Archive | सिनेमा

‘फैमिली ऑफ ठाकुरगंज’ की शूटिंग लखनऊ में शुरू

Posted on 02 September 2018 by admin

जिम्मी शेरगिल और माही गिल स्टारर हिंदी फिल्म

लखनऊ, 2 सितम्बर। ‘फैमिली ऑफ ठाकुरगंज’ की शूटिंग रविवार से लखनऊ में शुरू हो गई। इसका मुहूर्त शॉट सिकंदरबाग चौराहे के पास स्थित बलरामपुर गार्डन में फिल्माया गया। इस फिल्म में लखनवी ट्रेडिशनल कल्चर को खासतौर से केन्द्र में रखा गया है। ‘फैमिली ऑफ ठाकुरगंज’ के निर्माता अजय सिंह राजपूत हैं। ‘फैमिली ऑफ ठाकुरगंज’ फिल्म का निर्देशन मनोज झा कर रहे हैं।

लवली वर्ल्ड एंटरटेन्मेंट के बैनर तले बनने वाली फिल्म ‘फैमिली ऑफ ठाकुरगंज’ के पहले दिन यहां अभिनेता सुधीर पांडेय और अभिनेत्री प्रणति राय प्रकाश के प्रसंगों को फिल्माया गया। फिल्म अभिनेता सुधीर पांडेय ने संवाददताओं से रूबरू होते हुए बताया कि यह फिल्म रोमांच से भरपूर हैं और वह अपने किरदार को लेकर खासे उत्साहित हैं। इसके साथ ही मॉडल और अभिनेत्री प्रणति राय प्रकाश ने कहा कि फिल्म में उनका किरदार खास अहमियत रखता है। दर्शकों की आकांक्षाओं पर खरे उतरें इसलिए वह अपने किरदार पर खास मेहनत कर रही हैं।

फिल्म के निर्माता अजय सिंह ने बताया कि ‘फैमिली ऑफ ठाकुरगंज’ अपने में रोमांच से भरपूर अनोखी प्रेम कहानी है। उनके अनुसार फिल्म में प्रेम और विचारधारा के टकराव को बिलकुल नए अंदाज में पेश किया जा रहा है। ‘फैमिली ऑफ ठाकुरगंज’ में सुधीर पांडेय, प्रणति राय प्रकाश, सौरभ शुक्ला, पवन मल्होत्रा, नंदिश सिंह, यशपाल शर्मा, मुकेश तिवारी, लोकेश तिलकधारी, सुप्रिया पिलगांओकर, विशाल सिंह भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं। इस फ़िल्म की सबसे अहम बात ये भी है कि इसकी कहानी घायल, दामिनी, अंदाज़ अपना अपना, दबंग, दबंग—2 जैसी ब्लॉक बस्टर फिल्में लिख चुके दिलीप शुक्ला ने लिखी है। फिल्म में संगीत साजिद वाजिद का है जिन्होंने बॉलीवुड पर पहले से ही अपने हुनर का रंग चढ़ाया हुआ है। फिल्म के क्रिएटिव डायरेक्टर प्रिंस सिंह हैं।

Comments (0)

फिल्म ’’बात बन गई’’ की पहली झलक

Posted on 19 July 2013 by admin

edited-back-1जेपिको इन्फोटेंमेंट व ए एस आर मीडिया की फीचर फिल्म ’’बात बन गई’’ 30 अगस्त 2013 को प्रदर्शन के लिए तैयार है। इस फिल्म के प्रस्तुतकर्ता हैं विभु अग्रवाल तथा जेपिको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, निर्माता सैय्यद आसिफ जाह और निर्देशक शुजा अली की यह फिल्म ’’बात बन गई’’ शेक्सपियर की थ्योरी की एक ही चेहरे के सात इंसान होते है, पर आधारित एक हास्य पारिवारिक फिल्म है।
फिल्म ’’बात बन गयी’’ हमशक्लों की कहानी है, जिनके बजह से कई तरह की ग़लतफहमी कहानी में पैदा होती है। इस फिल्म का नायक ’कबीर’ (अली फज़ल) एक लेखक हैं जो हसीन व जवान ’रचना’ (अनीसा) से दीवानावार मोहब्बत करता है, रचना के बडे भाई ’लक्ष्मी निवास’ (गुलशन ग्रोवर) और उनकी पत्नी ’सुलोचना’ (अमृता रायचंद) रचना के लिए एक पढे लिखे प्रोफेसर जैसे वर की तलाश में है। कबीर, लक्ष्मी निवास को अपने गुणों से प्रभावित करता है, पर कहानी में दिलचस्प मोड तब आता है जब कबीर का हमशक्ल रसिया बिहारी जो कि एक माफिया पाशा के लिए काम करता है, रचना के घर संयोग से आ जाता है, लोग उसे ही कबीर समझ बैठते हैं, वो भी रचना का दीवाना बन जाता है। दूसरी तरफ लक्ष्मी निवास का भी एक हमशक्ल आ धमकता है। इस फिल्म की भूमिकाओं को लेकर दोहरी भूमिका वाली फिल्म भी नहीं कही जा सकती, क्योंकि फिल्म का नायक भारत में है, उसी शक्ल का दूसरा इंसान बैंकाक में है। इसी तरह फिल्म के अन्य पात्रों की शक्ल वाले अन्य इंसान कहीं न कहीं मौजूद है जो भाग्यवश भारत के मुंबई जैसे शहर में आ जाते हैं और घटनायें, दुर्घटनायें होती हैं। सभी पात्र किसी न किसी रूप में पारिवारिक माहौल से जुडे हैं जो घटनाओं और व्यवहारों के कारण हास्य पैदा करते हैं।
फिल्म का नायक अली फजल एक उपन्यासकार है, उसी तरह का दूसरा इंसान रसिया बिहारी है, इसी तरह गुलशन ग्रोवर प्रोफेसर है, जबकि उसकी शक्लवाला दूसरा इंसान एक गे है, इन पात्रों को लेकर एक नई कहानी की कल्पना निर्माता सैय्यद आरिफ जाह की है। पटकथा संवाद शुजा अली और अक्षय सिंह की है, संगीत हरप्रीत सिंह की है तो गाने लिखे हैं ए एम तारिफ ने, छायाकार दीपक पाण्डे, नृत्य रेंजू वर्गिस, संपादन मदन सागर, कला महेश कुडालकर की है। edited-gulshan-grover-amrita-raichand
फिल्म ’बात बन गई’ के मुख्य कलाकार हैं अली फजल (फिल्म ’3 इडियट्स’ व ’फुकरे’ फेम), अनीसा, गुलशन ग्रोबर, अक्षय सिंह, अमृता रायचंद, रज्जाक खान। फिल्म में अनेक कलाकार होने पर भी हर पात्र पूरा मनोरंजन करने में सफल रहेगी। निर्माता सैय्यद आसिफ जाह पिछले कई सालों से फिल्म और पत्रकारिता क्षेत्र से जुडे हुए है। सुप्रसिद्ध निर्माता निर्देशक सुल्तान अहमद के सहायक रह चुके निर्माता आसिफ जाह लगभग एक हजार घंटों की अलग अलग धारावाहिकों का निर्माण, विज्ञापन, कार्पोरेट फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं, कुछ समय तक पत्रकारिता से भी जुडे रहे हैं और जुडे हुए हैं।
निर्देशक शुजा अली लगभग बीस वर्षों से धारावाहिकों और आकाशवाणी के कार्यक्रमों से जुडे हुए है, लगभग अðारह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भाषओं में काम कर चुके वाले शुजा अली ने कई धारावाहिकों का निर्देशन किया है, इसके साथ ही वह अमरीकन टीवी और अफगान टीवी से भी जुडे रहे हैं।
उनकी फिल्म ’बात बन गई……।’ एक नई और अनोखी प्रस्तुति होगी जो नए कलाकारों के साथ भी दर्शकों का पूरा मनोरंजन करेगी…….।

edited-director-shuja-ali-with-lead-actress-anisa-along-with-gulshan-grover-amrita-raichand

edited-akshay-singh-ali-fazal

edited-actor-akshay-singh-and-ali-fazal-during-a-car-sequence

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

आनंद मिलिंद लाएंगे वापस लोरियों का जमाना

Posted on 15 May 2013 by admin

edited-rajuचाहे गरीब की बस्ती में रोता एक बच्चा होए या अंबानी के पैलेस में रोता हुआ राजकुमार इन दोनों को चुप कराने का मीठा सा तरीका है उनको लोरी सुनाना। यह लोरी मैंने भी सुनी है आपने भी सुनी है और हिंदुस्तान के उन करोड़ों बच्चों ने सुनी है जिन्हें रातो को नींद नहीं आती है। लेकिन पिछले कुछ सालों से संगीत की दुनिया में ढंग बेढंग के गाने आ रहे हैं जिससे बच्चे सोने के बजाय डर जाते हैं। ऐसे माहौल में लोरी के गायक कपिल रौनक ने बरसों बाद लोरियों को वापस लाने की ठान रखी है। और उन्होंने लोरियों की महारानी अलका याज्ञिक के साथ में श्लोरीश् नाम से एक अलबम तैयार किया है जिसमें आठ गाने उन्होंने गाएं हैं। इन गानों को मधुर संगीत दिया है जाने माने संगीतकार आनंद मिलिंद ने।
लोरियों से भरे श्लोरीश् इस अलबम का विमोचन वरली के एक होटल में पूर्व राष्ट्रपती श्रीमती प्रतिभाताई पाटील के सुपुत्र श्रीण् राजेंद्र शेखावत के हाथों संपन्न हुआ। इस विमोचन समारोह के लिए बॉलीवुड के प्रख्यात प्रचारक राजू कारिया ने हमें आमंत्रित किया था। इस शुभ अवसर पर संगीतकार आनंद मिलिंद का राजेंद्र शेखावत के हाथों शाल और नारियल देकर सम्मान किया गया क्योकि उन्होंने भी इंडस्ट्री में अपने कैरिअर के २५ साल पूरे कर लिए हैं। इस शुभ अवसर पर कई धारावाहिकों के नायक अंकित पाटीदार और सुप्रसिद्ध मॉडल नीतू सिंह भी हाजिर थे।
इस मौके पर संगीतकार आनंद मिलिंद ने बतायाए मुझे भी लोरियों का शौक बचपन से रहा। मेरे पिताजी संगीतकार स्वर्गीय चंद्रगुप्त ने कई फिल्मों में लोरियां रिकार्ड की है। और खुशकिस्मती से मैंने भी करिश्मा कपूर की फिल्म अनाड़ी में एक लोरी रिकार्ड की थी जो बहुत ही लोकप्रिय हुई थी।
बरसों बाद जब कपिल ने मुझे अपना कॉन्सेप्ट सुनाया तो मुझे अपना बचपन याद आ गया कहते हुए आनंद मिलिंद ने बतायाए और इस आठ गाने के अलबम को मैंने तैयार किया। यह सभी गीत लिखे हैं निदा फाजलीए शब्बीर अहमद और आज जो गाना हम पिक्चराईज कर रहे हैं वह लिखा है खिलेश शर्मा ने। खिलेश शर्मा ने इसके पहले सुलतान खान के पिया बसंती काहे जलाए आजा को लिखा था।
एक मजबूत टीम के साथ में आठ गानों को लेकर लोरियों की टीम मदर्स डे के दिन यह म्यूजिक अलबम और सीडी रिलीज करने जा रहा है। इसे रिलिज कर रहा है टाइम्स म्यूजिक और जॉन्सन बेबी बेड टाइम इसे प्रेजेंट कर रहे हैं। इस अलबम के निर्माता है वेलेंसिया एंटरटेनमेंट प्राण् लिण्
यह अलबम मदर्स डे के दिन उन करोड़ों मांओं के अर्पित किया जाएगा जो अपने बच्चों के चेहरे पर मुस्कुराहट देखना चाहती है। इस अलबम में मशहूर मॉडल नीतू सिंह पहली बार मां के रूप में नजर आएगी। इसके पहले नीतू सिंह ने क मशहूर और बड़ी एड फिल्में की है जैसे कीए जॉन्सन एंड जॉन्सनए कोलगेटए रसनाए तनिष्क तथा अन्य कई। अलबम में नीतू सिंह के अपोजिट हैं अंकित पाटीदार। कई धारावाहिकों में प्रमुख भूमिका निभा चुके अंकित का यह पहला म्यूजिक अलबम है। नीतूए अंकित यह अलबम करके अपने आप को बहुत खुशनसीब मान रहे हैं।
इस अलबम के मुख्य गायक कपिल ने कहाए मैं बड़ा खुशकिस्मत हूं कि मुझे आनंद मिलिंद जैसे महान संगीतकार और अलका याज्ञिक जैसी मशहूर गायिका के साथ में काम करने का मौका मिला। भगवान से मैं प्रार्थना करता हूं कि हर साल मदर्स डे पर मैं इसी तरह एक के बाद एक अलबम बनाते जाऊं जो लोरियों पर आधारित हो। यह लोरियों का अलबम मैं अपनी परमपूज्य मां और करोड़ों माताओं को अर्पित करता हूं। अलबम के प्रचारक हैं राजू कारिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

निर्माता खालिद किदवई का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद!

Posted on 18 April 2013 by admin

edited-khalid-kidwai-zakirअप्रैल, 2013: फिल्म ’’रामभजन जिंदाबाद’’ के निर्माता खालिद किदवई ने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने फिल्म उद्योग को बढावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2001 में बनी फिल्म नीति में संशोधन का निर्णय लेकर सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश सरकार के कलाकारों, तकनीकी पक्ष के लोगों को व पर्यटन उद्योग को बढावा देने की कोशिश की है, जो कि सराहनीय है, इस फिल्म नीति के कारण हिन्दी भाषा के साथ ही अवधी, ब्रज, बुन्देली, और भोजपुरी जैसे क्षेत्रीय भाषा की उन्नति होगी।
कुछ दिनों पहले हिंदी फिल्म ’’रामभजन जिंदाबाद’’ की पूरी शूटिंग बाराबंकी के आस पास ही लगभग 45 दिनों में हुई भी, जिसमें उत्तर प्रदेश के सरकारी महकमें से भरपूर सहयोग मिला। इस फिल्म में ओम पुरी, कुलभूषण खरबंदा, जगदीप, नवोदित कलाकार अभय जोशी, श्वेता भारद्वाज, सीमा आजमी (चक दे इंडिया फेम), जाकिर हुसैन व राम सेठी जैसे अभिनेता हैं।
खालिद जी ने कहा कि भविष्य में भी अखिलेश जी के सहयोग से फिल्म जगत को बढावा मिलता रहेगा जिसके कारण प्रदेश के कलाकारों व तकनीकी विशेषज्ञ लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही साथ पर्यटन उद्योग भी विकसित होगा। निर्माता ने अखिलेश जी को तहे दिल से धन्यवाद दिया।

edited-jagdeep-kulbhushan-kharbanda

edited-om-puri

edited-kulbhushan-kharbanda-abhay-joshi-jagdeep

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव ने आज़म खाॅ से की शिष्टाचार भेंट

Posted on 02 March 2013 by admin

लखनऊ
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाॅ से आज यहाॅ विधान भवन स्थित उनके कार्यालय में प्रसिद्ध हास्य-व्यंग कलाकार श्री राजू श्रीवास्तव ने शिष्टाचार भेंट कर विचारों का आदान-प्रदान किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

जैक एंड जाइंट स्लेयर (3डी और 2डी) 1 मार्च को रिलीज

Posted on 28 February 2013 by admin

वाॅर्नर ब्रास. पिक्चर्स की फिल्म ’’जैक एंड जाइंट स्लेयर’’ (3डी और 2डी) 1 मार्च को भारत और पूरे विश्व में रिलीज होगी।  grab-poster
एक पौराणिक यु़़द्ध फिर से क्षिण जाता है जब एक नौजवान किसान गलती से हमारी दुनिया और खतरनाक रक्षकों की दुनिया के बीच का दरवाजा खोल देता है। राक्षस पृथ्वी पर अपना वर्चश्व जमाने को उतावले है जहां से उन्हे एक समय में बाहर निकाल दिया गया था। इस युद्ध में दानवों का सामना करता है जैक (निकोलस हाॅल्ट), जिसकी जिन्दगी की ये सबसे बडी लडाई बन जाती है और वो उन विशालकाय दैत्यों से लडता है जिनके बारे में उसने सिर्फ कहानियों में पढा है। ये कहानी है ’’जैक द जाइंट स्लेयर’’ की जो वाॅर्नर ब्रास. पिक्चर्स पूरे विश्व में 1 मार्च को रिलीज करने जा रहे हैं।
डायरेक्टर/प्रोड्यूसर ब्रयान सिंगर अलग प्रकार की फिल्में बनाना पसंद करते है। उनकी पहली फिल्म थी ’’द यूजुअल सस्पेक्ट’’ इसके बाद उन्होनें बहुचर्चित फिल्म ’’एक्स मेन’’ बनायी। फिर आयी ’’ टंसालतपमण् ’’ और अब वो एक नयी चुनौती का सामना करने जा रहे है अपनी नयी फिल्म ’’जैक द जाइंट’’ (3डी और 2डी) से जो कि एक पुरानी कहानी का नया रूपान्तरण है। ये फिल्म अंग्रजी, हिन्दी, तमिल और तेलुगू में रिलीज होगी।
सिंगर के मुताबिक ’’मुझे इस कहानी के बारे में जो पसंद आया वो ये था कि ये कितनी साधारण सी दिखती थी लेकिन फिर भी इसमें एक जादू था और अब भी है।’’ इस कहानी को पीढी दर पीढी पसंद किया गया है। ये कहानी बारवीं सताब्दी से भी ज्यादा पुरानी है और अलग अलग नामों से भी जानी जाती है। बहादुरी के इस किस में वो आकर्षण है जो कि सुनने वालों या देखने वालों को अपनी तरफ खींच लेता है और उन्हें एक अलग दुनिया में ले जाता है।
’’मेरा लक्ष्य था इस महान गाथा को एक बार फिर से जीवित करना। बचपन की इस कहानी को लेकर मैं पूरी असलियत डाल कर बडे दर्जे की फिल्म में तबदील करना चाहता था जिसमें 5 मील ऊँचा वो पेड भी हो जिसके सहारे जैक दानवों की दुनिया में प्रवेश करता है।’’ सिंगर का कहना है, उन्होंने सबसे आधुनिक और नवीनतम तकनीकी का इस्तेमाल करके फिल्म में जान डाल दी है। ’’हमारी कहानी ’जैक और द बीनस्टाॅक’ और उसे पुरानी ’जैक द जाइंट किलर’ से प्रभावित है।’’
फिल्म के नायक निकोलस हाॅल्ट का कहना है कि ’’इस पिक्चर में सब कुछ है। विशाल दानव प्रमुख है और प्रेम भी पर ये पिक्चर थोडी डरावनी भी होगी और इसमें हंसी की भी भरपूर गुंजाइश है और 3डी तो ये है ही।’’
ये फिल्म 3डी में शूट की गई है। 3डी कैमरे काफी बडे और भारी होते है और शूटिंग की अनोखी लोकेशन पर जाने का मतलब था की शूट करने का समय कम होता जाता था पर विजुअल इफेक्ट्स की कला में निपुड, सिंगर ने जरूरत पडने पर तकनीकी का इस्तेमाल कम कर दिया। ’’फिल्म के उन दृश्यों में जहां हमें कैमरे को ज्यादा हिलाना डुलाना था मैंने 3डी कैमरे का प्रयोग नहीं किया है, पर अन्य दृश्यों में हमनें वाइड शाॅट लिए हैं जहां दर्शकों को खुद पूरे फ्रेम का नुमायना करने का मौका मिलता है, क्योंकि 3डी में ज्यादा कुछ देखने के लिए होता है।’’
सिंगर कहते है कि ’’ये एक मजेदार, रोमांचक और साधारण हीरो वाली फिल्म है जिसमें एक बहादुर राजकुमारी और उसके राज्य के कई अदभुत पात्र भी हैं। फिल्म में कुछ संगीन और भयानक दृश्य भी है लेकिन हमने हंसी मजाक को ज्यादा बढावा दिया है। मेरा लन्दन में होना और एक बार फिर से निर्देशन करना वो भी एक मजेदार 3डी फिल्म का, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।’’

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

‘‘झिलमिल सितारों का आंगन होगा‘‘ में उदित नारायण - साधना सरगम ने गाया गाना

Posted on 20 February 2013 by admin

सहारा वन पर प्रसारित हो रहा राजश्री प्रोडक्शन्स का धारावाहिक सज गया मखमली आवाज से
लखनऊ, 20 फरवरी, 2013: सहारा वन पर प्रसारित हो रहा राजश्री प्रोडक्शन्स का धारावाहिक ’झिलमिल सितारों का आंगन होगा’ सोमवार 25 फरवरी 2013 की रात 9 बजे से नये कलेवर में प्रस्तुत होगा, जिस दौरान इस धारावाहिक में कुछ नये किरदारों का प्रवेश होने वाला है। इसके साथ ही अब इस धारावाहिक की कहानी पूरी तरह से ‘राजश्री’ शैली में ढल जाएगी, जिसमें कोई अवास्तविक स्थिति तथा नकारात्मक किरदार नहीं होंगे। इसके साथ ही ‘झिलमिल…‘ में कई विशेष गानों को शामिल किया जा रहा है, जो अंगना (श्रेया झा) एवं नये सौम्य (आमिर अली) की नवीन रोमांटिक कहानी को और अधिक रोचक बनायेंगे।
सहारा वन के सूत्रों के अनुसार धारावाहिक के नये कथानक को निखारने तथा विशिष्टता प्रदान करने वाले प्रमुख रोमांटिक गाने को बाॅलीवुड की रोमांटिक पाश्र्वगायक जोड़ी उदित नारायण और साधना सरगम की सुमधुर आवाज में रिकाॅर्ड किया गया है। यह गाना धारावाहिक का नया ‘थीम सांग’ होगा।
धारावाहिक की कहानी के अनुसार सौम्य (आमिर अली) अपनी पहली पत्नी को खो चुका है और उसके परिवार ने उसकी दूसरी शादी कराने का फैसला किया है। अंगना की हालत भी बिल्कुल ऐसी ही है, जिसके पति आकाश (पंकज तिवारी) की मौत हो चुकी है।
इस थीम सांग का मूल उद्देश्य इन दोनों के दिलों में मौजूद ’पीड़ा एवं वेदना’ को दर्शाना है। जिंदगी उस समय एक खूबसूरत मोड़ लेती है, जब अंगना और सौम्य एक दूसरे से मिलते हंै और शादी के बंधन में बंध कर अपनी जिंदगी की गाड़ी को आगे बढ़ाते हैं। नये थीम सांग का आइडिया सूरज बड़जात्या ने दिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

म्यूजि़कल थ्रिलर है फिल्म प्यार में ऐसा होता है

Posted on 16 February 2013 by admin

’दिसंबर से लेकर फरवरी तक का समय प्यार की भीगी फुहार लाता है, जिसकी मस्ती में
बाॅलीवुड भी डूबा रहता है। इस दौरान कई रोमांटिक फिल्में रिलीज़ होती हैं।
कुछ हिट होती हैं और कुछ को दर्षक नहीं मिलते, लेकिन डायरेक्टर राजेष
कुमार का दावा है कि उनकी फिल्म प्यार में ऐसा होता है दर्षकों की पसंद के
पैमाने पर सौ फीसदी खरी उतरेगी क्योंकि इस फिल्म में सिर्फ प्यार ही नहीं, रहस्य
और रोमांच भी है, जिसमें सेक्स, म्यूजि़क और हाॅरर का काॅकटेल जोड़ा गया
है इसलिए यह फिल्म अब हाईवोल्टेज थ्रिलर का रूप ले चुकी है।’

’     यह कहानी काॅलेज के स्टूडेंट्स के आसपास घूमती है, जो प्यार, खूबसूरती
और चंचलता में फंसकर बिना सोचे-समझे कदम उठा लेते हैं जिसका असर उनकी लाइफ
और परिवार की शांति को भंग करता है। यह फिल्म इसी तरह से एक हादसे को जन्म
देती है जिमसें फंसकर दो परिवार आत्महत्या कर लेते हैं और नतीजा उस वाक्या से
जुड़े स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ता है। इस फिल्म में काॅलेज से जुड़े लड़के
और लड़कियों की रीयल लाइफ, प्यार, हंसी-मज़ाक, ईष्र्या और खेल खेल में
जिंदगियां कैसे तबाह हो जाती हैं, दर्शाया गया है। ’

’    फिल्म में छह गीत हैं जिसका टाइटल गीत कुणाल गांजावाला और सुजाता
मजूमदार की आवाज़ में है। नीरज श्रीधर और सुजाता की आवाज़ में
बत्तियां-शत्तियां एक क्लब साॅन्ग है। सिर्फ इतना ही नहीं, परदे पर गरमाहट फैलाने
के लिए एक गीत आइटम गर्ल रोज़लीन खान पर भी फिल्माया गया है और यही वो
खास गीत होगा जो शीला, शालू, मुन्नी, चमेली आदि आइटम नंबर्स की ऐसी की
तैसी करने वाला है। शीला की मां की आंख, मुन्नी की ऐसी की तैसी नाम का यह
गीत भी सुजाता की ही आवाज़ में है जिन्होंने पहली बार आइटम गीत गाया है।
फिल्म के एक प्रणय गीत तुम प्यार की बरसात याद रखना में प्यार, श्रृंगार और
फुहार की रसलीलाएं हैं, जो भरी बरसात में प्यार का मीठा अहसास जगाती हैं। ओ
जाने वफा गीत जावेद अली और सुजाता की सोजभरी आवाज़ में है।’

’   महक म्यूजि़क मीडिया के बैनर तले बनी इस फिल्म के निर्माता राजेश कुमार व
अफसर खान हैं। कोरियोग्राफर सूरज भारती हैं। फिल्म के कलाकार हैं मोहम्मद
नाजि़म, अनामिका बाबा, रोहित राजावत, हिमानी शिवपुरी, रज्जाक खान, हरीश
चोपड़ा, शीला शर्मा, डाॅक्टर जयपाल बजाड़, सुजाता मजूमदार और वीरेंद्र मिश्र
हैं। ’

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

लव कुश एवं शिकारी शभंू 2 नवंबर को बच्चों से मिलेंगे थिएटर्स में

Posted on 30 October 2012 by admin

sons-of-ram-pic-2अमर चित्र कथा की प्रथम 3डी एनिमेशन फिल्म ’’संस आॅफ राम-हीरोज विल राइज’’ 2 नवंबर से देश भर के सिनेमाघरों में हो रही है रिलीज

sons-of-ram-pic-3भारत में पहली बार, एक दाम पर दो फिल्मों का मजा देने के लिए अमर चित्र कथा ने पूरी तैयार कर ली है। करीब 45 वर्षांे से भारत की कई पीढियों को अपनी रोमांचक चित्रकथाओं से रोमांचित करते हुए और उन्हें अपनी जडों से जोडते हुए महान अमर चित्र कथा ने कार्टून नेटवर्क के साथ सहभागिता में अपनी पहली फीचर फिल्म ’’संस आॅफ राम-हीरोज विल राइज’’ को एक अन्य विशेष लघु फिल्म शिकारी शंभू के साथ 2 नवंबर को रिलीज करने का ऐलान किया है। ये दोनों फिल्में देश भर के 400 से अधिक सिनेमाघरों में 3डी और 2डी वर्जन में रिलीज होंगी और सभी एसीके और टिंकल प्रशंसकों के लिए एक दोहरी खुशी का अवसर होगा। इतिहास में पहली बार शिकारी शंभू एक लघु फिल्म शिकारी शंभू एंड द मैन ईटर के साथ बडे पर्दे पर शुरूआत कर रहा है। शिकारी शंभू फिल्म को मुख्य फिल्म संस आॅफ राम से ठीक पहले दिखाया जाएगा। ठस अवसर पर श्री विजय संपत, सीईओ, अमर चित्र कथा और एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर, संस आॅफ राम ने कहा कि संस आॅफ राम और शिकारी शंभू की दोहरी ट्रीट का अनुभव इससे पहले भारतीय बच्चों और उनके परिवारों को कभी नहीं मिला होगा। यह दिवाली के उत्सवों की भी शानदार शुरूआत करने का अवसर है! हमें गर्व है कि एसीके इन शानदार चरित्रों को सिल्वर स्क्रीन पर हीरोज के तौर पर प्रस्तुत कर रहा है। sons-of-ram-pic-1स्ंस आॅफ राम का लेखन और निर्देशन कुशल रूइया ने किया है जो कि एसीके एनिमेशन स्टूडियोज की अवाॅर्ड प्राप्त टीम से आते हैं और प्रसिद्ध गायिका सुनिधि चैहान सीता की आवाज के साथ शुरूआत कर रही हैं। यह बहुप्रतिक्षित फिल्म पूरे परिवार को अपनी शानदार कहानी और बेहतरीन संगीत के साथ भरपूर मनोरंजन देगी। इसके साथ ही इंटरनेशनल स्तर के एनिमेशन भी रोमांचित करते हैं। ये फिल्में तीन भाषाओं हिंदी, तमिल, तेलुगू में एक साथ भारत और विदेशों में 400 स्क्रींस पर रिलीज हो रही हैं। 2 नवंबर से दिवाली स्कूल हाॅलिडे का पहला दिन है और इस अवसर पर कुछ स्क्रीन्स पर फिल्म को नवीनतम स्टीरियोस्कोपिक 3डी में प्रस्तुत किया जा रहा है। एसीके की बेस्टसेलिंग काॅमिक बुक, संस आॅफ राम में लव और कुश की जीवन यात्रा को प्रस्तुत किया गया है जोकि जंगलों से शुरू होकर उनके मूल शहर अयोद्धया तक लेकर आती है। एक पूरी तरह से नए चरित्रों के साथ यह फिल्म एक महान गाथा को रोमांच के साथ इस तरह से प्रस्तुत करती है कि इससे पहले कभी ऐसा नहीं किया गया। यह कहानी दो भाईयों की बहादुरी, हौसले, त्याग और रोमांच को दिखाती है जो कि सीधे तौर पर महान गाथा रामायण से जुडी है। बच्चे और बालिग इस नाॅन स्टाॅप मनोरंजन का आनन्द लेंगे और एक मजबूत कहानी, जिसमें कई सारे बदलाव और मोड आते हैं, सभी को रोमाचिंत करेगी। अमर चित्र कथा की कला के क्षेत्र में महान विरासत को इस फिल्में में प्रदर्शित किया गया है। यह फिल्म विश्वस्तरीय एनिमेशन के साथ मलेशिया स्थित इनसीडिया स्टूडियो की सहभागिता में तैयार की गई है। फिल्म को स्टीरियोस्कोपिक 3डी में माया डिजिटल स्टूडियो द्वारा कनवर्ट किया गया है और विश्व भर में डारफिल्म डिस्ट्रीब्यूशन द्वारा वितरित किया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि समाज को बांटने का माध्यम

Posted on 14 October 2012 by admin

शूद्र जैसी फि़ल्में मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि समाज को बांटने का माध्यम सिद्ध होंगी क्योंकि अब इस आधुनिक सभ्य समाज में वह सबकुछ संभव नहीं जैसा कि उक्त फि़ल्म में दिखाया जा रहा है। दलितों के लिए मंदिर में प्रवेश वर्जित है। ठाकुरों को मारकर शूद्र पेशाब करते हैं। ब्राह्मण शूद्र के बेटे की जुबान कटवा देते हैं क्योंकि वो ¬ नमः शिवाय महामंत्र बोलता है। सेंसर बोर्ड को भी हम कहना चाहते हैं कि उक्त विघटनकारी फि़ल्म का प्रसारण तत्काल रोक लगायें। उक्त बात बजरंग दल के प्रान्त संयोजक राकेश वर्मा ने प्रेसवार्ता में कही। क्योंकि इस पिक्चर का उद्देश्य हिन्दू समाज में जातीय संघर्ष को बढ़ावा देना और सामाजिक विघटन पैदा करके जातीय हिसा को भड़काना है।
वर्तमान  भारत में अपवाद स्वरूप भी उक्त पिक्चर में दिखाई गई घटनाएं नहीं हो रही हैं क्योंकि इस तीव्रता वाले समाज में उक्त घटनाएं संभव हो नहीं दिखती। 1947 में प्राप्त हुई स्वतंत्रता के पश्चात् भी किसी दलित का मंदिर में प्रवेश नहीं हो रहा है। पूजा करने से रोका जा रहा है।
प्रान्त संयोजक वर्मा ने कहा कि जैसा फि़ल्म के ट्रेलर को देखने से पता चलता है जिस प्रकार के अत्याचार, अनाचार, जातीय विद्वेष का चित्रण इसमें है। अब कहीं देखने में नहीं आता। हो सकता है पूर्व के समय में ऐसा कुछ हुआ हो परन्तु अब इस हाइटेक युग में उक्त फि़ल्माई गई बातें संभव नहीं हैं।
अब तो मदिरों में दलित, पिछड़े वर्ग के पुजारी भी होने लगे हैं। सभी को पूजा का समान
अधिकार प्राप्त है। साथ में ही उठ-बैठकर भोजन-पानी होता है। घरों में एक-दूसरे के आना-जाना भी होता है। ऐसे में यह फि़ल्म पूर्ण रूप से हिन्दू समाज को बांटने का षडयंत्र है।
बजरंग दल इसे सहन नहीं करेगा और प्रदेश सरकार से यह मांग भी करता है कि इस फि़ल्म के उत्तर प्रदेश मं रिलीजिंग पर रोक लगाये अन्यथा इसे रोकने हेतु सिनेमा हाॅलों पर धरना-प्रदर्शन के साथ ही पूरे प्रदेश में प्रचंड आंदोलन किया जायेगा और मा. न्यायालय में भी उक्त प्रकरण को पहुंचाया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2024
M T W T F S S
« Sep    
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  
-->









 Type in