Archive | August 20th, 2019

जल संरक्षण को जागरूक करने के लिए 24 अगस्त, को पूरे देश में विशेष ग्राम सभा की बैठके - डा0 ब्रहम देव राम तिवारी

Posted on 20 August 2019 by admin

लखनऊः 20.08.2019

निदेशक पंचायती राज डा0 ब्रहम देव राम तिवारी ने बताया कि जल संरक्षण एवं उसके समुचित उपयोग हेतु जन समुदाय को जागरूक करने के लिए भारत सरकार द्वारा 24 अगस्त, 2019 को पूरे देश में ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष सभाएं आयोजित कराये जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया है कि भारत सरकार के निर्णय के अनुसार ”जल शक्ति अभियान” को उ0प्र0 के सभी ग्राम पंचायत स्तर पर सफल क्रियान्वयन हेतु प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों एवं जिला पंचायत राज अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये गये है।
डा0 तिवारी ने बताया कि ”जल शक्ति अभियान” के अन्तर्गत जल की कमी एवं उसके बचाव के लिए जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन, पारम्परिक और अन्य जल स्रोतों/टैंको का नवीनीकरण, बोरवेल संरचनाओं का पुनर्भरण एवं पुनः उपयोग, वाटर शेड का विकास तथा गहन वृक्षारोपण किये जाने की आवश्यकता है। ”जल शक्ति अभियान” के प्रथम चरण में 01 जुलाई से प्रारम्भ करते हुए 15 सितम्बर, 2019 तक संचालित किये जाने के निर्देश भारत सरकार द्वारा दिये गये है। डा0 तिवारी ने बताया कि अभियान की सफलता के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। सभी प्रधान एवं निर्वाचित सदस्यों द्वारा अपने संबधित निर्वाचन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जनमानस को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने संबंधी गतिविधियों का स्वयं नेतृत्व किया जाये और जन जागरूकता फैलाने में अग्रणी भूमिका निभायी जाये। समुदाय को प्रेरित करने हेतु 24 अगस्त, 2019 को सम्पूर्ण राष्ट्र में ग्राम पंचायत स्तर पर विशेष ग्राम सभा की बैंठके आयोजित की जायेगी। जिसमें जल संस्थान एवं वर्षा जल संचयन, पारम्परिक और अन्य जल निकायों/टैंको का नवीनीकरण, बोरवेल संरचनाओं का पुनर्भरण एवं पुनः उपयोग काटर शेड का विकास तथा गहन वृक्षारोपण बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की जायेगी। ग्राम सभा की बैठक में ग्राम प्रधान एवं सभी पंचायत समिति सदस्यों द्वारा भाग लिया जायेगा एवं जन-समुदाय को जल संरक्षण की उपयोगिता के विषय में जानकारी दी जायेगी एवं प्रोत्साहित किया जायेगा।
डा0 तिवारी ने बताया कि ग्राम प्रधान, निर्वाचित सदस्यों एवं ग्राम सभा सदस्यों के बैठकों में भाग लेने संबधी जानकारी प्राप्त करने तथा बैठकों की जियोटैग फोटो अपलोड करने हेतु पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक मोबाइल ऐप ष्श्रै।.ळतंउ ैंइीं डवइपसम ।चचष् का बनाया गया है जो गूगल-प्ले-स्टोर पर दोनों ही भाषाआंे अंग्रेजी एवं हिन्दी में उपलब्ध है। यह एप्लीकेशन डैशबोर्ड के माध्यम से राज्यों में आयोजित ग्राम सभा की बैठकों की स्थिति एवं उनका अनुश्रवण करने में सहायता करेगा। 24 अगस्त, 2019 को आयोजित ग्राम सभा की बैठक के उपरान्त बैठक का विवरण ऐप पर 25 से 26 अगस्त के मध्य अपलोड किया जायेगा।
निदेशक पंचायती राज ने जल संचयन तथा वर्षा जल संरक्षण से सम्बन्धित सभी गतिविधियों को प्राथमिकता दिये जाने की अपील की है।

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‘बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना’ के ई0पी0सी0 पद्धति पर छः पैकेजों में क्रियान्वयन हेतु निर्माणकर्ताओं के चयन हेतु तैयार किये गये संशोधित व अंतिमीकृत ‘आर0एफ0क्यू0-कम-आर0एफ0पी0’ बिड अभिलेख अनुमोदित

Posted on 20 August 2019 by admin

लखनऊ,मंत्रिपरिषद ने ‘बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना’ के इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेन्ट एण्ड कन्सट्रक्शन (ई0पी0सी0) पद्धति पर छः पैकेजों में क्रियान्वयन हेतु निर्माणकर्ताओं के चयन हेतु तैयार किये गये संशोधित व अंतिमीकृत ‘आर0एफ0क्यू0-कम-आर0एफ0पी0’ बिड अभिलेखों पर अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना की आकलित सिविल कार्य निर्माण की कुल लागत लगभग 14849.49 करोड़ रुपये है। इस धनराशि के लिए विभिन्न बैंकों से लगभग 7000 करोड़ रुपये के ऋण लिया जाना प्रस्तावित है। परियोजना के लिए वांछित भूमि के लिए कुल 2202.38 करोड़ रुपये की धनराशि का आकलन किया गया है, जिसके सापेक्ष शासन द्वारा 1590 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गयी है। भूमि क्रय के लिए अब लगभग 612 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जिसे बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।
परियोजना क्रियान्वयन के लिए परियोजना के छः पैकेजों हेतु पृथक-पृथक आर0एफ0क्यू0 कम आर0एफ0पी0 जारी कर प्राप्त बिडों के आधार पर कान्ट्रेक्टर्स का चयन किया जाएगा। सम्पूर्ण बिड प्रक्रिया में न्यूनतम 45 दिनों का समय लगता है।
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से बुन्देलखण्ड के जनपदों के लिए प्रदेश की राजधानी से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे एवं यमुना एक्सप्रेस-वे के माध्यम से देश की राजधानी तक त्वरित गति की सुगम यातायात सुविधा उपलब्ध होगी। एक्सप्रेस-वे के निर्माणोंपरान्त सम्पूर्ण प्रदेश में सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। 04 लेन प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे होने के कारण इस एक्सप्रेस-वे से ईधन की महत्वपूर्ण बचत एवं प्रदूषण नियंत्रण भी सम्भव हो सकेगा।
परियोजना से आच्छादित क्षेत्रों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन तथा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे विभिन्न उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में सहायक होगा। एक्सप्रेस-वे के निकट इण्डस्ट्रियल टेªनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर उपलब्ध होंगे।
एक्सप्रेस-वे के निर्माण में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पर्यटन विकास को बल मिलेगा एवं विकास से वंचित इस क्षेत्र का सर्वांगीण एवं बहुमुखी विकास सम्भव हो सकेगा। परियोजना के क्रियान्वयन तथा उसके समीप शिक्षण संस्थाओं, कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50000 व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन की संभावना है।

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