- विपक्षी पार्टियों की सरकारों ने गंगा नदी की सफाई के लिए ईमानदारी से कार्य नहीं किया
- बी0एस0पी0 सरकार ने गंगा सहित प्रदेश की अन्य नदियों को प्रदूषणमुक्त रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये
बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने भारतीय जनता पार्टी की गंगा यात्रा को कोरी नाटकबाजी तथा राजनीतिक ड्रामा बताते हुए कहा कि विधान सभा चुनाव का समय नजदीक आते ही गंगा नदी के प्रति बी0जे0पी0 का लगाव अचानक जाग गया है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि लम्बे समय तक केन्द्र व प्रदेश की सत्ता में रहने के दौरान बी0जे0पी0 ने यह अभियान क्यों नहीं चलाया। यदि बी0जे0पी0 ने अपने शासनकाल के समय गंगा नदी की सफाई पर ध्यान दिया होता तो आज इसका जल इतना गंदा कतई नहीं होता।
प्रवक्ता ने बी0जे0पी0 शासित उत्तराखण्ड राज्य में गंगा नदी की बदहाल स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि पर्यावरण प्रेमी गंगा नदी की स्थिति में सुधार लाने के लिए वहां की सरकार से लगातार मांग करते आ रहे हैं। उत्तराखण्ड में गंगा नदी के किनारे कराये जा रहे अवैध खनन को रोकने की मांग को लेकर लगभग 04 माह से उपवास कर रहे एक सन्त का इस महीने 13 तारीख को देहरादून में निधन हो गया। उन्होंने कहा कि बी0जे0पी0 के नेताओं को अपनी पार्टी द्वारा शासित इस राज्य में गंगा नदी की दशा में सुधार लाने के प्रयास करने चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि इसके विपरीत उत्तर प्रदेश में बी0एस0पी0 की सरकार ने गंगा सहित प्रदेश की अन्य नदियों को प्रदूषणमुक्त रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। गंगा नदी एवं उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने तथा पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए माननीया मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में उ0प्र0 राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया गया। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार गंगा सहित प्रदेश की प्रत्येक नदी की पवित्रता को बनाये रखने के लिए कटिबद्ध है और इस दिशा में निरन्तर कार्य भी कर रही है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि जनता को आज भी अच्छी तरह याद है कि अतीत में गंगा एक्शन प्लान का संचालन बड़े जोर-शोर से किया गया था, लेकिन विपक्षी पार्टियों के शासन में उसका क्या हश्र हुआ, यह किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने कहा कि गंगा नदी की वर्तमान दशा के लिए कांग्रेस व बी0जे0पी0 सहित अन्य सभी विपक्षी पार्टियां बराबर की जिम्मेदार हैं, क्योंकि केन्द्र व प्रदेश में इनकी सरकारों ने इस नदी की सफाई के लिए ईमानदारी से कार्य नहीं किया।
प्रवक्ता ने कहा कि गंगा नदी प्रदेश के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा अपने सीमित संसाधनों के बावजूद गंगा नदी के किनारे बसे शहरों में बड़े पैमाने पर सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट (एस0टी0पी0) की स्थापना की जा रही है, जिससे कि इन नगरों से निकलने वाला जल-मल शोधन के बाद ही नदी में पहुंच सके। इसके तहत गंगा नदी के किनारे बसे शहर इलाहाबाद में 803.32 करोड़ रूपये से पांच एस0टी0पी0, वाराणसी में स्थापित 806.02 करोड़ रूपये की लागत से दो एस0टी0पी0, कानपुर में लगभग 500 करोड़ रूपये की धनराशि से चार एस0टी0पी0, बलिया में लगभग 95 करोड़ रूपये की लागत से दो एस0टी0पी0, बिजनौर में लगभग 116 करोड़ रूपये की धनराशि से एक एस0टी0पी0 तथा गढ़ मुक्तेश्वर में 46.51 करोड़ रूपये की लागत से दो सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है।
फैक्ट्रियांे व टैनरी आदि का उत्प्रवाह बिना ट्रीटमेन्ट के गंगा नदी में प्रवाहित न होने पाए, इसके लिए भी राज्य सरकार ने प्रभावी कदम उठाये हैं। कानपुर के 413 उद्योगों तथा अन्य नगरों के 137 उद्योगों में उत्प्रवाह शुद्धिकरण संयंत्र स्थापित किए गए हैं। कानपुर के जाजमऊ स्थित 83 टैनरी इकाइयों तथा 04 अन्य उद्योगों के विरूद्ध राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बंदी की वैधानिक कार्यवाही की गयी। संचालित टैनरी उद्योगों में पी0ई0टी0पी0 स्थापित है एवं 36 एम0एल0डी0 सी0ई0टी0पी0 के माध्यम से उत्प्रवाह का निस्तारण इरीगेशन चैनल में किया जाता है। इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गंगा नदी के 20 स्थलों पर प्रत्येक माह नियमित रूप से जल की गुणवत्ता का अनुश्रवण भी किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने गंगा नदी की धारा से दो किलोमीटर की दूरी तक पाॅलीथीन का प्रयोग भी प्रतिबन्धित कर दिया है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश की नदियों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रति बेहद गम्भीर है। इसीलिए वह गंगा नदी को स्वच्छ एवं निर्मल बनाने के कार्य में केन्द्र सरकार से वांछित सहयोग देने का आग्रह करती रही है, लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार के इस अनुरोध पर उचित ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र सरकार गंगा नदी की सफाई में खुले मन से सहयोग प्रदान करे तो इस मामले में अभूतपूर्व सफलता हासिल की जा सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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