Sahara India Pariwar have also offered all other possible assistance to Mr. Surendra Singh Negi, Health Minister of Uttarakhand. Sahara is also providing more than 20 tons of the bleaching powders and chlorine tablets to the district administration.

For the rehabilitation of the local populace Sahara has already announced to construct 10,000 pre-fabricated houses based on latest technology (which will be better in every aspect as compared to conventional houses build in hills), under rehabilitation programme. The pre-fabricated houses will be built at places as allotted by local administration. Besides, Sahara will also provide complete food and household items every month to 10,000 families for months and years, depending upon the need of these poor families.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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उत्तराखण्ड की त्रासदी में राहत एवं बचाव कार्यों हेतु उ0प्र0सरकार के किसी भी अधिकारी के वहां पर कैम्प नहीं करने अथवा सहयोग न करने संबंधी आरोप बेबुनियाद, असत्य व भ्रामक

Posted on 01 July 2013 by admin

उत्तराखण्ड की त्रासदी में राहत एवं बचाव कार्यों हेतु उत्तर प्रदेश के किसी भी अधिकारी के वहां पर कैम्प नहीं करने अथवा सहयोग न करने संबंधी आरोप बेबुनियाद, असत्य व भ्रामक है। उल्लेखनीय है कि मीडिया में इस आशय की खबर आयी है कि अन्य प्रदेशों के अधिकारियों द्वारा उत्तराखण्ड में कैम्प कर राहत व बचाव कार्यो का पर्यवेक्षण जा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कार्यवाही नही की गयी है और कोई कैम्प भी नही खोला गया है। सरकारी प्रवक्ता द्वारा मीडिया में आयी इस खबर का खण्डन किया गया है।

img_1090सरकारी प्रवक्ता द्वारा स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस संबंध में पूरी तरह संवेदनशील है तथा वहां पर लोगों की हर संभव मदद हेतु सतत प्रयत्नशील भी है। प्रदेश सरकार द्वारा इस प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बिना किसी भेदभाव के हर प्रदेश के व्यक्तियों की यथा सम्भव सहायता की जा रही है। राजकीय परिवहन निगम की बसों से मेरठ, दिल्ली या अन्य स्थानों पर जाने के लिए केवल उत्तर प्रदेश के नागरिक ही नही अपितु अन्य प्रदेशों के नागरिकों को भी निःशुल्क परिवहन उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश सरकार के उत्तराखण्ड में स्थापित राहत शिविरों में स्पष्ट रुप से प्रचारित किया जा रहा है कि इन शिविरों में सभी प्रदेशों में नागरिकों का स्वागत है। शिविरों में आने वाले किसी भी प्रदेश के व्यक्ति को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड अभी कुछ समय पूर्व तक उत्तर प्रदेश का ही भाग रहा है और उत्तर प्रदेश का उत्तराखण्ड से भावनात्मक सम्बन्ध व लगाव है। अतः उत्तराखण्ड राज्य को बचाव एवं राहत कार्यों में उत्तर प्रदेश द्वारा निश्चित रूप से पूर्ण सहायता उपलब्ध कराने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है। उत्तराखण्ड की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के जनपदों में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को सहायता व राहत कार्यो के निकटतम पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है, ताकि इस कार्य में किसी प्रकार की असुविधा अथवा कठिनाई न आने पाये।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक उत्तराखण्ड तथा भारत सरकार के विशेषकर रक्षामंत्रालय के कर्मी बचाव व राहत कार्यो में जुटे हुये है। प्रदेश सरकार का सहायता पहुंचाने मे स्पष्ट मत है कि वहाॅ चल रहे सहायता कार्यो में बिना किसी प्रकार के व्यवधान को उत्पन्न किये उत्तर प्रदेश सरकार के संसाधनों का उपयोग कर दैवी आपदा में यथा सम्भव मदद की जा सके तथा किसी भी दशा में इस कार्य के लिए उत्तराखण्ड सरकार के संसाधनों पर निर्भर न रहना पड़े, ताकि वहाॅ की सरकार पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड सरकार को वर्तमान आपदा से निपटने हेतु अन्य किसी प्रदेश की तुलना में सबसे अधिक आर्थिक सहायता 25 करोड़ रूपये की धनराशि तत्काल उपलब्ध करायी गयीं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उत्तराखण्ड राज्य को पेंशन फण्ड की धनराशि 350 करोड़ रूपये, जो किश्तों मे दी जानी थी, वहां की वर्तमान विषम परिस्थिति को देखते हुये तत्काल एकमुश्त अवमुक्त कर दी गयी।
उत्तराखण्ड राज्य में दैवी आपदा में वहां की सरकार के अनुरोध पर प्रशासकीय सहयोग के लिए राज्य सरकार द्वारा श्री अनिल कुमार सिटी मजिस्ट्रेट बांदा, श्री उदय सिंह सिटी मजिस्ट्रेट फिरोजाबाद, श्री आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, उप जिलाधिकारी बिजनौर, श्री रमेश चन्द्र, उप जिलाधिकारी मथुरा, श्री कामता प्रसाद सिंह, उप जिलाधिकारी कानपुर नगर, श्री कपिल सिंह सहायक भूलेख अधिकारी हापुड़ आदि अधिकारियों की ड्यूटी विगत 22 जून से लगायी गयी है। यह सभी अधिकारी प्रमुख सचिव गृह उत्तराखण्ड शासन के निर्देश पर राहत कार्यो में सहयोग हेतु लगे हुये है। उल्लेखनीय है कि यह अधिकारी उत्तरांचल गठन के पूर्व वहाॅ तैनात रह चुके है, तथा वहाॅ की भौगोलिक परिस्थिति से भिज्ञ व उस क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव भी उन्हें प्राप्त है।
दैवी आपदा में प्रभावित व्यक्तियों के उपचार हेतु त्वरित चिकित्सीय सहायता हेतु डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के 14 प्रशिक्षित डाॅक्टरों की एक विशेष टीम को विगत 21 जून को उत्तराखण्ड भेजा गया।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इसके अलावा उत्तराखण्ड में 7 राहत शिविरों का संचालन क्रमशः रेलवे स्टेशन तथा बस स्टेशन हरिद्वार, जौंलीग्रान्ट हवाई अड्डा देहरादून, इंटर स्टेट बस टर्मिनल ऋषिकेश, बस अड्डा ऋषिकेश, हल्द्वानी (नैनीताल) व रामनगर (ऊधमसिंह नगर) पर किया जा रहा है। इन शिविरो के संचालन में अपर जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी विगत 21 जून से मय वाहन स्टाफ सहित राहत व बचाव कार्यो में लगायी गयी हैं।
वाटर प्रूफ शामियानो में लगाये गये राहत शिविरों के माध्यम से यात्रियों के ठहरने, भोजन, उपचार, विश्राम, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था की गयी है। इन शिविरों में निःशुल्क मोबाइल पर बात करने की व्यवस्था की गई है, ताकि पीडि़तजन अपने परिजनों से निःशुल्क सम्पर्क स्थापित कर सके। इन शिविरों में बिना किसी भेद भाव के आने वाले उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न प्रदेशों के अभी तक लगभग 50 हजार से अधिक व्यक्तियों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था करायी गयी। इन कैम्पों में चिकित्सकों व दवाइयों की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की गयी है, जिनमें लगभग 1700 व्यक्तियों के उपचार कर उन्हें दवायें उपलब्ध करायी गयीं।
उत्तराखण्ड में फंसे यात्रियों को सुरक्षित एवं गन्तव्य स्थल तक पहंुचाने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये गये है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की लगभग 450 बसों के माध्यम से 2700 से अधिक फेरे लगा कर आपदा से प्रभावित लगभग सवा लाख से अधिक व्यक्तियों को उनके विभिन्न गन्तव्य स्थानों तक निःशुल्क पहुचाया गया है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य का दृष्टिकोण इस आपदा में इस भांति सहायता प्रदान करने का रहा है जिससे उत्तराखण्ड एवं केन्द्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे राहत एवं बचाव कार्य में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राहत एवं बचाव के सम्बन्ध में किये जा रहे कार्यो में राज्य सरकार द्वारा सम्बल बढ़ाते हुए यथासंभव समुचित सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये है।
उत्तर प्रदेश के ऐसे व्यक्ति जो इस आपदा में अभी तक लापता हैं अथवा उनसे सम्पर्क नही हो पा रहा है, की जानकारी हेतु खोज का पर्यााप्त समय परिवारजनो को देने के बाद अब गृह विभाग के साम्प्रदायिकता नियंत्रण प्रकोष्ठ में एक सेल गठित किया गया है। इस सेल का नोडल अधिकारी श्री अशोक कुमार सिंह, विशेष कार्याधिकारी को बनाया गया है। इस सेल द्वारा लापता व्यक्तियों के संबंध में जनपद स्तर पर सूचना संकलन, सत्यापन समन्वय व सहायता कार्य जिलाधिकारी के माध्यम से शुरु किया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिलाधिकारियों के माध्यम से ग्राम स्तर पर यह जानकारी संकलित की जा रही है कि प्रदेश के कौन-कौन से लोग चार धाम की यात्रा पर उत्तराखण्ड गये थे और अभी तक नही लौटे है। इस प्रकार लापता व्यक्तियों की ग्रामवार व थानावार सूची बनाकर उनका विवरण प्राप्त किया जा रहा है और उसके सम्बन्ध में उत्तराखण्ड सरकार से समन्वय बनाकर लापता व्यक्तियों की जानकारी की जा रही है।
निकट भविष्य में होने वाली कांवड़ यात्रा जिसमें हरिद्वार जाने वाले कांवड़ यात्रियों के लिए भी प्रदेश सरकार उत्तराखण्ड सरकार के स्थानीय प्रशासन से समन्वय बनाये रख कर इस प्रकार कार्यवाही करेगी कि वहां पर राहत कार्यो मे किसी प्रकार का व्यवधान न उत्पन्न हो एवं कंावड़ यात्रा भी निर्विघ्न रुप से सम्पन्न हो।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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विश्व जल दिवस उत्सव एवं क्रियान्वयन ब्लाक स्तर पर किया जाए

Posted on 21 March 2013 by admin

जिला पेयजल एवं स्वच्छता समिति के माध्यम से इसकी आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रो में सुनिश्चित करवाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी वियोधन द्वारा अधिशासी अभियंता जल निगम को निर्देशित किया गया कि भारत सरकार की मंशा के अनुरूप सभी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाना हैण्डपम्प रिबोरिंग पाइप पेयजल योजना ग्रामों में गर्मी से पहले असेवित बस्तियों समग्र ग्र्रामों में प्राथमिकता पूर्वक करवाए जाएं। बस्तियों में जाकर निर्माणाधीन कार्य स्थलों की जानकारी बीडीओ से कार्यो की पुष्टि भी मांगी जाए। इस अवसर पर डीडीओ द्वारा बताया गया कि मझिगवां, लोन्हारा, मंे जलापूर्ति साधन है परन्तु लोवोल्टेज की समस्या आड़े आती है। गौसगंज, हरपालपुर एवं मझिला में कार्य चल रहा। 1040 असेवित बस्तियों 1426े हैण्डपम्प लगने है। जिसमें 436 निगम द्वारा लगाए जा चुके 810 की रिबोरिंग भी करवाई गई। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार जिला कृषि अधिकारी अमर ंिसह, जिला विद्यालय निरीक्षक जेपी यादव, समाज कल्याण अधिकारी एसएस श्रीवास्तव मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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तिवारी जी की तरफ से उनके प्रति आभार जताया

Posted on 30 October 2012 by admin

29-10-cसमाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव से आज यहां पार्टी मुख्यालय, 19 विक्रमादित्य मार्ग पर उत्तराखण्ड से श्री भवानी दत्त भटट के साथ आए एक प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की और उन्हें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता        श्री नारायण दत्त तिवारी जी की ओर से उनके 88वें जन्म दिवस पर दी गई बधाई के प्रति धन्यवाद दिया। उन्होने श्री यादव को श्री तिवारी जी के तरफ से पुष्पगुच्छ देकर और शाल उढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी भी उपस्थित थे।
श्री तिवारी जी के जन्म दिवस पर 18 अक्टूबर,2012 को समाजवादी पार्टी मुख्यालय में श्री मुलायम सिंह यादव ने उनकी धर्मपत्नी श्रीमती स्व0 सुशीला तिवारी स्मारक माॅ श्री महाकाली इन्टर कालेज की स्मारिका “नारायण दीप“ का विमोचन किया था। श्री यादव ने उस समय श्री तिवारी के गरिमामय व्यक्तित्व एवं राजनीति में उनके महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा की थी। उन्होने उन्हें लखनऊ में आकर रहने का भी निमंत्रण दिया था। श्री तिवारी जी के भांजे श्री भवानी दत्त भट्ट ने आज नेताजी से भेंट की और श्री तिवारी जी की तरफ से उनके प्रति आभार जताया।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि श्री तिवारी जी के साथ उनके बहुत मधुर और घनिष्ठ संबंध रहे हैं। वह पुराने समाजवादी थे। उन्होने उनके साथियों से कहा कि वे श्री तिवारी जी की सेवा करें और उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखें। श्री यादव ने कहा कि श्री तिवारी जी के समाजवादी योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। समाजवादी विचार को फैलाया जाना चाहिए।
श्री यादव ने श्री तिवारी जी के स्वास्थ्य व दीर्धायु की कामना करते हुए कहा कि डा0 राममनोहर लोहिया ने नौजवानों और कार्यकर्ताओं से एक घंटा देश को देने का आव्हान किया था। उन्होने पहला फावड़ा श्री तिवारी जी के ही विधान सभा क्षेत्र में चलाया था। उन्होने कहा श्री तिवारी जी से हम सबने समाजवाद और प्रशासनिक कुशलता का पाठ पढ़ा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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जनचेतना यात्रा

Posted on 19 November 2011 by admin

11 अक्टूबर को सिताब्दियरा बिहार से प्रारम्भ हुुई जनचेतना यात्रा 20 नवम्बर को दिल्ली में प्रवेश करने से पहले दूसरी बार आज उत्तराख्ंाड से उ0प्र0 की सीमा में भागूवाला जनपद बिजनौर में प्रवेश किया। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती प्रदेश के विभाजन का सपना दिखाकर जनता को दिग्भ्रिमित कर रही है, क्योंकि विभाजन करना कोई बच्चों का खेल नहीं है। विभाजन करने के लिए केन्द्र सरकार की भूमिका अग्रणी होती है, न कि प्रदेश सरकार की।
धामपुर-नगीना राष्ट्रीय राजमार्ग 74 स्थित के.एम.इंटर कालेज के मैदान पर आयोजित विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार से प्रारम्भ हुई जन चेतना यात्रा का आज 38वां दिन है और यह यात्रा 20 नवम्बर को दिल्ली पहुंचकर सम्पन्न होगीं। 40 दिन की यह जन चेतना यात्रा उन्होंने इस उद्देश्य को लेकर प्रारम्भ की थी कि जहां-जहां भी वह जन चेतना यात्रा लेकर पहुंचे, वहां-वहां के लोग जागरूक हो सके और आज उन्हें लग रहा है कि वह अपने उद्देश्य में लगभग कामयाब हो रहे है।
श्री आडवाणी ने अपने संबोधन में कहा कि भले ही 20वीं सदी अंग्रेजों के नाम नहीं हो, लेकिन 21वीं सदी भारत की होगी। आजादी के बाद देश ने जो तरक्की करनी थी, वह केन्द्र की भ्रष्ट सरकारों के कारण नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि उनके जीवन की यह छठी यात्रा है, जिसे पूर्व की तमाम यात्राओं से अधिक जनसमर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा की सफलता में केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने तो महंगाई और भ्रष्टाचार का मुद्दा उपलब्ध कराती और न ही उन्हें यात्रा निकालने की आवश्यकता पड़ती।
पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री आडवाणी ने कहा कि जनचेतना यात्रा को मिले जनसमर्थन से हमें विश्वास हो गया है कि उनकी यह यात्रा देश में एक नयी क्रांति लाएगी और जनता परिवर्तन का नया अध्याय लिखेगी। उन्होंने कहा कि नोट के बदले वोट कांड देश के इतिहास को कलंकित करने वाली घटना है। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह को ईमानदार प्रधानमंत्री कहा जाता है, किन्तु जो 19 सांसदों की खरीद-फरोख्त सरकार बचाने के लिए की गई, वह प्रधानमंत्री की अनुमति के बिना संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस देश की जनता को अब समझना होगा कि कांग्रेस और बसपा जैसी पार्टियों ने इस देश का बेड़ा गर्ग करके रख दिया है और इतिहास गवाह है कि कांग्रेस जब-जब सत्ता में रही, तब-तब महंगाई चरम सीमा पर पहुंची है। उन्होंने प्रदेश के उच्च स्तरीय नेताओं का आह्वान किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में विचार मंथन करने के बाद पार्टी सिद्धान्त और नीतियाकें के प्रति निष्ठावान लोगों को ही प्रत्यासी बनाया जाए।
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि आज पूरा देश महंगाई से जूझ रहा है। बलात्कार की घटनाओं ने नाक में दम करके रख दिया है। प्रदेश में अराजकता का माहौल छाया हुआ है और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती प्रदेश का विभाजन करने पर तुली है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा राज्य है और उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, भय और अपराध मुक्त शासन के स्वप्न को साकार करने के लिए हमें लोगों को जागरूक करने की शुरूआत उत्तर प्रदेश से करनी होगी। यदि हमनें उत्तर प्रदेश के लोगों को जागरूक कर लिया तो पूरा देश अपने आप जागरूक हो जाएगा। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से चुनावों की तैयारियों में जुट जाने की अपील की।
सायं 4.बजे भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का रथ जनसभा स्थल पर पहुंचा तो पूर्व केन्द्रीय अशोक प्रधान, पूर्व मंत्री भारतेन्द्र सिंह, पूर्व भाजपा विधायक डा.इन्द्रदेव सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह चैहान सहित अन्य राष्ट्रीय, प्रदेश व जनपद स्तरीय नेताओं व जेड सुरक्षा कमाण्डों के साथ मंच तक पहुंचे तो जनसभा स्थल पर मौजूद हजारों की संख्या में लोगों ने लालकृष्ण आडवाणी जिन्दाबाद, भाजपा जिन्दाबाद के गगनभेदी नारे लगाने शुरू कर दिये। मंच पर पहुंचे लालकृष्ण आडवाणी ने जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन किया तो जनता ने भी नारों की गंूज से उनका अभिवादन स्वीकार किया। अफजलगढ़ जाते समय महाराणा प्रताप चैक पर क्षेत्र के पूर्व विधायक डा.इन्द्रदेव सिंह ने अपने समर्थकों के साथ जन चेतना यात्रा का भव्य स्वागत किया।
जनसभा में लालकृष्ण आडवाणी की पुत्राी श्रीमति प्रतिभा आडवाणी, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमति करूणा शुक्ला, राष्ट्रीय महामंत्री अनन्त कुमार, राष्ट्रीय प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद, रा0मंत्राी अशोक कुमार प्रधान, मजदूर माह संघ के प्रदेश सह संयोजक जोगेन्द्र सिंह वालिया, प्रदेश अध्यक्ष गोपाल अंजान, डा.तेजपाल वर्मा, हेमेन्द्रपाल सिंह, सतवीर त्यागी एड0, नरेन्द्र खत्री ;नई दिल्ली, प्रदेश मंत्राी अशोक कटारिया, जिलाध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह चैहान, पूर्व जिलाध्यक्ष महेन्द्र धनौरिया, पूर्व मंत्री कुं.भारतेन्द्र सिंह, पूर्व भाजपा विधायक डा.इन्द्रदेव सिंह, महावीर सिंह, डा.वेदप्रकाश चैहान व राजेन्द्र सिंह चैहान, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी श्रीमति लज्जा रानी गर्ग, पश्चिम क्षेत्रा प्रभारी श्रीमति नीरजा सिंह, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्रीमति कांता कर्दम, जिला महामंत्राी श्रीमति सुमन त्यागी, सी.पी.सिंह, लीना सिंघल, आशीष सिंघल, अनिल राजपूत, पुरूषोत्तम अग्रवाल, नितिन अग्रवाल एड.प्रेमचन्द्र छाछर, उदित जैन, जयवीर सिंह सिसौदिया, दुष्यंत चैहान, आदर्श अग्रवाल, राजू गुप्ता, गौरव पोश्वाल, राकेश चैधरी, मनोज पोश्वाल, चन्द्रवीर सिंह गहलौत एड., अरविन्द शास्त्राी ;बिजनौरद्ध, विकास अग्रवाल, विपिन अग्रवाल, कुं.अशोक राजपूत, कविता चैधरी, शकुंतला रस्तौगी, कामना आर्य, गोपाल अंजान, विजय मोहन, हरीश द्विवेदी, प्रकाश पाल, राकेश चोैधरी, रक्षपाल सिंह राणा, संजय सेठी, राजू गुप्ता, राजेन्द्र कात्यायन तथा अनिल विश्नोई मीडिया प्रभारी आदि शामिल रहे। जनसभा की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह चैहान ने की तथा संचालन दयाशंकर राणा और सुमन त्यागी ने संयुक्त रूप से किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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