आगरा में आलू अनुसंधान एवं विकास केन्द्र स्थापित किया जायेगा
कैम्प लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड 31 जुलाई तक शत प्रतिशत बनायें
किसानों की समस्याओं के मौके पर ही निस्तारण हेतु कृषि उत्पादन आयुक्त उ0प्र0 आलोक रंजन की अध्यक्षता में आगरा एवं अलीगढ मण्डलों की संयुक्त कृषि गोष्ठी का आयोजन आज यहां कमिश्नरी सभागार में किया गया। गोष्ठी में सर्व प्रथम किसानों से उनकी समस्याओं की जानकारी प्राप्त कर बरिष्ठ अधिकारियों ने समस्याओं के निदान प्रस्तुत किये। सभी जिलाधिकारियों ने अपने जनपद की खरीफ फसल की रणनीति और कृषि निवेशों की उपलब्धता की जानकारी दी।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि आगरा में शीघ्र ही ‘‘आलू अनुसंधान एवं विकास केन्द्र‘‘ की स्थापना की जायेगी जिससे कि नवीनतम् रिसर्ज तथा तकनीकों की किसानों को तत्परता से जानकारी दी जा सके और प्रसंस्करण उद्योगों सहित विभिन्न उद्योगों सहित विभिन्न उद्योंगों से समन्वय और मार्केटिंग आदि के लिए मार्ग दर्शन मिल सकेगें।
उन्होंने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में कैम्प लगाकर 31 तक अभियान चलाकर किसान के्रडिट कार्ड का शत प्रतिशत वितरण सुनिश्चित करायें। इस कैम्प से ही सभी अभिलेख मौके पर ही उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि कृषि निवेश प्रर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। डी.ए.पी. के साथ एन.पी. के. खाद जिलों में उपलब्ध है। जिला स्तरीय समितियां को किसानों को तत्परता से खाद उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी दुगनी करने हेतु पशुपालन, कुक्कुट पालन आदि को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में किसानों को उनके घरों पर ही सलाह देने हेतु व्यवस्था के क्रम में प्रत्येक जिले से दो पशुधन अधिकारी/ पशु चिकित्सा अधिकारी को कुक्कुट पालन के सम्बन्ध में दक्षता बढाने हेतु ट्रैनिंग की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि बीमार पशु को चिकित्सालय लाने में कठिनाई को देखते हुए डूर-स्टेप सुविधा व्यवस्था की जा रही है। पशुओं के टीकारण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये।
उन्होंने किसानो द्वारा जिप्सम की मांग पर सहमति प्रकट करते हुए पर्याप्त मात्रा में जिप्सम की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। किसानों फसल बीमा योजना में आ रही कठिनाईयों से अवगत कराया गया। उन्होंने निर्देश दिये कि बीमा कम्पनी के अधिकारी स्थानीय अधिकारियों के साथ क्षेत्रों का भ्रमण कर किसानों को योजना का लाभ पहुचाॅने , उन्होंने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता को क्षेत्रों में भ्रमण कर किसानों की समस्या मौके पर निस्तारित कराने के निर्देश दिये।
किसानों द्वारा बनरोज (नीलगाय) की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किये जाने पर उन्होंने स्पष्ट किया कि बनरोज को मारने पर कोई प्रतिबन्ध नही है। शासन द्वारा एस.डी.एम. तथा खण्ड विकास अधिकारियों को भी बनरोज को शूट करने की अनुमति देने के लिए अधिकृत कर रखा है। इसके अलावा फैसिंग/सोलर फैन्सिग, बन्धाकरण आदि उपायों पर भी विचार किया जा रहा है। अनुमानतः प्रदेश में ढाई लाख बनरोज है जिससे फसलों को बहुत क्षति होती है।
बैठक में खारी पानी की समस्या के निदान हेतु वर्षा जल संचय तथा चैक डैम बनाने पर बल दिया गया। बीज विकास निगम द्वारा किसानों को भुगतान की शिकायतों को उन्होंने गम्भीरता से लिया और प्रबन्ध निदेशक को मौके पर ही किसानों से वार्ता कर समस्या का समाधान कराया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव कृषि सुशील कुमार, प्रमुख सचिव पशुधन डा0 हरिशरण दास, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मुकुल सिंघल, विशेष सचिव सिंचाई महेश कुमार , कृषि निदेशक मुकेश गौतम, स्टाफ आफिसर शिवशंकर सिंह, प्रबन्ध निदेशक बीज विकास निगम ए0 के0 विश्नोई, आयुक्त आगरा अमृत अभिजात, आयुक्त अलीगढ अनुराग श्रीवास्तव, जिलाधिकारी आगरा अजय चैहान एवं दोनों मण्डलों के सभी जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और विभिन्न विभागों के लखनऊ मुख्यालय तथा मण्डल एवं जिला स्तरीय अधिकारी, प्रगतिशील कृषक आदि ने प्रतिभाग किया। संचालन ओ.पी.सिंह उपनिदेशक भूमि संरक्षण तथा धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त कृषि निदेशक आगरा आर. पी. यादव द्वारा किया गया।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने दीप प्रज्जवलित का संगोष्ठी का शुभारम्भ किया। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये प्रदर्शनी स्टाल का निरीक्षण किया और किसानों को ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, किसान के्रडिट कार्ड तथा अन्य कृषि निवेश प्रदान किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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