मनरेगा के कार्यान्वयन में प्रशासनिक लापरवाही आखिरकार गांव के गरीबों पर भारी पड़ गई। बजट का निर्दिष्टि उपभोग नहीं हो पाने के कारण शासन ने जिले की 135 पंचायतों का बजट रोक दिया है।
वित्तीय वर्ष 2011-12 के लिए जिले 60.45 लाख मानव दिवस के सृजन के लिए 128.35 करोड़ का बजट मिलना है। केंद्र से पैसा मिलने के बाद शासन ने 30 जून तक के लिए पहली किस्त में 11.84 करोड़ रुपये 787 ग्राम पंचायतों के खातों में भेज दिए हैं। जबकि पिछले साल इसी योजना के तहत 135 ग्राम पंचायतों के खातों में 14.04 करोड़ रुपया बकाया होने के कारण कोई बजट नहीं दिया गया है। 31 मई तक 333167 मानव दिवस सृजित हो चुके हैं।
सीडीओ मुरली मनोहर लाल ने बताया कि मनरेगा के तहत हमें बजट की पहली किस्त मिल चुकी है। जिन ग्राम पंचायतों ने 60 प्रतिशत से कम उपभोग किया था उनके खातों में पैसा नहीं भेजा गया है। 30 जून तक शत प्रतिशत उपभोग व एमआईएस फीडिंग के बाद हमें दूसरी किस्त मिल जाएगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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