बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं द्वारा निघासन मामले में बच्ची के साथ रेप होने के आरोप को दुर्भाग्यूर्ण तथा बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार पहले ही सख्त कदम उठा चुकी है और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को सख्त सजा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि घटना के संज्ञान में आते ही माननीया मुख्यमंत्री जी ने घटना की गहनता से छानबीन करने तथा दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। उन्होंने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी के निर्देश के क्रम में मृत बच्ची का दोबारा पोस्टमार्टम लखनऊ मुख्यालय से टीम भेजकर कराया गया, इस टीम में महिला सदस्य भी मौजूद थी।
प्रवक्ता ने कहा कि कल मृत बच्ची के शरीर को कब्र से निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें पाया गया कि बच्ची ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उसकी हत्या की गयी थी। उन्होंने कहा कि दोनों पोस्टमार्टम में बच्ची के साथ रेप होना नहीं पाया गया। इसके बावजूद कांग्रेस के श्री दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेता जो स्वयं मध्य प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं तथा सपा के श्री आजम खां जो पूर्व सपा सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे हैं, उनके द्वारा मृत बच्ची के साथ रेप होने का आरोप लगाना गलत ही नहीं बल्कि गैर-जिम्मेदाराना आचरण है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार पदों पर रह चुके इन विपक्षी नेताओं को आधारहीन आरोप लगाकर घटना को सनसनी खेज बनाने से पहले तथ्यों की जानकारी कर लेनी चाहिये। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि विरोधी दलों के नेता अपने राजनैतिक लाभ के लिए इस घटना को अनावश्यक तूल दे रहे है।
बसपा प्रवक्ता ने कहा कि इस घटना से सम्बन्धित साक्ष्यों को मिटाने के आरोप में एक दरोगा तथा दो सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। मृत बच्ची का पहली बार पोस्टमार्टम करके गलत रिपोर्ट देने वाले तीनों चिकित्सकों को निलम्बित करके उनके विरूद्ध कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है। इसके अलावा शिथिल पर्यवेक्षण के लिए लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक का स्थानान्तरण कर दिया गया है। घटना की सी0बी0सी0आई0डी0 द्वारा जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सी0बी0सी0आई0डी0 शीघ्र जांच रिपोर्ट उपलब्ध करा देगी।
पार्टी प्रवक्ता ने विरोधी दलों द्वारा घटना की सी0बी0सी0आई0डी0 से जांच कराने के राज्य सरकार के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए सी0बी0आई0 से जांच कराने की मांग को गलत बताते हुए कहा कि सी0बी0सी0आई0डी0 की सत्य निष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लगाना कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर यह आरोप कि सी0बी0सी0आई0डी0 को जांच इसलिए सौंपी गयी है ताकि सच्चाई सामने न आ सके, बेबुनियाद है। उन्होंने बांदा के शीलू कांड का हवाला देते हुए कहा कि यहां के प्रकरण की जांच जब सी0बी0सी0आई0डी0 को सौंपी गयी थी तो भी विरोधी दलों द्वारा इसी प्रकार के आरोप लगाये गये थे लेकिन सी0बी0सी0आई0डी0 ने अपनी जांच से विरोधी दलों को निरुत्तर कर दिया था।
प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि माननीया मुख्यमंत्री द्वारा जिस तरह से सख्त कदम उठाते हुए पारदर्शी ढंग से इस घटना की जांच करायी जा रही है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है, उससे विरोधी दलों के नेता बौखला कर जनता के बीच में भ्रम पैदा करने के लिए अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी का स्पष्ट निर्देश है कि कानून तोड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाये, चाहे वह कितना बड़ा व्यक्ति क्यों न हो ?
बसपा प्रवक्ता ने कहा कि विरोधी दलों के नेताओं को धैर्यपूर्वक राज्य सरकार द्वारा की जा रही कार्यवाही का इंतजार करना चाहिये। उन्होंने कहा कि अगले कुछ ही दिनों में इस घटना के मामले में सब कुछ स्वतः स्पष्ट हो जायेगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार किसी भी कीमत पर इस घटना के लिये जिम्मेदार लोगों को कतई बख्शने वाली नहीं है। ऐसे में विपक्षी दलों को निघासन मामले में अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना बंद करके अपनी ऊर्जा किसी अन्य अच्छे कार्य में लगानी चाहिये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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