Posted on 30 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री श्री यासर शाह ने 1000 मेगावाट की अनपरा ‘डी’ थर्मल पावर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुये इसकी पहली इकाई को हर हालत में मार्च 2015 तक चालू करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने विद्युत इकाइयों के बेहतर रख-रखाव एवं आधुनिकीकरण के लिये अल्प अवधि, मध्य अवधि एवं दीर्घ अवधि की योजना तैयार कर उस पर सख्ती से अमल करने के निर्देश दिये। अनपरा परियोजना के प्रमुख को निर्देशित किया कि नये जी0टी0 को शीघ्र मंगाकर 500 मे0 वा0 इकाई सं0-4 को नवम्बर के अन्त तक भार पर लाया जाये।
ऊर्जा राज्य मंत्री आज यहाँ शक्तिभवन में राज्य विद्युत उत्पादन निगम के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुःख की बात है कि यहां के अभियंता दूरगामी सोच के बजाय पुरानी सोच पर ही अभी भी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड के स्थान पर कम्पनी बनाने का उद्देश्य यह था कि इसमें गुणात्मक सुधार आयेगा, लेकिन अभियंताओं की सोच एवं कार्य प्रणाली में कोई अंतर नहीं आने के कारण इसमें अपेक्षित सुधार नहीं आ सका है। उन्होंने कहा कि 65 प्रतिशत पी0एल0एफ0 प्राप्त होने पर यहां के अभियंता खुश होते हैं, जबकि 90 प्रतिशत से कम पी0एल0एफ0 होने पर इन्हें शर्म आनी चाहिये। उन्होंने निर्देश कि एन0टी0पी0सी0 के मानक के अनुसार ही विद्युत इकाइयों के अनुरक्षण का कार्य किया जाये तथा इस कार्य में किसी भी तरह की शिथिलता नहीं आनी चाहिये।
पुरानी हो चुकी विद्युत इकाइयों के रख-रखाव एवं आधुनिकीकरण के सम्बन्ध में ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि जिन इकाइयों को चलाना आर्थिक दृष्टिकोण से लाभप्रद नहीं हैं, उन्हें बंद कर दिया जाये तथा इन इकाइयों के स्थान पर नये पावर प्रोजेक्ट लगाने की कार्य योजना पर कार्रवाई प्रारम्भ की जाये।
अनपरा ‘डी’ परियोजना की समीक्षा करते हुए ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि इसकी पहली इकाई के ब्वायलर को 30 नवम्बर 2014 तक लाइट अप तथा 30 जनवरी 2015 तक सिंक्रोनाइज करें। उन्होंने कहा कि इसके बाद आगामी 25 मार्च तक कोल फायरिंग की कार्रवाई पूर्ण कर 31 मार्च 2015 तक फुल लोड पर लेकर विद्युत उत्पादन शुरू करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी की तरह की शिथिलता नहीं आनी चाहिए क्योंकि इस परियोेजना के पूर्ण होने में पहले ही काफी विलम्ब हो चुका है। उन्होंने निर्देश दिये कि इसकी दूसरी इकाई से भी दो महीने बाद पूरी क्षमता पर विद्युत उत्पादन की कार्रवाई शुरू करें।
ऊर्जा राज्य मंत्री ने 660 मेगावाट हरदुआगंज परियोजना, 660 मेगावाट पनकी विस्तार परियोजना, 1320 मेगावाट ओबरा ‘सी’ विस्तार परियोजना के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने 1320 मेगावाट करछना तापीय परियोजना की डी0पी0आर0 20 नवम्बर तक तैयार करने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष उत्पादन निगम श्री संजय अग्रवाल ने सभी महाप्रबंधकों को निर्देश दिये कि वे इकाइयों के रख-रखाव एवं अनुरक्षण कार्य पर आने वाले खर्च का आंकलन कर यथाशीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि आवश्यकतानुसार धन उपलब्ध कराया जा सके।
बैठक में निदेशक तकनीकी श्री मुरलीधर भागचन्दानी के अलावा विभिन्न परियोजनाआंे के महाप्रबंधक भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 October 2014 by admin
उ0प्र0 के दुग्ध विकास मंत्री श्री राममूर्ति वर्मा ने रायबरेली जनपद में स्थित जर्सी पशु प्रजनन इकाई में जर्सी पशुओं के प्रजनन में वृद्धि करने तथा प्रजनन इकाई को सुदृढ़ बनाने, जर्सी पशुओं की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि इस फार्म की स्थापना का मुख्य उद्देश्य जर्सी सांड़ों का उत्पादन करना है। प्रदेश की पशु प्रजनन नीति के अनुसार डास्प योजना के अन्तर्गत क्रास ब्रेड सांड़ों के उत्पादन करने हेतु 40 साहीवाल तथा 18 हरियाणा गायों का फार्म में समावेश किया गया।
दुग्ध विकास मंत्री श्री वर्मा ने बताया कि रायबरेली के जर्सी पशु प्रजनन इकाई 58.5 एकड़ में स्थापित की गयी है। 42.5 एकड़ चारा उत्पादन की व्यवस्था के हेतु भूमि उपलब्ध है। 16 एकड़ भूमि आवास, गौशाला, प्रशासनिक भवन एवं प्रशिक्षण केन्द्र आदि के लिए उपलब्ध है।
दुग्ध विकास मंत्री ने बताया कि इस वर्ष माह सितम्बर तक हर्ड सं0-128 है। कुल 52 गायें हैं, 58 बछिया, 18 बछड़े तथा वर्तमान में 25 दूध देने वाली गायों की संख्या है। उक्त गायों से सितम्बर माह में प्रतिदिन औसत दुग्ध उत्पादन 74.87 लीटर प्राप्त किया गया। वर्ष 2014 में माह सितम्बर तक 13703 लीटर दुग्ध उत्पादन करके बिक्री की जा चुकी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश में आज दिन में पावर कारपोरेशन द्वारा 8818 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही थी।
आज दिन में 2ः00 बजे राज्य विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों से 2712 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था, जिसमें ओबरा से 455 मेगावाट, अनपरा से 923 मेगावाट, पनकी से 68 मेगावाट, हरदुआगंज से 483 मेगावाट तथा पारीछा से 783 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा 317 मेगावाट जलीय विद्युत का उत्पादन हो रहा था।
पावर कारपोरेशन द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र से 3492 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी। इसके अलावा को-जनरेशन से 50 मेगावाट, रोजा से 977 मेगावाट, बजाज इनर्जी से 361 मेगावाट तथा लैन्को से 909 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 October 2014 by admin
उ0प्र0 सरकार ने पशुपालन विभाग के माध्यम से पशुपालकों/किसानों के समग्र सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु उनके पालतू पशुओं, की चिकित्सा एवं पशुओं को होने वाले रोगों से मुक्ति दिलाने हेतु इलाज की सुदृढ़ व्यवस्था की है। पशु चिकित्सा एवं रोगों की रोकथाम हेतु निरन्तर सेवायें 2200 पशु चिकित्सालयों, 268 द श्रेणी औषधालओं तथा 2575 पशु सेवा केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है।
यह जानकारी प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री श्री राज किशोर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्रत्येक ब्लाक में पशु चिकित्सालय तथा पशु सेवा केन्द्र उपलब्ध हैं। किसान भाई अपने पशुओं का इलाज स्थानीय स्तर पर करा सकते हैं।
श्री सिंह ने बताया कि विषय विशेषज्ञों द्वारा पशु चिकित्सा शल्य क्रिया एवं एक्सरे आदि सेवायें पशुपालकों को पशु चिकित्सा पालीक्लीनिक लखनऊ, मुजफ्फरनगर एवं गोरखपुर के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है। विभिन्न पशु बीमारियों के नियंत्रण हेतु सघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। गलाघोटू, बी0क्यू0, खुरपका एवं मुॅहपका रोग निदान हेतु पूरे प्रदेश में डोर-टू-डोर निःशुल्क टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। टीकाकरण अभियान के दौरान 10 से 29 अक्टूबर तक 1.68 करोड़ से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। इसके साथ ही पशुओं के मेलों एवं पशु बाजारों, गोशालाओं, पशु प्रजनन एवं संरक्षण प्रक्षेत्रों, पशु शालाओं में भी टीकाकरण टीमों द्वारा मुॅहपका एवं खुरपका रोगों से बचाव के टीके पशुओं को लगाये जा रहे हैं।
पशुधन विकास मंत्री ने बताया कि पशुओं में उत्पन्न होने वाली बीमारियों के निदान हेतु रोगों की जांच/पैथालाॅजी की सुविधा मण्डल स्तर पर 10 मण्डलीय
रोग निदान प्रयोग शालाओं तथा राज्य स्तर पर लखनऊ में एक केन्द्रीय प्रयोगशाला द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है। इसके अलावा 35 जनपदों में प्राथमिक जांच सुविधायें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य स्तर पर पशुपालन निदेशालय में डिजीज सर्वेलेंस एवं मानीटरिंग सेल द्वारा प्रदेश में पशुओं की दस प्रमुख बीमारियों तथा 141 अन्य पशुओं को होने वाली बीमारियों पर नियंत्रण रखने हेतु रोग सर्वेलेन्स का कार्य किया जा रहा है। रैबीज, स्वाइन फीवर, टी0बी0, ब्रुसोलोसिस, फ्ुलोरम तथा मुर्गियों की प्रमुख बीमारियों के निदान एवं नियंत्रण हेतु विशेष इकाइयों सक्रिय है।
पशुधन विकास मंत्री ने बताया कि पशुपालक/किसान अपने बीमार पशुओं, के इलाज बाॅझपन का शिकार गाय/भैंस आदि का कृत्रिम गर्भाधान तथा बाॅझपन निवारण हेतु इलाज की व्यवस्था समस्त राजकीय पशु चिकित्सालयों/पशुचिकित्सा केन्द्रों पर की गयी है। पशुओं के प्रजनन, संरक्षण तथा संवर्धन हेतु विशेष इकाइयों का गठन किया गया है। उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद द्वारा उन्नतशील, उच्च नस्ल के दुधारू पशुओं के संवर्धन, संरक्षण एवं प्रजनन हेतु कारगर व्यवस्था की जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 October 2014 by admin
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, सुश्री कल्पना अवस्थी ने डायरेक्टर जनरल, एन0आई0सी0, भारत सरकार से प्रदेश के 14 राज्य विश्वविद्यालयों चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ, डा0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा, महात्मा ज्योतिबाफुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली, बुन्देलखण्ड विश्विविद्यालय झांसी, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर, लखनऊ विश्विविद्यालय, डा0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यलाय फैजाबाद, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी, ख्वाजा मोइउद्दीन चिश्ती उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविद्यालय लखनऊ, डा0 राम मनोहर लोहिया नेशनल लाॅ विश्वविद्यालय लखनऊ तथा राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय इलाहाबाद के साथ ही उच्च शिक्षा निदेशालय, इलाहाबाद एवं उ0प्र0 राज्य उच्च शिक्षा परिषद लखनऊ में एन0के0एन0 कनेक्टिविटी की सुविधा दिये जाने का अनुरोध किया है।
प्रमुख सचिव ने डायरेक्टर जनरल के भेजे पत्र में कहा है कि एन0आई0सी0 द्वारा उत्तर प्रदेश के कुछ शोध एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में नेशनल नाॅलेज नेटवर्क (एन0के0एन0) के तहत उच्च गति की ब्राण्डबैण्ड सेवा उपलब्ध कराई गई जिससे बड़ी संख्या में छात्र, शोधकर्ता एवं शिक्षणगण लाभान्वित हो रहे हैं।
प्रमुख सचिव ने 139 राजकीय महाविद्यालयों की सूची भी भेजी है जिनमें भी एन0के0एन0 कनेक्टिविटी के तहत इण्टरनेट की बेहतर सुविधा दिये जाने का अनुरोध किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना के माध्यम से क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने एवं कम विकसित क्षेत्रों में रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने हेतु तथा महिलाओं की उद्योग जगत से पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना क्रियान्वित की गई है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य यह है कि बेरोजगार महिलाओं का अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने में सहयोग प्रदान किया जाय। उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु इस योजनान्तर्गत महिला उद्यमियों द्वारा स्थापित की जाने वाली सूक्ष्म एवं लघु औद्योगिक इकाइयों का राष्ट्रीयकृत बैंकों, राज्य वित्त निगम अथवा अन्य वित्तीय संस्थाओं से प्लाण्ट एवं मशीनरी के क्रय में किये गये पूंजी विनियोजन हेतु स्वीकृत/वितरित सावधि ऋण पर 05 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 हजार रुपये प्रति इकाई प्रति की दर से अधिकतम 05 वर्षों के लिए 2.50 लाख रुपये प्रति इकाई को यह सुविधा उपलब्ध होगी।
महिला उद्यमी की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता पहले इण्टरमीडिएट थी लेकिन अधिकाधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु इसकी योग्यता हाईस्कूल उत्तीर्ण कर दी गयी है। इसके अतिरिक्त उत्पादन क्षेत्र व सेवा की भी इकाइयों को सम्मिलित किया गया है। प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत ब्याज अनुदान की धनराशि उपलब्ध बजट प्राविधान के अन्तर्गत ही रखी जायेगी। सेवा क्षेत्र की इकाइयों का तात्पर्य एम.एस.एम.ई. मत्रालय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर परिपत्रों के माध्यम से घोषित सेवा क्षेत्र जैसे-व्यापारिक सेवायें, कम्यूनिकेशन सेवायें, निर्माण कार्य सेवायें, वितरण संबंधी सेवायें, शिक्षा सेवायें, फाइनेन्शियल सेवायें आदि से संबंधित लखनऊ जनपद की पात्र महिला उद्यमी इससे संबंधित अधिक जानकारी/इस योजना का लाभ लेने हेतु कार्यालय उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग केन्द्र, 8 कैण्ट रोड, कैसरबाग लखनऊ कार्यालय टेलीफोन नं0-0522-2614083 से सम्पर्क कर किसी भी कार्यदिवस में अपना आवेदन पत्र पूर्व में प्रकाशित अन्तिम तिथि 21 अक्टूबर, 2014 में आंशिक संशोधन करते हुए दिनांक 5 नवम्बर, 2014 को सायं 5ः00 बजे तक जमा कर सकती हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 30 October 2014 by admin
राज्य सरकार की उदासीनता एवं लापरवाही के चलते प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आम जनता की कौन कहे चिकित्सक खुद जानलेवा बीमारी डेंगू की चपेट में हैं। प्रदेश के विभिन्न जनपदों विशेषकर पूर्वांचल में जापानी इंसेफेलाइटिस(मस्तिष्क ज्वर) फैला हुआ है और जनता असमय काल के गाल में समां रही है किन्तु अभी तक सरकार ने कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विजय सक्सेना ने आज यहां जारी बयान में कहा कि डेंगू जैसी गंभीर बीमारी के प्रकोप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजधानी के प्रमुख अस्पताल के0जी0एम0यू0 में दर्जनों चिकित्सक तक डेंगू की चपेट में हैं और राज्य सरकार ने अभी तक डेंगू की रोकथाम और इससे बचाव हेतु कारगर उपाय नहीं किये हैं। लखनऊ के बलरामपुर, सिविल अस्पताल सहित तमाम प्रमुख निजी अस्पतालों में सैंकड़ों की संख्या में डेंगू के मरीज जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार के जिम्मेदार किसी मंत्री ने न तो सुधि ली और न ही शासन स्तर पर कोई कार्यवाही की गयी है। मंत्री और अधिकारी प्रदेश में हो रही मौतों पर मौन साधे हुए हैं।
श्री सक्सेना ने कहा कि पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों विशेषकर गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर आदि तमाम जनपदों में प्रमुख अस्पताल मस्तिष्क ज्वर के पीडि़तों से भरे पड़े है, इसके बावजूद भी प्रदेश सरकार आंख मूंदे है। यही कारण है कि अस्पताल में चिकित्सकों और पीडि़तों के परिजनों के बीच आये दिन टकराव हो रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार जापानी इंसेफेलाइटिस को रोकने हेतु कारगर कदम उठाती तो आज जिस प्रकार जापानी इंसेफेलाइटिस ने पूरे पूर्वांचल को अपनी चपेट मे ंले लिया है और महामारी का रूप धारण कर लिया है, इसे रोका जा सकता था। राजधानी लखनऊ के तमाम क्षेत्र ऐसे हैं जहां गंदगी व्याप्त है, जगह-जगह जलभराव है जिससे मच्छरजनित इस बीमारी को फैलने का मौका मिल रहा है। फागिंग सिर्फ कागजों तक सीमित है किसी भी क्षेत्र में फागिंग की व्यवस्था नहीं है। जिससे समुचित सफाई और फागिंग न होने से यह महामारी बड़ी तेजी से फैल रही है।
श्री सक्सेना ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह जानलेवा बीमारी डेंगू एवं मस्तिष्क ज्वर (जापानी इंसेफेलाइटिस) की रोकथाम एवं इसके समुचित इलाज हेतु अपने स्तर से व्यवस्था सुनिश्चित कराये एवं डेंगू एवं मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए अभी तक की गयी कार्यवाही एवं किये गये उपायों को सार्वजनिक करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 October 2014 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री विकास के नाम पर प्रदेश की बदहाली देखने के बाद भी मुख्यमंत्री उसकी अनदेखी कर रहे है। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री के पूर्व प्रस्तावित दौरो में लखनऊ (मोेहनलालगंज) से लेकर सुदुर झांसी तक सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाएं बदहाल पड़ी हुई है। समाजवादी पुरोधाओं के नाम पर चलने वाली विकास योजनाओं में अनिमियताओं का अम्बार है। जिसे देखकर कई बार मुख्यमंत्री को खुद शर्मसार होना पड़ता है। योजनाओं में बड़े स्तर पर पायी गयी अनिमियताओं के बावजूद मुख्यमंत्री ने असाधारण चुप्पी क्यों साध रखी है ? क्यों चहेते अफसरो की कारगुजारियों की जानकारी के बावजूद उनके विरूद्ध कार्रवाही को लेकर सरकार मौन है।
पूर्व निर्धारित झांसी दौरों में जिस प्रकार अनिमियताएं एवं बदहाल विकास कार्यो का सच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को देखने को मिला, पर तंज कसते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि विकास कार्यो में व्याप्त भ्रष्टाचार के सच का सामना लगातार मुख्यमंत्री कर रहे है फिर भी पता नहीं क्यों सच्चाई को समझते हुए उसके अनुरूप यथोचित कार्यवाही नहीं कर पा रहे है। कानून व्यवस्था और शासकीय प्रबन्धन के नाम पर 15 हजार से अधिक तबादले कर चुकी सपा सरकार राज्य में कार्य का वातावरण नहीं बना पा रही है।
उन्होंने कहा कि अपने रियलटी चेक के दौरान मुख्यमंत्री को सरकारी योजनाओं की उन तस्वीरों से रूबरू होना पड़ा जिनको लेकर लगातार सरकार और उसके अधिकारी बडे़-बड़े दावे कर रहे थे। उन्ही योजनाओं को सच जब मीडिया दिखाता था तो मुख्यमंत्री उस पर तंज कसते थे अब जब सच्चाई उनके सामने है तो महज प्रेस नोट में नाराजगी जताने से काम नहीं चलेगा।
श्री पाठक ने कहा कि विकास का सच राजधानी लखनऊ हो अथवा बुन्देलखण्ड का हृदय स्थल झांसी अगर एक जैसा है तो मुख्यमंत्री को विचार करना चाहिए ये हालात क्यों हैं। क्यों जिन योजनाओं के बारे में खुद मुख्यमंत्री प्रंशसा करते है उनका इतना बुरा हाल है जाहिर है उच्चस्तर से लेकर नीचे स्तर तक के तंत्र पर कार्यवाही की अवश्यकता है। कब तक विपक्ष और मीडिया पर तोहमत मढ़ मुख्यमंत्री रास्ते ढूढ़ते रहेगे। जरूरत है योजनाओं के जिस सच का मुख्यमंत्री सामना कर रहे है उस पर दोषियों के विरूद्ध यथोचित कार्यवाही करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 29 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के नागरिकों को शासन की बेहतर सेवाएं प्रदान कराने, उद्योग एवं व्यापार जगत के साथ अच्छा समन्वय स्थापित करने तथा नागरिकों को सूचना प्राप्त करने आदि कार्यों को सशक्त बनाने हेतु ई-गवर्नेन्स के लिए समस्त कर्मचारियों का डाटाबेस आगामी 15 दिसम्बर तक अवश्य पूर्ण करा लिया जाय। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कर्मचारी का यूनिक आईडी कोड बनाया जाय जिसमें सम्बन्धित कर्मचारियों का नाम, पदनाम, टेलीफोन तथा ई-मेल आदि का डाटाबेस सृजन कर सम्बन्धित वेबसाइट पर अपलोड किया जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रदेश के समस्त कार्मिकों का डाटाबेस तैयार करने के सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेन्स के विभिन्न स्तरों में अच्छा समन्वय स्थापित करने हेतु प्रदेश स्तर पर विभिन्न सरकारी संगठनों एवं स्थानीय निकायों के विभिन्न घटकों में बेहतर समन्वय स्थापित कराने हेतु राज्य स्तर, जिला स्तर , विकास खण्ड स्तर, ग्राम पंचायत, ग्राम सभा स्तर एवं स्थानीय निकाय स्तर पर एक व्यापक डाटाबेस तैयार कराया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त वरिष्ठ कोषाधिकारियों एवं कोषाधिकारियों से उनके कोषागार से वेतन आहरित करने वाले आहरण वितरण अधिकारियों की सूची अवश्य प्राप्त कर ली जाय। उन्होंने कहा कि कोषाधिकारियों से आहरण वितरण अधिकारियों की सूची जनपदवार उपलब्ध हो जाने के बाद सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी वांछित सूचना माह नवम्बर, 2014 के वेतन आहरण के समय आहरण वितरण अधिकारियों से आगामी 05 दिसम्बर तक कोषागार के माध्यम से अवश्य प्राप्त कर लें। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्राप्त सूची के अनुसार समस्त आहरण वितरण अधिकारियों से समय से सूचना प्राप्त हो जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन, श्री देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 October 2014 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा है कि गन्ना किसानों एवं चीनी मिलों के हित को दृष्टिगत रखते हुए पेराई का कार्य यथाशीघ्र चालू कराया जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गन्ना उत्पादकता एवं रिकवरी को और अधिक बढ़ाये जाने हेतु व्यापक कार्ययोजना बनाई जाय ताकि किसानों एवं चीनी मिल मालिकों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि किसानों की खुशहाली से ही चीनी मिलों की खुशहाली है तथा दोनों एक-दूसरे के पूरक हंै। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों का भविष्य गन्ने पर निर्भर करता है इसलिए गन्ना किसानों एवं चीनी मिलो के हितों को दृष्टिगत रखते हुए गन्ना मूल्य का निर्धारण यथाशीघ्र तय किया जायेगा। उन्होंने कहा कि चीनी मिल मालिकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों के गन्ने के मूल्य का भुगतान समय से प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य तय करते समय यह अवश्य ध्यान दिया जायेगा कि चीनी मिल मालिकांे का नुकसान न होने पाय परन्तु गन्ना किसानों का शोषण नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों में रिकवरी पर होने वाले नुकसान का टेक्निकल आडिट भी कराये जाने पर गम्भीरता से विचार किया जायेगा।
मुख्य सचिव आज योजना भवन में पेराई सत्र 2014-15 हेतु राज्य परामर्शित गन्ना मूल्य निर्धारण से सम्बन्धित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों का हित सर्वोपरि है परन्तु चीनी मिलों के संचालन में आने वाली बाधाओं को भी प्राथमिकता से दूर कराया जाय। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों की बेहतर प्रजाति के गन्ने का वाजिब मूल्य अवश्य मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को चीनी मिल मालिकों के माध्यम से प्राप्त होने वाली सब्सिडी उनकी माँग पर सीधे उपलब्ध कराये जाने पर गम्भीरता से विचार किया जाय। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों को लाभ दिलाने हेतु रिकवरी तथा उत्पादकता बढ़ाई जाय।
प्रमुख सचिव, गन्ना विकास श्री राहुल भटनागर ने कहा कि गन्ना मूल्य के निर्धारण हेतु गन्ना किसानों एवं चीनी मिल मालिकों द्वारा दिये गये आंकलन पर निर्णय लिये जाने हेतु गम्भीरता से विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि किसानों के हित के साथ-साथ चीनी मिल मालिकों का भी नुकसान न होने पाये।
बैठक में चीनी मिल एसोसिएशन के पदाधिकारियों, गन्ना किसान प्रतिनिधियों, खाण्डसारी यूनिट के प्रतिनिधियों सहित प्रबन्ध निदेशक फेडरेशन एवं गन्ना वैज्ञानिकों ने भी अपने विचार व्यक्त कर गन्ना मूल्य निर्धारण हेतु अपनी राय व्यक्त की। बैठक में गन्ना आयुक्त, श्री सुभाष चन्द्र शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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