हरियाणा प्रदेश के मूल निवासी व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी0एल0 पुनिया को हरियाणा के मिर्चपुर गांव में लम्बे अर्से से लगातार दलितों पर हो रहे अन्याय व अत्याचार क्यों नजर नहीं आ रहे?
विभिन्न राष्ट्रीय आयोग संवैधानिक मर्यादाओं को त्यागकर राजनैतिक दल के समान आचरण कर रहे हैं
बहुजन समाज पार्टी ने दबंगों के अत्याचार का शिकार हुए हरियाणा के मिर्चपुर गांव के दलितों की इंसाफ की मांग करने के दौरान पुलिस द्वारा बेरहमी से की गयी पिटाई की कड़े शब्दों में निन्दा की है। बी0एस0पी0 की माननीया राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने आज प्रधानमंत्री जी को इस सम्बन्ध में एक पत्र लिखकर उनसे मिर्चपुर के दलितों को न्याय दिलाने के लिए हरियाणा सरकार को निर्देशित करने की मांग की है। अपने पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है कि उत्तर प्रदेश की छोटी-छोटी घटनाओं को लेकर सक्रिय रहने वाले विभिन्न राष्ट्रीय आयोग भी इस प्रकरण में अपने दायित्वों का समुचित निर्वहन नहीं कर रहे हैं।
बी0एस0पी0 प्रमुख ने अपने पत्र में 21 अप्रैल, 2010 को मिर्चपुर गांव में दलितों के विरूद्ध हुए अत्याचार व उत्पीड़न की गम्भीर घटना का उल्लेख करते हुए लिखा है कि इस घटना में दलित समुदाय के दो व्यक्तियों की मौत हो गयी थी और दलितों के घरों को जला दिया गया था।
बी0एस0पी0 के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि यह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा की कांग्रेस सरकार पिछले वर्ष अप्रैल माह मंे उत्पीड़न का शिकार हुए दलित वर्ग के लोगों को न्याय व सुरक्षा प्रदान करने के बजाए उन्हें पुलिस से पिटवाकर उनकी आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की चुप्पी को गम्भीरता से लेते हुए कहा है कि यह आश्चर्य की बात है कि हरियाणा प्रदेश के मूल निवासी व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री पी0एल0 पुनिया को हरियाणा के मिर्चपुर गांव में लम्बे अर्से से लगातार दलितों पर हो रहे अन्याय व अत्याचार क्यों नजर नहीं आ रहे?
प्रवक्ता ने कहा कि उत्पीड़न का शिकार हुए मिर्चपुर के दलितों को मा0 न्यायालय द्वारा सहायता दिए जाने के आदेश पारित किए गए थे। इसके बावजूद जब पीड़ितों को वहां की सरकार द्वारा सहायता प्रदान नहीं की गयी, तो वे अपनी बात प्रशासन के सामने रखने के लिए कल जनपद हिसार के लघु सचिवालय पर गये थे, जहां उन्हें न्याय तो नहीं मिला, अलबत्ता वे हरियाणा पुलिस की लाठियों का शिकार अवश्य बन गये। हरियाणा पुलिस की बर्बरता का शिकार हुए लोगों में महिलाएं, वृद्ध व बच्चे भी शामिल थे।
प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रवैये से ऐसा प्रतीत होता है कि वे एक राजनैतिक पार्टी के पदाधिकारी के तौर पर बर्ताव कर रहे हैं। यही कारण है कि उन्हें कांग्रेस शासित राज्यों में दलित वर्ग के लोगों के खिलाफ लगातार हो रहे अत्याचार व उत्पीड़न के मामले नजर नहीं आते, लेकिन गैर-कांग्रेस शासन वाले राज्यों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में वे बेवजह सक्रिय हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि श्री पुनिया उत्तर प्रदेश में तो घूमते रहते हैं, लेकिन अन्य प्रदेशों और विशेष रूप से अपने गृह प्रदेश हरियाणा में बड़ी से बड़ी घटना हो जाने के बावजूद वे वहां जाने की जहमत नहीं उठाते। उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष से मांग की है कि वे मिर्चपुर गांव जाकर वहां के दलितों को न्याय व सुरक्षा सुलभ कराने के लिए हर सम्भव प्रयास करें, अन्यथा उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग को भी हरियाणा की इस घटना का तत्काल संज्ञान लेकर सख्त कदम उठाने चाहिए थे। उन्होंने इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका पर अफसोस जताते हुए कहा कि मिर्चपुर के दलित आज भी न्याय की आस लगाये बैठे हैं, परन्तु उनके आंसू पोछने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भट्टा परसौल प्रकरण को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं से दुव्र्यवहार का झूठा आरोप लगाकर कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी वफादारी साबित करने में लगा रहा, लेकिन हरियाणा के मिर्चपुर में दलित महिलाओं के साथ घटित घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग मौन है। उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि राष्ट्रीय महिला आयोग पार्टी विशेष के लिए कार्य कर रहा है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी उत्तर प्रदेश के लगभग हर प्रकरण में जांच करने के लिए आ जाता है, लेकिन कांग्रेस शासित प्रदेशों के मानवाधिकार उल्लंघन की गम्भीर घटनाओं को पता नहीं क्यों नजर अंदाज कर देता है। इस सम्बन्ध में मुम्बई में दिन-दहाड़े अंजाम दी गयी एक वरिष्ठ पत्रकार की हत्या की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार द्वारा इस घटना की जिस प्रकार विवेचना करायी जा रही है, उससे वहां के पत्रकार असंतुष्ट हैं। इसके बावजूद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग इस मामले में चुप्पी साधे है।
बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि राज्य की छोटी-छोटी घटनाओं को लेकर विभिन्न राष्ट्रीय आयोगों द्वारा दिखायी जाने वाली अनावश्यक रूचि के विपरीत दिल्ली सहित अन्य कांग्रेस शासित राज्यों में हो रहे ऐसे अपराधों का संज्ञान इन आयोगों द्वारा नहीं लिया जाता है। इससे यह बात पूरी तरह साबित हो जाती है कि विभिन्न राष्ट्रीय आयोग संवैधानिक मर्यादाओं को त्यागकर राजनैतिक दल के समान आचरण कर रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि एक आपराधिक वारदात को लेकर राज्य की बी0एस0पी0 सरकार द्वारा की गयी प्रभावी कार्यवाही के बावजूद केन्द्रीय गृह मंत्री से इस सम्बन्ध में मुलाकात करने की बात कहने वाली केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ भी मिर्चपुर की घटना को लेकर मौन धारण किए हुए हैं। इसी के साथ श्रीमती तीरथ को लोगों को यह भी बताना चाहिए कि क्या उन्होंने दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ आए-दिन हो रहे बलात्कार के मामलों का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित दिल्ली राज्य की पुलिस केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। ऐसी स्थिति में श्रीमती तीरथ को चाहिए कि वे केन्द्रीय गृह मंत्री से मिलकर दिल्ली में ऐसी घटनाआंे की प्रभावी रोकथाम के लिए वहां की पुलिस को आवश्यक दिशा-निर्देश दिलायें, क्योंकि वहां की महिलाएं ऐसी घटनाओं के चलते अपने को बेहद असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस शासित दिल्ली में महिलाओं के साथ बलात्कार का दर 2.6 प्रतिशत, हरियाणा में 2.5 प्रतिशत तथा राजस्थान में 2.3 प्रतिशत है, जबकि देश का औसत बलात्कार दर 1.8 प्रतिशत है। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश में बलात्कार का अपराध दर दिल्ली सरकार एवं पूरे भारत के औसत से भी कम 0.9 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में दिल्ली में 1975 तथा वर्ष 2010 में 2201 महिलाओं के विरुद्ध अपराध हुए। 24 नवम्बर, 2010 को बी0पी0ओ0 में काम करने वाली महिला के साथ बलात्कार, इसके कुछ दिन बाद सुल्तानपुरी क्षेत्र में नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार जैसे कई अपराध दिल्ली में हुईं, लेकिन केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री सहित राष्ट्रीय आयोगों ने इन घटनाओं के प्रति कोई संवेदनशीलता प्रदर्शित नहीं की और न ही दिल्ली की राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि बी0एस0पी0 मिर्चपुर गांव के दलितों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने की पुरजोर मांग लगातार करती रही है, लेकिन हरियाणा की कांग्रेस सरकार ने वहां के दलितों की सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया है। यही कारण है कि यह लोग आज भी भय और आतंक के माहौल में रहने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि दलितों, महिलाओं, बुजुर्गाें और बच्चों के हितों के नाम पर आए दिन मीडिया में बयानबाजी करने वाले लोगों को चाहिए कि वे देश की राजधानी से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर रह रहे इन दलितों को न्याय दिलायें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com