’दिसंबर से लेकर फरवरी तक का समय प्यार की भीगी फुहार लाता है, जिसकी मस्ती में
बाॅलीवुड भी डूबा रहता है। इस दौरान कई रोमांटिक फिल्में रिलीज़ होती हैं।
कुछ हिट होती हैं और कुछ को दर्षक नहीं मिलते, लेकिन डायरेक्टर राजेष
कुमार का दावा है कि उनकी फिल्म प्यार में ऐसा होता है दर्षकों की पसंद के
पैमाने पर सौ फीसदी खरी उतरेगी क्योंकि इस फिल्म में सिर्फ प्यार ही नहीं, रहस्य
और रोमांच भी है, जिसमें सेक्स, म्यूजि़क और हाॅरर का काॅकटेल जोड़ा गया
है इसलिए यह फिल्म अब हाईवोल्टेज थ्रिलर का रूप ले चुकी है।’
’ यह कहानी काॅलेज के स्टूडेंट्स के आसपास घूमती है, जो प्यार, खूबसूरती
और चंचलता में फंसकर बिना सोचे-समझे कदम उठा लेते हैं जिसका असर उनकी लाइफ
और परिवार की शांति को भंग करता है। यह फिल्म इसी तरह से एक हादसे को जन्म
देती है जिमसें फंसकर दो परिवार आत्महत्या कर लेते हैं और नतीजा उस वाक्या से
जुड़े स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ता है। इस फिल्म में काॅलेज से जुड़े लड़के
और लड़कियों की रीयल लाइफ, प्यार, हंसी-मज़ाक, ईष्र्या और खेल खेल में
जिंदगियां कैसे तबाह हो जाती हैं, दर्शाया गया है। ’
’ फिल्म में छह गीत हैं जिसका टाइटल गीत कुणाल गांजावाला और सुजाता
मजूमदार की आवाज़ में है। नीरज श्रीधर और सुजाता की आवाज़ में
बत्तियां-शत्तियां एक क्लब साॅन्ग है। सिर्फ इतना ही नहीं, परदे पर गरमाहट फैलाने
के लिए एक गीत आइटम गर्ल रोज़लीन खान पर भी फिल्माया गया है और यही वो
खास गीत होगा जो शीला, शालू, मुन्नी, चमेली आदि आइटम नंबर्स की ऐसी की
तैसी करने वाला है। शीला की मां की आंख, मुन्नी की ऐसी की तैसी नाम का यह
गीत भी सुजाता की ही आवाज़ में है जिन्होंने पहली बार आइटम गीत गाया है।
फिल्म के एक प्रणय गीत तुम प्यार की बरसात याद रखना में प्यार, श्रृंगार और
फुहार की रसलीलाएं हैं, जो भरी बरसात में प्यार का मीठा अहसास जगाती हैं। ओ
जाने वफा गीत जावेद अली और सुजाता की सोजभरी आवाज़ में है।’
’ महक म्यूजि़क मीडिया के बैनर तले बनी इस फिल्म के निर्माता राजेश कुमार व
अफसर खान हैं। कोरियोग्राफर सूरज भारती हैं। फिल्म के कलाकार हैं मोहम्मद
नाजि़म, अनामिका बाबा, रोहित राजावत, हिमानी शिवपुरी, रज्जाक खान, हरीश
चोपड़ा, शीला शर्मा, डाॅक्टर जयपाल बजाड़, सुजाता मजूमदार और वीरेंद्र मिश्र
हैं। ’
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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