उत्तर प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री श्री यासर शाह ने 1000 मेगावाट की अनपरा ‘डी’ थर्मल पावर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुये इसकी पहली इकाई को हर हालत में मार्च 2015 तक चालू करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने विद्युत इकाइयों के बेहतर रख-रखाव एवं आधुनिकीकरण के लिये अल्प अवधि, मध्य अवधि एवं दीर्घ अवधि की योजना तैयार कर उस पर सख्ती से अमल करने के निर्देश दिये। अनपरा परियोजना के प्रमुख को निर्देशित किया कि नये जी0टी0 को शीघ्र मंगाकर 500 मे0 वा0 इकाई सं0-4 को नवम्बर के अन्त तक भार पर लाया जाये।
ऊर्जा राज्य मंत्री आज यहाँ शक्तिभवन में राज्य विद्युत उत्पादन निगम के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुःख की बात है कि यहां के अभियंता दूरगामी सोच के बजाय पुरानी सोच पर ही अभी भी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड के स्थान पर कम्पनी बनाने का उद्देश्य यह था कि इसमें गुणात्मक सुधार आयेगा, लेकिन अभियंताओं की सोच एवं कार्य प्रणाली में कोई अंतर नहीं आने के कारण इसमें अपेक्षित सुधार नहीं आ सका है। उन्होंने कहा कि 65 प्रतिशत पी0एल0एफ0 प्राप्त होने पर यहां के अभियंता खुश होते हैं, जबकि 90 प्रतिशत से कम पी0एल0एफ0 होने पर इन्हें शर्म आनी चाहिये। उन्होंने निर्देश कि एन0टी0पी0सी0 के मानक के अनुसार ही विद्युत इकाइयों के अनुरक्षण का कार्य किया जाये तथा इस कार्य में किसी भी तरह की शिथिलता नहीं आनी चाहिये।
पुरानी हो चुकी विद्युत इकाइयों के रख-रखाव एवं आधुनिकीकरण के सम्बन्ध में ऊर्जा राज्य मंत्री ने कहा कि जिन इकाइयों को चलाना आर्थिक दृष्टिकोण से लाभप्रद नहीं हैं, उन्हें बंद कर दिया जाये तथा इन इकाइयों के स्थान पर नये पावर प्रोजेक्ट लगाने की कार्य योजना पर कार्रवाई प्रारम्भ की जाये।
अनपरा ‘डी’ परियोजना की समीक्षा करते हुए ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि इसकी पहली इकाई के ब्वायलर को 30 नवम्बर 2014 तक लाइट अप तथा 30 जनवरी 2015 तक सिंक्रोनाइज करें। उन्होंने कहा कि इसके बाद आगामी 25 मार्च तक कोल फायरिंग की कार्रवाई पूर्ण कर 31 मार्च 2015 तक फुल लोड पर लेकर विद्युत उत्पादन शुरू करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी की तरह की शिथिलता नहीं आनी चाहिए क्योंकि इस परियोेजना के पूर्ण होने में पहले ही काफी विलम्ब हो चुका है। उन्होंने निर्देश दिये कि इसकी दूसरी इकाई से भी दो महीने बाद पूरी क्षमता पर विद्युत उत्पादन की कार्रवाई शुरू करें।
ऊर्जा राज्य मंत्री ने 660 मेगावाट हरदुआगंज परियोजना, 660 मेगावाट पनकी विस्तार परियोजना, 1320 मेगावाट ओबरा ‘सी’ विस्तार परियोजना के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने 1320 मेगावाट करछना तापीय परियोजना की डी0पी0आर0 20 नवम्बर तक तैयार करने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष उत्पादन निगम श्री संजय अग्रवाल ने सभी महाप्रबंधकों को निर्देश दिये कि वे इकाइयों के रख-रखाव एवं अनुरक्षण कार्य पर आने वाले खर्च का आंकलन कर यथाशीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करें, ताकि आवश्यकतानुसार धन उपलब्ध कराया जा सके।
बैठक में निदेशक तकनीकी श्री मुरलीधर भागचन्दानी के अलावा विभिन्न परियोजनाआंे के महाप्रबंधक भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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