Posted on 27 August 2019 by admin
अधिकारी टीम भावना से ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं को लागू करें
लखनऊ, दिनांक: 26 अगस्त 2019
उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री श्री मोती सिंह ने कहा है कि ग्राम्य विकास विभाग से संबंधित सभी योजनाओं का कार्य कागज पर नहीं, बल्कि जमीन पर दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सड़कों के निर्माण और मरम्मत में गुणवत्ता हर स्तर पर सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने भ्रष्टाचार के मामले जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाई है और उस नीति को विभागीय कार्यों में कड़ाई से लागू की जायेगी। अधिकारियों को उनकी कार्य प्रणाली में सुधार का मौका दिया जायेगा और सुधार न आने पर कठोर कार्रवाई की जायेगी।
ग्राम्य विकास मंत्री आज गन्ना संस्थान के परिसर में स्थित यूपीआरआरडीए के सभागार में ग्राम्य विकास विभाग का कार्यभार संभालने के बाद पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यूपीआरआरडीए के तहत निर्मित सड़कों का भौतिक सत्यापन समय-समय पर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुरक्षणाधीन सड़कों के रखरखाव में गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से जानकारी प्राप्त किया कि पिछले वर्षों में कितनी सड़कों का निरीक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि निर्माण के बाद एक साल के अन्दर सड़कों के खराब होने पर जवाबदेही तय की जायेगी। उन्हांेने महिलाओं को राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया तथा अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार पर जोर दिया।
उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत पात्रता, निर्मित भवनों तथा गुणवत्ता का सत्यापन करने वाले अधिकारियों से अनिवार्य रूप से प्रमाण पत्र लेने के निर्देश दिये। इसके साथ ही आजीविका मिशन, मनरेगा तथा रूर्बन योजना के तथा कलस्टरों के निर्माण के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि विकासखण्ड स्तर पर संसाधनों की कमी के चलते कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी टीम भावना से कार्य सुनिश्चित करें। इसके साथ ही प्राप्त सरकार से 12 प्रशस्ति पत्र की जगह 22 प्रशस्ति पत्र प्राप्त करने का प्रयास करें।
श्री मोती सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री के कुशल निर्देशन मंे देश व प्रदेश तेजी से प्रगति कर रहा है। ग्राम्य विकास विभाग गांवों के विकास से जुड़ा हुआ है। गांवों के विकास में इसकी महती भूमिका है। इसलिए सभी अधिकारी पूरी टीम भावना से ग्राम्य विकास की योजनाओं को जमीन पर उतारने का हर संभव प्रयास करें। इस अवसर पर मौजूद मा0 ग्राम्य विकास राज्यमंत्री श्री आनन्द स्वरूप शुक्ला ने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सभी सड़कों की फोटोग्राफी की जानी चाहिए, जिससे उनके रखरखाव की सही जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा नियमित सत्यापन के सुझाव दिये।
इस अवसर पर महानिदेशक उ0प्र0 ग्राम्य विकास प्रशिक्षण संस्थान श्री एल0वेंकटेश्व लू, ग्राम्य विकास आयुक्त श्री के रविन्द्र नायक, विशेष सचिव श्री सुरेश कुमार व अच्छेलाल सिंह यादव, ओ0एस0डी0 ग्राम्य विकास डा0 हरिश्चन्द्र, अनुसचिव डा0 अम्बरीष कुमार सिंह उपायुक्त ग्राम्य विकास श्री ए0के0 सिंह, संयुक्त निदेशक राजकीय आजीविका मिशन श्री वी0के0 भागवत, मुख्य अभियन्ता यूपीआरआरडीए समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
Posted on 27 August 2019 by admin
लखनऊः 26.08.2019
प्रदेश के आबकारी मंत्री श्री राम नरेश अग्निहोत्री ने आज विधानभवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों साथ परिचयात्मक बैठक की।
श्री अग्निहोत्री ने कहा कि सभी अधिकारी शासन की मंशा के अनुरूप अपने दायित्वों का निर्वहन करें। आबकारी विभाग राज्य सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है। अधिकारीगण इस बात पर कड़ी नजर रखें कि किसी भी क्षेत्र में अवैध मदिरा का निर्माण न हो। यदि कहीं अवैध मदिरा की शिकायतें प्राप्त होती हैं, तत्काल विभागीय निरीक्षक और अधिकारी प्रभावी कदम उठाना सुनिश्चित करें।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आबकारी श्री संजय आर0 भूसरेड्डी, आयुक्त आबकारी श्री पी0 गुरू प्रसाद सहित बड़ी संख्या में विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
Posted on 27 August 2019 by admin
लखनऊ: दिनांक: 26 अगस्त, 2019 उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष, श्री हृदय नारायण दीक्षित ने प्रधानमंत्री जी द्वारा प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करने के सुझाव के क्रम में यह निर्देश दिये है कि संसद भवन की भांति उत्तर प्रदेश विधान सभा के विधान भवन परिसर को भी प्लास्टिक मुक्त बनाया जाय।
श्री दीक्षित के निर्देशों के अनुरूप उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव, श्री प्रदीप कुमार दुबे ने कार्यालय ज्ञाप जारी करते हुए निर्देश जारी किया है कि उत्तर प्रदेश विधान सभा सचिवालय द्वारा विधान भवन परिसर को प्लास्टिक की बोतलों और एक बार इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि विधान सभा में कार्यरत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को यह निर्देश जारी कर दिया गया है कि प्लास्टिक के समान के बजाय पर्यावरण के अनुकूल थैलों या समान का उपयोग किया जाय।
प्रमुख सचिव ने कहा कि श्री अध्यक्ष के निर्देशानुसार उक्त व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गयी है।
Posted on 20 August 2019 by admin
लखनऊः 20.08.2019
निदेशक पंचायती राज डा0 ब्रहम देव राम तिवारी ने बताया कि जल संरक्षण एवं उसके समुचित उपयोग हेतु जन समुदाय को जागरूक करने के लिए भारत सरकार द्वारा 24 अगस्त, 2019 को पूरे देश में ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष सभाएं आयोजित कराये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया है कि भारत सरकार के निर्णय के अनुसार ”जल शक्ति अभियान” को उ0प्र0 के सभी ग्राम पंचायत स्तर पर सफल क्रियान्वयन हेतु प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों एवं जिला पंचायत राज अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये है।
डा0 तिवारी ने बताया कि ”जल शक्ति अभियान” के अन्तर्गत जल की कमी एवं उसके बचाव के लिए जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन, पारम्परिक और अन्य जल स्रोतों/टैंको का नवीनीकरण, बोरवेल संरचनाओं का पुनर्भरण एवं पुनः उपयोग, वाटर शेड का विकास तथा गहन वृक्षारोपण किये जाने की आवश्यकता है। ”जल शक्ति अभियान” के प्रथम चरण में 01 जुलाई से प्रारम्भ करते हुए 15 सितम्बर, 2019 तक संचालित किये जाने के निर्देश भारत सरकार द्वारा दिये गये है। डा0 तिवारी ने बताया कि अभियान की सफलता के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। सभी प्रधान एवं निर्वाचित सदस्यों द्वारा अपने संबधित निर्वाचन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जनमानस को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने संबंधी गतिविधियों का स्वयं नेतृत्व किया जाये और जन जागरूकता फैलाने में अग्रणी भूमिका निभायी जाये। समुदाय को प्रेरित करने हेतु 24 अगस्त, 2019 को सम्पूर्ण राष्ट्र में ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष ग्राम सभा की बैंठके आयोजित की जायेगी। जिसमें जल संस्थान एवं वर्षा जल संचयन, पारम्परिक और अन्य जल निकायों/टैंको का नवीनीकरण, बोरवेल संरचनाओं का पुनर्भरण एवं पुनः उपयोग काटर शेड का विकास तथा गहन वृक्षारोपण बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की जायेगी। ग्राम सभा की बैठक में ग्राम प्रधान एवं सभी पंचायत समिति सदस्यों द्वारा भाग लिया जायेगा एवं जन-समुदाय को जल संरक्षण की उपयोगिता के विषय में जानकारी दी जायेगी एवं प्रोत्साहित किया जायेगा।
डा0 तिवारी ने बताया कि ग्राम प्रधान, निर्वाचित सदस्यों एवं ग्राम सभा सदस्यों के बैठकों में भाग लेने संबधी जानकारी प्राप्त करने तथा बैठकों की जियोटैग फोटो अपलोड करने हेतु पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक मोबाइल ऐप ष्श्रै।.ळतंउ ैंइीं डवइपसम ।चचष् का बनाया गया है जो गूगल-प्ले-स्टोर पर दोनों ही भाषाआंे अंग्रेजी एवं हिन्दी में उपलब्ध है। यह एप्लीकेशन डैशबोर्ड के माध्यम से राज्यों में आयोजित ग्राम सभा की बैठकों की स्थिति एवं उनका अनुश्रवण करने में सहायता करेगा। 24 अगस्त, 2019 को आयोजित ग्राम सभा की बैठक के उपरान्त बैठक का विवरण ऐप पर 25 से 26 अगस्त के मध्य अपलोड किया जायेगा।
निदेशक पंचायती राज ने जल संचयन तथा वर्षा जल संरक्षण से सम्बन्धित सभी गतिविधियों को प्राथमिकता दिये जाने की अपील की है।
Posted on 20 August 2019 by admin
लखनऊ,मंत्रिपरिषद ने ‘बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना’ के इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेन्ट एण्ड कन्सट्रक्शन (ई0पी0सी0) पद्धति पर छः पैकेजों में क्रियान्वयन हेतु निर्माणकर्ताओं के चयन हेतु तैयार किये गये संशोधित व अंतिमीकृत ‘आर0एफ0क्यू0-कम-आर0एफ0पी0’ बिड अभिलेखों पर अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना की आकलित सिविल कार्य निर्माण की कुल लागत लगभग 14849.49 करोड़ रुपये है। इस धनराशि के लिए विभिन्न बैंकों से लगभग 7000 करोड़ रुपये के ऋण लिया जाना प्रस्तावित है। परियोजना के लिए वांछित भूमि के लिए कुल 2202.38 करोड़ रुपये की धनराशि का आकलन किया गया है, जिसके सापेक्ष शासन द्वारा 1590 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गयी है। भूमि क्रय के लिए अब लगभग 612 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जिसे बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।
परियोजना क्रियान्वयन के लिए परियोजना के छः पैकेजों हेतु पृथक-पृथक आर0एफ0क्यू0 कम आर0एफ0पी0 जारी कर प्राप्त बिडों के आधार पर कान्ट्रेक्टर्स का चयन किया जाएगा। सम्पूर्ण बिड प्रक्रिया में न्यूनतम 45 दिनों का समय लगता है।
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से बुन्देलखण्ड के जनपदों के लिए प्रदेश की राजधानी से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे एवं यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से देश की राजधानी तक त्वरित गति की सुगम यातायात सुविधा उपलब्ध होगी। एक्सप्रेस-वे के निर्माणोंपरान्त सम्पूर्ण प्रदेश में सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। 04 लेन प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे होने के कारण इस एक्सप्रेस-वे से ईधन की महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी सम्भव हो सकेगा।
परियोजना से आच्छादित क्षेत्रों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे विभिन्न उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेस-वे के निकट इण्डस्ट्रियल टेªनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर उपलब्ध होंगे।
एक्सप्रेस-वे के निर्माण में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पर्यटन विकास को बल मिलेगा एवं विकास से वंचित इस क्षेत्र का सर्वांगीण एवं बहुमुखी विकास सम्भव हो सकेगा। परियोजना के क्रियान्वयन तथा उसके समीप शिक्षण संस्थाओं, कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50000 व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन की संभावना है।