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वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं से बात की

Posted on 17 April 2020 by admin

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं से बात की
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ कोरोना संकट के मद्देनजर चर्चा की और युवा मोर्चा के प्रयासों को सराहा। वीडियो कांफ्रेंस में पार्टी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री बी. एल. संतोष भी उपस्थित थे।
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आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के त्याग और परिश्रम की सराहना करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में हम सबको हर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचना है एवं उनकी हर संभव मदद करनी है।
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श्री नड्डा ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के पंच-आग्रह की दिशा में पार्टी की ओर से चलाये जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियानों की समीक्षा की और इसमें समर्पण भाव से और तेजी लाने की अपील की।
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राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता प्रतिदिन 5 करोड़ जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही राशन किट का वितरण कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि देश में एक भी व्यक्ति भूखा न सोए। मानव सेवा ही हमारा धर्म है।
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श्री नड्डा ने युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं से #FeedTheNeed के साथ-साथ #WearFaceCoverStaysafe कैम्पेन के तहत घर में बनाए गए फेस कवर हर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने कार्यकर्ताओं से खासकर प्रवासी मजदूरों का हर संभव ध्यान रखने को कहा ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।
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भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 130 करोड़ देशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कड़े फैसले के साथ-साथ लोगों के हितों का भी भरपूर ख्याल रखने की कोशिश कर रहे हैं।
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श्री नड्डा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा कोरोना संकट के समय डायरेक्ट ट्रांसफर बेनिफिट स्कीम के जरिए अलग-अलग योजनाओं के करीब 31,072 करोड़ रुपए, 33.25 करोड़ लोगों के खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं।
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माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे सरकार के हर गाइडलांस का अनुसरण करने के लिए लोगों को प्रेरित करें. किसी भी आपात स्थिति में सभी राज्यों के प्रदेश कार्यालय में स्थित टोल फ्री नंबर पर कॉल कर जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाना सुनिश्चित करना चाहिए
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श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार न सिर्फ देश में कोरोना महामारी से कुशलतापूर्वक लड़ रही है, बल्कि पूरी दुनिया को इस बीमारी से लड़ने में मदद भी कर रही है।

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चुनावी जनसभा को सम्बोधित करेंगी

Posted on 05 May 2019 by admin

बहुजन समाज पार्टी की राष्टींय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी, उत्तर
प्रदेश में लोकसभा चुनावी रैलियों की श्रृंखला में, कल दिनांक 06 मई
2019 को जिला बस्ती व बलरामपुर में चुनावी जनसभा को सम्बोधित
करेंगी।

नई दिल्ली, 05 मई 2019 : बहुजन समाज पार्टी बी.एस.पी. की राष्टींय
अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी देश में 17वीं
लोकसभा के लिए हो रहे आमचुनाव हेतु उत्तर प्रदेश में चुनावी रैलियों की श्रृंखला
में कल दिनांक 06 मई 2019 को भी दो चुनावी जनसभाओं को सम्बोधित करेंगी।
उल्लेखनीय है कि कल दिनांक 06 मई 2019, दिन सोमवार को बीएसपी
की पहली जनसभा बस्ती जिला के राजकीय इण्टर कालेज के मैदान बस्ती में
तथा दूसरी जनसभा बलरामपुर जिला के एम.एल.के.पी.जी. कालेज बलरामपुर के
मैदान, में आयोजित की गई है।

उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटों में से अमेठी व रायबरेली लोकसभा
को छोड़कर बी.एस.पी. व समाजवादी पार्टी एवं आर.एल.डी. पहली बार गठबन्धन
के आधार पर काफी मजब ूती के साथ ला ेकसभा की सभी सीटा ें पर यह चुनाव
लड़ रही है।

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आरईपीएल को बुंदेलखंड क्षेत्र (यू.पी.) के लिए जल आपूर्ति का कंसल्टैंसी प्रोजेक्ट मिला

Posted on 17 January 2019 by admin

नई दिल्ली, 17 जनवरी, 2019: ग्राम विकास विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के तहत आने वाले राज्य जल और स्वच्छता मिशन ने उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्लानिंग, डिजाइनिंग और डीपीआर तैयार करने के लिए परामर्श सेवाएं देने का कार्य दिल्ली आधारित नगरीय विकास एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर कंसल्टैंसी कंपनी रुद्राभिषेक एंटरप्राइजेज लिमिटेड को सौंपा है। इस समझौते पर इसी महीने के शुरुआत में डॉ. हरीश शर्मा (चीफ बिजनेस ऑफिसर एवं ऑपरेशन- आरईपीएल) और श्री सुरेन्द्र राम, आईएएस (कार्यकारी निदेशक-राज्य जल और स्वच्छता मिशन) की उपस्थिति में हस्ताक्षर हुए।

जल आपूर्ति की विस्तृत योजना के तहत राज्य सरकार बुंदेलखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली जल आपूर्ति की परेशानियों को दूर करने का प्रयास करेगी। परियोजना के अगले चरण में बुंदेलखंड और विन्ध्य सहित आर्सेनिक/फ्लोराइड एवं एईएस/जेई प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराये जाने की दिशा में भी काम किया जायेगा।

भारत सरकार की रणनीतिक योजना (2011-22) के तहत देश की 90 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को पाइप से होने वाली जलापूर्ति का लाभ देना है। हालांकि अभी तक उत्तर प्रदेश की लगभग 19 प्रतिशत ग्रामीण आबादी ही पाइप से जुड़ी जल आपूर्ति योजनाओं के दायरे में आ सकी है। बुंदेलखंड के कई ग्रामीण इलाकों में पीने का पानी लाने के लिए लोगों को काफ़ी दूर तक जाना पड़ता है। यह परियोजना ऐसी दिक्कतों को कम करने में काफ़ी कारगर होगी।

आरईपीएल बांदा, चित्रकूट और हमीरपुर जिलों में पाइप के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति के मॉडल की प्लानिंग, इंजीनियरिंग सर्वेक्षण, डिजाइनिंग पर व्यापक परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेगी।

श्री प्रदीप मिश्रा (सीएमडी-आरईपीएल) ने कहा, ‘यह बड़ी जिम्मेदारी वाली परियोजना है, क्योंकि इससे सीधे तौर पर क्षेत्र में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य और रोजमर्रा के जीवन पर असर पड़ता है। हम पहले से ही राज्य में कई परियोजनाओं के लिए कंसल्टैंसी सेवाएं दे रहे हैं, जिससे हमें उम्मीदों पर खरे उतरने का पूरा भरोसा है। हमें खुशी है कि सरकार ने इस अहम परियोजना के लिए आरईपीएल पर भरोसा जताया है।’

डॉ. हरीश शर्मा ने बताया कि इस कार्य में इंजीनियरिंग सर्वेक्षण, प्रोजेक्ट इंटिग्रेशन (परियोजना एकीकरण), समीक्षा और इंटिग्रेटेड मॉड्यूल्स का पुनः-सत्यापन, आवश्यक सर्वे कराना, जांच, परिस्थितियों का विश्लेषण, शुरुआती लागत अनुमान और परिसंपत्तियों का मानचित्र तैयार करना शामिल है।

आरईपीएल प्रधानमंत्री आवास योजना- हाउसिंग फॉर आल (उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश), विवाहित सैनिक आवास योजना (डी.जी.मैप), स्मार्ट सिटी परियोजना (कानपुर स्मार्ट सिटी, देहरादून स्मार्ट सिटी, इंदौर स्मार्ट सिटी और वाराणसी स्मार्ट सिटी) सहित कई अहम सरकारी परियोजनाओं पर काम कर रही है। आरईपीएल केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर कई स्तरों (क्षेत्रीय, शहरी और मंडलीय) पर काम करती है।

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स्किल इण्डिया ने रिकॉग्निषन ऑफ प्रायर लर्निंग के तहत ट्विन पिट टेक्नोलॉजी में मज़दूरों का प्रषिक्षण शुरू किया

Posted on 30 November 2018 by admin

. परियोजना की षुरूआत में झांसी में 2710 मजदूरों का नामांकन किया गया
. चार राज्यों-उत्तर प्रदेष, बिहार, झारखण्ड और उड़ीसा में 50,000 मजदूरों को दिया जाएगा प्रषिक्षण; पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के तहत स्वच्छ भारत अभियान को किया जाएगा प्रोत्साहित

नई दिल्ली, 29 नवम्बर, 2018ः राष्ट्रीय कौशल विकास निगम जो कौशल भारत मिशन के तहत सरकार की मुख्य योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को कार्यान्वित कर रहा है, ने रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग प्रोग्राम के माध्यम से 2710 मज़दूरों को ट्विन पिट टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।
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पेय जल एवं स्वच्छता मंत्रालय के सहयोग से लॉन्च की गई विशेष परियोजना के तहत एनएसडीसी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड और उड़ीसा में 50,000 मजदूरों को आरपीएल के तहत प्रशिक्षण देगी। स्वच्छ भारत अभियान को समर्थन देने वाली यह परियोजना ़मजदूरों को ट्विन पिट टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षण प्रदान करेगी, जिसके द्वारा गांवों में साफ सफाई और ट्विन पिट शौचालयों के निर्माण पर विशेष रूप से ज़ोर दिया जाएगा। विशेष रूप से तैयार बिए गए ग्रामीण मजदूर क्वालिफिकेशन पैके अनुसार मजदूर को 4 दिनों में 32 घण्टे का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें 12 घण्टे का ओरिएन्टेशन 20 घण्टे का ब्रिज प्रशिक्षण और इसके बाद एक दिन- 8 घण्टे का मूल्यांकन एवं प्रमाणीकरण शामिल होगा। ओरिएन्टेशन प्रोग्राम में ट्विन पिट शौचालयों का निर्माण, मौजूदा ग्रामीण शौचालयों की रेट्रोफिटिंग, ठोस तरल व्यर्थ प्रबंधन, सॉफ्ट स्किल्स और डिजिटल साक्षरता शामिल है।

इस मौके पर राजेष अग्रवाल, संयुक्त सचिव एवं सीवीओ, एमएसडीई ने कहा, ‘‘रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग के तहत एक व्यक्ति के सालों के काम के अनुभव को पहचान कर उसे असंगठित क्षेत्र से संगठित अर्थव्यवस्था में आने के लिए मदद की जाती है। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय के तहत संचालित की जा रही है यह मजदूर परियोजना कुशल कार्यबल की आवश्यकता को पूरा कर स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देगी, और देश को खुले में शौच की समस्या से मुक्ति दिला ने में मदद करेगी। हमें विश्वास है कि यह परियोजना प्रशिक्षण के मानकों में सुधार लाकर प्रभाविता और उत्पादकता बढ़ाने में मददगार साबित होगी।’’

झांसी के छह ब्लॉक्स-बबीना, बड़ागांव, बांगरा, चिरगांव, गुरसराय और मोथ-से 2710 मजदूरों को प्रशिक्षण के लिए नांमाकित किया गया है। यह परियोजना बिहार, झारखण्ड एवं उड़ीसा के अलावा झांसी के 495 गांवों के आठ ब्लॉक्स को कवर करेगी। परियोजना को कन्स्ट्रक्शन स्किल डेवलपमेन्ट काउन्सिल ऑफ इण्डिया द्वारा अंजाम दिया जाएगा जो इसके लिए परियोजना संचालन एजेन्सी होगी।

ट्विन पिट टेक्नोलॉजी में मजदूरों के लिए आरपीएल को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत वित पोषण दिया जाएगा। आरपीएल एक सेर्टिफिकेशन प्रोग्राम है जिसमें लम्बे समय से किसी काम को कर रहे व्यक्ति के कौशल का मूल्यांकन कर उसे प्रमाणपत्र दिया जाता है। उस व्यक्ति के पूर्व अनुभव को पहचाना जाता है जिसने अपने काम में अनौपचारिक कौशल प्राप्त किया हो। देश के असंगठित कार्यबल को राष्ट्रीय कौशल गुणवत्ता ढांचे के अनुरूप संगठित कार्यबल में शामिल करना इसका उद्देश्य है। अब तक प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत आरपीएल प्रोग्राम में 9.29 लाख उम्मीदवारों को नामांकित किया गया है और 70 फीसदी से अधिक को प्रमाण पत्र भी दिए गए हैं।’’

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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 09.11.2018

Posted on 09 November 2018 by admin

(1) देश की जनता में बहुचर्चित व इनके लिये अति-दुखःदायी ’’नोटबन्दी’’ के सम्बन्ध में जो-जो फ़ायदे केन्द्र की बीजेपी सरकार ने यहाँ की सवासौ करोड़ जनता को गिनाये थे उनमें से किसी भी घोषित उद्देश्यों की आज दो वर्ष बाद भी पूर्ति नहीं होने पर बीजेपी सरकार लोगों से माफी माँगे।
(2) तथ्य व आँकड़ें गवाह हैं कि काफी अपरिपक्व तरीके से व काफी आपाधापी में देश की जनता पर ज़र्बदस्ती थोपे गये ’’नोटबन्दी’’ की आर्थिक इमरजेन्सी से वह कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है जिसका दावा सरकार ने इसको लागू करते समय किया था
ऽ आर्थात् ’’नोटबन्दी’’ देश व यहाँ की जनता के लिये बीजेपी के अन्य वायदों की तरह ही पूरी तरह से एक और धोखा ही साबित हुआ है।
(3) इसके अलावा, केन्द्र की बीजेपी सरकार द्वारा विभिन्न संवैधानिक व स्वायत्तशासी संस्थाओं से अनावश्यक टकराव का हठीला रवैया भी त्यागने की सख्त ज़रूरत है क्योंकि इन कारणों से देश को लगातार अपूर्णीय क्षति हो रही हैः बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 09 नवम्बर 2018 : देश में 500 व 1,000 रूपये की ’’नोटबन्दी’’ के सम्बन्ध में जो-जो फ़ायदे केन्द्र की बीजेपी सरकार ने यहाँ की सवासौ करोड़ से अधिक आमजनता को गिनाये थे उनमें से किसी भी घोषित उद्देश्यों की आज दो वर्ष पूरे होने के बाद भी पूर्ति नहीं होने पर लोगों से माफी माँगने की माँग करते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी की देश में पहली बनी पूर्ण बहुमत की सरकार जनहित व जनकल्याण के लगभग हर महत्वपूर्ण मामले में घोर विफलताओं के कारण पूर्ण रूप से ’’वादाखिलाफी की सरकार’’ के रूप में ही हमेशा याद की जायेगी।
देश की जनता में बहुचर्चित व इनके लिये अति-दुखःदायी साबित होने वाली ’’नोटबन्दी’’ की आर्थिक इमरजेन्सी के दो साल पूरे होने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी मंत्रियों की भ्रामक व मिथ्या प्रचार वाली बयानबाजियों को छोड़कर जितने भी तथ्य व आँकड़े मौजूद हैं वे सभी यह चीख-चीख कर बता रहे हैं कि काफी अपरिपक्व तरीके से पूरी आपाधापी में देश की जनता पर ज़र्बदस्ती थोपे गये ’’नोटबन्दी’’ से वह कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है जिसका दावा सरकार ने इसको लागू करते समय काफी बड़बोले तौर पर किया था अर्थात् ’’नोटबन्दी’’ देश व यहाँ की जनता के लिये बीजेपी के अन्य वायदों की तरह ही एक पूरी तरह से और धोखा ही साबित हुआ है।
जहाँ एक तरफ इस ’’नोटबन्दी’’ ने सर्वसमाज के तमाम मेहनतकाश व ईमानदार लोगों की कमर तोड़ दी है तथा रोजगार आदि का काफी ज्यादा बुरा हाल किया है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी एण्ड कम्पनी के तमाम चहेतों ने इसी बहाने अपने-अपने कालेधन को विभिन्न उपायों के माध्यम से बैंकों में जमा करके उसे सफेद कर लिया है, यह जनता खुली आँखों से देख रही है। इतना ही नहीं बल्कि स्वंय बीजेपी ने भी पार्टी के तौर पर देशभर में अकूत सम्पत्ति अर्जित कर ली है, यह भी जनता की नजर में है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि विदेशों से कालाधन देश में वापस लाकर देश के हर गरीब परिवार के प्रत्येक सदस्य को 15 से 20 लाख रूपये देने, किसानों की आत्महत्या रोकने व उन्हें कर्ज की अदायगी नहीं कर पाने पर जेल भेजने आदि से मुक्ति दिलाने आदि के साथ-साथ देश के सवासौ करोड़ ग़रीबों, मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों, युवाओं व महिलाओं आदि के ’अच्छे दिन’ लाने का सुनहरा सपना दिखाकर वोटों के स्वार्थ की राजनीति करने वाली बीजेपी अपनी सरकार के दौरान व्यापक जनहित व जनकल्याण का ऐसा कोई भी काम नहीं कर पायी है जिससे लोगों का जनजीवन थोड़ा बेहतर होकर उनके जीवन में बेहतर परिवर्तन आया हो, बल्कि इसके विपरीत बीजेपी सरकार की गरीब, मजदूर व किसान-विरोधी नीतियों, गलत कार्यप्रणाली व अहंकारी रवैये से समाज के हर वर्ग का जीवन पहले से कहीं ज्यादा त्रस्त व दुःखी हुआ है, जिससे आमजन में व्यापक आक्रोश का व्याप्त होना स्वाभाविक ही है जो अब धीरे-धीरे उचित समय पर लगातार उजागर भी हो रहा है, जो कि देश की भलाई व यहाँ के लोकतंत्र के लिये काफी शुभ संकेत माना जा रहा है।
साथ ही स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार थोपी गई जबर्दस्त ’’नोटबन्दी’’ की आर्थिक इमरजेन्सी एक व्यक्ति की अपनी मनमानी व अहंकार का नतीजा थी, आज यह कटू सत्य भी देश व दुनिया के सामने प्रकट है। इसीलिये इसे अपरिपक्व तरीके से लागू किये जाने के घोषित परिणाम अब तक नहीं आ पाये हैं और ना ही शायद कभी आ ही सकते हैं। इसलिये बीजेपी सरकार को अपना अहंकार त्यागकर देश की जनता से इस आर्थिक इमरजेन्सी व राष्ट्रीय त्रास्दी के लिये खुले दिल से माफी माँग लेनी चाहिये, यह बी.एस.पी. की माँग है ताकि इस सम्बन्ध में आवश्यक सुधार का रास्ता थोड़ा साफ हो सके।
इसके अलावा केन्द्र की बीजेपी सरकार द्वारा विभिन्न लोकतांत्रिक, संवैधानिक व स्वायत्तशासी संस्थाओं से अनावश्यक टकराव का हठीला रवैया भी त्यागने की सख्त ज़रूरत है क्योंकि इन सब कारणों से देश को लगातार अपूर्णीय क्षति हो रही है तथा इससे आमजनहित भी काफी ज्यादा प्रभावित हो रहा है। कुल मिलाकर देश में लोकसभा आमचुनाव से पहले केन्द्र की बीजेपी सरकार तमाम गलत कारणों से सुर्खियों में बनी हुई है जिससे देशहित बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है और वर्तमान हालात में इसके लिये बीजेपी की सरकार विपक्षी पार्टियों को भी नहीं कोस सकती है क्योंकि यह सब इनके अपने गलत कर्मों का ही फल हैं।

जारीकर्ता :
बी.एस.पी. केन्द्रीय कार्यालय
4, गुरूद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली - 110011

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बी.एस.पी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 20 अक्टूबर, 2018

Posted on 20 October 2018 by admin

(1) बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी की ओर से श्री नारायण दत्त तिवारी के पार्थिव शरीर पर आज यहा पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित।
(2) इस अवसर पर उनके लम्बे राजनीतिक जीवन के दौरान किये गये उनके अच्छे कार्यों का स्मरण किया गया।
(3) साथ ही, पंजाब के अमृतसर में कल रात हुये दर्दनाक रेल हादसे में दशहरा मनाने गये लगभग 60 लोगों की हुई मौत पर गहरा दुःख व संवेदना व्यक्त तथा घटना के लिये दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की माँग।
(3) इसके अलावा बिना पूर्व सरकारी अनुमति के इस प्रकार के आयोजनों पर हर जगह तत्काल रोक लगा देनी चाहिये ताकि ऐसी दुःखद व दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति आगे ना हो पाये : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 20 अक्तूबर, 2018 : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी की ओर से आज यहाँ श्री नारायण दत्त तिवारी के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके लम्बे राजनीतिक जीवन के दौरान किये गये उनके अच्छे कार्यों का स्मरण किया गया।
श्री तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के और एक बार उत्तर प्रदेश से अलग होकर नवसृजित उत्तराखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। सुश्री मायावती जी की ओर से आज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद श्री सतीश चन्द्र मिश्र ने यहाँ उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उल्लेखनीय है कि काफी लम्बी बीमारी के बाद श्री तिवारी जी का 93 वर्ष की उम्र में नई दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को लखनऊ के बाद उत्तराखण्ड राज्य में अन्तिम संस्कार के लिये ले जाया जायेगा।
इसके साथ ही, कल रात दशहरा के मौके पर पंजाब प्रान्त के अमृतसर में हुये दर्दनाक रेल हादसे में दशहरा मनाने गये लगभग 60 लोगों की हुई मौत पर गहरा दुःख व संवेदना व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि इस प्रकार की गंभीर लापरवाहियों के लिये दोषियों को सख्त से सख्त सजा जरूर दी जानी चाहिये।
मृतकों के परिवारों को रेलवे तथा पंजाब सरकार दोनों की ओर से समुचित अनुग्रह राशि दिये जाने की माँग करते हुये उन्होंने कहा कि बिना पूर्व सरकारी अनुमति के इस प्रकार के आयोजनों पर हर जगह तत्काल रोक लगा देनी चाहिये ताकि ऐसी दुःखद व दर्दनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति आगे कहीं भी ना हो पाये। ऐसी घटनाओं से पूरे देश का माहौल ग़म व दर्द में बदल जाता है इसलिए हर प्रकार के उपाय करके इस प्रकार की दर्दनाक घटनाओं को रोका जाना चाहिये।

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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 02.10.2018

Posted on 02 October 2018 by admin

(1) देश की राजधानी दिल्ली में उत्तर प्रदेश व अन्य पड़ोसी राज्यों से आये हज़ारों किसानों पर आज हुये पुलिस लाठीचार्ज की तीव्र निन्दा। यह बीजेपी सरकार की निरंकुशता की पराकाष्ठा है जिसका ख़ामियाजा भुगतने के लिये उसे तैयार रहना चाहिये।
(2) बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारों की ग़रीब व किसान-विरोधी गलत नीतियों से समाज का हर वर्ग काफी ज्यादा दुःखी व पीड़ित है, परन्तु ख़ासकर किसान वर्ग के लोग इस सरकार में कुछ ज़्यादा ही संकट झेल रहे हैं।
(3) बीजेपी सरकारों द्वारा किसानों की कर्ज माफी की घोषणा भी इनकी अन्य वायदों व घोषणाओं की तरह हवा-हवाई ही साबित हुयी हैं : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद, सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 02 अक्तूबर 2018 : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद, सुश्री मायावती जी ने देश की राजधानी दिल्ली में पड़ोसी राज्यों से आये हज़ारों किसानों पर आज हुये पुलिस लाठीचार्ज की तीव्र निन्दा करते हुये कहा कि यह बीजेपी सरकार की निरंकुशता की पराकाष्ठा है जिसका ख़ामियाजा भुगतने के लिये उसे तैयार रहना चाहिये।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि किसानों की आय दोगुणा करके उनके अच्छे दिन लाने का वायदा करने वाली बीजेपी सरकार निहत्थे किसानों पर पुलिस से लाठियाँ बरसवा रही है, उनपर आँसू गैस के गोले आदि दगवा कर उनपर पुलिसिया जुल्म कर रही है जबकि किसान समाज के लोग गाँधी जयन्ती के दिन आज गाँधी स्थल पर जाकर केवल अपना विरोध प्रदर्शन करने वाले थे।
वैसे तो बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारों की गरीब व किसान-विरोधी गलत नीतियों से समाज का हर वर्ग काफी ज्यादा दुःखी व पीड़ित है, परन्तु खासकर किसान वर्ग के लोग इस सरकार में कुछ ज्यादा ही संकट झेल रहे हैं। बीजेपी की सरकारों ने उनकी समस्याओं का अगर सही समाधान किया होता तो खासकर यू.पी., पंजाब व हरियाणा के किसानों को आज दिल्ली में पुलिस की लाठी का शिकार होकर मुसीबत व ज़िल्लत नहीं झेलनी पड़ती। इससे पहले भी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों में किसानों पर पुलिस बर्बरता व ज्यादती की घटनायें समाज के उद्वेलित कर चुकी हैं। इतना ही नहीं बल्कि बीजेपी सरकारों द्वारा किसानों की कर्ज माफी की घोषणा भी इनकी अन्य वायदों व घोषणाओं की तरह हवा-हवाई ही साबित हुयी हैं।

जारीकर्ता :
बी.एस.पी. केन्द्रीय कार्यालय
4 गुरूद्वारा रकाबगंज रोड
नई दिल्ली

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संघ की दस्तक सुनें - ललित गर्ग

Posted on 21 September 2018 by admin

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का तीन का ‘भविष्य का भारत’ विषयक विचार अनुष्ठान अनेक दृष्टियों से उपयोगी एवं प्रासंगिक बना। दिल्ली के विज्ञान भवन में देश के प्रमुख बुद्धिजीवियों और लगभग सभी दलों के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित कर उन्हें न केवल संघ के दृष्टिकोण से अवगत कराया गया बल्कि एक सशक्त भारत के निर्माण में संघ की सकारात्मक भूमिका को भी प्रभावी ढ़ंग से प्रस्तुत किया। यह एक दस्तक है, एक आह्वान है जिससे न केवल सशक्त भारत का निर्माण होगा, बल्कि इस अनूठे काम में लगे संघ को लेकर बनी भ्रांतियांे एवं गलतफहमियों के निराकरण का वातावरण भी बनेगा। प्रश्न है कि संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को आखिर क्या जरूरत आ पड़ी कि उन्हें समाज के प्रबुद्ध लोगों के बीच संघ का एजेंडा रखना पड़ा? मोहन भागवत ने इस विचार अनुष्ठान से संघ की छवि सुधारने का साहसपूर्ण प्रयास किया गया है, जिससे राष्ट्रीयता एवं भारतीयता की शुभता की आहत सुनाई दी है।
संघ ने भारत के भविष्य को लेकर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के साथ ही अपनी नीतियों, अपने क्रियाकलापों और उद्देश्यों के बारे में जिस तरह विस्तार से प्रकाश डाला उसके बाद कम से कम उन लोगों की उसके प्रति सोच बदलनी चाहिए जो उसे बिना जाने-समझे एवं तथाकथित पूर्वाग्रहों-दुराग्रहों के चलते एक खास खांचे में फिट करके देखते रहते हैं। एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन के रूप में संघ किस तरह बदलते समय के साथ खुद को बदल रहा है, इसका एक प्रमाण तो यही है कि उसने औरों और यहां तक कि अपने विरोधियों और आलोचकों को अपने ढंग के इस अनूठे कार्यक्रम में आमंत्रित किया। देश और शायद दुनिया के इस सबसे विशाल संगठन के नेतृत्व ने इन आमंत्रित लोगों के सवालों के जवाब भी दिए, उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। उन्होंने जो भाषण दिए, वे सचमुच नई लकीर खींचते हैं, एक नई सुबह का अहसास कराते हैं। उन्होंने हिंदुत्व और भारतीयता को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया है। उनके इस कथन ने उसे और अधिक स्पष्ट कर दिया कि मुसलमान लोग भी हिंदुत्व के दायरे के बाहर नहीं हैं। संघ के हिंदुत्व का अर्थ है, विविधता में एकता, उदारता, सहनशीलता, सह-जीवन आदि। उन्होंने हिंदुत्व को नए ढंग से परिभाषित करने की कोशिश की है।
यह एक सुखद अनुभूति है कि संघ सबको साथ लेकर आगे बढ़ना चाहता है, पूर्ण समाज को जोड़ना चाहता है, इसलिए संघ के लिए कोई पराया नहीं, जो आज विरोध करते हैं, वे भी नहीं। संघ केवल यह चिंता करता है कि उनके विरोध से कोई क्षति नहीं हो। संघ शोषण और स्वार्थ रहित समाज चाहता है। संघ ऐसा समाज चाहता है जिसमें सभी लोग समान हों। समाज में कोई भेदभाव न हो। दूसरों के अस्तित्व के प्रति संवेदनशीलता आदर्श जीवनशैली का आधार तत्व है और संघ इसे प्रश्रय देता है। इसके बिना अखण्ड राष्ट्रीयता एवं समतामूलक समाज की स्थापना संभव ही नहीं है। जब तक व्यक्ति अपने अस्तित्व की तरह दूसरे के अस्तित्व को अपनी सहमति नहीं देगा, तब तक वह उसके प्रति संवेदनशील नहीं बन पाएगा। जिस देश और संस्कृति में संवेदनशीलता का स्रोत सूख जाता है, वहाँ मानवीय रिश्तों में लिजलिजापन आने लगता है। अपने अंग-प्रत्यंग पर कहीं प्रहार होता है तो आत्मा आहत होती है। किंतु दूसरों के साथ ऐसी घटना घटित होने पर मन का एक कोना भी प्रभावित नहीं होता। यह असंवेदनशीलता की निष्पत्ति है। संघ सबके अस्तित्व को स्वीकारता है, सबका विकास चाहता है। सहअस्तित्व की भावना संघ का दूसरा आधार तत्व है। भगवान महावीर ने वैचारिक और व्यावहारिक भेद में अभेद की स्थापना कर अनेकांत दर्शन का प्रतिपादन किया। अनेकांत के अनुसार अनेक विरोधी युगलों का सहअस्तित्व संभव है। अविरोधी विचारों वाले व्यक्ति एक साथ रहे, यह कोई आश्चर्य का विषय नहीं है। विरोधी विचारों, नीतियों और लक्ष्यों वाले लोग भी साथ-साथ मिलें, बैठें, चिंतन करें और रहें, यह सह-अस्तित्व का फलित है और इसी बात को इस तीन दिन के विचार अनुष्ठान का फलित मान सकते हैं, संघ की सार्थक पहल के रूप में उसे स्वीकृति दे सकते हैं।
संघ को राष्ट्र की चिंता है, उसके अनुरूप उसकी मानसिकता को दर्शाने वाले इस विचार-अनुष्ठान से निश्चित ही भारत के भविष्य की दिशाएं तय होगी। भारतीय जनता आजादी का सुख नहीं भोग सकी, आजाद कहलाने पर भी उसका लाभ नहीं उठा सकी, इसके लिए दोषी किसे ठहराया जाए? लोकतांत्रिक देश की जनता के महान आदर्शों को सीख नहीं पायी और इस बात को पहचान ही नहीं पायी कि राष्ट्रीयता के स्थान पर व्यक्तिवादिता एवं दलगत स्वार्थ उसके मन के किस हिस्से पर हस्ताक्षर कर रही है। जो संगठन आरएसएस को पानी पी-पीकर कोसते हैं, उन्होंने तो कभी यह बताने की जहमत मोल नहीं ली कि देश के विकास को लेकर, संसाधनों के बंटवारे को लेकर, अवसरों की समानता को लेकर उनकी अपनी क्या दृष्टि है? बेहतर होगा कि संघ की इस पहल से प्रेरणा लेकर अन्य दल और संगठन भी अपनी बुनियादी दृष्टि के बारे में आम देशवासियों की समझ साफ करें ताकि उनके समर्थकों और विरोधियों को ऐसी कसौटियां उपलब्ध हों, जिन पर उनके कामकाज को परखा जा सके। संघ ने सामूहिकता यानी संगठन का शंखनाद किया है तो इसका अर्थ संघ की सदस्यता वृद्धि नहीं है बल्कि भारत के निर्माण में रचनात्मक एवं सृजनात्मक शक्तियों को संगठित करना है।
किसी व्यक्ति, वर्ग या संगठन पर दोषारोपण करने से कुछ होने वाला नहीं है। पर यह जरूर विचारणीय है कि एक स्वतंत्र राष्ट्र के नागरिक इतने निस्तेज, इतने निराश और इतने कुंठित क्यों हो गए, जो अपने विश्वास और अपनी आस्थाओं को भी जिन्दा नहीं रख पाते? इस संदर्भ में सबसे पहली बात यह है कि स्वप्न वैसा ही देखना चाहिए जो पूरा हो सके। स्वप्न वैसा ही देखना चाहिए, जिसके अनुरूप पुरुषार्थ किया जा सके। कल्पना और आशा का अतिरंजन आदमी को भटकाने के सिवाय उसे क्या दे सकता है? संघप्रमुख ने राष्ट्रीयता, भारतीयता के साथ समाज एवं राष्ट्र निर्माण की आवश्यकता पर जिस तरह अपने विचार व्यक्त किए उससे यह स्पष्ट है कि इस संगठन की दिलचस्पी राजनीति में कम और राष्ट्रनीति में अधिक है। उन्होंने समाज निर्माण को अपना एक मात्र लक्ष्य बताया। इस क्रम में उन्होंने हिंदू और हिंदुत्व पर जोर देने के कारणों का भी उल्लेख किया। क्योंकि हिंदुत्व सब को जोड़ता है और संघ एक पद्धति है जो व्यक्ति निर्माण का काम करती है। प्रत्येक गांव और गली में ऐसे स्वयंसेवक खड़े करना संघ का काम है, जो सबको समान नजर से देखता हो। उन्होंने कहा कि विविधताओं से डरने की बात नहीं है, बल्कि सबका उत्सव मनाने की जरूरत है। निश्चित ही इससे संघ और हिंदुत्व को लेकर व्याप्त तमाम भ्रांतियां दूर होंगी, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि अभी भी कुछ भ्रांतियां और संदेह बरकरार रहेंगे। यह सही है कि संघ के इस कार्यक्रम का प्रयोजन लोगों को अपनी बातों से सहमत करना नहीं, बल्कि अपने बारे में आग्रह, पूर्वाग्रह एवं दुराग्रह को दूर करना एवं संघ के यथार्थ की जानकारी देना था, लेकिन उचित यही होगा कि वह इस तरह के आयोजन आगे भी करता रहे। निःसंदेह संघ को जानने-समझने का यह मतलब नहीं कि उसका अनुसरण किया जाए, लेकिन इसका भी कोई मतलब नहीं कि उसकी नीतियों को समाज एवं राष्ट्रविरोधी करार देकर उसे अवांछित संगठन की तरह से देखा जाए या फिर उसका हौवा खड़ा किया जाए।
भारत को स्वतंत्र हुए काल का एक बड़ा खंड पूरा हो रहा है। इतने वर्षों बाद भी यह सवाल उसी मुद्रा में उपस्थित है कि एक स्वतंत्र राष्ट्र के नागरिकों के अरमान पूरे क्यों नहीं हुए? इस अनुत्तरित प्रश्न का समाधान न आंदोलनों में है, न नारेबाजी में है और न अपनी-अपनी डफली पर अपना-अपना राग अलापने में है। इसके लिए तो एक सामूहिक प्रयोग की अपेक्षा है, जो जनता के चिंतन को बदल सके, लक्ष्य को बदल सके और कार्यपद्धति को बदल सके। इसी बड़ी सोच एवं दृष्टि को लेकर संघ आगे बढ़ रहा है तो यह स्वागत योग्य है।
आज देश की जो दशा है, भ्रष्टाचार का जो बोलबाला है, महंगाई बढ़ रही है, पडौसी देश सदैव डराने-धमकाने का दुस्साहस करते रहते हैं, कालेधन और राजनीति का गठबंधन अनेक समस्याओं का कारण बन रहा है, इन सब सन्दर्भों में देश के नेतृ-वर्ग से एक प्रश्न है। वह चाणक्य के जीवन से शिक्षा कब लेगा? कब साहस एवं शक्तिशाली होने की हुंकार भरेगा? संघ केवल हिन्दुत्व की बात नहीं करता, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्रीयता की बात करता है।
संघ शुचिता एवं ईमानदारी की संरचना भी चाहता है। इसी से हमारी स्वतंत्रता सफल और सार्थक बन सकती है। अन्यथा स्वतंत्रता के गीत गाते रहें और उसी पुराने ढर्रे पर चलते रहें, इससे देश की नीतियों में बदलाव कैसे आएगा? मन्त्रिमंडल में जो लोग आते हैं, उनका यह नैतिक दायित्व है कि वे अपने इस्पाती चरित्र से देश को नयी दिशा दें। जनता की चारित्रिक शुचिता बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि नेतृवर्ग का चरित्र उज्ज्वल रहे। संघ ने इन बुनियादी बातों पर बल दिया है। इसके लिए आज से ही, अब से ही नये संकल्प के साथ काम शुरू किये जाने की आवश्यकता व्यक्त की है। उस संकल्प के साथ कृत्रिम प्रलोभन या हवाई कल्पनाएं नहीं होनी चाहिए। यथार्थ के ठोस धरातल पर कदम रखने वाला ही अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है। इसके लिए भगवान् बनने की धुन छोड़कर मनुष्य बनने का लक्ष्य सामने रहना चाहिए। मनुष्य, मनुष्य बनें, इसके लिए बहुत बड़े बलिदान की भी अपेक्षा नहीं है।
संघ के विरोधी एवं उससे दूरी रखने वाले इस विचार-अनुष्ठान का जिस तरह बहिष्कार करते हुए उसे सगर्व सार्वजनिक भी किया उससे यही स्पष्ट हुआ कि जब संघ खुद में बदलाव लाने की तैयारी दिखा रहा तब उसके आलोचक और विरोधी जहां के तहां खड़े रहने में ही खुद की भलाई देख रहे हैं। वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन समझदारी तो इसी में है जो खुद को देश, काल और परिस्थितियों के हिसाब से बदलता है। सतत संवाद-संपर्क तमाम समस्याओं के समाधान की राह दिखाता है। जब संघ हिंदुत्व को भारतीयता का पर्याय मानकर यह कह रहा है कि वह अन्य मत-पंथ-विचार से जुड़े लोगों को साथ लेकर चलना चाहता है तब फिर कोशिश यही होनी चाहिए कि इस राष्ट्र निर्माण में ऐसे लोगों का एक समवाय बने और उनकी शक्ति भारत को सशक्त बनाने में लगे। जब संघ यह चाह रहा है कि वह राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ना चाहता है तो फिर कोशिश होनी चाहिए कि समाज का हर वर्ग उसके साथ जुड़े, क्योंकि सबल और समरस समाज के जरिये राष्ट्र निर्माण का काम कहीं अधिक आसानी से किया जा सकता है। भागवतजी ने स्पष्ट किया कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और रहेगा। हिंदुत्व समाज को एकजुट रखता है, लेकिन हम समाज में संघ का वर्चस्व नहीं चाहते, बल्कि समाज के हर व्यक्ति का वर्चस्व चाहते हैं। यहां भी उनका संदेश साफ था- सबका साथ- सबका विकास। जब ऐसी ही निर्माण की आवाज उठेगी, पौरुष की मशाल जगेगी, सत्य की आंख खुलेगी तब हम, हमारा वो सब कुछ, जिससे हम जुड़े हैं, हमारे लिये कीमती तौहफा होगा।

प्रेषक
(ललित गर्ग)

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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 20.09.2018

Posted on 20 September 2018 by admin

(1) आर.एस.एस. का दिल्ली में तीन दिनों तक चला बहु-प्रचारित संवाद कार्यक्रम राजनीति से ज्यादा प्रेरित था ताकि बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारों की घोर कमियों व विफलताओं के साथ-साथ देश के करोड़ों लोगों के जीवन से जुड़ी ज्वलन्त समस्याओं जैसे भयावह गरीबी, जानलेवा महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार आदि से अब चुनाव के समय में लोगों का ध्यान बाँटा जा सके।
(2) बीजेपी के केन्द्र व राज्य सरकारों की ग़रीब, मज़दूर, किसान-विरोधी तथा बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठ समर्थक नीतियों से स्वभाविक तौर पर इनकी विफलताओं के कारण देश भर में छाये व्यापक जन आक्रोश से आर.एस.एस. भी चिन्तित क्योंकि धन्नासेठों की तरह इन्होंने भी बीजेपी की जीत के लिये अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया था। लेकिन ’’कथनी’’ से ज्यादा ’’कर्म’’ मायने रखता है। इसलिये लोग अब इनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं।
(3) आर.एस.एस. प्रमुख के इस कथन पर कि ’जन्मभूमि पर अगर मुसलमान खुद मन्दिर बनवाते हैं तो बरसों से उन पर उठ रही अंगुलियाँ झुक जायेंगी,’ बी.एस.पी. कतई भी सहमत नहीं है। एक नहीं बल्कि अनेकों मन्दिर बन जायें तब भी संकीर्ण संघी हिन्दुओं व मुसलमानों के बीच रिश्ते सुधरने वाले नहीं हैं
ऽ क्योंकि इनकी बुनियादी सोच व मानसिकता दलित, पिछड़ा, मुस्लिम व अन्य अल्पसंख्यक विरोधी है और इस प्रकार संविधान की मंशा के विरूद्व है जिस कारण ही इन वर्गों के लोग हर प्रकार की जुल्म-ज्यादती से त्रस्त हैं तथा सर्वसमाज के लोगों का जान-माल, मज़हब व स्वतंत्रता के साथ जीने की इच्छा सब ख़तरे में है।
(4) इसके अलावा, केन्द्र सरकार द्वारा ’तीन तलाक’’ पर कल रात अध्यादेश लाना भी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित कदम। लोगों का ध्यान हिन्दू-मुस्लिम की तरफ भटकाने की कोशिश : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 20 सितम्बर 2018 : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि देश की राजधानी नई दिल्ली में आर.एस.एस. का तीन दिनों का बहु-प्रचारित संवाद कार्यक्रम राजनीति से ज़्यादा प्रेरित था ताकि अब खासकर चुनावों के समय बीजेपी की केन्द्र व राज्य सरकारों की घोर कमियों व विफलताओं के साथ-साथ देश की ज्वलन्त समस्याओं जैसे भयावह गरीबी, जानलेवा महंगाई, बेरोजगारी व बढ़ते भ्रष्टाचार आदि से लोगों का ध्यान बाँटा जा सके।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी सरकारों की ख़ासकर ग़रीब, मज़दूर, किसान-विरोधी तथा बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठ-समर्थक नीतियों से स्वभाविक तौर पर इनकी विफलताओं के कारण देश भर में छाये व्यापक जन आक्रोश से आर.एस.एस. का चिन्तित होना भी स्वाभाविक ही है क्योंकि धन्नासेठों की तरह इन्होंने भी बीजेपी की जीत के लिये अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया था। लेकिन अब बीजेपी सरकार की हर क्षेत्र में घोर कमियों व विफलताओं के साथ-साथ इनकी चुनावी वादाखिलाफी व भ्रष्टाचार आदि के मामलों में इन्हें भी जनाक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। इसीलिए लोगों का ध्यान बांटने के लिये यह सब राजनीतिक मकसद के तहत विभिन्न तरह के ध्यान बांटने वाले प्रयास किये जा रहे हैं, परन्तु वाणी से ज्यादा हमेशा ही कर्म महत्वपूर्ण होता है और वही असली मायने रखता है। अतः जनता इस प्रकार के प्रयासों से अब और ज्यादा भ्रमित होने वाली नहीं हैं क्योंकि अब जनता के खुद अपनी जान के लाले पड़ रहे हैं।
’’जन्मभूमि पर मन्दिर बने और अगर मुसलमान खुद बनवाते हैं तो बरसों से उन पर उठ रही अंगुलियाँ झुक जायेंगी,’’ सम्बन्धी आर.एस.एस. प्रमुख के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि बी.एस.पी. इनके इस तर्क से कतई सहमत नहीं है तथा एक नहीं बल्कि अनेकों मन्दिर बन जायें तब भी संकीर्ण संघी हिन्दु व मुसलमान के बीच रिश्ते सुधरने वाले नहीं हैं क्योंकि इनकी बुनियादी सोच व मानसिकता दलित, मुस्लिम व अन्य अल्पसंख्यक विरोधी है और इसी का ही परिणाम है कि इनकी सोच में परवरिश पायी पार्टी बीजेपी की सरकार में सर्वसमाज में से ख़ासकर दलितों, पिछड़ों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हर प्रकार की जुल्म-ज्यादती, भेदभाव, हिंसा व हत्या का बोलबाला है जिससे देश का लोकतन्त्र कलंकित हो रहा है।
इसलिये आर.एस.एस. को सबसे पहले अपनी नफरत व साम्प्रदायिक सोच को बदल कर संविधान सम्मत मानवीय बनना व बनाना होगा, जो कि आज तक ये लोग नहीं कर पाये हैं और इसी कारण इनकी सर्वसमाज में स्वीकार्यता का घोर अभाव लगातार बना हुआ है।
वास्तव में बीजेपी के केन्द्र व विभिन्न राज्यों में सत्ता में आने के बाद इनका संकीर्ण जातिवादी व साम्प्रदायिक चाल, चरित्र व चेहरा और ज्यादा बेनकाब हुआ है और इसलिए इनकी ’’कथनी’’ का कोई खास असर नहीं है क्योंकि इनकी ’’करनी’’ ने सर्वसमाज के करोड़ों ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, छोटे व मझोले व्यापारियों एवं अन्य मेहनतकश लोगों का जान-माल व मजहब तथा स्वतंत्रता के साथ जीने की स्वभाविक इच्छा सब खतरे में पड़कर इनका जीना हराम किये हुये है और वे लोग इन जंजालों से मुक्ति चाहते हैं जिसके लिये वे आर.एस.एस. के बहकावे में और ज्यादा नहीं आकर अब बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिये कमर कसे हुये हैं।
साथ ही, आर.एस.एस. की सोच व मानसिकता अगर इतनी ही सही मानवीय, सच्ची संवैधानिक व जनहित में ईमानदार होती तो फिर आजादी के बाद तीन बार इस संगठन को प्रतिबन्धित होने का कलंक नहीं झेलना पड़ता और ना ही सर्वसमाज में अस्वीकार्यता की गंभीर व बुनियादी समस्या आज तक झेलनी पड़ती।
इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा ’’तीन तलाक’’ पर कल रात अध्यादेश लाकर इसे अपराध घोषित करके इसमें तीन साल तक की जेल की सजा निर्धारित करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी इस प्रकार के संवेदनशील मुद्दों पर भी स्वार्थ की राजनीति करके अब चुनाव के समय लोगों का ध्यान अपनी कमियों व विफलताओं पर से हटाना चाहती है और अगर ऐसा नहीं होता तो इस सम्बंध में कानून बनाने से पहले इस पर समूचित विचार-विमर्श के लिये इस विधेयक को संसदीय समिति में भेजने की मांग केन्द्र सरकार ने ज़रूर मान ली होती।
वैसे भी लोगों की राय में नोटबन्दी व जी.एस.टी. आदि की तरह तीन तलाक के मामले में भी केन्द्र सरकार के अपरिपक्व व काफी अड़ियल रवैये से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं की समस्यायें पूरे तौर से व आसानी से हल होने वाली नहीं हैं।

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जैसा कि यह सर्वविदित है कि बी.एस.पी. सर्वजन हिताय एवं सर्वजन सुखाय तथा धर्म-निरपेक्ष व सर्व-धर्म सम्मान की सोच एवं नीतियों में विश्वास रखती है

Posted on 17 July 2018 by admin

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व
पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी की प्रेसवार्ता के मूल व मुख्य अंश

नई दिल्ली, 17 जुलाई, 2018: जैसा कि यह सर्वविदित है कि बी.एस.पी. सर्वजन
हिताय एवं सर्वजन सुखाय तथा धर्म-निरपेक्ष व सर्व-धर्म सम्मान की सोच एवं
नीतियों में विश्वास रखती है तथा उन पर पूरी ईमानदारी व निष्ठा से अमल भी
करती है और यह सब उत्तर प्रदेश में, बी.एस.पी. की व मेरे नेतृत्व में चार
बार चली सरकार में भी देखने के लिये मिला है और यह सब जग-जाहिर है।
लेकिन मुझे कल लखनऊ में बी.एस.पी. के हुये कार्यकर्ता-सम्मेलन में,
पार्टी के खासकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ‘‘श्री जयप्रकाश सिंह’’ द्वारा दिये
गये भाषण के बारे में यह जानकारी मिली है कि उसने कल बी.एस.पी. की इस
मानवतावादी सोच व नीतियों के विरूद्ध जाकर तथा अपनी विरोधी पार्टियों के
सर्वोच्च राष्ट्रीय नेताओं के बारे में भी काफी कुछ व्यक्तिगत
टीका-टिप्पणी करके उनके बारे में काफी अनर्गल बातें भी कही हैं, जो
बी.एस.पी. के कल्चर के पूरेतौर से विरूद्ध है।
और जिनका बी.एस.पी. से कोई लेना-देना नहीं है अर्थात इनके द्वारा इस
किस्म की कही गई बातें उनकी व्यक्तिगत सोच की उपज हैं तथा बी.एस.पी. की
नहीं और साथ ही उनकी ऐसी सभी बातें बी.एस.पी. की सोच व नीतियों के
विरूद्ध भी हैं। जिसे अति गम्भीरता से लेते हुये तथा पार्टी व मूवमेन्ट
के हित में भी आज हमारी पार्टी ने अभी हाल ही में नये-नये बने बी.एस.पी.
के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री जयप्रकाश सिंह को उनके इस पद से तत्काल
प्रभाव से हटा दिया गया है और साथ ही, इनको आज ही बी.एस.पी. के राष्ट्रीय
कोओडिनेटर के पद से भी हटा दिया गया है।
इसके साथ-साथ, आज मैं मीडिया के माध्यम से पूरे देश में, अपनी पार्टी के
सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों व नेताओं को भी यह चेतावनी देती
हूँ कि वे बी.एस.पी. की हर छोटी-बड़ी मीटिंग व कैडर-कैम्प एवं जनसभा आदि
में भी केवल बी.एस.पी. की विचारधारा, नीतियों व मूवमेन्ट के बारे में तथा
दलित एवं पिछडे़ वर्ग में जन्में अपने महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों
एवं पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के बारे में भी, केवल उनके जीवन-संघर्ष
एवं सिद्धान्तों व सोच के सम्बन्ध में ही अपनी बातें रखें।
लेकिन उनकी आड़ में दूसरों के सन्तों गुरूओं व महापुरूषों के बारे में
अभद्र एवं अशोभनीय भाषा का कतई भी इस्तेमाल ना करें। अर्थात दूसरी
पार्टियों के कुछ सिरफिरे नेताओं के पदचिन्हों पर चलकर, अपनी पार्टी के
लोगों को किसी के बारे में भी अनर्गल भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश व देश के अन्य राज्यों में भी किसी भी पार्टी के
साथ जब तक चुनावी गठबन्धन की घोषणा नहीं हो जाती है, तो तब तक, पार्टी के
लोगों को उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में भी गठबन्धन के बारे मे कुछ भी
बात, किसी भी स्तर पर नहीं करनी चाहिये। अर्थात यह सब पार्टी के लोगों को
अपनी पार्टी की हाईकमान पर ही छोड़ देना चाहिये।
इसके साथ ही, पार्टी के लोगों को अपने हर स्तर के कार्यक्रम में केवल
अपनी पार्टी की विचारधारा, सिद्धान्त एवं मूवमेन्ट के बारे में ही बोलना
चाहिये और दूसरी पार्टियों के सम्बन्ध में केवल उनकी खासकर दलित, पिछड़ा,
मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक, गरीब मजदूर, किसान, व्यापारी व अन्य
जन-विरोधी गलत नीतियों व गलत कार्यशैली के बारे में ही बोलना चाहिये तथा
उनके किसी भी छोटे-बडे़ राष्ट्रीय नेताओं एवं उच्च पदों पर बैठे लोगों के
व्यक्तिगत मामलों में कतई भी कोई भी टीका-टिप्पणी व अभद्र भाषा का
इस्तेमाल नहीं करनी चाहिये।
इसके साथ-साथ मैं पार्टी के खासकर वरिष्ठ नेताओं व पदाधिकारियों को आज यह
भी सलाह देती हूँ कि उन्हें विशेषकर गम्भीर व महत्वपूर्ण विषयों पर तथा
प्रेसवार्ता में भी ज्यादातर अपनी बातों को लिखकर ही रखना व बोलना
चाहिये। ताकि खासकर जातिवादी मीडिया व हमारी विरोधी पार्टियों को फिर
किसी भी प्रकार से हमारी पार्टी के बारे में उन्हें कोई भी गलत बात को
कहने व प्रचार करने का मौका ना मिल सके। ऐसी मेरी बी.एस.पी. के लोगों को
सलाह है। मुझे पूरी उम्मीद है कि बी.एस.पी. के लोग मेरी इन सब बातों पर
जरूर अमल करेंगे।

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