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सप्तम ‘अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन’ का समापन राममंदिर का निर्माण न हुआ तो भाजपा छोड दूंगा ! - विधायक टी. राजासिंह, संस्थापक अध्यक्ष, श्रीराम युवा सेना, तेलंगाना

Posted on 07 June 2018 by admin

सप्तम ‘अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन’ का समापन

राममंदिर का निर्माण न हुआ तो भाजपा छोड दूंगा !
- विधायक टी. राजासिंह, संस्थापक अध्यक्ष, श्रीराम युवा सेना, तेलंगाना

रामनाथी (गोवा) - आज भारत देश सुरक्षित नहीं है । केरल में खुले आम हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याएं हो रही हैं । भाजपा ने सत्ता में आने से पूर्व राममंदिर का निर्माण, गोहत्या प्रतिबंध, कश्मीरी हिन्दुआें का पुनर्वास, समान नागरी कानून आदि आश्‍वासन दिए थे; परंतु प्रत्यक्ष में इस विषय में कुछ होता दिखाई नहीं देता । आज हिन्दुत्वनिष्ठ कहलानेवाले दल के नेताआें की विचारधारा हिन्दुत्व की न होकर दल की विचारधारानुसार होती है । आज हिन्दुत्वनिष्ठ कहलानेवाले दल सत्ता के भूखे हैं । भाजपा ने अपनी नीति में सुधार कर, राममंदिर निर्माण का कार्य करना चाहिए अन्यथा मैं भाजपा छोड दूंंगा । जो दल हिन्दुहित का विचार करेगा, उसे ही जनता को अगले चुनाव में विजयी करना होगा और हिन्दूविरोधियों को बहिष्कृत करना होगा, ऐसा प्रतिपादन तेलंगाना के श्रीराम युवा सेना के संस्थापक अध्यक्ष विधायक टी. राजासिंह ने सप्तम ‘अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन’ में किया ।
इस समय व्यासपीठ पर उत्तरप्रदेश के भक्ति आंदोलन मंच के प्रांतीय संस्कृति प्रमुख महामंडलेश्‍वर श्री गोस्वामी राजेश्‍वरानंद महाराजजी, पंचकुला (हरियाणा) के राष्ट्रीय इतिहास अनुसंधान और तुलनात्मक अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष श्री. नीरज अत्री एवं हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्वी भारत मार्गदर्शक पू. नीलेश सिंगबाळ आदि उपस्थित थे ।

वीरशैव लिंगायतों को सनातन धर्म से तोडने का षड्यंत्र सहन नहीं करेंगे ! - डॉ. विजय जंगम, राष्ट्रीय प्रवक्ता, अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासंघ, मुंबई

वर्तमान में हिन्दू धर्म को तोडने का षड्यंत्र अंंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहा है और इसके लिए देश के अनेक संगठनों को विदेश से धन मिल रहा है । वीरशैव लिंगायत, यह अलग धर्म नहीं है, सनातन हिन्दू धर्म का ही अविभाज्य घटक है । आज वीरशैव लिंगायत समाज को हिन्दू धर्म से अलग करने का षड्यंत्र चल रहा है । कर्नाटक के चुनावों के समय कांग्रेस ने ‘फूट डालो और राज्य करो’ की नीति अपनाते हुए मत प्राप्त करने के लिए, लिंगायत समाज को स्वतंत्र धर्म की मान्यता दी । ऐसा होते हुए भी हम लिंगायत समाज को अलग करने का षड्यंत्र सहन नहीं करेंगे । उसका तीव्र विरोध करेंगे । वीरशैव लिंगायत हिन्दू थे, हैं और आगे भी हिन्दू ही रहेंगे ! लिंगायतों को हिन्दू धर्म से तोडने का षड्यंत्र रोकने के लिए हिन्दू राष्ट्र आवश्यक है । भाजपा वर्ष 2019 के चुनावों के घोषणापत्र में विकास के स्थान पर ‘भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने का वचन’ दें ।

तमिलनाडु में तमिलों और हिन्दुआें को अलग करने का षड्यंत्र ! - अर्जुन संपथ, संस्थापक अध्यक्ष, हिन्दू मक्कल कत्छी, तमिलनाडु

तमिलनाडु में वर्तमान स्थिति हिन्दू धर्म और हिन्दुआें के विरोध में है । आजकल वहां ईसाइयों का प्रभाव बढ रहा है और वह प्रभाव चर्चसहित विविध गांव, राजनीतिक दलों और नेताआें पर भी दिखाई देता है । इसलिए तमिलनाडु में आई राम रथयात्रा का वहां के कुछ दलों एवं उनके नेताआें ने विरोध किया । ऐसा होते हुए भी रथयात्रा सफल हुई । वर्तमान में तमिलनाडु ‘फैसिस्ट’ राज्य हो गया है । आजकल ‘तमिल और हिन्दू अलग हैं’, ऐसी भ्रांति फैलाने का षड्यंत्र चल रहा है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू मक्कल कत्छी के संस्थापक अध्यक्ष श्री. अर्जुन संपथ ने किया ।

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सप्तम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन का उत्साहपूर्ण वातावरण में शुभारंभ ! ब्राह्मतेज द्वारा क्षात्रतेज जागृत होने पर भारत सहित विश्‍व में हिन्दू राष्ट्र्र स्थापित होगा ! - स्वामी संवित सोमगिरिजी महाराज, महंत, श्री लालेश्‍वर महादेव मंदिर, राजस्थान

Posted on 04 June 2018 by admin

abha_d4_ph1रामनाथी (गोवा) - संत, ऋषि, वेद, पुराण तथा भगवान शिवजी के संकल्प से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना निश्‍चित होगी । आज कालानुसार हमारी संस्कृति परिवर्तित हो रही है, तब भी उसमें वैदिक तत्त्व है; और वेदों में क्षात्रतेज भी है । आज अन्य पंथीय उनके धर्म पर आस्था रखते हैं; परंतु हिन्दू स्वधर्म पालन नहीं करते । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए हिन्दुआें से चिंतन और आत्ममंथन होकर उनमें बौद्धिक सुस्पष्टता आनी चाहिए । इसके लिए धर्म की अवधारणा स्पष्ट होना आवश्यक है । आज देश के हिन्दू कूपमंडूक बन गए हैं । दूसरी ओर महिलाआें पर अत्याचार हो रहे हैं । वर्तमान में चारों दिशाआें में आग लगी है । महिलाआें को झांसी की रानी की भांति सक्रिय होकर आगे आना चाहिए । देश में भीतर और बाहर से आक्रमण हो रहे हैं । अपने साथ समाज का क्षात्रतेज भी अध्यात्म द्वारा जागृत होना चाहिए । इसके लिए हिन्दुआें को कर्तापन त्यागकर अधर्म के विरुद्ध कार्य करना चाहिए । हमें महिलाआें के साथ आगे आकर दोषों का निवारण करते हुए एकत्र कार्य करना चाहिए । इस प्रकार स्वयं में अग्नि जागृत कर कार्य करने से अंधःकार नष्ट हो सकता है । हिन्दुआें के ब्राह्मतेज के साथ क्षात्रतेज जागृत करने से भारत सहित पूरे विश्‍व में सर्वत्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी, ऐसा ओजस्वी मार्गदर्शन श्री लालेश्‍वर महादेव मंदिर, बिकानेर (राजस्थान) के महंत स्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज ने उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को किया । वे रामनाथी, गोवा के श्री रामनाथ देवस्थान के श्री विद्याधिराज सभागृह में आयोजित सप्तम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए क्षात्रतेज की उपासना की आवश्यकता इस विषय पर बोल रहे थे । अधिवेशन के प्रारंभ में महंत स्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, सनातन की धर्मप्रचारक सद्गुरु (कु.) अनुराधा वाडेकर एवं सद्गुरु नंदकुमार जाधवजी के शुभहस्तों दीपप्रज्वलन किया गया । इस समय देश-विदेश के 150 से अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के 250 से अधिक धर्मप्रेमी उपस्थित थे । इस अधिवेशन में कश्मीर की समस्या, धारा 370 निरस्त करना, पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं श्रीलंका के हिन्दुआें पर हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाना, राष्ट्र एवं धर्म पर होनेवाले आघात रोकने के लिए उपाय, हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के कार्य की आगामी दिशा आदि विविध विषयों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी ।

देश के बहुसंख्यक हिन्दुआें को संवैधानिक संरक्षण मिलने के लिए हिन्दू संगठनों का अधिवेशन ! - सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे

भारत में बहुसंख्यक समुदाय के शीर्षस्थ नेताआें को एकत्र आने में कानूनन प्रतिबंध है क्या ? इसका उत्तर नहीं होते हुए भी प्रश्‍न क्यों निर्माण होते हैं ? इसका एकमात्र कारण है, भारत में बहुसंख्यकों को सनातन धर्म को संवैधानिक संरक्षण नहीं है ! इसलिए आज कोई भी उठता है और हिन्दुआें को अपराधी ठहराने का प्रयास करता है । विश्‍व के सभी देशों में उनके संविधान द्वारा वहां के बहुसंख्यकों का धर्म, संस्कृति, भाषा एवं हित को संरक्षण दिया गया है । केवल भारत ऐसा एकमात्र देश है कि जहां बहुसंख्यक हिन्दू होते हुए भी उन्हें संविधान द्वारा कोई संरक्षण नहीं दिया गया है । इसके विपरीत भारतीय संविधान ने अल्पसंख्यको के पंथ, संस्कृति, भाषा और हित को रक्षा प्रदान की है । यह संविधान के समता के तत्त्व के (अर्थात लॉ ऑफ इक्वॅलिटी के) विरुद्ध है । भारत में बहुसंख्यक हिन्दुआें को धर्म, संस्कृति, भाषा एवं हित को संवैधानिक संरक्षण मिले, इसके लिए ही हिन्दू संगठनों का यह अधिवेशन है, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने किया ।

भविष्य में भारत एवं नेपाल के साथ संपूर्ण पृथ्वी पर हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने हेतु अधिवेशन का आयोजन ! - नागेश गाडे

हिन्दू जनजागृति समिति के केंद्रीय समन्वयक श्री. नागेश गाडे ने अधिवेशन के उद्देश्य से अवगत कराते हुए कहा, विश्‍व में ईसाई समुदाय के 152, इस्लामी 57, बौद्धों के 12 राष्ट्र, जबकि ज्यू का इस्रायल नामक एक राष्ट्र है; परंतु हिन्दुआें का इस पृथ्वी पर एक भी राष्ट्र नहीं है । वैश्‍विक पटल पर आगामी 5 वर्षों में भारत और नेपाल ये दो हिन्दू राष्ट्र पुनर्स्थापित हों, इस उद्देश्य का विचारमंथन हो और हिन्दू संगठनों का योजनाबद्ध पद्धति से इस दिशा में मार्गक्रमण हो, यही इस अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य है । हिन्दू राष्ट्र-स्थापना केवल भारत तक ही सीमित नहीं; अपितु वेदमंत्रों के अनुसार संपूर्ण पृथ्वी एक राष्ट्र है, इस समुद्रवलयांकित पृथ्वी पर भविष्य में हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना है ।

अधिवेशन के उद्घाटन समारोह पर प्रारंभ में शंखनाद किया गया । दीपप्रज्वलन के उपरांत सनातन पुरोहित पाठशाला के पुरोहितों ने वेदमंत्रों का पठन किया । तदुपरांत वहां उपस्थित संतों के शुभहस्तों मराठी और हिन्दी भाषा में हिन्दू जनजागृति समिति समर्थित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु हिन्दुआें का संगठन करें !, मराठी और हिन्दी भाषा में सनातन के स्वभावदोष (षड्रिपु) निर्मूलनका महत्त्व एवं गुण-संवर्धन प्रक्रिया इन ग्रंथों का प्रकाशन किया गया । इस अवसर पर श्री. प्रदीप खेमका ने हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्थान परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा अधिवेशन के शुभ अवसर पर भेजा संदेश पढकर सुनाया । कार्यक्रम का सूत्रसंचालन समिति के श्री. सुमीत सागवेकर ने किया ।

हिन्दू जनजागृति समिति के अंतर्गत उद्योगपति परिषद एवं आरोग्य सहायता समिति की स्थापना !

इस अधिवेशन में हिन्दू जनजागृति समिति के अंतर्गत उद्योगपति परिषद और आरोग्य सहायता समिति की स्थापना की गई । इन संगठनों के बोधचिन्ह का अनावरण वेदमंत्रों के घोष के बीच महंत स्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज के मंगल हस्तों किया गया । समिति के केंद्रीय समन्वयक श्री. नागेश गाडे ने संगठन के उद्देश्य की विस्तृत जानकारी दी । हिन्दुुत्वनिष्ठों की सहायता करने के लिए उद्योगपति परिषद तथा आपातकाल में समाज की सहायता और चिकित्सकीय क्षेत्र की दुष्प्रवृत्तियों का निर्मूलन करने हेतु आरोग्य सहायता समिति इस उद्देश्य से ये दोनों संगठन कार्य करेंगें ।

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