कलेक्टेªट स्थित जनसुविधा केन्द्र अवैध कमाई का अड्डा बन चुका है। जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जनसुविधा केन्द्र में कार्यरत कर्मचारी प्रमाण पत्र के लिये जनता को गणेश परिक्रमा करा रहे हैं। अगर दलालों के माध्यम से न जाय तो प्रमण पत्र देरी से मिलता है। जल्दी प्रमाण पत्र उन्हीं को मिलता है जो अलग से चढ़ावा देते हैं।
सनद रहे कि जुलाई का महीना आने वाला है। अभिभावक को ऐसी समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। शिक्षण संस्थान में दाखिले के लिये प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। जिसका भर पूर लाभ उठाया जा रहा है। ज्ञात हो कि अभी करीब डेढ़ महीना पहले नगर स्थित एक समाज सेवी जन सुविधा केन्द्र चलाने वाले ने मुख्य सचिव से एल0आर0सी0 रवीन्द्र उपाध्याय की शिकायत की थी। लेकिन अब तक कार्यवाही नही हुई। सनद रहे कि शिकायत में समाज सेवी ने एल0आर0सी0 बाबू के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाये थे। इसी क्रम में बताते चलें कि पूर्व में जन सुविधा केन्द्र से सम्बंधित शिकायत जिलाधिकारी से भी की जा चुकी है। लेकिन जनसुविधा केन्द्र पर तैनात एल0आर0सी0 बाबू और उनके दलालों की टीम दिनों दिन जन सुविधा केन्द्र में पैर पसारते जा रहे हैं। इन सभी की दलाली का काम बदस्तूर बढ़ोत्तरी की ओर अग्रसित है। जिससे आहत होकर अब तक कई जनसुविधा केन्द्र बन्द हो गये। फ्रंचायजी मालिकों ने कान पकड़ते हुए तौबा कर ली कि इन दलालों के मध्य में सरकारी काम लेकर काम किया जाना उनके बस का नही। अब जो कुछेक फ्रंचायजी बाकी बची हुई हैं और प्रमाण पत्र वगैरा का काम कर रही है उनका भी हाल बद से बत्तर हैै। सारी जानकारी होने के बावजूद अधिकारी मौन क्यों है? इसका जवाब तो देने वाला कोई नही है। लेकिन इतना जरुर समझ में आता है कि चुप्पी साधे प्रशासनिक अधिकारियों को प्रतिमाह कलेक्ट्रेट के जनसुविधा केन्द्र से प्रति माह बंधी माहवारी पहुंच रही है तो यह बेचारे कार्यवाही कैसे करें। चैकाने वाला मामला यह है कि यह सभी कुछ वहां पर हो रहा है कि जहां से कुछ मीटर की दूरी पर जिलाधिकारी साहिबा भी बैठती है। क्या उन तक यह बातें नहीं पहुंचती?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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