जिलाधिकारी नवदीप रिणवा तथा पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार ने अधीनस्थ कर्मचारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में प्रत्येक दशा में महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों एवं उत्पीडऩ से सम्बन्धित प्रकरणों एवं अपराधों पर अंकुश लगना चाहिये। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि 1 जुलाई से 31 जुलाई तक अभियान चलाकर अवांछितों की सूची तैयार कर उन्हें सुधरने का अवसर दिया जाये अन्यथा की स्थिति में उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाये।
जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने आज विकास भवन स्थित सभागार में अपराध बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उन्होंने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपराधों में हर हाल में अंकुश लगना चाहिये और यदि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अपने दायित्व निर्वहन में ईमानदारी नहीं बरतेगा या अपराध बढ़ाने में अपनी भूमिका रखेगा तो ऐसे कर्मियों के विरूद्ध सीधे निलम्बन व बर्खास्तगी की कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
उन्होंने जनपद के विभिन्न थानों से आये सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया कि 1 जुलाई से पूरे महीने एक विशेष ग्राम स्तरीय अभियान चलाकर ऐसे प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर सूचीबद्ध करें जो महिलाओं के प्रति अभद्र व्यवहार, उत्पीडऩ, बलात्कार, दहेज प्रथा, छेडख़ानी, गलत नजर रखना, बदसुलूकी, गलत आचरण आदि में संलिप्त है। ऐसे व्यक्तियों को थाने बुलाकर उन्हें सन्मार्ग पर चलने हेतु प्रेरित करे। यदि फिर भी वह अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाता तो उसके खिलाफ कार्यवाही अमल में लायी जानी चाहिए। उन्होंने थाना स्तरीय पांच सदस्यीय समाज सुधार समिति के गठन के निर्देश दिये जिसमें अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, अति पिछड़ा वर्ग के एक-एक सदस्य तथा दो सदस्य सामान्य जाति वर्ग के हो, जिनका चरित्र स्वच्छ एवं उज्जवल होना चाहिए। राजस्व अधिकारी एवं कर्मचारी अभियान में अपनी अहम भूमिका निभायेंगे।
एसपी ने कहा कि छोटे-बड़े प्रकरणों, महिलाओं के उत्पीडऩ आदि सभी प्रकरण के संज्ञान में आने पर प्राथमिकी दर्ज की जाये। महिलाओं से सम्बन्धित घटनाएं जिस क्षेत्र में अधिक बढ़ती है उसके थानाध्यक्ष व क्षेत्राधिकारी जिम्मेवार होगे।
बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन ओपी राय, एसपी सिटी दयाराम सरोज, समस्त उपजिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी पुलिस आदि उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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