Archive | June 21st, 2011

माननीया मुख्यमंत्री जी ने महिलाओं के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की कड़े शब्दों में निन्दा की और गहरा दुःख व्यक्त किया

Posted on 21 June 2011 by admin

  • माननीया मुख्यमंत्री जी का महिलाओं के साथ बलात्कार एवं अन्य अपराधिक घटनाओं को देखते हुये दण्ड प्रक्रिया संहिता में संशोधन करने का निर्णय
  • बलात्कार के मुकदमों का फैसला 6 महीने में तथा बलात्कार के अपराधियों को जमानत न देने की व्यवस्था
  • उत्तर प्रदेश में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 354 को गैर-जमानती घोषित करने का निर्णय
  • 27 जून को माननीया मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक आहूत
  • बैठक में माननीया मुख्यमंत्री जी अधिकारियों को आपराधिक तत्वों के विरूद्ध एक माह का विशेष अभियान चलाने के निर्देश देंगी
  • विरोधी पार्टियांे को घिनौनी राजनीति करने की बजाय सामाजिक जागरूकता पैदा करनी चाहिए जिससे वारदातों की पुनरावृत्ति न हो

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने कहा है कि महिलाओं के साथ बलात्कार एवं अन्य अपराधिक घटनाओं को देखते हुये उनकी सरकार ने दण्ड प्रक्रिया संहिता में जरूरी संशोधन करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बलात्कार के मुकदमों में 6 महीने के अन्दर फैसला करने तथा बलात्कार के अपराधियों को तब तक जमानत न दिये जाने की व्यवस्था की जायेगी जब तक कि बलात्कारी यह न साबित करें कि वह दोषी नहीं है। उन्होंने कहा कि दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 437 एवं 439 में इस आशय के संशोधन करने का निर्णय लिया गया है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन संशोधनों से सम्बन्धित अध्यादेश महामहिम श्री राज्यपाल जी को प्रेषित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का यह मानना है कि कानून में किये जा रहे इन बदलावों से समाज पर व्यापक असर पड़ेगा तथा महिलाओं के विरूद्ध हो रहे जघन्य अपराधों में काफी हद तक कमी आयेंगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने यह निर्णय भी लिया है कि महिलाओं की लज्जा भंग करने के इरादे से हमला करने के अपराध से सम्बन्धित भारतीय दण्ड संहिता की धारा 354 को उ0प्र0 में गैर-जमानती घोषित किया जाये, जो कि अभी तक जमानतीय है। उन्होंने कहा कि इस आशय का अध्यादेश भी महामहिम श्री राज्यपाल को प्रेषित किया जा रहा है। इस संशोधन से भी महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों में अवश्य ही कमी आयेगी, तथा इससे अपराधियों को भी जरूर सबक मिलेगा।

माननीया मुख्यमंत्री जी आज अपने सरकारी आवास पर मीडिया से वार्ता करते हुए प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर विरोधी पार्टियों द्वारा किये जा रहे दुष्प्रचार के सम्बन्ध में राज्य सरकार का पक्ष रख रही थीं। उन्हांेने प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध हाल ही में हुई कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए बच्चियों तथा महिलाओं के साथ हुई आपराधिक घटनाओं पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने प्रभावित महिलाओं एवं बच्चियों के परिवारजनों को आश्वासन दिया कि दोषियों के विरूद्ध उनकी सरकार सख्त कार्यवाही करेगी।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों और विशेष रूप से सपा के शासनकाल के दौरान महिलाओं, दलितों, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित सर्वसमाज के कमजोर व गरीब वर्गों के विरूद्ध जुल्म ज्यादती की कोई सुनवाई नहीं होती थी। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि सन् 2007 में उनकी पार्टी की सरकार द्वारा कार्यभार ग्रहण के तत्काल बाद पूर्ववर्ती सरकार के कारनामों से दुःखी एवं पीड़ित लोगों को, उनकी जायज शिकायतों सम्बन्धी एफ0आई0आर0 लिखवाने का विशेष अवसर प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा न्याय दिलाने के उद्देश्य से संचालित इस अभियान के दौरान लगभग 10 हजार एफ0आई0आर0 दर्ज कराई गईं, जिसमें महिलाओं द्वारा दर्ज करायी गयी एफ0आई0आर0 की संख्या लगभग 1460 थी। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में एफ0आई0आर0 दर्ज होने के बावजूद निश्चित रूप से कुछ महिलायें ऐसी भी रही होंगी, जिन्होंने लोक-लाज के कारण एफ0आई0आर0 दर्ज कराने में संकोच किया होगा।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में हर मामले में कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करने का पूरा प्रयास किया है और इसमें उनकी सरकार को काफी हद तक कामयाबी भी मिली है। उन्होंने कहा कि वे हमेशा इस बात पर जोर देती हंै कि सभी प्रकार के अपराधियों, विशेषकर महिलाओं एवं नाबालिगों के साथ अपराध करने वालों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में कोई इस प्रकार का कृत्य करने की हिम्मत न कर सके। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि ऐसे मामलों में लापरवाही बरतने अथवा अपराधियों को बचाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को भी कतई बख्शा न जाय।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अभी हाल ही में, प्रदेश के कुछ जिलों में बच्चियों व महिलाओं के साथ जो भी गम्भीर वारदातें हुई हैं। उनमें उनकी सरकार कुछ हद तक पुलिस एवं प्रशासन तन्त्र की लापरवाही के साथ-साथ जिन भी लोगों ने बच्चियों व महिलाओं के साथ घिनौनी हरकत की है। उनके खराब चरित्र को भी काफी हद तक जिम्मेदार मानती है। उन्होंने कहा कि इस बात को गम्भीरता से लेते हुये उनका सभी विरोधी पार्टियों से यह भी कहना है कि वे इन वारदातों की आड़ में घिनौनी राजनीति करने की बजाय समाज में ऐसेे लोगों की करतूतों को उजागर करें। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी वारदातों की फिर से पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए विरोधी पार्टियों को प्रदेश में सामाजिक जागरूकता पैदा करनी चाहिये। उन्होंने कहा आम लोगों में यह बात जरूर पैदा करनी चाहिये कि जिन परिवारों में चरित्रहीन व वाहियात किस्म के लोग हैं, उनमें उनके परिवार के लोग अच्छे संस्कार पैदा करें। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भी अपने संगठन को तैयार करने के साथ-साथ इस ओर भी जरूर ध्यान देंगी।    इसी प्रकार प्रदेश में जो एन0जी0ओ0 कार्य कर रहे हैं उन्हें भी इस दिशा में जरूर पहल करनी चाहिये।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में जिन लोगों ने महिलाओं व बच्चियों के साथ घिनौनी हरकत की है, उनके खिलाफ सरकार काफी सख्त से सख्त कार्यवाही करेगी, उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के साथ आगे ऐसी घिनौनी हरकत न हो, इसके लिए ऐसे तत्वों पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए उन्होंने इसी महीने 27 जून को लखनऊ में सभी जिलों, मण्डलों, जोन एवं सरकार के पुलिस व प्रशासन तन्त्र के अधिकारियों की अति महत्वपूर्ण बैठक बुलायी है, इस बैठक की वह स्वयं अध्यक्षता करेंगी। उन्होंने कहा कि बैठक में प्राथमिकता के आधार पर खासतौर से महिलाओं व बच्चियों के साथ किसी भी प्रकार का कोई उत्पीड़न न हो, इसके लिए वे अधिकारियों को यह निर्देश देंगी कि इस मामले में  प्रदेश के हर थाना क्षेत्र में थानों के इन्चार्जों की देखरेख में एक महीने का विशेष अभियान चलायें। इस अभियान में ऐसे गलत लोगों की सूची तैयार करके, उन्हें पहले सुधारने का हर सम्भव प्रयास किया जाये और यदि वे नहीं सुधरते हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाये।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसे लोग जिनका चरित्र ठीक नहीं है, उनकी राज्य में अब खैर नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सख्त निर्देंश दिये जायेंगे कि प्रदेश के किसी भी जिले में यदि कोई भी गम्भीर वारदात होती है तो इसके बारे में जिम्मेदार अधिकारी शीघ्र सही तथ्यों के बारे में सरकार के साथ-साथ स्थानीय मीडिया को भी समय से जानकारी दंे। उन्होंने मीडिया से भी यह अपील की कि वह भी किसी गम्भीर घटना के बारे में सम्बन्धित अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए थोड़ा इन्तजार करें। उन्होंने कहा कि कभी-कभी चैनलों में पहले समाचार दिखाने की होड़ में बिना तथ्यों की पुष्टि किये गलत रिपोर्ट दिखा दी जाती है, जिससे आम जनता में गलत फहमी पैदा होती है, जिसका कानून-व्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया को  लोकतन्त्र का चैथा स्तम्भ माना जाता है और इस प्रकार के प्रसारण से उसकी गरिमा पर भी कुछ हद तक बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने भरोसा जताया कि इस मामले में मीडिया उनकी सरकार को सहयोग करेगा। उन्हांेने अधिकारियों को भी सख्त निर्देंश दिये हैं कि वे मीडिया के साथ सहयोग करें।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हाल की घटनाओं के सम्बन्ध में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनकी सरकार पर आरोप लगाने वालों को उन्होंने याद दिलाया कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या के मामले में देश का सबसे बड़ा राज्य है, इसलिए इसकी समस्याएं भी बड़ी है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एन0सी0आर0बी0) की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में महिलाओं के विरूद्ध हुए अपराधों में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि एन0सी0आर0बी0 द्वारा दिये गये आंकड़ों की जानकारी मीडिया सहित सभी विपक्षी दलों को है, फिर भी उनकी सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगाये जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा आभास दिलाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ सर्वाधिक अपराध हो रहे है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एन0सी0आर0बी0 के आंकड़ों के अनुसार प्रति लाख जनसंख्या पर उत्तर प्रदेश में अपराध की संख्या 11.9 है, जबकि कांग्रेस शासित आन्ध्र प्रदेश में 30.7, हरियाणा में 21.9, राजस्थान में 26.2 तथा दिल्ली में 23.9 अपराध दर्ज किये गये। इसी प्रकार बी0जे0पी0 शासित गुजरात में महिलाओं के साथ अपराधों की संख्या 13.9 तथा मध्य प्रदेश में 22.3 हैं। इसके अलावा महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले में भी उत्तर प्रदेश की स्थिति कांग्रेस एवं बी0जे0पी0 शासित प्रदेशों की तुलना में काफी बेहतर है। उन्होंने कहा कि अगर बलात्कार की घटनाओं का आंकड़ा देखा जाये, तो उत्तर प्रदेश में बलात्कार की अपराध दर 0.9 है जबकि आन्ध्र प्रदेश में 1.4, असम में 5.3, छत्तीसगढ़ में 4.0, मध्य प्रदेश में 4.2, हरियाणा में 2.5, राजस्थान में 2.3 तथा दिल्ली में 2.6 हैं।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन आंकड़ों का विवरण देने का मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश की कुछ घटनाओं को लेकर हाय-तौबा मचाने वाले विरोधी दलों को अपनी पार्टी द्वारा शासित राज्यों में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को भी देख लेना चाहिए। इसके अलावा जहां तक सपा के नेताओं द्वारा दिये गये बयानों की बात है तो यहां के लोगों को इस पार्टी के शासनकाल के दौरान महिलाओं के साथ हुए अत्याचार और पूरे प्रदेश में व्याप्त गुंडाराज को लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को वे दोहराना नहीं चाहती लेकिन सपा के नेताओं को उनकी सरकार पर अंगुली उठाने का कोई हक नहीं है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके बावजूद लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि उनकी सरकार ने कानून-व्यवस्था के मामले में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आपराधिक मामलों में सख्त से सख्त कार्यवाही की है, जबकि दूसरी पार्टियों की सरकारों में ज्यादातर अपराधियों को बचाने की कोशिश की जाती थी और यदि किसी दबाव में या दिखाने के लिए कार्यवाही करना जरूरी होता था तो अधिकांश मामलों में बेकसूर लोगों को ही बलि का बकरा बना दिया जाता था।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हाल ही में प्रदेश के कुछ जनपदों में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनायें जरूर हुईं है, लेकिन ऐसी घटनाओं के सम्बन्ध में सच्चाई बाहर आने से पहले ही विपक्षी दलों द्वारा घिनौनी राजनीति शुरू कर दी जाती है तथा हाल की इन कुछ घटनाओं को लेकर विपक्षी पार्टियों द्वारा की जा रही बयानबाजी वास्तव में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए उनकी सरकार को बदनाम करने की कोशिश है। इसके बावजूद उन्होंने सभी विपक्षी दलों से इस बाबत आग्रह किया कि वे ऐसी संवेदनशील घटनाओं पर राजनीति न करें और मानवता के आधार पर सरकार की मदद करें, जिससे कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो सके। उन्होंने कहा कि हाल में घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के सम्बन्ध में उनकी सरकार द्वारा तेजी से कार्यवाही की गयी है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से सम्बन्धित कई अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और जिन मामलों में पुलिस के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती गयी, वहां उनके विरूद्ध भी काफी सख्त कार्यवाही की गयी।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन घटनाओं को लेकर इसकी आड़ में जो लोग यहाँ जंगलराज होने की बात कह रहे हैं, उन्हें वे बताना चाहती हैं कि यदि उनकी सरकार में वास्तव में जंगलराज व्याप्त होता तो फिर अयोध्या प्रकरण में आये फैसले के तुरन्त बाद ही उ.प्र. के साथ-साथ पूरे देश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो जाती। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार उनके शासन में नामी बड़े-बड़े डकैत व अन्य अपराधी पुलिस मुठभेड़ में नहीं मारे जाते, जिन्होंने पूर्व की सरकारों में यहाँ हाहाकार मचाया हुआ था। जिन्हें राजनैतिक संरक्षण भी प्राप्त था। ऐसे लोग इन्हीं की आड़ में यहाँ घिनौनी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विधान सभा के आमचुनाव नजदीक आते हुये देखकर अपने राजनैतिक फायदे के लिए यहाँ सभी विरोधी पार्टियों के लोग प्रदेश में जंगलराज होने की बात बढ़ा-चढ़ाकर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों के ये सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।

प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य सचिव के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए आज कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के संदर्भ में माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्हांेने इसे काफी गम्भीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि यद्यपि उन्हें पूरा भरोसा है कि मुख्य सचिव एक जिम्मेदार और गम्भीर अधिकारी हैं। इसलिए वे इस प्रकार की बात नहीं कहंेगे, फिर भी उन्होंने इस मामले में मुख्य सचिव से लिखित जानकारी मांगी है और वे इसकी स्वयं छान-बीन करायेंगी। उन्होंने कहा कि इस किस्म का गैर-जिम्मेदाराना बयान सही मायने में समाजवादी पार्टी की सरकार में इस पार्टी की ओर से श्री शिवपाल सिंह यादव जैसे लोग नोएडा में उनकी सरकार के रहते हुये बड़ी तादाद में नाबालिग बच्चियों के मिले कंकाल के मामले में इसे मामूली सी घटना बताकर दे सकते हैं। इसी प्रकार केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में लगातार बढ़ रही मँहगाई जैसे अति संवेदनशील मुद्दे पर भी केन्द्र की सरकार में महत्वपूर्ण मन्त्रालयों मंे बैठे हुये, उनके वरिष्ठ मन्त्री लोग भी इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना बयान दे सकते हैं कि वे कोई ज्योतिषी नहीं हैं और न ही उनके पास कोई जादू की छड़ी है जिसको घुमाकर देश में बढ़ रही मँहगाई को फौरन कम कर दें।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसी तरह से विभिन्न पार्टियों के संगठन में उच्च पदांे पर बैठे हुये लोग भी अपने विरोधियों पर अक्सर आये दिन ऐसी बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी व सरकार मंे किसी भी स्तर के पदाधिकारी व अधिकारी का किसी भी मामले में गैर-जिम्मेदाराना बयान कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश में किसी भी प्रकार की जुल्म-ज्यादती करने वाले लोगों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जायेगा। इस मामले में, वे गलत कार्य करने पर अपनी पार्टी के लोगों तक को भी नहीं छोड़ती हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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लखीमपुर जनपद की घटना को लेकर पार्टी व सरकार को बदनाम करने के लिए विरोधियों की राजनैतिक साजिश

Posted on 21 June 2011 by admin

फिरोजाबाद की घटना मेें अभिभावकोें ने लड़की पर दबाव डलवाकर अपराध पंजीकृत कराया
न्यायालय में लड़की ने दुराचार होने की घटना से इन्कार किया
गोरखपुर में शिखा दुबे की कथित हत्या व बलात्कार की कहानी मनगढ़ंत

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने कहा कि हाल ही में कुछ महिलाओं के साथ जो दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटी हैं, उसमें कुछ मामलों में उनकी पार्टी व सरकार को बदनाम करने के लिए विरोधियों की राजनैतिक साजिश नजर आती है। उन्होंने कहा कि यह बात वह खासतौर से लखीमपुर जिले के घटना को लेकर कह रही हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी आज अपने सरकारी आवास पर मीडिया से वार्ता कर रही थीं। उन्होंने जनपद लखीमपुर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना को लेकर विरोधी पार्टियों के साथ-साथ दिल्ली के केन्द्रीय सरकार ने भी उनकी सरकार को बदनाम करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी, जबकि सी0बी0सी0आई0डी0 की जांच रिपोर्ट में अभी तक जो तथ्य सामने उभर कर आये हैं वह विपक्षी पार्टियों द्वारा दिये जा रहे बयानों से पूरी तरह भिन्न है। इससे यह बात स्वयं ही साबित हो जाएगी कि विपक्षी पार्टियों द्वारा घिनौनी राजनीति से प्रेरित होकर जो आरोप लगाये गये है, वह पूरी तरह से निराधार व मनगढं़त हैं।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसी प्रकार जनपद फिरोजाबाद की घटना पर भी विपक्षी दलों द्वारा बेबुनियाद आरोप लगाये गये। उन्होंने कहा कि जनपद फिरोजाबाद के थाना सिरसागंज के श्री ईद अली निवासी मियां बाजार की पुत्री के साथ इसी गांव के सानू पुत्र मुस्तकीम व गटुआ पुत्र आला द्वारा गांव के बारात घर में दुराचार करने की रिपोर्ट की गयी। इस मामले में अभियुक्त सानू को गिरफ्तार किया गया। विवेचना से यह ज्ञात हुआ कि लड़की का सम्बन्ध पहले से सानू के साथ था और वे दोनों साथ रहना चाहते थे, जिसकी जानकारी होने पर अभिभावकों द्वारा लड़की पर दबाव डलवाकर अपराध पंजीकृत कराया गया।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुःख की बात है कि इस घटना को मीडिया ने सामूहिक दुराचार के रूप में प्रमुखता से प्रचारित-प्रसारित किया, जबकि लड़की द्वारा आज  न्यायालय के समक्ष दिये गये बयान में अपने साथ किसी दुराचार की घटना से स्पष्ट इंकार करते हुए कहा है कि उसके साथ कोई दुराचार नहीं हुआ है और वह स्वयं सानू के साथ भाग जाने की तैयारी में थी।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने जनपद फर्रूखाबाद की घटना के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि पप्पू यादव की पत्नी निवासी बसायतपुर थाना कमालगंज 19/20 जून, 2011 की रात्रि को शौच के लिए बाहर गई थी, जहां गांव के राजू यादव व उसके दोस्त राजेन्द्र यादव ने उनके साथ छेड़खानी की। उसके चिल्लाने पर उसके पति श्री पप्पू यादव पु़त्र श्री रामनरेश डंडा लेकर मारने दौड़े। इस पर राजेन्द्र ने गोली चला दी जो पप्पू के बजाय उनकी पत्नी को लग गई और वे घायल हो गई। पप्पू यादव ने डंडे से राजीव के सिर पर वार किया, जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई। अभियुक्त पप्पू यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने जनपद गोरखपुर में हुई घटना का हवाला देते हुए कहा कि शिखा दुबे की कथित हत्या के संबंध में विवेचना से यह तथ्य पाया गया कि शिखा दुबे ने 15 अप्रैल 2011 को दीपू यादव से विवाह किया तथा घर वालांे के द्वारा आपत्ति के कारण अपने साथियों के साथ साजिश रचकर सोनभद्र से पूजा नाम की लड़की को बुलाकर उसकी हत्या कर दी। साजिश करने वालों ने पूजा को शिखा के वस्त्र पहनाकर शिखा की हत्या, बलात्कार की कहानी गढ़ी। पुलिस द्वारा शिखा दुबे के जिन्दा बरामद कर तथा पूरे तथ्य की जानकारी कर अभियुक्त दीपू यादव को जेल भेजा गया है। प्रकरण की अग्रेतर विवेचना की जा रही है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद एटा में 19 जून, 2011 को थाना निधौलीकला क्षेत्र के गांव सभापुर में शिशुपाल यादव की पत्नी के घर 05 बदमाश घुस आए, इनमें से सुनील यादव, सुमन यादव व मुलायम सिंह यादव को महिला ने पहचान लिया और अपने भाई को बताया कि सुनील यादव ने उसके साथ दुराचार किया है और सुमन व मुलायम सिंह ने उसका साथ दिया है। इसके बाद अभियुक्तों द्वारा मिट्टी का तेल डालकर उसे जला दिया गया। महिला की अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। थानाध्यक्ष निधौलीकला नरेन्द्र पाल सिंह को लापरवाही बरतने के लिए निलम्बित कर दिया गया है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने बताया कि जनपद कन्नौज के थाना गुरसहायगंज में 14 जून, 2011 को सायं लड़की शौच के लिए घर से बाहर गई हुई थी, उसी समय गांव के ही कुलदीप पुत्र श्री कुंवर सिंह नोनिया उम्र 18 वर्ष तथा निरंजन यादव पुत्र अरविन्द यादव उम्र 17 वर्ष लड़की के साथ छेड़छाड़ की तथा उस पर चाकू और डन्डों से प्रहार किया एवं जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में दोनो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। घटना के मामले में लापरवाही बरतने के लिए उपनिरीक्षक तथा आरक्षी को निलम्बित किया जा चुका है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 20 वर्षीया लड़की जो थाना कर्नलगंज, कानपुर नगर की रहने वाली है, ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 17 जून, 2011 को इनको दो लोगों ने नशीली मिठाई खिलाकर हिन्दू होटल, रावतपुर ले गये जब उसे होश आया तो लड़कों ने धक्का दे दिया, जिससे उसके सिर पर चोट आ गई। होटल वालों ने उसे कमरे में बंद कर दिया और बाहर निकलने पर जान से मारने की धमकी दी। लड़की का मेडिकल परीक्षण कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट में बाहर व अन्दरूनी चोट के निशान नहीं पाये गये। अब तक की जांच व पूछताछ से पता चला है कि अशफाक ने पति-पत्नी के रूप में होटल का कमरा बुक कराया था और वहां रूके थे और रात्रि में वह लड़के के साथ होटल छोड़कर बाहर चली गई थी। इस कमरे में 18 जून, 2011 को दो व्यक्ति महेश चन्द्र व महबूब रूके थे, इस प्रकार लड़की का यह कथन कि वह दो दिन होटल में रूकी थी, झूठा पाया गया। इस मामले में अभियुक्त की तलाश में पुलिस टीम इटावा तथा सम्भावित स्थानों पर जांच कर रही है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने बताया कि जनपद बागपत ग्राम ढिकौली थाना चांदीनगर के श्री कृष्ण पाल की पुत्री के साथ 29 मई, 2011 को दुराचार की घटना की रिपोर्ट हुई, जिसमें मनोज पुत्र देवेन्द्र व सतीश पुत्र महक सिंह निवासीगण ढिकौली के विरूद्ध मुकदमा दर्ज हुआ। विवेचना के दौरान सुनील पुत्र शेषपाल, राजीव पुत्र राजकुमार के नाम भी प्रकाश में आये। अभियुक्त मनोज को जेल भेजा जा चुका है तथा थानाध्यक्ष चांदीनगर व एक आरक्षी को निलम्बित कर दिया गया है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद गोण्डा के कैथोली गांव के श्री राजेश की पुत्री 17 जून, 2011 को सायं 3.00 बजे रेलवे की पटरी के किनारे शौच के लिए गयी थी। 19 जून, 2011 को सायं 5.00 बजे लड़की का शव गन्ने के खेत में पड़ा मिला, जिसकी हत्या का आरोप इसी गांव के मिठाईलाल, गोविन्द व ननके पर लगाया गया है। इस मामले में तत्परता से कार्यवाही करते हुए अभियुक्त ननके व मिठाईलाल को गिरफ्तार कर लिया गया है, तीसरे अभियुक्त की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
जनपद महामाया नगर के थाना सिकन्दराराऊ क्षेत्र के ग्राम गढ़ी बुन्दू खाँ के श्री गुलाब सिंह ने 20 जून, 2011 को अपनी पुत्री के साथ गांव के ही लवलेश व सुनील नामक दो लड़कों द्वारा बहला-फुसलाकर ज्वार के खेत में बुरा काम करने की दी गयी सूचना पर थाना सिकन्दराराऊ में भारतीय दण्ड संहिता की धारा-376 के अन्तर्गत दोनों लड़को पर अभियोग पंजीकृत किया गया है। पीड़ित लड़की का जिला महिला चिकित्सालय हाथरस में डाॅक्टरी परीक्षण कराया गया, जिसमें बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई। डाॅक्टरी रिपोर्ट के आधार पर अभियोग को धारा-354 में परिवर्तित कर दिया गया है। दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जनपद सीतापुर में श्री शरफुद्दीन पुत्र श्री अलीशेर निवासी ग्राम गौनापुर मजरे जहांगीराबाद थाना सदरपुर द्वारा 20 जून, 2011 को थाना सदरपुर पर अपनी पुत्री जिसकी उम्र लगभग 13 वर्ष है, के साथ किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बलात्कार एवं हत्या किये जाने की सूचना दी गयी। इस प्रकरण मंे आज पुलिस ने अभियुक्त मनोज पुत्र राम नरायण भार्गव को गिरफ्तार कर लिया है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस प्रकार हाल ही में घटित कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में जिन भी लोगों द्वारा महिलाओं व बच्चियों के साथ घिनौनी हरकत की गयी है उनके खिलाफ सरकार द्वारा तेजी से और सख्त कार्यवाही की गयी है। उन्होंने कहा इन घटनाओं से सम्बन्धित कई अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है तथा जिन मामलों में पुलिस कर्मियों द्वारा लापरवाही बरती गयी है वहां उनके विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही की गयी है। उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में उनकी पार्टी व सरकार को बदनाम करने के लिए भी विरोधियों की राजनैतिक साजिश नजर आती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी

Posted on 21 June 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध हुई कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की वे निंदा करती हैं और आश्वासन दिया कि दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। मायावती ने प्रदेश के कुछ जिलों में लड़कियों और नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार और दुष्कर्म की घटनाओं के लिए पुलिस और जिला प्रशासन की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए विपक्षी दलों से कहा कि वह ऐसी घटनाओं में घिनौनी राजनीति न करें। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों के साथ घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ अपराधियों पर सख्त कार्रवाई का पीडिघ्तों के परिजनों को भरोसा दिलाया। इस संबंध में 27 जून को प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाई गयी है। मुख्यमंत्री ने सीआरपीसी की धारा 437, 439 के तहत बलात्कार के मुकदमों में 6 माह के अन्दर फैसला करने की अधिसूचना के साथ धारा 354 को गैर जमानती घोषित करने का अध्यादेश जारी करने हेतु महामहिम के पास भेजने की बात करने के साथ-साथ महिला अपराधों पर विराम लगाने हेतु एक माह का विशेष अभियान चलाकर चरित्र हीन लोगों को सुधारने के प्रयास करने के साथ-साथ न सुधरने पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने आकड़ों के खेल में उत्तर प्रदेश की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले अपराधों के मामले में कमी की बात नेशनल क्राईम ब्यूरो द्वारा की जाने की बात की। लखीमपुर खीरी के मामले में विभिन्न राजनैतिक दलांे द्वारा की जा रही राजनीति को घिनौनी हरकत बताते हुये कहा कि सीबीसीआईडी को जो तथ्य मिले है वह भिन्न है। पूर्व वर्ती सरकारों के मुकाबले में अपनी सरकार के कार्यकाल के कानून का राज्य और अपराधियों पर शक्त कार्यवाही करने की बात करते हुये समाजिक संगठनों तथा अपनी पार्टी द्वारा महिलाओं के प्रति समाज में अच्छे व्यवहार के लिये जागरूक अभियान चलाने का आवाहन किया।

यूपी में ताबड़तोड़ बलात्कार की घटनाओं पर मुख्यसचिव का कथित तौर पर यह कहना कि ऐसी छिटपुट घटनाएं तो होती रहती हैं। उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है। मुख्यमंत्री मायावती ने इस बयान पर मुख्यसचिव से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसी भी अफसर का इस तरह का बयान देने को वह उचित नहीं मानती हैं। उन्हें यकीन है कि उनका कोई भी अफसर इतना गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं दे सकता फिर भी अखबारों में मुख्यसचिव का बयान छपा है, इसलिए उन्होंने जवाब-तलब कर लिया है। गौरतलब है कि सोमवार को दिल्ली में योजना आयोग के साथ बैठक थी, जिसमें हिस्सा लेने के लिए उप्र के मुख्यसचिव गए थे। वहां मुख्यसचिव ने कहा था कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर है। जब उनसे सवाल हुआ कि उप्र में ताबड़तोड़ हत्या और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं तो कथित तौर पर उन्होंने यह कहा कि ऐसी छिटपुट घटनाएं तो होती रहती हैं।  इसके मद्देनजर ही खुद मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में इस प्रकरण पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार और पार्टी में शिवपाल सिंह यादव जैसे लोग नहीं हैं जो इतना गैर जिम्मेदारी वाला बयान दें। मुख्यसचिव ने सुबह ही उन्हें मौखिक सफाई दी है कि वह बहन-बेटी वाले हैं और ऐसा बयान नहीं दे सकते, फिर भी उनसे लिखित जवाब तलब किया गया है। वही दूसरी ओर मुख्य सचिव की ओर से कहा गया है कि नई दिल्ली में वार्षिक प्लान की बैठक के पश्चात् प्रदेश को स्वीकृत वार्षिक प्लान की ब्रीफिंग के दौरान यह प्रश्न पूछे जाने पर कि क्या हाल की आपराधिक घटनाओं के आधार पर यह कहा जायेगा कि प्रदेश में अपराध की स्थिति खराब है, मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अपराध की स्थिति नियंत्रण में है और हाल की घटनाओं के आधार पर यह निश्कर्श नहीं निकाला जा सकता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। अतः कतिपय समाचार पत्रों द्वारा यह कथन कि ‘‘छिटपुट घटनायें तो होती रहती हैं’’ पूर्णतया निराधार एवं भ्रामक है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे वक्तव्य को इस प्रकार प्रस्तुत किया गया।  मेरा स्वयं अपना परिवार है और इस प्रकार के कथन से मुझे स्वयं बेहद कश्ट हुआ है। मुख्य सचिव अनूप मिश्र ने कहा कि हाल की अपराध की कुछ घटनाओं को लेकर यह नहीं कहा जा सकता कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है।  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन सभी घटनाओं को लेकर बेहद सजग और गम्भीर है और दोशी व्यक्तियों के विरूद्ध अत्यन्त कठोर कार्यवाही के लिये सख्त कदम उठा रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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तहसील दिवस फतेहाबाद में जिलाधिकारी ने जनसमस्याएं सुनी

Posted on 21 June 2011 by admin

14 ग्रामों में राजकीय नलकूप, हैण्डपम्प आदि को मौके पर जांच हेतु अधिकारी भेजे

जिलाधिकारी अजय चैहान ने आज फतेबाद में आयोजित तहसील दिवस में जन समस्याओं की सुनवाई की और अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्धारित समय में शिकायतों का निस्तारण कर शिकायत कत्र्ता को भी अवगत करायें। उन्होंनें राजकीय नलकूलों तथा पेयजल के सम्बन्ध में शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए 14 ग्रामों में अलग-अलग अधिकारियों को नलकूप ,हैण्डपम्प, पानी की टंकी की स्थिति की जांच करने हेतु भेजा। घरेलु गैस की आपूर्ति में शिकायतों पर उन्होंने धारा 3/7 के अन्तर्गत कार्यवाही के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने आवेदन कत्र्ताओं की व्यक्तिगत रूप से सुनवाई की और सम्बन्धित अधिकारियों को बुलाकर प्रभावी और परिणाम परक निस्तारण के निर्देश  दिये। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर भी तहसील दिवसों के प्रकरणों की समीक्षा की जाती है। उन्होंनें गत तहसील दिवसों में प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की विभागवार समीक्षा की । उन्होंनंे कहा निस्तारण के उपरान्त निस्तारण की कार्यवाही का विवरण भी इन्टरनेट पर डाले।

जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि गर्मी के मौसम को देखते हुए जल निगम के अभियन्ता क्षेत्रों में भ्रमणशील रहकर हैण्डपम्पों की माइनर रिपेयरिंग  ग्राम सभा से करायें और रिवोर आदि कार्य तत्परता से करायें। उन्होंने ग्राम सभा की भूमि तथा चकरोड पर कब्जों की शिकायतों पर अधिकारियों को निर्देश दिये कि संयुक्त टीमें मौके पर जाकर निस्तारण करायें। महामाया गरीब बालिका आर्शीवाद योजना, पंेशन हेतु आवेदनों तथा लाभार्थिपरक अन्य योजनाओं के सम्बन्ध में प्राप्त प्रार्थना पत्रों पर जांच कर एक सप्ताह में लाभार्थी को सूचित करने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने ग्राम भीकनपुर, मेवलीकलां,रूपपुर, नगला सूरजभान, बडौबरा खुर्द, सिकतरा बुधवापुर, पट्टी शेखपुर, रोहीखास, बडौबरा कलां, लखुरानी, सेवला, गौरवा, धनौला कलां, नगला पाटा तथा अजनेरा में अलग-अलग राजपत्रित अधिकारियों को भेजकर राजकीय नलकूपों, पानी की टंकी, हैण्डपम्पों की स्थिति आदि की जांच हेतु मौके पर भेजा।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राजकुमार श्रीवास्तव , उप जिलाधिकारी फतेहाबाद राजेश कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 रामरतन एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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In view of increased resources Central Planning Commission approves Rs. 47000 crore annual plan for U.P. for year 2011-12

Posted on 21 June 2011 by admin

  • One time release of Central share of Rs. 2553 crore for JNNURM schemes for year 2011-12 demanded
  • Central Government should sanction electrification of remaining 127000 bastis by year 2012
  • Demand to declare all development blocks of Mirzapur,Sonbhadra and Bundelkhand as DPAP blocks made
  • Conditions under BPL list 2002 be removedfor destitute women and disabled pension schemes
  • Sanctioning of grant for aided schools under National Secondary Education Campaign emphasised

Under the directives of the Hon’ble Chief Minister of Uttar Pradesh Ms. Mayawati ji, a team of senior officers led by the Chief Secretary, Mr. Anoop Mishra, held detailed discussions with the Central Planning Commission at a high level meeting at New Delhi today, regarding the plan size of the State for the year 2011-12. Resources over Rs. 47000 crore have been estimated by the State Government to finance its schemes. It was pleaded by the State Government that the demands made under various programmes were appropriate and there was a possibility of increase in its own resources as well. The Planning Commission, after detailed discussions, approved Rs.47000 crore Annual Plan for Uttar Pradesh for the year 2011-12 at the meeting.

The Hon’ble Chief Minister ji said that the State Government had been demanding resources from time to time. Besides, special package had been demanded for Poorvanchal and Bundelkhand, but the Government of India had not taken any decision in this regard so far. She said that despite that the State had been conducting various welfare and development programmes for the development of these areas through its own resources. She said that had the Central Government extended its cooperation in these efforts of the State Government then the picture would have been different. Besides, she also demanded that the Centre should also declare all the development blocks of Mirzapur, Sonbhadra and Bundelkhand regions as DPAP blocks.

Hon’ble Chief Minister ji made it clear that during the 10th Five Year Plan the average growth rate of the State had risen from 5.2 per cent to 7 per cent during the past four years. The average expenditure against the sanctioned schemes was about 98 per cent. She said that the State Government had made special efforts for the welfare and uplift of SC/ST, dalits and neglected sections. Giving example, she said that during the 10th Five Year Plan only 13.4 per cent of the SC/ST sub-plan was utilised, but owing to the serious efforts of her Government and increase in these schemes effected every year it had risen to 21.6 per cent during year 2010-11. She said that owing to these efforts of the State Government an excess outlay of Rs. 1100 crore had been sanctioned for the SC/ST sub-plan if compared to last year. It was also pleaded that the compulsion of the 2002 BPL list in the destitute pension and disabled pension should be done away with to benefit more and more people. She also demanded that the Central share of Rs. 2553 crore payable under JNNURM for the year 2011-12 should be released immediately for urban development.

Hon’ble Chief Minister ji said that timely availability of Phosphetic fertilisers was needed to encourage the agricultural production and to expand irrigation facilities in Poorvanchal, Saryu Canal Project should be declared a national project. She said that 323 CHCs, 700 PHCs and 6829 health sub-centres should be sanctioned immediately under the National Rural Health Mission, so that the expansion of health facilities could be ensured in rural areas. She said that an additional amount of Rs. 300 crore should be sanctioned for the housing of the weaker sections living in rural areas for the next year. She said that it was 60 per cent more if compare to last year. Besides, she also demanded to sanction necessary amount for implementing cattle insurance scheme in all the districts of the State.

Hon’ble Chief Minister ji said that special Central aid should be sanctioned for feeder-separation to ensure uninterrupted power supply for the agricultural purposes and to ensure power supply in rural areas also. She said that the State Government had made arrangement of about 4259 MWs of additional power generation to ensure 24 hour power supply in the State and additional projects worth about 31000 MW capacity had been included under the 12th Plan. She said that the Government of India was not providing coal for the power projects, even though the State Government had been making serious efforts. Since, Uttar Pradesh was far away from the sea shore; therefore the import of coal would be a very costly affair as far as transportation was concerned. Therefore, the Centre should provide coal to U.P. on priority basis for its power projects. She said that electrification of 127000 bastis still had to be undertaken. So, the Centre should sanction necessary amount to complete electrification of these bastis on priority basis by year 2012.

The Hon’ble Chief Minister said that owing to the steps taken by the State Government to encourage private sector, proposals worth Rs. 1.72 lakh crore had come to the State Government, out of which projects worth Rs. 71628 crore had been taken up and works on these projects started. Besides, bidding of projects worth Rs. 46722 crore have started and projects worth Rs. 53000 crore were in pipeline.

The Hon’ble Chief Minister emphasised for transparency in allotment of resources for development works and ban on releasing the amount for important schemes in discretionary manner. She said that State was not getting required financial assistance for flagship programmes and important schemes of the Centre. For example, National Irrigation Projects have been sanctioned for other States, but not even a single project had been taken up as the National Project for agricultural based large State like Uttar Pradesh. More than that, the recommendations of Central Water Commission for releasing the amount for the projects were not being followed. The subsidy amount sanctioned against the expenditure in last years had not been given in AIBP scheme. Only a simple package had been sanctioned by the Centre for Bundelkhand area considering it as a drought affected area, but benefits for drought affected area had not been made available, so far. The State was not being given the sanctioned grant 90 per cent like other States.

The Hon’ble Chief Minister said that priority had been given to agriculture and agriculture allied sectors in the State and good results had come out. She said that several steps had been taken up by the State Government to double the income of the farmers. She said that agriculture growth rate of the State is more than the average growth rate of the Country. It became possible because the Government had adopted the crop-wise strategy and special attention was given to seed production and transposition. Besides, arrangements for soil testing, green fertiliser, bio-fertiliser, new technique, effective water management, distribution of credit cards to all the farmers had been made in Purvanchal and Bundelkhand to increase agriculture production like in other areas of the State.

The Hon’ble Chief Minister said that all bastis having the population of more than 1000 persons had been connected to link roads by the proper utilisation of resources of the State. She said that it was unfortunate that the people of the State was suffering owing to this effort of the State Government, because the Central Government was not giving sanction to connect the bastis having the population of less than 1000 persons with link roads under Prime Minister Road Village Scheme. She said about 2400 bastis coming under this category had not been connected to link roads, so far. Similarly, required financial assistance had not been given for roads in CRF and more than Rs. 450 crore still required from the Centre.

The Hon’ble Chief Minister ji said that census data of 2011 proved that more persons had become literate in the State than the average number of Country. Women literacy rate in the State increased 17.04 per cent, while the average literacy rate remained 11.79 per cent of the Country in the last decade. Men literacy rate was increased two times in the State in comparison to the average rate of literacy of the Country. She said despite of the necessary provision of financial assistance under Secondary Education Campaign, the Centre was not giving financial assistance to private schools so far. She said that more than 85 per cent schools of the State belonged to private sector, out of which maximum schools were aided schools.

The Hon’ble Chief Minister ji said that basic facilities like - CC road, Education, Health etc were being provided to people under Dr. Ambedkar Village Development Scheme in SC dominated villages. More than 10,000 villages had been saturated in the State, so far and 2480 villages would be covered under this scheme in 2011-12. She said that under Uttar Pradesh Mukhyamantri Mahamaya Garib Arthik Madad Yojana, state Government was providing financial assistance of Rs. 400 per month through its own resources to those BPL families, who were not included in BPL list of 2002 and had not been benefited by any pension or public distribution system scheme.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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महिला मुख्यमंत्री के शासन में ही महिलाओं की इज्जत आबरू तार-तार हो रही है

Posted on 21 June 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने आरोप लगाया कि अपराधियों, बलात्कारियों को सरकारी संरक्षण के चलते उ0प्र0 अराजक रूप में दुराचार प्रदेश की स्थिति में पहुंच गया है। प्रदेश में बेतहाशा बढ़ रहीं बलात्कार की घटनाओं, हत्या, लूट, पुलिस उत्पीड़न आदि की वारदातों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चैपट हो गयी है। यहां जंगलराज है। पुलिस भी अपराधियों के साथ है, तमाम घटनाओं में वह स्वयं भी आरोपी है। सरकार निरंकुश हो गयी है। अपराधियों का तांडव जारी है। महिला मुख्यमंत्री के शासन में ही महिलाओं की इज्जत आबरू तार-तार हो रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य में शासन करने का अधिकार खो दिया हैं।

प्रदेश प्रवक्ता एवं सदस्य विधान परिषद हृदयनारायण दीक्षित ने सम्वाददाताआंे से बातचीत करते हुए कहा कि बलात्कारों का तांता है। लखीमपुर में सोनम काण्ड, बाराबंकी में सविता काण्ड, कन्नौज में नाबालिग लड़की की आंख फोड़ने की दिल दहलाने वाली घटना सहित गोण्डा, बागपत, एटा, जौनपुर, अम्बेडकरनगर, बस्ती, लखीमपुर खीरी, फर्रूखाबाद, फिरोजाबाद, कानपुर, निधौलीकला में भी बलात्कारों की रोंगटे खड़े करने वाली घटनाएं हुई हैं। इसके पहले की बलात्कार की सैकड़ो घटनाओं से सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। उन सभी आपराधिक घटनाओं के लिए प्रदेश सरकार ही जिम्मेदार है।

श्री दीक्षित ने से कहा कि प्रदेश में अपराधों की बाढ़ से आ गयी है। उ0प्र0 में कानून का राज नहीं माफिया राज है। कानून व्यवस्था पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया है। राज्य में संविधान तंत्र विफल हो गया है। उन्होंने श्री राज्यपाल से मांग की कि वे केन्द्र को राज्य की ध्वस्त कानून व्यवस्था व संविधान तंत्र की विफलता पर रिपोर्ट भेजें। केन्द्र ने राज्य की अराजकता व संविधान तंत्र की विफलता पर अब तक अनुच्छेद 355 के अंतर्गत जवाब तलबी भी नहीं की है, क्योंकि बसपा केन्द्र का समर्थन कर रही है।

श्री दीक्षित ने बताया कि पार्टी ने बलात्कार की घटनाओं को गम्भीरता से लिया है। कन्नौज की घटना की जांच के लिये प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, प्रदेश उपाध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता, विधायक सुरेश श्रीवास्तव, सुरेश तिवारी, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष मधु मिश्रा ने घटनास्थल का दौरा किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने गोण्डा में बलात्कार की घटना की जांच के लिये प्रदेश उपाध्यक्ष रमापति शास्त्री, क्षेत्रिय अध्यक्ष सुभाष त्रिपाठी, विधायक सुरेश्वर सिंह, पूर्व विधायक बावन सिंह की एक सदस्यता में जांच कमेटी गठित की है। कमेटी मौके पर जायेगी, पीड़ितो से मिलकर प्रदेश अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसी प्रकार बस्ती जनपद के रानीपुर बेलाड़ी गांव की दलित युवती के साथ हुई दुष्कर्म की घटना की जांच के लिये प्रदेश उपाध्यक्ष शिव प्रताप शुक्ला, प्रदेश महामंत्री विनोद पाण्डेय एवं द्वारिका प्रसाद की कमेटी गठित की गई है। निधौलीकला में युवती के साथ सामूहिक बलात्कार की जांच के लिये प्रदेश महामंत्री राम नरेश अग्निहोत्री, प्रजापालन वर्मा, कुबेर सिंह अगरिया की कमेटी बनाई गई है। पार्टी बढ़ते बलात्कारों, ध्वस्त कानून व्यवस्था, व घोर अराजकता के विरूद्ध संघर्ष कर रही है और संघर्ष करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार बाबागंज में धरने पर बैठेंगे

Posted on 21 June 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कटियार जनपद बाराबंकी के विदोखर गांव में हुई पांच वर्षीय सविता की हत्या एवं हत्या के अभियोग में पुलिस द्वारा नाजायज तरीके से उसके चाचा को गिरफ्तार करना और थाने में एक व्यक्ति की मौत हो जाने की घटना के विरूद्ध कल बाबागंज में धरने पर बैठेंगे। प्रदेश मीडिया प्रभारी नरेन्द्र सिंह राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की आतताई सरकार के विरूद्ध कल दि0 21 जून (पूर्व घोषित) होने वाले धरने में प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, महामंत्री विन्ध्यवासिनी कुमार, नरेन्द्र सिंह, प्रदेश प्रवक्ता एवं सदस्य विधान परिषद सदस्य हृदय नारायण दीक्षित, किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दिनेश दुबे प्रमुख रूप से सम्मिलित होंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पिछले 48 घंटे में प्रदेश में ताबड़तोड़ आपराधिक घटनाओं ने सरकार की कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ दी हैं

Posted on 21 June 2011 by admin

गुरूसंहाय गंज कन्नौज में दरिंन्दों की शिकार हुई दलित किशोरी प्रीति को कानपुर के हैलेट अस्पताल में देखने एवं परिजनों से मिलने के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही पहुंचे एवं पीड़ित किशोरी के परिजनों को हर सम्भव मदद करने का आश्वासन दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने उ0प्र0 की कानून व्यवस्था पर ताबड़तोड़ प्रहार करते हुए कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री मायावती का नियंत्रण समाप्त हो गया है। पिछले 48 घंटे में प्रदेश में ताबड़तोड़ आपराधिक घटनाओं ने सरकार की कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ दी हैं। जबकि कानून व्यवस्था से संबंधित गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के पास है। पुलिस की विफलता मुख्यमंत्री की विफलता है।

श्री शाही ने कहा कि एक तरफ भट्टा पारसौल में राहुल गांधी उ0प्र0 की कानून व्यवस्था की विफलता के लिए बसपा सरकार को कोसते हैं और भाजपा जब मायावती पर कानून व्यवस्था एवं भ्रष्टाचार को लेकर हमला करती है तो उसकी रक्षा करते हैं। इससे चोर-चोर मौसेरे भाई की कहावत चरितार्थ हो रही है। क्योंकि बसपा केन्द्र सरकार की समर्थक दल है। श्री शाही ने कहा कि हम यह लड़ाई सदन से लेकर सड़क तक जारी रखेंगे। कानून व्यवस्था की जवाब देही से उ0प्र0 सरकार बच नहीं सकती। उसने जनता का विश्वास खो दिया है। ऐसी सरकार ने सत्ता में रहने का अधिकार खो दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिला एवं दलित मुखिया के होते प्रदेश में महिलाओं एवं दलितोें पर अत्याचार बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं का एक अलग से सैल बनाकर शीघ्र न्याय दिलाने का प्रयास करना चाहिए।

प्रदेश अध्यक्ष श्री शाही ने कानपुर के विधायक को जेल भेजने की घटना की कड़ी निन्दा की। उन्होंने कहा कि सरकार के पिछले 20 वर्ष के कार्यकाल में सबसे ज्यादा शासन मायावती ने किया। परन्तु विधानसभा 40 दिन भी नहीं चल पाई। इस सरकार में किसानों के ऊपर लाठी चार्ज, गोलीबारी एवं अत्याचार किया जा रहा है। फिर भी केन्द्र सरकार एक दूसरे के पापों को छिपाकर ऐन-केन-प्रकारेण सत्ता पर काबिज रहना चाहते हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने दरिन्दों से पीड़ित किशोरी प्रीति के परिजनों को 50 हजार रूपये की आर्थिक मद्द की।

हैलेट अस्पताल में प्रदेश अध्यक्ष के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, राधेश्याम गुप्ता, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष मधु मिश्रा, क्षेत्रीय मंत्री हनुमान मिश्र, प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र, विधायक सुरेश तिवारी, सतीश महाना, सलित विश्नोई, रवीन्द्र पाटनी, विजय सिंह सेंगर, विनोद शुक्ला, बी0डी0 राय, बालचंद मिश्रा, राजेन्द्र सिंह चैहान, रामदेव शुक्ल, सत्येन्द्र पाण्डेय समेत प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह अपने संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद में

Posted on 21 June 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह अपने संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद में दो दिन के प्रवास पर रहेंगे। वे अनेक चैपालों में हिस्सा लंेगे। प्रदेश मीडिया प्रभारी नरेन्द्र सिंह राणा ने बताया कि श्री सिंह अपने आवास पर कल 21 जून को आम जनता से भेंट करने के उपरान्त हुसैनपुर, मिलक, चाकरपुर,( मुरादनगर) ग्राम अटौर, नगला, मैनापुर, सदरपुर, रईसपुर में आयोजित चैपाल में रहेंगे। अगले दिन 22 जून को ग्राम तौलाना, धौलाना, लाखन आदि ग्रामसभाओं में आयोजित चैपालों में सम्मिलित होंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पान कृषि का रकबा धीरे-धीरे सिकुड़ कर 400 एकड़ से 60 एकड़ पर

Posted on 21 June 2011 by admin

एन0बी0आर0आई0 द्वारा संचालित पान अनुसंधान केन्द्र को वर्ष 2002-2003 में बंद कर दिया गया था। महोबा में पहले 400 एकड़ में पान की खेती होती थी। केन्द्र बंद हो जाने के बाद पान कृषि से सम्बन्धित सभी अनुसंधान तथा समय-समय पर पान किसानों को दिया जा रहा प्रशिक्षण/मार्गदर्शक मिलना बंद हो गया जिसके कारण विभिन्न रोगों से पान कृषि ग्रसित होने लगी। पान कृषि का रकबा धीरे-धीरे सिकुड़ कर 400 एकड़ से 60 एकड़ पर आ गया। इसी क्रम में एन0बी0आर0आई0 के निदेशक सी0एस0 नौटियाल से छोटे लाल चैरसिया के नेतृत्व मंे प्रान्तीय सभा का एक प्रतिनिधि मंडल 6 जून 2011 को मिलो एवं पान किसानों की समस्याओं से अवगत कराते हुये पान अनुसंधान केन्द्र को पुनः खोले जाने का अनुरोध किया। श्री नौटियाल ने प्रथम मुलाकात में ही स्थिति का जायजा लेने हेतु महोबा जाने की तिथि निश्चित कर दी तथा 18 जून 2011 को प्रान्तीय सभा के पदाधिकारी छोटे लाल चैरसिया, महामंत्री, एस0एन0 चैरसिया, सचिव, अनार चन्द्र चैरसिया कोषाध्यक्ष, संस्थान के वैज्ञानिक राम सेवक चैरसिया के साथ महोबा गये। महोबा में स्थानीय पान किसान वासदेव, लालता प्रसाद, विनोद चैरसिया आदि से मिले। पान के बरेजों मंे स्वयं जाकर पान फसल को देखा तथा पान कृषि में आने वाली विभिन्न समस्याओं को पान किसानांे से सुना। श्री नौटियाल ने सैकड़ों पान किसानों को सम्बोधित करते हुये पान किसानों की मांग को जायज ठहराते हुये स्पष्ट किया कि पान किसानों के पास जमीन कम है। आय के संसाधन भी कम है। उनके आय के साधन बड़ाने, पान फसल का क्षेत्रफल कैसे बढ़े और महोबा पान अपने पूर्ववर्ती स्वरुप मंे कैसे आये इस पर वे अगले सप्ताह से ही कार्य प्रारम्भ कर देंगे। पान किसानों की आय में वृद्धि व स्थिति में सुधार हेतु उन्होंने पान उत्पादक सहकारी समिति बनाकर सामूहिक खेती करें, किसी एक किसान की फसल हानि मंे उसकी भरपाई शेष सदस्यों द्वारा की जाय, समूहों मंे महिलाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित करने, प्रथम बार एक एकड़ के वरेजों के पाॅच अथवा 1/2 एकड़ वरेजों के 10 गु्रप बनाने, जिनमें से माडल के रूप में एक ग्रुप एन0बी0आर0आई0 एडाप्ट करेगी। शेष समूहों को माडल ग्रुप के आधार पर कार्य करना होगा, पान वरेजों में कठिन कार्य हेतु बाहरी मजदूर लगाने व शेष कार्यो को घर की वयस्क महिलाओं को लगाकर कराने तथा उन्हें पारिश्रमक दिये जाने, उनकी आय मंे वृद्धि करने, पान प्रजातियों का जीन बैंक बंथरा स्थित केन्द्र मंे बनाये जाने, महोबा तथा अन्य पान उत्पादक क्षेत्रों मंे पान किसानों की समय-समय पर गोष्ठी कर उन्हें प्रशिक्षण दिलाये जाने का आश्वासन दिया गया। श्री नौटियाल ने स्थानीय उपयोगी जड़ी-बूटियों से संग्रहण सम्बंधी कार्य भी पान किसानों द्वारा करने व उनकी उपयोगिता/पहचान पर परामर्श एन0बी0आर0आई0 द्वारा दिलाये जाने का सुझाव दिया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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