Archive | June 13th, 2011

एपीसी ने पेष किया खूबियों से पैक 650 वीए होम-यूपीएस

Posted on 13 June 2011 by admin

ग्राहकों को देता है 6 से 8 घंटे तक भरोसेमंद बैक अप पावर, प्योर साइन वेव टेक्नोलाॅजी तथा अप श्रेणी की बेहतरीन एपीसी बैटरी

महत्वपूर्ण पावर तथा कूलिंग सर्विसेज में विष्व प्रमुख षिंडर इलेक्ट्रिक की एपीसी ने अपनी होम यूपीएस रेंज में एकदम स्लीक न्यू बी 1650साइन को षामिल करके इसका विस्तार किया है। बेहतरीन परफाॅर्मेंस वाला यह होम यूपीएस बार-बार, लम्बे समय तक परेषान कर देने वाले पावर कट्स का एकदम परफेक्ट समाधान है।

खासतौर से भारत को परेषान कर देने वाली बिजली संबंधी परिस्थितियों के लिए डिजाइन किया गया यह न्यू बी 1650 साइन होम इलेक्ट्राॅनिक्स उपकरणों, जैसे टेलीविजन सैट्स, होम थियेटर, स्टीरियो सैट्स, गेमिंग उपकरण, लाइट तथा पंखों को प्योर साइन वेव बैकअप पावर देता है।
न्यू बी 1650 साइन 6 से 8 घंटे तक लगातार पावर सप्लाई देता है। इसके अलावा, इसमें है अपनी श्रेणी की बेहतरीन बैटरी और इंटेलीजेंट स्टेज्ड चार्जिंग विषेषता।
पैक खूबियाँः
ऽ    हाई क्वालिटी प्योर साइन वेव आउटपुट इससे जुड़े इलेक्ट्रॅानिक्स उपकरणों को सुरक्षा प्रदान करती है।
ऽ    कोई षोर नहीं/कोई परेषान करने वाली आवाज नहीं
ऽ    इसकी 3 स्टेज रेगुलेटिड चार्जिंग विषेषता जल्दी चार्जिंग करती है और बैटरी की लाइफ को बेहतर बनाती है।
ऽ    मल्टीपल साइज की बैटरियों को चार्ज करने के लिए यूज़र द्वारा सिलेक्ट करने वाली चार्जिंग करंट क्षमता।
ऽ    जेनरेटर के साथ काम करने के लिए उपयुक्त
ऽ    बैटरी संबंधी परेषानियों को दर्षाने के लिए ओवरलोड तथा रिवर्स पोलैरिटी प्रोटेक्षन, चैक बैटरी इंडिकेटर्स जैसी आधुनिक सुरक्षा विषेषताएं।
ऽ    आॅनसाइट रिप्लेसमेंट वारंटी - 1.5 साल बैटरी पर तथा 2 साल यूनिट पर
ऽ    यूनिट उपयोग में न होने पर होम/अवे मोड बैटरी डिस्चार्ज होने की रोकथाम करता है।
ऽ    चार्जर आउटपुट सिलेक्टर लम्बे समय तक बैटरी लाइफ सुनिष्चित करता है।
ऽ    बैटरी इनपुट फ्यूज स्थापना संबंधी किसी प्रकार की दुर्घटना की रोकथाम करते हैं।
ऽ    ओवरलोड से बचाव के लिए पुष बटन सर्किट ब्रेकर मदद पहंुचाता है।
ऽ    एलईडी युक्त आसानी से पढे़ जाने वाले इंडिकेटर्स बैटरी तथा यूनिट की स्थिति को दर्षाते हैं।
ऽ    इंडियन 6एम्पीयर/15 एम्पीयर आउटपुट साॅकेट
ऽ    लम्बे समय तक ऊँची ट्यूबलर बैटरियों पर काम करता है।

एपीसी के निदेषक-ट्रांजेक्षन सेलस गौरव बर्मन ने कहा कि बी 1650 साइन होम यूपीएस हमारी होम यूपीएस रेंज में षामिल होकर हमारे ग्राहकों के बजट के अनुरूप उनकी विभिन्न पावर बैकअप ज़रूरतों को पूरा करता है। हम अपने ग्राहकों की समस्याओं को अच्छी तरह से समझते हैं और इसीलिए इन अनूठी विषेषताओं को अपने उत्पादों में षामिल किया है ताकि ये उनके लिए उपयोगी साबित हों। उदाहरण के लिए इस नए माॅउल में इंटेलीजेंट माइक्रोप्रोसेसर कंट्रोल्ड 3 स्टेज रेगुलेटिड चार्जिंग फीचर को ही ले लें, यह बार बार बिजली जाने के दौरान बैटरी की लाइफ को कम किए बिना तुरंत रीचार्ज करती है। साथ ही, इसका खूबसूरत डिजाइन तथा षाॅक प्रूफ विषेषताएं अपने आप में अनूठी हैं।’’

7400 रूपये के अधिकतम मूल्य (बिना बैटरी) पर न्यू एपीसी बी 1650 साइन होम यूपीएस पूरे देष में 5000 से अधिक चैनल पार्टनर्स के ज़रिये उपलब्ध है और इसके साथ मिलता है एपीसी की बेहतरीन आॅफ्टर सेल्स सर्विस का भरोसा। एपीसी विष्वसनीयता के वादे पर हमेषा खरी उतरती रही है। विद्युत सुरक्षा श्रेणी में इसकी निरंतर जोरदार परफाॅमेंस समूचे विष्व में 30 मिलियन से अधिक ग्राहाको का भरोसा जीत चुकी है। उद्योग सर्वेक्षण में इसे मल्टीपल बेस्ट होम यूपीएस अवाॅर्ड से भी सम्मानित किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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थाने में नाबालिग लड़की सोनम के साथ बलात्कार और हत्या की जांच रिपोर्ट

Posted on 13 June 2011 by admin

10 जून 2011 को लखीमपुर (खीरी) के थाना निघासन में चैदह वर्षीय नाबालिग लड़की सोनम के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा सामूहिक बलात्कार और उसके बाद उसकी हत्या की घटना को संज्ञान में लेते हुए मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फाॅर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) का पांच सदस्यीय जांच दल ने 11 जून 2011 को घटना स्थल का दौरा किया।

जांच दल जांच के दौरान पीड़ित पक्ष के परिजनों व आस-पास के लोगों से मुलाकात कर घटना के बारे में जानकारी हासिल की। जांच टीम ने पुलिस अधिकारियों से मिलकर मामले के बारे में पूछताछ करने की कोशिश की लेकिन उनका रवैया असहयोगात्मक रहा।

जांच दल से सोनम की मां ने तरन्नुम ने बताया कि शुक्रवार को दिन में करीब ग्यारह बजे मेरी बेटी सोनम उम्र 14 वर्ष व बेटा अरमान उम्र पांच वर्ष भैस चराने गए थे, भैंस थाने के अंदर घुस गई थी, जिसको लेने मेरी बेटी थाने के अंदर गई। जहां पुलिस वालों ने उसे खींच लिया और मेस के अंदर घसीटते हुए ले गए और वहां मेरी बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसे थाने के पीछे भिलोर के पेड़ पर लटका दिया। सोनम की मां ने जांच दल से बताया कि यह जब उसके बेटे अरमान ने उसे बताया तब वह दौड़ती हुई सोनम की लाश के पास पहुंची, जहां सोनम की लाश पेड़ से लटक रही थी, उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे, उसके शरीर पर चोटों के निशान थे तथा उसकी यौनी खून से लथपथ थी। यह देखकर वह चिल्लाने लगी। तभी पुलिस वाले और उन्होंने गाली देते हुए कहा कि यहां क्यों शोर मचा रही हो, तुम्हारी लड़की ने आत्म हत्या किया है। लाश ले के यहां से भाग जाओ नहीं तो तुमको बहुत मार मारेंगे। मैं अपनी बेटी की लाश लेकर रोती-चिल्लाती अपने घर पहुंची जहां काफी भीड़ इक्ट्ठा हो गई। इसी दौरान एसओ निघासन, एसडीएम तथा सादी वर्दी में सीओ साहब पहुंचे मैंने और वहां मौजूद बाकी लोगों ने जब दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की तो पुलिस वाले मुझे धमकाने लगे और कहने लगे कि तुम्हारी लड़की ने आत्म हत्या किया है कोई मुकदमा दर्ज नहीं होगा और वे लोग घर पर ही लाश का पंचनामा भरने लगे जिसका लोगों ने जमकर विरोध किया और पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारे लगाने लगे। लोगों का बढ़ता विरोध देखकर पुलिस वाले मुकदमा दर्ज करने के लिए तैयार हो गए और मेरे घर पर जो पंचनामा भरा गया था उसे पुलिस वालों ने फाड़ दिया। मैंने अपने बेटे अरमान के बताए गए हुलिए के अनुसार दरोगा वीके सिंह, सिपाही एसके सिंह तथा फालोवर रामचंद्र के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी, लेकिन पुलिस वालों ने मेरी तहरीर लेने से मना कर दिया और कहा कि मुकदमा अज्ञात में दर्ज करवाना हो तो करवा लो नहीं तो मामला यहीं खत्म कर देंगे। मजबूरन दबाव में मैंने पुलिस वालों के कहे अनुसार लिखी तहरीर पर अंगूठा लगा दिया।

जांच दल ने जब सोनम के भाई पांच वर्षीय अरमान से बातचीत की तो उसने बताया कि मैं अपनी दीदी के साथ भैस चरा रहा था, जब भैस थाना परिसर में चली गई तो हम लोग उसे लेने गए तभी कुछ पुलिस वाले आए जिनमें से एक ने वाले मेरे सिर पर बंदूक तानकर चुप रहने को कहा और दीदी को अंदर कमरे में घसीटते हुए ले गए। काफी देर बाद पुलिस वालों ने दीदी को पेड़ से लटका दिया और मुझे वहां से भगा दिया। अरमान ने बताया कि वह वहां से भागकर घर आया और अपनी मां से सारी बात बताई।

सोनम के पिता ने जांच दल को बताया कि बेटे अरमान ने जिन पुलिस वालों के बारे में बताया उसके मुताबिक वे तीन लोग हैं- दरोगा वीके सिंह, सिपाही एसके सिंह और फालोवर रामचंद्र।

जांच दल ने पुलिस पक्ष से घटना के बारे में पूछताछ कर मामले के बारे में उनका पक्ष तथा पोस्ट मार्टम रिपोर्ट और प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल प्राप्त करने की कोशिश की लेकिन जांच दल के साथ पुलिस पक्ष का व्यवहार असहयोगात्मक और अभद्रतापूण रहा।

जांच दल ने घटना के बारे में स्थानीय लोगों से भी बातचीत की तथा स्थानीय समाचार पत्रों का भी अवलोकन किया। सबसे चैंकाने वाली बात सोनम के साथ हुए बलात्कार और हत्या की घटना में पुलिस की सलिप्तता को स्पष्ट करती है कि पुलिस इस पूरे मामले को आत्म हत्या के रुप में प्रचारित करने में जुटी हुई है और इसके लिए तथ्यों को छुपाने तोड़ने मरोड़ने में लगी हुई है, यहां तक कि पोस्ट मार्टम को भी जारी नहीं किया गया है। इस तथ्य की पुष्टि बारह जून 2012 के अमर उजाला की यह खबर भी करती है जिसमें ‘‘देर शाम साढ़े सात बजे शव का अंतिम संस्कार निघासन कस्बे में कर दिया गया। इसके बाद भी पुलिस मुखिया ने पोस्ट मार्टम न मिलने की बात कही है। वहीं सीएमएस डाक्टर एचटी हुसैन ने अमर उजाला को बताया कि रिपोर्ट पोस्ट मार्टम के कुछ देर बाद भेज दी गई थी। इसकी कापी एसपी कार्यालय को भेजी गई।’’ वहीं दूसरी ओर दैनिक समाचार पत्र हिन्दुस्तान में बारह जून 2011 को ‘‘पीएम रिपोर्ट से उलझी गुत्थी रेप की पुष्टि नहीं’’ शीर्षक से छपी खबर में हैं ‘‘दिन भर हुए बवाल के बाद देर शाम जब डाक्टरों ने पीएम रिपोर्ट पुलिस को सौंपी तो उस रिपोर्ट में बालिका के साथ रेप करने की कहीं पुष्टि नहीं हुई। पीएम रिपोर्ट आने के बाद अब ये मामला और उलझ गया है।’’ जांच दल को समाचार पत्रों के अवलोकन से यह भी विदित हुआ कि सोनम की मां तरन्नुम की तहरीर पर अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ है तथा पुलिस अधिक्षक लखीमपुर (खीरी) द्वारा घटना के समय ड्यूटी पर तैनात ग्यारह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

परिजनों की सामाजिक-आर्थिक स्थितिः
सोनम के पिता इन्तजाम अली फेरी लगाकर अपना और अपने परिजनों का भरण-पोषण करते हैं। इस दौरान वे निर्माणाधीन निघासन थाने में बतौर मजदूर काम करने लगे थे और जिसमें  उन्हें रोजाना मजदूरी मिल जाती थी। इंतजाम अली का घर थाने से लगा हुआ था इसलिए ठेकेदार ने उन्हें सामान की रात में रखवाली के लिए चैकीदार के रुप में भी काम दे रखा था। घटना वाले दिन इंतजाम अली घर पर नहीं थे और वे अपनी बड़ी बेटी रुक्सार की शादी का कार्ड बांटने अपने ससुराल गए थे।

जांच दल के निष्कर्षः
1- नाबालिग सोनम के साथ बलात्कार और हत्या पुलिस कर्मियों ने थाना परिसर निघासन में किया।
2- बलात्कार और हत्या को छिपाने के लिए दोषी पुलिस कर्मियों ने आत्म हत्या का केस बनाने के लिए शव को पेड़ से लटका दिया।
3- बलात्कार और हत्या की घटना को छिपाने और विधिक प्रक्रिया से बचने के लिए थाने के परिसर में पेड़ से लटके सोनम के शव को पुलिस कस्टडी में न लेकर दोषी पुलिस कर्मियों द्वारा सोनम की मां को डरा धमकाकर शव के साथ भगा दिया गया।
4- दोषी पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए एसओ निघासन, एसडीएम निघासन और सीओ निघासन द्वारा सोनम की मां को डराया धमकाया गया तथा नामजद प्रथम सूचना रिपोर्ट न दर्ज कर अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट कराने के लिए मजबूर किया गया।
5- दोषी पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए पोस्ट मार्टम का निष्कर्ष आने के बावजूद जारी नहीं किया गया जो पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की सत्यता पर संदेह पैदा करता है।

जांच दल की संस्तुतिः
1- सोनम की थाना परिसर में बलात्कार के बाद हत्या की निष्पक्ष जांच किसी सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश या जनपद न्यायाधीश से कराई जाय।
2- सोनम के परिजनों को उचित मुआवजा तथा सुरक्षा राज्य सरकार से मुहैया कराय जाय।
3- सोनम के बलात्कार और हत्या में लिप्त दोषी पुलिस कर्मियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाय।
4- राज्य सरकार को निर्देशित किया जाय कि मानवाधिकार आयोग तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा डीके बसु केस में जारी किए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना सुनिश्चित कराए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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