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“जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं” कोविड-19 पर एफओबी झाँसी का जागरूकता कार्यक्रम

Posted on 11 December 2020 by admin

img-20201210-wa0006उरई/जालौन, 10 दिसंबर 2020

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो झांसी इकाई द्वारा कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु, जनपद जालौन, उ. प्र. में 10 दिवसीय सचल प्रदर्शनी का गुरुवार को शुभारंभ किया गया। जनपद जालौन सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा जी द्वारा कोविड-19 प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। उरई में निज निवास से प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाते हुए माननीय विधायक ने जनपद जालौन के निवासियों से कोविड 19 से बचाव के उपाय अपनाने का आग्रह किया।

माननीय विधायक गौरीशंकर वर्मा ने कहा कि जबतक इस वायरस की वैक्सीन नहीं आ जाती है तबतक सभी को आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान का काड़ाई से पालन करना होगा- “जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं।“ विधायक जी ने कहा कि एफओबी झांसी द्वारा आयोजित सचल प्रदर्शनी से जनपद जालौन के लोगों में जागरूकता फैलेगी। क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी विवेकानंद ने कोविड 19 की जागरूकता संबंधी मंत्रालय के कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. गिरीश चतुर्वेदी, मंडल अध्यक्ष भाजपा, वीरेंद्र राजपूत, शैलेंद्र राजपूत, मोहित मिश्रा, रामू सिंह, शिवराम सिंह यादव, उमेश तिवारी, राहुल परिहार, रामू गुप्ता, काजू यादव, एमएस खान, शिवपाल गुर्जर, राजेश खन्ना, अरविंद वर्मा, अजय श्रीवास्तव, मयंक गुप्ता तथा मुबीन ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करायी।

गुरुवार को ही क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो झांसी द्वारा स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज, जालौन में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जहां एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें कोविड-19 से संबंधित प्रश्न पूछे गए और सही जवाब देने वालों को पुरस्कृत किया गया। इस दौरान महोबा से आए सांस्कृतिक दल लखनलाल बुंदेलखंडीय लोकनृत्य समिति महोबा द्वारा कोविड-19 से संबंधित नाट्य संगीत प्रस्तुति कर जागरूक किया गया।

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किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु टोल फ्री नम्बर सहित कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाय

Posted on 16 February 2013 by admin

चालू वित्तीय वर्ष में स्वीकृत धनराशि का शीघ्र   उपयोग करने के निर्देश  - पारस नाथ यादव
प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री पारस नाथ यादव ने किसानों को आलू की फसल का उचित एवं लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए  विभागीय अधिकारियों को सतर्कता से कार्य करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को आलू भण्डारण एवं आलू के विपणन के लिए विभिन्न मण्डियों के दैनिक बाजार भाव की जानकारी उपलब्ध करायी जाय तथा किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाय, जिसमें टोल फ्री नम्बर की सुविधा भी उपलब्ध हो। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष की समस्त स्वीकृत धनराशि का शीघ्र उपयोग करने के निर्देश दिये हैं।
उद्यान मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा संचालित योजनायें प्रदेश के किसानों की आर्थिक उन्नति में सहायक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के अन्तर्गत 2245 हेक्टेर फलों के बाग रोपण लक्ष्य के सापेक्ष 2093 हे0 में नये बागों का रोपण, 1190 हे0 में फूलों की खेती के लक्ष्य के सापेक्ष 747 हे0, 1700 हे0 में मसाला की खेती के सापेक्ष 1480 हे0 में कार्य कराया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय कार्य परिषद द्वारा बागवानी में मशीनीकरण के 981 प्रस्ताव, पौधशाला स्थापना के 17 प्रोजेक्ट, ग्रीन हाउस व शेडनेट हाउस के 109 हजार वर्ग मीटर के प्रोजेक्ट, प्लाण्ट हेल्थ क्लीनिक के तीन प्रोजेक्ट, बीज विधायन केन्द्र की स्थापना के तीन प्रोजेक्ट, मशरूम इकाई के पांच प्रोजेक्ट, फ्रण्ट लाइन डिमाॅस्ट्रेशन के आठ प्रोजेक्ट, कोल्ड स्टोरेज  निर्माण के आठ प्रोजेक्ट, राइपेनिंग चैम्बर की स्थापना के तीन प्रोजेक्ट स्वीकृत किये गये हैं।
श्री यादव ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के अन्तर्गत 54.61 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति के लिए भेजे जाने के निर्देश दिये  हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत फल, पुष्प मसाला के क्षेत्र विस्तार के लिये 6506 हे0 क्षेत्रफल के लक्ष्य के सापेक्ष 4676 हे0 में तथा बीज उत्पादन के अन्तर्गत 190 हे0 के सापेक्ष 105.6 हे0 पूर्ति की गयी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मिर्च, कद्दूवर्गीय फसलें, पातगोभी, टमाटर, प्याज की ख्ेाती के 3968 हे0 लक्ष्य के सापेक्ष 3101 हे0 में पूर्ति की गयी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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विशेषज्ञों की सलाह घर बैठे मुफ्त प्राप्त कर सकते हैं

Posted on 07 February 2013 by admin

उत्तर प्रदेश के किसान कृषि, बागबानी, पशुपालन, मत्स्य पालन तथा अन्य संबंधित समस्याओं पर विशेषज्ञों की सलाह घर बैठे मुफ्त प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर में मध्यान्ह 1 से 3 बजे, दूरभाष संख्या 0512-2555444 अथवा 0512-2555666 पर शनिवार एवं रविवार को छोड़कर संपर्क करें। इसी तरह इलाहाबाद विश्वविद्यालय, नैनी (इलाहाबाद) से सलाह पाने के लिए 10 बजे से 3 बजे के मध्य दूरभाष संख्या 18001805309 अथवा 0532-2684291 पर शनिवार एवं रविवार को छोड़कर फोन कर सुझाव पाया जा सकता हैं।
मण्डी परिषद के निदेशक प्रो0 राजेन्द्र कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान हेल्प लाइन के माध्यम से किसान, अपने खेत की मिट्टी की जाॅच, क्षेत्र के अनुसार कौन सी फसल बोये, कौन-कौन से उर्वरक एवं कितनी मात्रा में डालें, इन सबसे संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही बीज बोने, सिंचाई करने, वैज्ञानिक तरीके जानने के साथ-साथ नये कृषि यंत्रों, बागबानी, उन्नत किस्म के पौधों, फसल उत्पादन आदि से संबंधित सभी तरह की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।
मण्डी परिषद के निदेशक ने बताया कि किसान हेल्प लाइन से पशु पालन, उनकी नयी प्रजातियों, बीमारियों, दवाओं आदि की सम्पूर्ण जानकारी कृषि विशेषज्ञों से निर्धारित समय में मुफ्त में पायी जा सकती है। किसान इस सेवा का पूरा लाभ उठायें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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पेयजल स्रोतों की जी0पी0एस0 आधारित मैपिंग तथा जल गुणवत्ता परीक्षण पर कार्यशाला कल

Posted on 06 February 2013 by admin

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रलाय भारत सरकार द्वारा निर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम की मार्ग-निर्देशिका के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित समस्त पेयजल स्रोतों की जी0पी0एस0 आधारित मैंपिग, सैनिटरी सर्वे तथा जल गुणवत्ता परीक्षण का कार्य कराया जाना है। इस निर्मित पेयजल स्रोतों की जी0पी0एस0 आधारित मैपिंग तथा जल गुणवत्ता परीक्षण पर कार्यशाला का शुभारम्भ कल 07 फरवरी को उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह ‘गोप’ द्वारा सचिवालय स्थित तिलक हाल में किया जायेगा। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास श्री राजीव कुमार भी उपस्थित रहेंगे। इसके अतिरिक्त लखनऊ जोन में यह कार्य सम्पादित करने हेतु मेसर्स ए0डी0सी0सी0 इ-फोकैड, नागपुर तथा गोरखपुर जोन में सम्पादित करने हेतु रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेन्टर उ0प्र0 लखनऊ के साथ अनुबन्ध हस्ताक्षर किया जायेगा। इस कार्यक्रम से संबंधित जनपदों के लिये विकास अधिकारियों तथा जल निगम के अभियन्ता एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों/विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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गन्ना किसानो को इस साल पहले से ज्यादा लाभ

Posted on 06 February 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि गन्ना किसानो को इस साल पहले से ज्यादा लाभ हुआ है और चीनी उत्पादन भी ज्यादा हुआ है। चीनी मिलों ने 37 लाख टन चीनी का उत्पादन कर लिया है जो 40 लाख टन तक हो जाने का अनुमान है। राज्य में गन्ने से चीनी प्राप्ति की दर 8Û86 प्रतिशत है।

7 दिसम्बर,2012 को मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 2012-13 लिए गन्ने के राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) घोषणा की थी। इसके तहत सामान्य किस्म के लिए एसएपी 280 रूपए प्रति कुंतल है जबकि बसपा राज में यह 240 रूपए प्रति कुंतल थी। यह मूल्य 2011-12 की तुलना से 17 प्रतिशत अधिक था। इसके अतिरिक्त शुरूआती और अस्वीकृत किस्मों की कीमतें 250 रूपए प्रति कुंतल और 235 रू0 प्रति कुंतल से बढ़ाकर क्रमशः 290 और 275 रूपए प्रति कुंतल कर दी गई।

समाजवादी पार्टी की सरकार किसानों की अपनी सरकार है। इसलिए प्रति कुंतल दाम बढ़ोत्तरी से किसानों को इस पेराई सत्र में 21,500 करोड़ रूपए की प्राप्ति होगी जो 2011-12 में 18,200 करोड़ रूपए थी। प्रदेश में अब 24 जिलों में नई शुगर मिलों की स्थापना, उनके साथ सह उत्पादन प्लांट और डिस्टलरी प्लांट लगाने की सुविधाएं होगी। उम्मीद है कि इससे प्रदेश चीनी उत्पादन में फिर देश में अव्वल नम्बर पर आ जाएगा। इससे पूर्व जब श्री मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे तब सकल चीनी उत्पादन का 40 प्रतिशत अंश उत्पादित कर देश में कुल चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर रहा। कुल उत्पादन तब 50,32 लाख टन रहा था।

सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण 6 महीने के अंदर किसानों को 17812,37 करोड़ रूपए का गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। पिछली सरकार के समय के बकायों के भुगतान पर कार्यवाही करते हुए इसी अवधि में गन्ना किसानों को सहकारी, निगम क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र की चीनी मिलों पर पेराई सत्र 2006-07 व 2007-08 का देय बकाया अंतर गन्ना मूल्य भुगतान क्रमशः 123,68 करोड़ रूपए और 759,76 करोड़ रूपए, कुल 883,64 करोड़ रूपए का भुगतान भी कराया गया।

समाजवादी पार्टी ने किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने और उनको खाद, बीज की किल्लत न होने देने का पूरा प्रबंध कर रखा है। इस सरकार ने खाद संकट का पहले से अंदाजा लगाते हुए पहली बार बफर गोदाम के साथ-साथ सहकारी समिति स्तर पर उर्वरक का अग्रिम भंडारण (प्रिपोजिशनिंग) करने का निर्णय लिया और इस हेतु वर्ष 2012-13 के बजट में 100,00 करोड़ रूपए का प्राविधान किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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आम की फसल को खर्रा रोग एवं भुनगा कीट से बचायें

Posted on 06 February 2013 by admin

बचाव हेतु दवा का समय से करे छिड़काव-ओम नारायण सिंह

प्रदेश में आम के गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए सम-सामयिक महत्व के कीट एवं रोगों का उचित समय से प्रबंधन नितान्त आवश्यक है। इस समय  आम के पौधों को खर्रा रोग एवं भुनगा कीट से क्षति पहंुचने की ज्यादा सम्भावना है। अतः बागवान आम के पौधों को कीटों व रोगों से अवश्य बचायें।

यह जानकारी निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री ओम नारायण सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि भुनगा कीट के रोकथाम के लिए मोनोक्रोटोफास की एक मिली0 दवा प्रति लीटर या फास्फेमिडान 0.6 मिली0 दवा प्रतिलीटर पानी में घोल कर पौधों पर छिड़काव करें। खर्रा रोग से बचाव हेतु इस माह के प्रथम सप्ताह में घुलनशील गंधक 0.2 प्रतिशत तथा द्वितीय सप्ताह में (12-14 दिन बाद) डाइनोकैप अथवा ट्राइडेमार्क 0.1 प्रतिशत की एक मिली0 दवा प्रति लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करें।

श्री सिंह ने बताया कि आम की नई फसल को एन्थ्रेकनोज रोग से बचाव के लिए कापर आक्सीक्लोराइड 0.3 प्रतिशत की एक मिली0 दवा प्रतिलीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। उन्होंने कहा कि सिंचित क्षेत्रों में नया बाग लगाने हेतु कृषक पौधों की रोपाई करें तथा पौधशाला में पौधों की निराई-गुड़ाई भी करें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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ग्रीष्मकालीन मूॅगफली के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि लाने के लिये प्रोत्साहन

Posted on 30 January 2013 by admin

उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों में किसानों को कृषि विभाग द्वारा वर्ष 2012-13 एवं 2013-14 के लिये ग्रीष्मकालीन मूॅगफली के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि लाने के लिये प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इन जनपदों में फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, काशीराम नगर, फर्रूखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरेय्या, कानपुर नगर, लखनऊ एवं हरदोई शामिल हैं।
कृषि मंत्री श्री आनंद सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना के अंतर्गत किसानों को नवीनतम् फसल उत्पादन प्रौद्योगिकी का व्यवहारिक ज्ञान उपलब्ध कराने के लिये खण्ड प्रदर्शनों के प्रत्येक 10 हे0 के क्षेत्र के आयोजन पर प्रति हे0 10 हजार रूपये मात्र प्रति हे0 अनुदान की सुविधा किसानों को अनुमन्य करायी जायेगी। बीज पर अनुदान मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम् 6 हजार रूपये, तृणनाशी/ पेस्टीसाइड पर अनुदान मूल्य का 50 प्रतिशत, अधिकतम् 2 हजार रूपये एवं जिप्सम/ रसायनिक खाद/सूक्ष्म तत्व पर मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 20 हजार रूपये उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त किसानों को तकनीकी हस्तान्तरण एवं जागरूकता के लिये कृषकों का प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा। योजना के अंतर्गत प्रत्येक 25 कृषकों के समूह को दो दिवसीय प्रशिक्षण के लिये 25 हजार रूपये प्रति प्रशिक्षण निर्धारित किया गया है। इस योजना में प्रशासनिक व्यय के लिये लेखन सामग्री एवं कार्यालय के लिये 120 हजार रूपये की धनराशि की व्यवस्था की गयी है।
श्री सिंह ने बताया कि मूॅगफली के उत्पादन में वृद्धि होने से, खाद्य तेलों के प्रति आत्मनिर्भरता बढ़ेगी तथा लाभार्थी कृषकों को आर्थिक लाभ भी होगा। फसली ऋण लेने वाले कृषकों को बीमा कराना अनिवार्य है। यद्यपि फसली ऋण न लेने वाले कृषक भी बीमा योजना के अंतर्गत लाभ पाने के लिये पात्र हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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ग्रामीण पेयजल योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न

Posted on 30 January 2013 by admin

जल निगम को अधूरी योजनायें 31 मार्च तक पूर्ण करने के निर्देश
सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता हेतु पेयजल स्रोतों की  जांच हेतु किट वितरण के निर्देश

प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास, श्री राजीव कुमार द्वारा आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में ग्रामीण पेयजल योजनाओं की समीक्षा की गयी। उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबन्ध निदेशक तथा मुख्य अभियन्ता को अधूरी योजनाओं को विशेष प्रयास करके आगामी 31 मार्च तक पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये। जल निगम द्वारा आगामी मार्च तक 699 सामान्य योजनायें पूरी करने का आश्वासन दिया गया। इसके अलावा 343 जल की खराब गुणवत्ता वाली योजनाओं को भी प्राथमिकता पर पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। साथ ही 4000 तक की आबादी वाले डा0 लोहिया समग्र ग्रामों में भी प्राथमिकता पर पेयजल योजनाएं क्रियान्वित करने पर बल दिया गया।
समीक्षा बैठक में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता हेतु ग्रामीण समुदाय द्वारा अपने पेयजल स्रोतों की जांच फील्ड टेस्ट किट से स्वयं किये जाने हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत से प्रधान, ए0एन0एम0, आॅगनवाड़ी कार्यकर्ता, ग्रामीण जल एवं स्वच्छता समिति, विज्ञान स्नातक अथवा स्थानीय स्कूल के विज्ञान अध्यापक आदि में से किन्हीं तीन व्यक्तियों को प्रशिक्षण हेतु चिन्हित करने का कार्य आगामी फरवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। बैठक में समुदाय हेतु प्रशिक्षण का कार्य प्रत्येक दशा में आगामी 01 मार्च से प्रारम्भ कराने तथा प्रशिक्षणोपरान्त फील्ड टेस्ट किट वितरण किये जाने के भी निर्देश प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 जल निगम को दिये गये।
बैठक में प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास, प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 जल निगम, निदेशक राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन, समस्त क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता, उ0प्र0 जल निगम तथा शासन के अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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52.13 लाख किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य

Posted on 24 January 2013 by admin

उत्तर प्रदेश में किसानों को कृषि कार्यों में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिये कृषि विभाग द्वारा दिसम्बर, 2013 तक 27.55 लाख किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये गये, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 52.13 लाख किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह ने आज यहाॅ इस संबंध में बताया कि रबी में कृषि निवेश जैसे- उर्वरक, बीज, सिंचाई, रक्षा रसायन, कृषि यंत्र आदि खरीदने के लिये समस्त ग्रामों के पात्र किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं।
श्री सिंह ने बताया कि पुराने समय में किसानों को महाजनों से ऋण लेना पड़ता था, जिस पर ऊॅची दर पर सूद देना पड़ता था और किसान ऋण के चुंगल में फंसता चला जाता था। उन्होंने कहा कि अब किसानों के लिये ग्रामीण बैंकों द्वारा कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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ग्रामीण पेयजल के प्राविधान पर विशेष बल

Posted on 23 January 2013 by admin

ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजनान्तर्गत कार्यक्रमों/योजनाओं के कार्यान्वयन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। इसमें ग्रामीण पेयजल के प्राविधान पर विशेष बल दिया है। हैण्डपम्पों के बीच 75 मीटर की दूरी निर्धारित की गयी है।
प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास श्री राजीव कुमार की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि हैण्डपम्पों का अधिष्ठान 100 की आबादी पर किया जाये तथा 02 हैण्डपम्पों के मध्य 75 मीटर की दूरी रखी जाये।
यदि ग्राम, पेयजल गुणवत्ता की समस्या से प्रभावित हों तो ग्राम की समस्त आबादी को पाइप पेयजल योजना, अधिक गहरे हैण्डपम्पों अथवा शोधन संयंत्रों के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाये, तभी ग्रामों को संतृप्त समझा जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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