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दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी

Posted on 21 June 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने अपने आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध हुई कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की वे निंदा करती हैं और आश्वासन दिया कि दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। मायावती ने प्रदेश के कुछ जिलों में लड़कियों और नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार और दुष्कर्म की घटनाओं के लिए पुलिस और जिला प्रशासन की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए विपक्षी दलों से कहा कि वह ऐसी घटनाओं में घिनौनी राजनीति न करें। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों के साथ घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ अपराधियों पर सख्त कार्रवाई का पीडिघ्तों के परिजनों को भरोसा दिलाया। इस संबंध में 27 जून को प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाई गयी है। मुख्यमंत्री ने सीआरपीसी की धारा 437, 439 के तहत बलात्कार के मुकदमों में 6 माह के अन्दर फैसला करने की अधिसूचना के साथ धारा 354 को गैर जमानती घोषित करने का अध्यादेश जारी करने हेतु महामहिम के पास भेजने की बात करने के साथ-साथ महिला अपराधों पर विराम लगाने हेतु एक माह का विशेष अभियान चलाकर चरित्र हीन लोगों को सुधारने के प्रयास करने के साथ-साथ न सुधरने पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने आकड़ों के खेल में उत्तर प्रदेश की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले अपराधों के मामले में कमी की बात नेशनल क्राईम ब्यूरो द्वारा की जाने की बात की। लखीमपुर खीरी के मामले में विभिन्न राजनैतिक दलांे द्वारा की जा रही राजनीति को घिनौनी हरकत बताते हुये कहा कि सीबीसीआईडी को जो तथ्य मिले है वह भिन्न है। पूर्व वर्ती सरकारों के मुकाबले में अपनी सरकार के कार्यकाल के कानून का राज्य और अपराधियों पर शक्त कार्यवाही करने की बात करते हुये समाजिक संगठनों तथा अपनी पार्टी द्वारा महिलाओं के प्रति समाज में अच्छे व्यवहार के लिये जागरूक अभियान चलाने का आवाहन किया।

यूपी में ताबड़तोड़ बलात्कार की घटनाओं पर मुख्यसचिव का कथित तौर पर यह कहना कि ऐसी छिटपुट घटनाएं तो होती रहती हैं। उनके लिए परेशानी का सबब बन गया है। मुख्यमंत्री मायावती ने इस बयान पर मुख्यसचिव से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसी भी अफसर का इस तरह का बयान देने को वह उचित नहीं मानती हैं। उन्हें यकीन है कि उनका कोई भी अफसर इतना गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं दे सकता फिर भी अखबारों में मुख्यसचिव का बयान छपा है, इसलिए उन्होंने जवाब-तलब कर लिया है। गौरतलब है कि सोमवार को दिल्ली में योजना आयोग के साथ बैठक थी, जिसमें हिस्सा लेने के लिए उप्र के मुख्यसचिव गए थे। वहां मुख्यसचिव ने कहा था कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर है। जब उनसे सवाल हुआ कि उप्र में ताबड़तोड़ हत्या और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं तो कथित तौर पर उन्होंने यह कहा कि ऐसी छिटपुट घटनाएं तो होती रहती हैं।  इसके मद्देनजर ही खुद मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में इस प्रकरण पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार और पार्टी में शिवपाल सिंह यादव जैसे लोग नहीं हैं जो इतना गैर जिम्मेदारी वाला बयान दें। मुख्यसचिव ने सुबह ही उन्हें मौखिक सफाई दी है कि वह बहन-बेटी वाले हैं और ऐसा बयान नहीं दे सकते, फिर भी उनसे लिखित जवाब तलब किया गया है। वही दूसरी ओर मुख्य सचिव की ओर से कहा गया है कि नई दिल्ली में वार्षिक प्लान की बैठक के पश्चात् प्रदेश को स्वीकृत वार्षिक प्लान की ब्रीफिंग के दौरान यह प्रश्न पूछे जाने पर कि क्या हाल की आपराधिक घटनाओं के आधार पर यह कहा जायेगा कि प्रदेश में अपराध की स्थिति खराब है, मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अपराध की स्थिति नियंत्रण में है और हाल की घटनाओं के आधार पर यह निश्कर्श नहीं निकाला जा सकता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। अतः कतिपय समाचार पत्रों द्वारा यह कथन कि ‘‘छिटपुट घटनायें तो होती रहती हैं’’ पूर्णतया निराधार एवं भ्रामक है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे वक्तव्य को इस प्रकार प्रस्तुत किया गया।  मेरा स्वयं अपना परिवार है और इस प्रकार के कथन से मुझे स्वयं बेहद कश्ट हुआ है। मुख्य सचिव अनूप मिश्र ने कहा कि हाल की अपराध की कुछ घटनाओं को लेकर यह नहीं कहा जा सकता कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है।  उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन सभी घटनाओं को लेकर बेहद सजग और गम्भीर है और दोशी व्यक्तियों के विरूद्ध अत्यन्त कठोर कार्यवाही के लिये सख्त कदम उठा रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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