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बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने मेडिकल कॉलेज से गायब कैंसर कोबाल्ट मशीन की जांच कराये जाने हेतु दिया ज्ञापन.

Posted on 24 December 2020 by admin

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महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की करोड़ों की कोबाल्ट मशीन के गायब होने की खबर प्रकाशन के बाद मेडिकल  कॉलेज में हड़कंप मच गया था और अब बुंदेलखंड में मामला गर्मआता जा रहा है बुंदेलखंड के सक्रिय संगठन बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन

बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय, महासचिव अशोक सक्सेना, प्रवक्ता रघुराज शर्मा एवं समाज सेवी राजेन्द्र शर्मा ने कैंसर विभाग मेडिकल कॉलेज जाकर विभाग से हटा दी गई कोबाल्ट मशीन के बारे में जानकारी लेकर जिला अधिकारी को पत्र सौप कर मांग की जिस ने बताया कि  बुन्देलखण्ड में 2005 से  कैंसर के मरीजों का इलाज कोबाल्ट मशीन के द्वारा किया जाता था।

अक्टूवर 2020 में कैंसर विभाग में सिकाई के लिये लगी हुई कोवाल्ट मशीन से बडी संख्या में लोग लाभान्वित हो रहे थे। वर्ष 2016 तक कोबाल्ट मशीन को चलाये जानें के लिये पत्र कैंसर विभाग मेडिकल काॅलेज झाॅसी से पत्र लिखा गया ।

कभी फिजिसियस्ट, टैक्निशियन एवं कर्मचारियों की कमी दिखाकर मशीन को सुचारू रूप से नही चलाया जा रहा था।

प्राप्त जानकारी के अुनसार कोबाल्ट मशीन में मात्र एक पुर्जा जिसको सोर्स कहा जाता हैं वह समयावधि पूर्ण कर चुका था, जिसके अभाव में सिकाई का कार्य नही किया जा रहा था। सोर्स की जगह पूरी मशीन को उठवा दिये जाने की उच्च स्तरीय जाॅच यथाशीघ्र कराई जायें।

बनाई जाने वाली  जाॅच कमेटी में मेडिकल काॅलेज के कैंसर विभाग के कम से कम दो डाॅक्टर, टैक्नीषियन, फिजिशियस्ट एवं एक मजिस्ट्रेट को रखा जायें एंव जाॅच समयबद्व कराई जायें।

बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के प्रतिनिधि मण्डल जिसमें मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय, महासचिव  एडवोकेट अशोक सक्सेना, प्रवक्ता रघुराज शर्मा, एवं समाजसेवी राजेन्द्र शर्मा एड0 ने स्वयं जाकर कैंसर विभाग में  उक्त स्थान को देखा जहाॅ से मशीन  हटाई गई है।  वहां उपस्तिथ लोगो से मशीन के बारे में जानकारी ली तो ज्ञात हुआ कि  उक्त मशीन सीटीस्केन मशीन से भी बडे आकार की थी, जिसे क्रेन की मदद से उठाया जा सकता था  एवं बडे कन्टेनर में रखकर उसको भेजा जा सकता था। साथ ही जो सोर्स इसमें लगा होता हैं उसको लैड (सीसा) से कवर कर सुरक्षित भेजे जाने की व्यवस्था होती है। ऐसे में शीर्ष अधिकारियों की जानकारी के बिना उक्त मशीन कैसे हटाई जा सकती हैं। समयबद्व उच्च स्तरीय जाॅच नही कराये जाने पर बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा आमरण अनशन करने को बाध्य होगा।

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झांसी मेडिकल कॉलेज “कोबाल्ट कैंसर मशीन” प्रकरण:- लाखों की तनख्वाह, मशीन गायब, मरीज परेशान, यह क्या हो रहा है सरकार…

Posted on 22 December 2020 by admin

कोबाल्ट मशीन जहां पहले लगी थी खाली हुआ हॉल

कोबाल्ट मशीन जहां पहले लगी थी खाली हुआ हॉल

महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग की करोड़ों की कोबाल्ट मशीन के गायब होने की खबर का मामला शासन के संज्ञान में आने ने मेडिकल  कॉलेज में हड़कंप मच गया ,
मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2005 में कोबाल्ट मशीन को करोडो की लागत से खरीदा गया था ,कोबाल्ट मशीन से प्रतिदिन 40-50 मरीजों की सिंकाई होती हैं। जिससे इलाके के मरीजों को दूसरे शहर नहीं जाना पड़ता था मगर मेडिकल प्रशासन और रेडियोथैरेपी विभाग के एक डॉक्टर की मिलीभगत ने विभाग पूरी कोबाल्ट मशीन को एक कम्पनी की मदद से गायब करवा दिया, इतना ही नहीं उल्टा उस कम्पनी को मशीन को हटाने के लाखो रूपये भी दिए, जबकि नियमानुसार इसके किये शासन से अनुमति जरुरी है और निर्धारित कमेटी दुवारा टेण्डर प्रक्रिया को भी अपनाया जाना चाईये था जिससे विभाग को उससे राजस्व लाभ हो सके मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ , यदि उस मशीन को कबाड़ में भी बेचा जाता तो ही लाखो का राजस्व मिल जाता , मगर विभाग का भला ना चाहने वालो को तो मशीन विभाग से हटाकर कंही प्राइवेट हॉस्पिटल को लाभ पहुंचने की मंशा थी।
अब कैंसर विभाग में लाखों रुपए की महीना तनख्वाह पाने वाले डॉक्टर हाथ पर हाथ धरे बैठे , जिनमें उन्हें  विशेषज्ञता हासिल है।
गौरतलब है कि इस काम में सहायक झाँसी मेडिकल कॉलेज के इसी विभाग के एक डॉक्टर वो भी शामिल है जिन पर मुख्यमंत्री रहत कोष से फर्जी बिलो के भुकतान के आरोप लग चुका है और आयुष्मान योजना में भी गड़बड़ी की अंदरूनी जांच चल रही है,
राजधानी से विशेष सचिव की तरफ से मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को भेजे गए पत्र में बताया गया था कि युनिट के आक्रियाशीलता की जांच के लिए समिति का गठन किया गया है। इसकी समिति कॉलेज में आकर जांच करेगी।
18 दिसम्बर को इस खबर के प्रमुखता से प्रकाशित होने से लखनऊ तक हलचल शुरु हो गई  और शुक्रवार को आने वाली जांच समिति का अज्ञात कारणों से मेडिकल कॉलेज आना का दौरा टल गया।  अब संभावना जताई जा रही है कि कागजी दुरुस्ती करण के लिए भी  कॉलेज को  आखरी मौका दिया गया हो वो वही यह भी उम्मीद है कि अब समिति जिम्मेदारों को लखनऊ बुलाकर जवाब तलब कर सकती है। वहीं, इस मामले में कुछ अधिकारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।

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महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज से कैंसर विभाग की 3 करोड़ की कोबाल्ट मशीन गायब?

Posted on 17 December 2020 by admin

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झाँसी -कोरोना काल में कहीं अधिक कीमतों पर ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर व अन्य चिकित्सकीय उपकरण कई गुना अधिक कीमत पर खरीद का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि एक और खबर झाँसी मेडिकल कॉलेज से सामने आ गई
झांसी का महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज बुंदेलखंड का एक एकमात्र मेडिकल कॉलेज है जहां बुंदेलखंड क्षेत्र के कैंसर पीड़ित लोग इलाज कराने आते हैं। अब कैंसर पीड़ित मरीजों के लिए झांसी मेडिकल कॉलेज से बुरी खबर, झांसी मेडिकल कॉलेज से कैंसर की कोशिकाओं को सिकाई के द्वारा नष्ट करने वाली कोबाल्ट मशीन रातों-रात मेडिकल कॉलेज से गायब हो गई ।
वर्ष 2005 -2006 में मेडिकल कॉलेज में कैंसर विभाग बनाया गया जिसमें कैंसर पीड़ित मरीजों का इलाज किया जाता रहा है विभाग में कैंसर की सिकाई के लिए “कोबाल्ट” मशीन लगभग 3 करोड रुपए की लागत की लगाई गई ताकि पीड़ित रोगियों को सिकाई के लिए प्राइवेट अस्पतालों में ना जाना पड़े और उनका अधिक पैसा खर्च ना हो ऐसी सरकार की मंशा थी मगर विभाग के संबंधित लोगों की मिलीभगत सुनियोजित षड्यंत्र के तहत सिकाई मशीन को एक हफ्ते पहले गायब कर दिया गया.
कोबाल्ट मशीन से कैंसर के रोगियों का इलाज होता है आज इस मशीन की कीमत लगभग 3 से 4 करोड रुपए है इस मशीन के माध्यम से सिकाई करने से कैंसर की कोशिकाएं ही नष्ट होती है
यह मशीन मेडिकल कॉलेज के लिए और यहां आने वाले कैंसर रोगियों के लिए बड़ी उपयोगी साबित हो रही थी मगर वर्ष 2018 में मशीन का सोर्स खत्म हो जाने से यह मशीन दुवारा इलाज नहीं हो पा रहा था,  मगर मशीन में फिर से सोर्स डलवा कर और  मशीन की सर्विस के बाद यही मशीन को महज लगभग 50 से 60 लाख रुपए में चालू किया जा सकता था, मगर योगी सरकार के राजस्व के दुश्मन बड़ी लागत की इस मशीन को अपने व्यक्तिगत हित को देखते हुए कॉलेज के संबंधित लोगों ने एक हफ्ते में ही मशीन को गायब करा दिया जो पूरे मेडिकल कॉलेज में चर्चा का विषय बन गई कॉलेज के मेडिकल प्रशासन और कैंसर विभाग के डॉ अंशुल गोयल ने गुमराहक पत्राचार के जरिए मशीन को अन्य की मदद से विभाग से उठवा दिया जबकि इससे पूर्व मशीन को कंडम साबित करना होता है और इसके लिए शासन की अनुमति भी ली जाती है मगर यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ कंडम की प्रक्रिया को नजरअंदाज कर बिना शासन की अनुमति के बिना ही एक कंपनी के माध्यम से मशीन को गायब करा दिया गया अब 18 दिसंबर को लखनऊ से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम झांसी आकर विभाग की जांच करने वाली है जिसमें यह मुद्दा मेडिकल कॉलेज के लिए गले की हड्डी बन सकता है।
जहां एक ओर सरकार खर्चों में कमी करने की बात कर रही है तो वही झांसी मेडिकल कॉलेज करोड़ों रुपए की लागत की मशीन को ठीक कराने के बजाय गायब करा कर सरकार करोड़ों रुपए की राजस्व हानि पहुंचाने की फिराक में है।

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप की बैठक आयोजित

Posted on 10 November 2020 by admin

माह जनवरी, 2021 तक प्रत्येक दशा में चालू हो जाये पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

माह नवम्बर, 2021 तक बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को पूरा किया जाये

सभी निर्माण कार्यों का माह नवम्बर, 2020 से माह नवम्बर, 2021 तक माहवार लक्ष्य एवं प्रगति की समय-सारणी निर्धारित की जाये

सभी निर्माण कार्यों में नवीनतम तकनीक का प्रयोग किया जाये

राजेन्द्र कुमार तिवारी
मुख्य सचिव

दिनांक: 10 नवम्बर, 2020

लखनऊ: प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप की बैठक में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने यूपीडा द्वारा बनाये जा रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस-वे, गंगा एक्सप्रेस-वे एवं डिफेन्स काॅरिडोर के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की।

अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन सभी परियोजनाओं को नियत समय में पूरा किया जाये, ताकि जनता को उनका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि उक्त सभी परियोजनाओं का माह नवम्बर, 2020 से नवम्बर, 2021 तक का माहवार लक्ष्य व प्रगति की समय-सारणी बना ली जाये, ताकि तद्नुसार प्रगति समीक्षा की जा सके और कार्यों को पूरा करने में किसी भी प्रकार का विलम्ब न हो। उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का मुख्य मार्ग माह जनवरी, 2021 तक हर हाल में चालू करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी निर्माण कार्यों में नवीनतम तकनीक का प्रयोग किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी एक्सप्रेस-वेज की इस प्रकार से फेन्सिंग की जाये कि कोई भी जानवर सड़क पर न आने पाये।

बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि माह नवम्बर, 2021 तक इसको हर हाल में पूरा कर लिया जाये तथा निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिये माहवार टाइमलाइन अभी से निर्धारित कर दिया जाये। गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस-वे को भी माह मार्च, 2022 तक पूरा करने के निर्देश दिये गये। डिफेन्स काॅरीडोर के निर्माण के लिये जिन जिलों से अभी तक लैण्ड के प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुये हैं, उनकी अलग से समीक्षा करने के निर्देश दिये गये। डिफेन्स काॅरीडोर के इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्यों को भी समयबद्ध पूरा करने को कहा गया।

इससे पूर्व यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण तेजी से चल रहा है तथा मेन कैरियेज-वे माह जनवरी, 2021 तक चालू हो जायेगा। फ्लाईओवर्स कुल सं0 22 का निर्माण प्रगति पर है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का नियमित निरीक्षण एवं क्वालिटी कण्ट्रोल चेक किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रगति करीब 24 प्रतिशत है तथा इसमें लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति अधिक है। 13 पुल बनाने हैं, जिनमें
12 का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। निर्माण कार्यों में नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। गोरखपुर-आजमगढ़ लिंक एक्सप्रेस-वे में घाघरा सेतु का निर्माण प्रारंभ हो गया है। 91 किमी लम्बाई की सड़क के मुख्य मार्ग को मार्च, 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। डिफेन्स काॅरीडोर का कार्य भी प्रगति पर है। जनपद लखनऊ को छोड़कर शेष जिलों से लैण्ड के प्रस्ताव प्राप्त हो गये हैं।

Sri Rajendra Kumar Tiwari,. Chief Secretary, Government of Uttar Pradeshबैठक में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार, एमडी यूपीसीडा मयूर माहेश्वरी सहित सम्बन्धित सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण हेतु सभी जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्साधिकारी प्रतिदिन प्रातः 9.00 बजे किसी कोविड अस्पताल में तथा सायं 8.00 बजे इण्टीग्रेेटेड कण्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेण्टर में नियमित रूप से बैठक करें

Posted on 10 November 2020 by admin

सर्विलांस, होम आइसोलेशन की कोविड मरीजों से फीडबैक एवं अनुश्रवण तथा समय से चिकित्सालयों में उपचार किये जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करायी जाये

प्रदूषण नियंत्रण के लिये निरन्तर समीक्षा की जाये व अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये

पराली एवं कूड़ा जलाये जाने के मामले में नगरीय एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता का अभियान चलाया जाये

पराली को अधिकाधिक गोवंश संरक्षण केन्द्रों में उपलब्ध कराया जाये तथा कूड़े का निस्तारण समुचित रूप से किया जाये

राजेन्द्र कुमार तिवारी
मुख्य सचिव

दिनांक: 10 नवम्बर, 2020

लखनऊ: मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा है कि कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण हेतु सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को प्रत्येक दिन प्रातः 9.00 बजे किसी कोविड अस्पताल में तथा सायं 8.00 बजे इण्टीग्रेेटेड कण्ट्रोल एण्ड कमाण्ड सेण्टर में नियमित रूप से बैठक करने के पूर्व में निर्देश दिये गये थे, जिसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। इसके साथ ही सर्विलांस, होम आइसोलेशन की कोविड मरीजों से फीडबैक एवं अनुश्रवण तथा समय से चिकित्सालयों में उपचार किये जाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करायी जाये।

मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों व पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र निर्गत कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि कई जनपदों में जाड़ों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इस पर नियंत्रण के लिये मा0 उच्चतम न्यायालय, मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य प्रदूषण कण्ट्रोल बोर्ड द्वारा समय-समय पर निर्देश दिये गये हैं। इस सम्बन्ध में निरन्तर समीक्षा की जाये व अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये।

निर्गत परिपत्र में उन्होंने कहा है कि पराली एवं कूड़ा जलाये जाने के मामले कई जनपदों से निरन्तर आ रहे हैं। इस सम्बन्ध में नगरीय एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता का अभियान चलाया जाये। पराली को अधिकाधिक गोवंश संरक्षण केन्द्रों में उपलब्ध कराया जाये तथा कूड़े का निस्तारण समुचित रूप से किया जाये। इस सम्बन्ध में उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही भी की जाये।

उन्होंने कहा कि समय-समय पर कतिपय व्यक्तियों द्वारा पानी की टंकी पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया जाता है। यह जन सुरक्षा की दृष्टि से कदापि उचित नहीं है। समस्त पानी की टंकियों की सीढ़ी एवं परिसर को ताला लगाकर बन्द रखा जाये तथा ऐसी व्यवस्था बना दी जाये कि कोई अवांछित व्यक्ति पानी की टंकी पर न चढ़ने पाये। जो टंकियां अनुपयोगी हो चुकी हैं, उनको तोड़ने एवं निस्तारित करने की व्यवस्था भी की जाये।

जारी परिपत्र में मुख्य सचिव ने समस्त जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहा है कि दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये तथा आख्या सम्बन्धित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव अथवा सचिव को प्रेषित की जाये।

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उ0प्र0 मुख्यमंत्री ने डोर-टू-डोर सर्वे कार्य को गुणवत्तापूर्ण ढंग से संचालित करने के निर्देश दिये

Posted on 13 September 2020 by admin

कोविड-19 के नियंत्रण में काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग और मेडिकल टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल, ट्रेसिंग और टेस्टिंग में और तेजी लाएं कोविड अस्पतालों में वेंटीलेटर सहित सभी मेडिकल उपकरण क्रियाशील रहने चाहिए चिकित्सालयों में आॅक्सीजन का 48 घण्टे का बैकअप अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहना चाहिए

लखनऊ के सभी कोविड बेड्स को सक्रिय रखने के निर्देश के0जी0एम0यू0, एस0जी0पी0जी0आई0 तथा आर0एम0एल0आई0एम0एस0 अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए करें लखनऊ के प्राइवेट मेडिकल काॅलेजों में संचालित कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाएं चुस्त-चुस्त एवं मानकों के अनुरूप होनी चाहिए पुलिस पेट्रोलिंग को बढ़ाने के निर्देश ‘ई-संजीवनी’ सेवा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इस आॅनलाइन ओ0पी0डी0 सेवा का लाभ प्राप्त कर सकें प्रदेश में आयोजित की जाने वाली नीट परीक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध किये जाएं, यह सुनिश्चित किया जाए कि अभ्यर्थियों को कोई दिक्कत न हो मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अपने जनपद के गौ-आश्रय स्थलों का नियमित तौर पर निरीक्षण करें मुख्यमंत्री ने जनपद मेरठ तथा बागपत में शराब पीने से हुई जनहानि की घटना में आबकारी विभाग तथा पुलिस को दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये लखनऊ: 12 सितम्बर, 2020 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने डोर-टू-डोर सर्वे कार्य को गुणवत्तापूर्ण ढंग से संचालित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्य में आवश्यकतानुसार अतिरिक्त टीमें लगाई जाएं। कोविड-19 के नियंत्रण में काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग और मेडिकल टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हुए उन्होंने ट्रेसिंग और टेस्टिंग के कार्याें में और तेजी लाने के निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों में वेंटीलेटर सहित सभी मेडिकल उपकरण क्रियाशील रहने चाहिए। चिकित्सालयों में आॅक्सीजन का 48 घण्टे का बैकअप अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत जनपद लखनऊ पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने लखनऊ के सभी कोविड बेड्स को सक्रिय रखने के निर्देश देते हुए कहा कि के0जी0एम0यू0, एस0जी0पी0जी0आई0 तथा आर0एम0एल0आई0एम0एस0 अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए करें। लखनऊ के प्राइवेट मेडिकल काॅलेजों में संचालित कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाएं चुस्त-चुस्त एवं मानकों के अनुरूप होनी चाहिए। उन्होंने पुलिस पेट्रोलिंग को बढ़ाने के निर्देश भी दिये हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की आॅनलाइन ओ0पी0डी0 सेवा ‘ई-संजीवनी’ अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। बड़ी संख्या में मरीजों ने मोबाइल एप के माध्यम से इस सुविधा का लाभ प्राप्त किया है। उन्होंने निर्देश दिए कि ‘ई-संजीवनी’ सेवा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इस आॅनलाइन ओ0पी0डी0 सेवा का लाभ प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि प्रदेश में आयोजित की जाने वाली नीट परीक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि अभ्यर्थियों को कोई दिक्कत न हो। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को अपने-अपने जनपद के गौ-आश्रय स्थलों का नियमित तौर पर निरीक्षण करने के निर्देश भी दिये।

मुख्यमंत्री जी ने जनपद मेरठ तथा बागपत में शराब पीने से हुई जनहानि की घटना में आबकारी विभाग तथा पुलिस को दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर दोषियों के खिलाफ एन0एस0ए0 के तहत भी कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज एवं ग्राम्य विकास श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव आबकारी श्री संजय आर0 भूसरेड्डी, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री भुवनेश कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ के आयोजन हेतु दिशा-निर्देश जारी

Posted on 13 September 2020 by admin

उ0प्र0 *कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत जन-समस्याओं के निराकरण के सम्बन्ध में प्रत्येक माह के प्रथम एवं तीसरे मंगलवार को आयोजित ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ के आयोजन हेतु दिशा-निर्देश जारी* *सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराते हुए ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ का हो आयोजन* *

अनावश्यक भीड़ एकत्रित होने से रोकने हेतु टोकन सिस्टम के आधार पर फरियादियों की समस्याओं का किया जाए निस्तारण* *‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ में अनिवार्य हो मास्क व सैनेटाईजर का उपयोग तथा इस सम्बन्ध में जनता को किया जाए जागरूक* *आयोजन स्थल पर अनिवार्य रूप से किया जाए कोविड-19 हेल्पडेस्क की स्थापना* *प्राप्त शिकायतों के समाधान का नियमित अनुश्रवण करें मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी* *‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ के आयोजन हेतु निर्गत दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए* *राजेन्द्र कुमार तिवारी*, *मुख्य सचिव* दिनांक: 12 सितम्बर, 2020 लखनऊ। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत जन समस्याओं के निराकरण के सम्बन्ध में प्रत्येक माह के प्रथम एवं तीसरे मंगलवार को ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ के आयोजन हेतु अधिकारियों को दिशा-निर्देश निर्गत किए गए हैं।

उक्त जानकारी देते हुए मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ ऐसी खुली जगह पर आयोजित किया जाए, जहां पर फरियादी लोगों को ‘‘सोशल डिस्टेंसिंग’’ का पालन करते हुए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ के आयोजन के दौरान अनावश्यक भीड़ एकत्रित होने से रोकने हेतु टोकन सिस्टम के आधार पर एक समय में अधिकतम संख्या 15 से 20 फरियादियों की समस्याओं का निस्तारण कराया जाए। ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ की कार्यवाही के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। सुनवाई के समय 05 से अधिक फरियादी टेबल के पास एकत्र न हों। उन्होंने बताया कि ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ के आयोजन के पूर्व स्थल का सेनेटाइजेशन कार्य कराया जाए।

‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ में उपस्थित सभी फरियादियों द्वारा मास्क तथा सेनेटाईजर का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए। फरियादियों को शासन द्वारा कोविड-19 महामारी को रोकने हेतु समय-समय पर निर्गत आदेशों से अवगत कराते हुए यह भी अवगत कराया जाए कि मास्क का उपयोग न किये जाने पर दण्ड का प्रावधान है। कोविड-19 से बचाव एवं रोकथाम की जानकारी प्रदान करने हेतु आयोजन स्थल पर कोविड-19 हेल्पडेस्क स्थापित की जाए। प्रत्येक आवेदक की थर्मल स्कैनिंग की जाए। किसी भी अधिकारी व कर्मचारी एवं आवेदक में कोविड-19 के संक्रमण के लक्षण पाये जाने पर सम्बन्धित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी अथवा जिला चिकित्सालय को सूचित कर अग्रेतर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आरोग्य सेतु एप अनिवार्य रूप से डाउनलोड कराया जाए तथा ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ में आने वाले समस्त आवेदकों को उक्त एप डाउनलोड करने हेतु प्रेरित किया जाए।

‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ के आयोजन से सम्बन्धित समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी कोविड-19 के सम्बन्ध में भारत सरकार व उ0प्र0 सरकार द्वारा समय-समय पर जारी मेडिकल प्रोटोकाॅल व दिशा-निर्देशों का अनुपालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करेंगे। आयोजन स्थल पर आने वाले फरियादियों के उपयोगार्थ सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ में प्राप्त शिकायतों के समाधान का अनुश्रवण नियमित रूप से जिलाधिकारी एवं मण्डलायुक्त द्वारा किया जाए तथा शिकायतों के निस्तारण की अद्यावधिक सूचना इलेक्ट्राॅनिकली शासन के सम्बन्धित पोर्टल पर नियमित रूप से अपलोड की जाए।

समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, मण्डलायुक्त, आयुक्त, सचिव राजस्व परिषद, पुलिस महानिदेशक, समस्त विभागाध्यक्षों, एवं प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को भेजे गए दिशा-निर्देशों में उनसे से अपेक्षा की गई है कि प्रत्येक माह के प्रथम एवं तीसरे मंगलवार को आयोजित होने वाले ‘‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’’ का आयोजन कोविड-19 से बचाव हेतु उक्त दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करते हुए सुनिश्चित कराया जाए।

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नाबार्ड के चेयरमैन जी0 आर0 चिंताला ने आज लोकभवन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी से मुलाक़ात की तथा प्रदेश के विकास के लिए नाबार्ड द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी

Posted on 20 August 2020 by admin

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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य गंगा समिति एवं गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक सम्पन्न

Posted on 20 August 2020 by admin

नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित योजनाओं को
समयबद्ध एवं निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाए

योजनाओं के बेहतर पर्यवेक्षण के लिए माहवार भौतिक एवं
वित्तीय प्रगति की समय-सारिणी निर्धारित की जाए

राजेन्द्र कुमार तिवारी,
मुख्य सचिव

19 अगस्त, 2020 : लखनऊ।मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में राज्य गंगा समिति एवं गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक सम्पन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित योजनाओं को समयबद्ध एवं निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाए तथा बेहतर पर्यवेक्षण के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं की माहवार भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समय-सारिणी निर्धारित की जाए।
प्रमुख सचिव नमामि गंगे अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत 10078.25 करोड़ की सीवरेज सम्बन्धित 44 योजनाएं स्वीकृत हैं, इनमें से 16 योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 21 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है एवं 07 योजनाएं निविदा प्रक्रिया में हैं। उन्होंने बताया कि 13 नई योजनाएं लागत रु0 3797.81 करोड़ के डीपीआर एनएमसीजी को स्वीकृति हेतु भेजा गया है।
उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की योजनाओं की समीक्षा में बताया गया कि लखनऊ, बिजनौर, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, कानपुर, रायबरेली, प्रयागराज एवं वाराणसी में प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण हेतु 38.08 करोड़ रु0 स्वीकृत किये गए हैं तथा सभी स्थानों पर समयबद्ध रूप से कार्य किये जा रहे हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि गंगा बेल्ट में 08 प्रयोगशालाएं स्थापित हैं तथा 34 जगहों पर जल गुणता की मॉनिटरिंग हो रही है, और गतवर्ष की तुलना में जल की गुणवत्ता में बहुत सुधार आया है।
गंगा में मिलने वाले नालों के संबंध में बताया गया कि गंगा के किनारे स्थित 144 नाले नदी में मिल रहे हैं, इनमे ंसे 93 नाले एसटीपी से टैप हैं तथा 51 नालों पर जाली लगी हुई है। इसके अलावा गंगा के किनारे शहरों हेतु सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट हेतु वर्तमान में 2650 टन क्षमता के संयंत्र संचालित हैं तथा जनपद बलिया, मीरजापुर, फर्रूखाबाद तथा गंगाघाट में संयंत्रों का निर्माण प्रगति पर है, इनके पूरा हो जाने पर कुल क्षमता 2950 टन प्रतिदिन की हो जाएगी।
बैठक में यह भी बताया गया कि जनपद कानपुर में विकास प्राधिकरण की फण्डिंग से सिंचाई विभाग द्वारा गंगा बैराज के पास बोट क्लब का निर्माण कराया जा रहा है, सिविल कार्य पूरा हो चुका है तथा अन्य शेष कार्य माह दिसम्बर, 2020 तक पूरा हो जाएगा। जनपद प्रयागराज में यमुना नदी के किनारे बोट क्लब अधिष्ठापित है और प्राधिकरण द्वारा संचालित है।
बरेली सीवरेज योजना हेतु भूमि अधिग्रहण के सम्बन्ध में बताया गया कि नगर विकास विभाग द्वारा कुल अपेक्षित धनराशि रु0 243.89 लाख की धनराशि उपलब्ध कराई गयी है तथा अग्रेत्तर कार्यवाही प्रगति पर है।
इससे पूर्व बैठक में उ0प्र0 जल निगम द्वारा सीवरेज सम्बन्धी योजनाओं, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा अन्य कम्पोनेन्ट से सम्बन्धी योजनाओं, वन विभाग द्वारा वनीकरण एवं वन विभाग से सम्बन्धी योजनाओं तथा उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण नियंत्रण से सम्बन्धित योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया।
बैठक में नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति, पर्यावरण एवं वन, नगर विकास, वित्त, सिंचाई एवं जल संसाधन, आवास एवं शहरी नियोजन, औद्योगिक विकास, एमएसएमई, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, कृषि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल निगम सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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राज्यपाल की अध्यक्षता में उ0प्र0 सैनिक पुनर्वास निधि की प्रबंध समिति की 47वीं बैठक सम्पन्न

Posted on 30 July 2020 by admin

पूर्व सैनिकों की विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु दी जाने वाली धनराशि को 50,000 से बढ़ाकर एक लाख रूपये की गई

शैक्षिक सहायता धनराशि में भी वृद्धि

लखनऊ: 28 जुलाई, 2020 उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज राजभवन में उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि की प्रबंध समिति की 47वीं बैठक हुई।

बैठक में प्रदेश के पूर्व सैनिकों के कल्याणार्थ संचालित वार्षिक शैक्षिक सहायता योजना के तहत दी जाने वाली आर्थिक सहायता को कक्षा 9-10 के छात्रों को दी जाने वाली धनराशि 3,000 रूपये से बढ़ाकर 5,000 रूपये, 11-12 के छात्रों के लिए 4,000 रूपये से बढ़ाकर 6,000 रूपये, स्नातक स्तर के छात्रों के लिए 5,000 रूपये से बढ़ाकर 7,000 रूपये, स्नातकोत्तर स्तर के लिए 6,000 रूपये बढ़ाकर 9,000 रूपये करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा इन्टर स्तर तक के तकनीकी कोर्स (आई.टी.आई. आदि) के लिए 7,000 रूपये से बढ़ाकर 10,000 रूपये तथा स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के तकनीकी कोर्स के लिए 15,000 रूपये से बढ़ाकर 25,000 रूपये कर दिया गया है। शहीद सैनिकों के आश्रितों को तकनीकी ट्रेनिंग प्राप्त करने तथा इससे संबंधित उपकरण खरीदने के लिए 50,000 रूपये तक की आर्थिक सहायता दिए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में पूर्व सैनिकों की विधवाओं की पुत्रियों के विवाह अनुदान योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि को 50,000 रूपये से बढ़ाकर एक लाख रूपये करने का भी निर्णय लिया गया।

वीडियो कांफ्रेन्सिंग के दौरान राज्यपाल ने सचिव राजस्व को अगस्त तक अटारी कृषि प्रक्षेत्र की 1342 एकड़ भूमि के चिन्हीकरण एवं सीमांकन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अपर मुख्य सचिव कृषि, श्री देवेश चतुर्वेदी को निर्देश दिए कि वे इस कृषि फार्म का संबंधित अधिकारियों के साथ निरीक्षण करें तथा इसकी रिपोर्ट राजभवन को दें कि इस कृषि प्रक्षेत्र का बेहतर उपयोग कैसे किया जाय और इसकी आय में किस प्रकार वृद्धि की जाय, क्योंकि वर्तमान में इस प्रक्षेत्र से कुल 9.69 लाख रूपये की शुद्ध आय हुई है जो कृषि क्षेत्र के हिसाब से उचित नहीं है।

उन्होंने कृषि प्रक्षेत्र पर लगे 8 नलकूपों को सौर ऊर्जा से चलाने के लिए संबंधित विभाग से प्रस्ताव तैयार कराकर उसे यथाशीघ्र चालू करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने सैनिक पुनर्वास निधि के सचिव बिग्रेडियर रवि को निर्देश दिए कि जो भी बजट शहीद सैनिकों के आश्रितों के सहायतार्थ स्वीकृत किए गये हैं, पूरी धनराशि का अधिकतम उपयोग करें। इससे पहले निदेशक उत्तर प्रदेश सैनिक कल्याण एवं निधि के सचिव बिग्रेडियर रवि ने प्रबन्ध समिति की 46वीं बैठक की कार्यवृत्त की पुष्टि हेतु राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत की और आय-व्यय का लेखा-जोखा भी रखा। बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल, श्री महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव वित्त, श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव कृषि, श्री देवेश चतुर्वेदी, सचिव राजस्व, श्री संजय कुमार के अलावा प्रबन्ध समिति के अन्य सदस्य भी आॅनलाइन जुड़े हुए थे।

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