Archive | October 28th, 2014

लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दौड़ ‘‘रन फाॅर यूनिटी’’ 31 अक्टूबर को

Posted on 28 October 2014 by admin

भारतीय जनता पार्टी, लखनऊ महानगर के पदाधिकारियों, मण्डल अध्यक्षों एवं मोर्चो के अध्यक्षों की एक बैठक नगर अध्यक्ष मनोहर सिंह की अध्यक्षता मंे नगर कार्यालय कैसरबाग पर सम्पन्न हुयी जिसमें लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दौड़ ‘रन फाॅर युनिटी’ करने का निर्णय लिया गया है। महानगर के मीडिया प्रभारी अवधेश गुप्ता छोटू ने बताया कि सरदार पटेल की जयंती पार्टी राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मना रही है। यह दौड़ प्राप्त 8 बजे शहीद स्मारक से प्रारम्भ होगी तथा सरदार बल्लभ भाई पटेल प्रतिमा हजरतगंज पर समाप्त होगी। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने वाली राष्ट्रीय एकता दौड़ में प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजेपयी, पूर्व सांसद लालजी टण्डन, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. दिनेश शर्मा, प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल टण्डन, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य जयपाल सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
महानगर अध्यक्ष मनोहर सिंह ने कहा कि हम जिस विशाल भारत को देखते हैं उसकी कल्पना बिना बल्लभ भाई पटेल के पूरी नही हो पाती। सरदार पटेल एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होेने देश के सभी समुदाय को एक कर भारत में सम्मिलित किया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की जब भी बात होती है तो सरदार पटेल का नाम सबसे पहले ध्यान में आता है। उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति नेतृत्व कौशल के सभी कायल थे। इस दौड़ में पार्टी के विधायक, पूर्व विधायक, नगर पदाधिकारी, पार्षद, पूर्व पार्षद, मोर्चे प्रकोष्ठ, मण्डल के अध्यक्ष सहित आम जनमानस की भी भागीदारी होगी। महानगर अध्यक्ष मनोहर सिंह ने राष्ट्रीय एकता दौड़ को सफल बनाने के लिये स्कूल, कालेज, सामाजिक संस्थाओं, सामाज के विभिन्न वर्गो तथा छात्र नेताओं से अधिक से अधिक संख्या में जुड़ने की अपील की। बैठक में महामंत्री राकेश श्रीवास्तव, अनुराग मिश्रा अन्नू, मुकेश शर्मा, उपाध्यक्ष त्रिलोक अधिकारी, रागिनी रस्तोगी, मनीष शुक्ला, मीडिया प्रभारी अवधेश गुप्ता छोटू, सहमीडिया प्रभारी श्यामजीत सिंह, मंत्री कपिल सोनी, विजय लक्ष्मी सिंह, सूर्य मणि सिंह, शशि जोशी, चन्द्रा रावत, आनन्द प्रकाश मौर्या, बीना गुप्ता, अशोक तिवारी, मो. नसीम, रामशंकर राजपूत, विनोद बाजपेयी, परागी लाल, अंशुमान सिंह, रमेश तूफानी आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीेय अध्यऊक्ष-श्री अमित शाह ने छठ पर्व के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी

Posted on 28 October 2014 by admin

सभी देशवासियों को छठ पर्व की बहुत बहुत शुभकामनाएं। भगवान सूर्य आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर आपके जीवन में नई ऊर्जा का संचार करे तथा सदैव आपके जीवन को स्वूस्थेए खुशहाल और धनधान्यस से भरपूर रखे। छठ का पावन पर्व समस्तक देशवासियों के लिए सुखए समृद्धि और शांति लाए ऐसी मेरी कामना है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमंत्री ने जनपद झांसी के लोहिया ग्राम खड़ौरा का औचक निरीक्षण किया, सम्पर्क मार्ग की खराब दशा पर अप्रसन्नता व्यक्त की

Posted on 28 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज जनपद झांसी के डा. राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम खड़ौरा का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने सम्पर्क मार्ग की खराब दशा पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को इस मार्ग की विशेष मरम्मत के भी निर्देश दिए हैं। इसके उपरान्त वे जिलाधिकारी द्वारा चयनित ग्रामों में न जाकर अन्य गांवों में गए। ग्रामवासी अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर अभिभूत थे, क्योंकि वर्षाें से किसी भी मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र का दौरा इस उद्देश्य से नहीं किया था।
मुख्यमंत्री ने झांसी जनपद में कम संख्या में लोहिया आवासों के निर्माण पर भी नाराजगी जताते हुए प्रमुख सचिव ग्राम विकास को निर्देश दिए कि झांसी जनपद का पुनः सर्वे कराकर पात्र लोगों का पता लगाया जाए तथा उन्हें लोहिया आवास उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने लोहिया समग्र ग्रामों के लिए निर्धारित मानकों का कड़ाई से पालन करने के लिए अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा कि इसमें किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने लोहिया समग्र ग्राम खड़ौरा में चैपाल लगाकर गांव में संचालित सभी विकास योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर उन्होंने ग्राम खड़ौरा में हाईस्कूल के निर्माण की भी घोषणा की। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी को प्रस्ताव बनाकर शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोहिया ग्रामों में संचालित योजनाओं पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। ग्रामों की तस्वीर बदलने हेतु हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम खड़ौरा को सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। गांवों में पानी व बिजली की बेहतर व्यवस्था की जाएगी।
श्री यादव ने चैपाल के दौरान उपस्थित गांववासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सोलर पैनल को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि बिजली की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हो और लोगों को पानी की और बेहतर सुविधा प्राप्त हो सके। उन्होंने लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि गांवों का तीव्रता से विकास किया जाएगा। लोहिया ग्रामों के चयन में अपनाई गई व्यवस्था में और सुधार किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक गरीब व्यक्तियों को लोहिया ग्रामों में चयनित करते हुए लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि घसान नदी पर बांध के निर्माण के लिए स्थान चिन्हित करने के उपरान्त बजट की समुचित व्यवस्था की जाएगी। बांध के निर्माण के बाद आस-पास के गांवों में पानी की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध हो सकेगी।
प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने गरीब व्यक्तियों के समुचित इलाज के लिए ‘102’ एवं ‘108’ एम्बुलेंस सेवा की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड की सड़कों की मरम्मत व उनके उचित रख-रखाव हेतु तेजी से प्रयास किए जाएंगे।
इस मौके पर जिलाधिकारी श्री अनुराग यादव ने खड़ौरा ग्राम में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति की जानकारी मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की। उन्होंने अवगत कराया कि गांव में 83 इन्दिरा आवास बने हैं तथा गांव में स्थापित 13 सोलर लाइटें ठीक करा दी गई हैं। गांव का विद्युतीकरण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त 210 लोगों को वृद्धावस्था पेंशन, 22 को विधवा पेंशन तथा 17 को विकलांग पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है। मनरेगा के अन्तर्गत मजदूरी करने वाले लोगों को उनकी मजदूरी दे दी गई है। बकरी पालन आदि के लिए 21 लोगों को ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। उन्होंने लैपटाॅप, शौचालय, सी.सी. रोड, तालाब, समाजवादी पेंशन योजना, राशन, ड्रेस वितरण, मिड-डे मील, सरकारी नलकूप आदि योजनाओं की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। चैपाल के दौरान गांववासियों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने प्रार्थना-पत्र सांैपे जिनके शीघ्र निराकरण का आश्वासन उन्होंने दिया।
इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमंत्री ने कन्नौज में चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय, उद्यान विभाग एवं डच पोटैटो क्लस्टर, नीदरलैण्ड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आलू किसानों की कार्यशाला का उद्घाटन किया

Posted on 28 October 2014 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश सरकार राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए गम्भीर है व इसके लिए लगातार हर सम्भव प्रयास कर रही है। देश और प्रदेश में आलू की अच्छी खपत है। आलू उत्पादक किसानों को अगर आलू का अच्छा भाव मिल जाए, तो उनकी आर्थिक स्थिति में गुणात्मक सुधार हो सकता है। इसी वर्ष राज्य सरकार द्वारा लागू की गई आलू विकास नीति तथा नीदरलैण्ड से हुए तकनीकी हस्तान्तरण समझौते से प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं की स्थापना, तकनीकी उन्नयन, विपणन व्यवस्था में सुधार तथा गुणवत्ता व प्रमाणन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इससे प्रदेश के आलू उत्पादक किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगे।
मुख्यमंत्री आज राजकीय मेडिकल काॅलेज, कन्नौज के प्रेक्षागृह में चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर, प्रदेश के उद्यान विभाग एवं डच पोटैटो क्लस्टर, नीदरलैण्ड के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आलू किसानों की दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि यह कार्यशाला मुख्यमंत्री की नीदरलैण्ड यात्रा का प्रतिफल है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश के आलू उत्पादक किसानों को नीदरलैण्ड में आलू के उत्पादन में अपनायी जा रही नवीन तकनीकी के प्रशिक्षण से निश्चित रूप से मदद मिलेगी। प्रदेश मंे आलू का अधिक उत्पादन होने के बावजूद प्रसंस्करण, भण्डारण व विपणन की नियोजित व्यवस्था के अभाव में किसानों को आलू का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। इससे प्रदेश में आलू का उत्पादन व उत्पादकता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन व प्राकृतिक ससंाधनों में गिरावट को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक उन्नतशील प्रजातियों तथा नवीनतम तकनीकी का विकास करें। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक यहां दो दिनों तक आलू उत्पादन, उसके रख-रखाव व बिक्री एवं इससे तैयार होने वाले अन्य उत्पादों हेतु नवीन तकनीकी से किसानों को अवगत कराएंगे। किसान कार्यशाला में अपने प्रश्नों एवं समस्याओं के सम्बन्ध में कृषि वैज्ञानिकांे से समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
नीदरलैण्ड के नेफटेक (नीदरलैण्ड कृषि एवं खाद्य तकनीकी केन्द्र) के निदेशक श्री मराइन लाइटेन ने नीदरलैण्ड के राजदूत का सन्देश प्रदेश के 11 जनपदों से पधारे 300 कृषकों एवं जनप्रतिनिधियों को पढ़कर सुनाते हुए कहा कि उनकी इच्छा है कि उनके विश्वविद्यालय सीधे प्रदेश के किसानों के साथ मिलकर काम करें। नीदरलैण्ड में 46 टन प्रति हेक्टेयर आलू उत्पादित होता है, जबकि प्रदेश में मात्र 24 टन। इस कमी को दूर करने के लिए वे और उनकी सरकार सहयोग करने के लिये तैयार हैं। उन्हांेने कहा कि किसानों की पैदावार किस तरह बढे़, इसके लिए मुख्यमंत्री काफी प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा कि नीदरलैण्ड के राजदूत एवं प्रदेश सरकार के बीच आपसी सहयोग के लिए जो समझौते हुए हैं, यह कार्यशाला उन्हीं समझौतों का प्रतिफल है।
नीदरलैण्ड के डच पोटैटो क्लस्टर के निदेशक प्रो0 एनटाॅन हैवरकाॅर्ट ने कहा कि पूरी दुनिया में गेहूं एवं चावल के बाद आलू का सर्वाधिक उपभोग किया जाता है। चीन एवं रूस के बाद भारत सबसे अधिक क्षेत्रफल में आलू उत्पादन करता है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आलू की उत्पादकता कैसे बढे़ इस ओर ध्यान देने के लिए यह कार्यशाला काफी उपयोगी होगी। हाॅलैण्ड का अनुभव उत्तर प्रदेश के आलू किसानों के लिए उपयोगी साबित होगा।
इससे पूर्व, प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वी0एन0 गर्ग ने नीदरलैण्ड के कृषि वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश आलू की उत्पादकता में काफी पीछे ह,ै अन्य देशों के सापेक्ष हमारा उत्पादन आधा है। इसके लिये तकनीकी हस्तान्तरण, बीज उत्पादन प्रणालियों की खोज, भण्डारण प्रशिक्षण एवं निर्यात बढ़ाने की जरूरत है। यह प्रशिक्षण इस दिशा में पहला कदम है।
उद्घाटन सत्र के अन्त में चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो0 मुन्ना सिंह व जिलाधिकारी कन्नौज द्वारा मुख्य अतिथि व अन्य प्रमुख अतिथियों को स्मृति चिन्ह भंेट कर सम्मनित किया। कन्नौज के जिलाधिकारी श्री अनुज कुमार झा ने मुख्यमंत्री को जनपद के अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से जम्मू और कश्मीर में बाढ़ आपदा पीडि़तों की सहायता हेतु 72 लाख 76 हजार की धनराशि का चेक भेंट किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजस्थान बार्डर पर शहीद हुए स्व0 ब्रह्मपाल सिहं की पत्नी श्रीमती विनीता देवी को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 20 लाख रुपए का चेक भी प्रदान किया।
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मंत्रिगण श्री पारसनाथ यादव, श्री शिव कुमार बेरिया, श्री विजय बहादुर पाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एंव शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण, कृषि वैज्ञानिक एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में स्व0 चन्द्र भानु आई0ए0एस0 द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की निःस्वार्थ भाव से की गई सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उनकी पत्नी श्रीमती श्वेता सिंह को 50 लाख रु0 अनुग्रह धनराशि स्वीकृत

Posted on 28 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देशों के अनुपालन में स्वर्गीय चन्द्र भानु आई0ए0एस0 द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार की निःस्वार्थ भाव से की गई सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उनकी पत्नी श्रीमती श्वेता सिंह को 50 लाख रुपए अनुग्रह धनराशि स्वीकृत की गई है। अनुग्रह धनराशि के रूप में 50 लाख रुपए की धनराशि प्रदेश में पहली बार स्वीकृत की गई है।
विशेष जोखिम का कार्य करते समय सरकारी सेवक की मृत्यु पर स्वीकृत अनुग्रह धनराशि 50 लाख रुपए तथा उनके वेतन एवं ग्रेड वेतन के योग के 60 प्रतिशत के बराबर पारिवारिक पेंशन स्वीकृत किये जाने के आदेश की प्रति मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने आज श्रीमती श्वेता सिंह को स्वयं दीं। उल्लेखनीय है कि स्वर्गीय चन्द्र भानु की असामयिक मृत्यु विगत 12 अप्रैल, 2014 को लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2014 में मणिपुर राज्य में पर्यवेक्षक के रूप में तैनाती के दौरान अत्यन्त विषम परिस्थतियों में निर्वाचन डयूटी का निर्वहन करते हुुए हुई थी।
श्रीमती श्वेता सिंह को सम्बन्धित आदेशों की प्रति देते समय प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश बहादुर एवं प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक श्री राजीव कुमार उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि से सम्पादित कराई जाने वाली योजनाओं का प्रभावी अनुश्रवण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला परियोजना प्रबन्धक इकाई द्वारा प्रत्येक माह में कम से कम एक बार बैठक कर अवश्य सुनिश्चित कराया जाय: मुख्य सचिव

Posted on 28 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि से सम्पादित कराई जाने वाली योजनाओं का प्रभावी अनुश्रवण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला परियोजना प्रबन्धक इकाई द्वारा प्रत्येक माह में कम से कम एक बार बैठक कर अवश्य सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि प्रबन्ध ईकाइ की मासिक बैठक में कार्यदायी संस्थाओं की वर्षवार उपलब्ध धनराशि के व्यय की प्रगति, कार्यदायी संस्थावार वर्षवार भौतिक प्रगति, उपभोग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये जाने की प्रगति, सोशल आडिट एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबप्लान प्रगति की समीक्षा तथा नोडल अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी के खातों से निकायों एवं कार्यदायी संस्थाओं की धनराशि का हस्तांतरण तथा जनपद स्तर पर धनराशि अवशेष रहने के कारणों की समीक्षा अवश्य की जाय। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री के सैम्पल को तकनीकी प्रयोगशाला में भेजकर परीक्षण अवश्य कराया जाय। यदि कार्यस्थल पर किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाय तो उसे तत्काल समिति के संज्ञान में लाया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास योजना (बी0आर0जी0एफ0) के कार्यों के सफलतापूर्वक के संचालन हेतु सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मियों को आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण भी दिलाया जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि कार्यक्रम की उच्च शक्ति प्राप्त समिति की 13वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्यों को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ कराने हेतु थर्ड पार्टी से मूल्यांकन अवश्य कराया जाय। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक वर्ष, प्रत्येक निकाय को आवंटित की गई धनराशि के सापेक्ष कराये जा रहे कार्यों में 10प्रतिशत कार्यों की जाँच तकनीकि कमेटी गठित कर अवश्य कराई जाय। गठित तकनीकि समिति की रिपोर्ट को उच्च अधिकारियों को अवश्य उपलब्ध कराई जाय ताकि समस्त जाँच रिपोर्टों का विवेचन कर सम्बन्धित अधिकारी अपनी आख्या संस्तुति सहित शासन को प्रेषित करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा विगत 2008-2009 से 2013-14 तक अनुमन्य 3946.71 करोड़ रूपये के सापेक्ष अवमुक्त 2750.96 करोड़ रूपये में से प्रदेश में विभिन्न कार्यों के तहत व्यय 2595.56 करोड़ रूपये के फलस्वरूप अवशेष 155.40 करोड़ रूपये धनराशि का उपयोग स्वीकृत विभिन्न कार्यों को कराकर पारदर्शिता के साथ कराया जाय। उन्होंने कहा कि उपभोग धनराशि के भेजे गये उपभोक्ता प्रमाण-पत्र के अतिरिक्त यदि उपभोक्ता प्रमाण-पत्र अवशेष हो तो भेज दिये जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव, पंचायतीराज श्री चंचल कुमार तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश के किसानों को समय से उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं यथाशीघ्र सुनिश्चित करा ली जाय: मुख्य सचिव

Posted on 28 October 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के किसानों को समय से उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं यथाशीघ्र सुनिश्चित करा ली जाय। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से सम्पर्क कर प्रदेश मे पर्याप्त उर्वरक आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु निरन्तर अनुरोध किया जाय। उन्होंने कहा कि यह समय से सुनिश्चित किया जाय कि प्रदेश के किसानों को उर्वरक की कमी कतई न होने पाये।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रदेश के किसानों को पर्याप्त उर्वरक समय से उपलब्ध कराने हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कृषकों द्वारा रबी सीजन में टाॅप ड्रेसिंग के समय यूरिया उर्वरक की माँग को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा नवम्बर माह में यूरिया उर्वरक की प्रीपोजीशनिंग सुनिश्चित करा ली जाय। जिससे की माँग के समय उपलब्ध यूरिया का प्रयोग किया जा सके।
बैठक में बताया गया कि भारत सरकार से रबी 2014-15 में 38.00 लाख मी0टन यूरिया, 12.50 लाख मी0टन डी0ए0पी0, 6.00 लाख मी0टन एन0पी0के0 एवं 1.50 लाख मी0टन एम0ओ0पी0 की माँग की गयी थी, जिसके सापेक्ष क्रमशः 35.00 लाख मी0टन 12.00 लाख मी0टन, 5.00 लाख मी0टन एवं 1.00 लाख मी0टन की सहमति प्रदान की गयी है, जिसमें से माह अक्टूबर हेतु यूरिया 6.50 लाख मी0टन, डी0ए0पी0 4.50 लाख मी0टन, एन0पी0के0 1.50 लाख मी0टन एवं एम0ओ0पी0 0.30 लाख मी0टन, माँग के सापेक्ष भारत सरकार क्रमशः 6.39 लाख मी0टन यूरिया, 2.42 लाख मी0टन डी0ए0पी0, 1.51 लाख मी0टन एन0पी0के0 एवं 0.74 लाख मी0टन एम0ओ0पी0 का आवंटन प्राप्त हुआ है। दिनांक 26 अक्टूबर, 2014 तक उर्वरक विनिर्माता/प्रदायकर्ताओं द्वारा 3.99 लाख मी0टन यूरिया 1.52 लाख मी0टन डी0ए0पी0, 1.03 लाख मी0टन एवं 0.33 लाख मी0टन एम0ओ0पी0  आपूर्ति की गयी है। माह सितम्बर का अवशेष यूरिया 2.65 लाख मी0टन, डी0ए0पी0 5.51 लाख मी0टन, एन0पी0के0 1.39 लाख मी0टन एवं एम0ओ0पी0 0.44 लाख मी0टन है, इस प्रकार कुल 6.64 लाख मी0टन यूरिया, 7.03 लाख मी0टन डी0ए0पी0, 2.42 लाख मी0टन एन0पी0के0 एवं 0.77 लाख मी0टन एम0ओ0पी वर्तमान में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
बैठक में यह भी बताया गया कि फास्फेटिक उर्वरकों की प्रीपोजीशनिंग कर ली गयी है। वर्तमान में 6.64 लाख मी0टन यूरिया, 7.03 लाख मी0टन डी0ए0पी0 तथा 2.42 लाख मी0टन एन0पी0के0 की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है। वर्तमान में उर्वरकों की कमी नहीं है।
बैठक में प्रमुख सचिव, सहकारिता श्री शैलेष कृष्ण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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आलू, मटर, पालक, गाजर, मूली आदि सब्जियों की बुवाई का उचित समय

Posted on 28 October 2014 by admin

आलू, मटर, पालक, गाजर, मूली आदि सब्जियों की बुवाई का उचित समय है। आलू की कुफरी-बहार, बादशाह, आनन्द, सतलज, चिप्सोना-1, चिप्सोना-3, सिन्दुरी, सूर्या, लालिमा आदि की उन्नतशील किस्मों की बुवाई सम्पन्न करना चाहिए। मटर की मध्य एवं पिछेती किस्मों यथा आजाद मटर-1, आजाद मटर-2, जवाहर मटर-83, पी-3, आर्किल आदि की बुवाई की जाय।
उ0प्र0 कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा  आयोजित  फसल सतर्कता समूह  के कृषि वैज्ञानिकों की 15वीं बैठक में किसानों को कृषि से संबंधित दी गई सलाह के अनुसार लहसुन की उन्नतशील किस्मों यथा एग्रीफाउण्ड व्हाइट, यमुना सफेद (जी-1), यमुना सफेद-2 (जी-50), यमुना सफेद-3 (जी-282) की बुवाई करें।
किसान अगर मसाले वाली फसलें उगाना चाहते हैं तों धनिया, सांैफ, मेथी, कलौंजी, अजवाइन तथा सोया की भी बुवाई का समय उपयुक्त है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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उ0प्र0 सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों/पशुपालकों के हित में 2.50 करोड़ रुपये की लागत से अन्ना प्रथा उन्मूलन योजना लागू की है

Posted on 28 October 2014 by admin

उ0प्र0 सरकार ने पशुधन विकास परिषद उ0प्र0 के माध्यम से बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किसानों/पशुपालकों के पशुओ के संरक्षण, सर्वधन एवं पालन हेतु 2.50 करोड़ रुपये की लागत से अन्ना प्रथा उन्मूलन योजना लागू की है। यह योजना बुन्देलखण्ड क्षेत्र के चित्रकूट एवं झांसी जनपदों में संचालित की जायेगी। इस योजना  के लागू होने से  अब इस क्षेत्र के पशु चारे के अभाव में छुट्टा नहीं घूमेंगे। इस योजना के अन्तर्गत गोवंशीय पशुओं की न्यून दुग्ध उत्पादकता में सुधार की उन्नतिशील संततियों की संख्या में बढ़ोत्तरी  करते हुए दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना एवं निम्न कोटि के नरवत्सों/सांड़ों की बधियाकरण कर संख्या में घटोत्तरी करना है। इसके अतिरिक्त योजना के संचालन से वर्ष भर पौष्टिक हरे चारे की उपलब्धता हेतु पशुपालकों को जागरूक भी किया जायेगा।
योजना में वर्ष 2014-15 हेतु प्रस्तावित धनराशि 2.5 करोड़ रुपये की 1/2 धनराशि ही अवमुक्त की गई है, जिसके  कारण प्रस्तावित भौतिक लक्ष्य के सापेक्ष 1/2 धनराशि ही वर्ष 2014-15 में अवमुक्त धनराशि के अनुरूप ही कार्य सम्पन्न किये जायेंगे। इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू किये जाने से स्थानीय गोवंशीय नस्लों में तेजी से सुधार होगा, जिसके फलस्वरूप अन्ना प्रथा का उन्मूलन हो सकेगा।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पशुओं की नस्ल सुधार योजना के अन्तर्गत निम्न कोटि के नरवत्सों/सांड़ो का बधियाकरण करते हुए क्षेत्र की गोवंशीय मादा पशुओं को उन्नतशील सांड़ों के वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान द्वारा गर्भित कराकर उन्नतशील की जा सकेगी। निम्न कोटि के बछड़ों का बधियाकरण बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले जनपदों यथा चित्रकूट एवं झांसी में पशुगणना 2007 के अनुसार क्रमशः 39179 एवं 21872 गोवंशीय बछड़े जिनमें से क्रमशः 31343 एवं 17498 (80 प्रतिशत) बछड़ों का जनपद में कार्यरत विभागीय स्टाफ, पैरावेटस एवं बायफ केन्द्रों द्वारा बधियाकरण किया जाना योजना में प्रस्तावित था।
उक्त जनपदों से वर्ष 2014-15 हेतु स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष क्रमशः 15672 एवं 8749 गोवंशीय नरवत्सों/सांड़ो के बधियाकरण का लक्ष्य निधारित गया है। योजना द्वारा बधियाकरण शुल्क रु0 10.00 प्रति पशु वहन किया जायेगा। योजना में बधियाकरण हेतु पशुपालकों के लिए निर्धारित प्रोत्साहन धनराशि रु0 100.00 प्रति पशु एस0एल0एस0सी0 समिति द्वारा प्रेरक (पैरावेटस) को देने हेतु सहमति प्रदत्त की गई है। बधियाकरण हेतु वर्डिजो कास्ट्रेटर का क्रय पशुपालन विभाग द्वारा स्वीकृत दरों एवं फर्मों से किया जाना है। योजना में बधियाकरण का पूर्ण विवरण उल्लिखित पंजिका में अंकित किया जायेगा।  योजना की समीक्षा संबंधित पशुचिकित्सा अधिकारी करेंगे।
इस योजना में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत उच्च कोटि/संकर नस्ल के सांड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इस योजना के प्रथम चरण में चित्रकूट एवं झांसी जनपद क्रमशः 21 एवं 28 न्यायपंचायत को चरणबद्ध ढंग से योजनावधि वर्ष 2014-15 में स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष क्रमशः 31 एवं 43 कुल 74 उन्नतशील थारपारकर नस्ल/संकर (थारपारकर नरवत्सों/सांड़ों की अनुपलब्धता की दशा में जर्सी एवं इनके क्रास सांड़) के गोवंशीय सांड़ों को क्रय कर उपलब्ध कराया जायेगा। केन्द्रीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्रों/राजकीय पशुधन प्रक्षेत्रों से नैसर्गिक अभिजनन हेतु एम.एस.पी. के अनुरूप गोवंशीय नस्ल (डैम ईल्ड के आधार पर) के नवत्सों/साड़ों को क्रय कर उपलब्ध कराया जायेगा। उन्नतशील सांड़ों को क्रय करने से पूर्व भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली/मान्यता प्राप्त शोध संस्थानों टी0वी0, जे0डी0 एवं ब्रसलोसिस रोग का परीक्षण कराना अनिवार्य होगा। योजना में उपलब्ध कराये गये  साड़ क्षेत्र के प्रधान में संरक्षण में रहेगा। स्थानीय पशुचिकित्साधिकी सांड़ों के स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे। क्षेत्र में वितरित उन्नतिशील/संकर नस्ल केक्षेत्र में वितरित उन्नतिशील/संकर नस्ल के साॅड़ ही छुट्टा गोवंशीय पशुओं को नैसर्गिक रूप से गर्भित कर सकेंगे। योजना के प्रथम चरण में ऐसे न्याय पंचायतों में साॅड़ों को उपलब्ध कराया जायेगा, जो मुख्यालय से दूरस्थ हों। तीन वर्ष के पश्चात इन साॅड़ों को स्थानानतरित करते हुए दूसरी न्याय पंचायतों में भेजा जायेगा, ताकि इनब्रीडिंग की समस्या उत्पन्न न हो सके। वितरित गोवंशीय साॅड़ों का तीन वर्षीय बीमा अनिवार्य रूप से कराया जायेगा।
योजना के अन्तर्गत कृत्रिम गर्भाधन द्वारा नस्ल सुधार किया जायेगा। योजना के अन्तर्गत क्षेत्र के निम्नकोटि के गोवंशीय पशुओं में नस्ल सुधार हेतु पशुपालकों के द्वार पर एवं गौशालाओं मे ंपाले जा रहे पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी। बुन्देलखण्ड के जनपदों यथा चित्रकूट एवं झांसी में क्रमशः 25000 एवं 19000 प्रजनन योग्य गोवंशीय मादा पशुओं के सापेक्ष वर्ष 2014-15 में क्रमशः 12500 एवं 9500 प्रजनन योग्य गोवंशीय मादा पशुओं को स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष कृत्रिम गर्भाधान किया जायेगा। कृत्रिम गर्भाधान कार्य हेतु विभागीय केन्द्रों, पैरावेट्स एवं बायफ सेंटर को निर्धारित शुल्क 40.00 रुपये प्रति कृत्रिम गर्भाधान योजना द्वारा वहन किया जायेगा। उक्त के अतिरिक्त जो भी व्यय होगा वह पशुपालन विभाग, बायफ एवं पैरावेट्स अपने उपलब्ध संसाधनों से कार्य करेंगे। इसके साथ ही हरे चारे की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी।     योजना का उद्देश्य पशुपालकों/गौशालाओं को ऐसे हरे चारे को बोने के लिए प्रोत्साहित करना है जिसकी उपलब्धता वर्ष भर बनी रहे, जिसके अन्तर्गत पशुओं को वर्ष भर पौष्टिक हरे चारे की उपलब्धता हेतु निम्न कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाना है। क्षेत्र की गौशालाओं (चित्रकूट-04 एवं झांसी-05) की खाली भूमि पर हरे चारे की पूर्ति हेतु चारा बीज किट्स उपलब्ध करायी जायेगी। हरे चारे की पूर्ति हेतु पशुपालकों को चारा बीज की मिनीकिट निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेगी। वर्ष 2014-15 में चारा बीज का क्रय ऋतु के अनुसार स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष राजकीय कृषि प्रक्षेत्र से किया जायेगा, अनुपलब्धता की दशा मे ंपंजीकृत/मान्यता प्राप्त फर्मों से उन्नत प्रजाति के चारा बीजों को क्रय किया जायेगा। ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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मछुआ कल्याणकारी कार्यक्रमों/योजनाओं का सीधा लाभ लाभार्थियों को दिलाने की पारदर्शी व्यवस्था

Posted on 28 October 2014 by admin

उ0प्र0 सरकार ने मत्स्य पालकों/मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े मछुआ समुदाय के व्यक्तियों को मत्स्य विकास हेतु संचालित किये जा रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों/योजनाओं का सीधा लाभ दिलाने के लिए पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित की है। उपलब्ध जल संसाधनों का मत्स्य विकास हेतु उपयोग, मत्स्य उत्पादन में वृद्धि, मत्स्य बीजों का संचय, बिक्री, उत्पादन, मत्स्य क्षेत्रों में रोजगार सृजन, उत्तम प्रोटीन युक्त पौष्टिक आहार की उपलब्धता तथा मछुआ कल्याणकारी कार्यक्रमों का सफल संचालन शासन द्वारा किया जा रहा है।
राज्य सरकार ने मत्स्य पालन, विकास, व्यवसाय से जुड़े मछुआ  समुदाय के व्यक्तियों को मछुआ दुर्घटना बीमा योजना का लाभ योजना के अन्तर्गत पंजीकृत मछुआ सहायता समिति के सदस्य एवं व्यक्तियों की दुर्घटनावश अथवा पूर्णरूप से घायल/ अक्षम/मृत्यु होने की दशा में 1,00,000 रु0 तथा आंशिक रूप से  एवं स्थाई अक्षमता की स्थिति में 50,000 रु0 की बीमा धनराशि भुगतान किये जाने की व्यवस्था है। दुर्घटना प्राकृतिक अथवा नदी, तालाब में डूबने, आकस्मिक बिजली गिरने, आंधी तूफान, मकान, पेड़ गिरने से दबकर मृत्यु होने, अग्निकांड या संक्रामक बीमारी, लकवाग्रस्त होने पर सड़क दुर्घटना अथवा अन्य किसी प्रकार की दुर्घटना संघर्ष अथवा हत्या होने की दशा में मृत्यु अथवा घायल होने पर पीडि़त को मछुआ दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिलेगा।
शासन द्वारा राष्ट्रीय मछुआ कल्याण योजना के अन्तर्गत मछुआ आवास योजना संचालित की गई है। इसमें भी पंजीकृत मछुआ सहकारी समिति के सदस्यों   जो आवास विहीन और निर्धन है उनको मछुआ  आवास पक्का बनवाने के लिए प्रति आवास निर्माण हेतु 50,000 रु0 की दर से शतप्रतिशत अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत  मछुआ बाहुल्य ग्रामों में न्यूनतम 10 मछुआ आवासों का निर्माण कराये जाने का प्राविधान है। योजनान्तर्गत लाभार्थी स्वयं अपनी भूमि पर मछुआ आवास का निर्माण करा सकते है।
नदियों में मत्स्य अगुलिका का संचय (रिवर रैचिंग) की योजना के अन्तर्गत नदियों में प्राकृतिक मत्स्य सम्पदा संरक्षण, संवर्धन एवं पालन  हेतु प्रदेश की प्रमुख नदियों में चिन्हित स्थलों पर भारतीय मेजर कार्प रोहू, मांगुर तथा नैना के बड़े आकार के मत्स्य बीजों का संचय कराकर प्राकृतिक मत्स्य सम्पदा का संरक्षण किया जाता है। अब तक प्रदेश की प्रमुख नदियों गंगा, यमुना, राप्ती, घाघरा एवं गोमती में इस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।
राज्य पोषित योजनाओं में मोबाइल फिश पार्लर योजना के अन्तर्गत प्रदेश के प्रमुख शहरों में मोबाइल फिश पार्लर की स्थापना कराई जा रही है।। इस योजना में मछलियों से बने विभिन्न व्यजनों को तैयार करके जनसामान्य तक पहुचानें के उद्देश्य से निजी क्षेत्र में मोबाइल फिश पार्लर की स्थापना की गई है। एक फिश पार्लर की इकाई लागत 5.50 लाख रु0 निर्धारित है। जिसमें लाभार्थियों को पूर्व में 30 प्रतिशत की दर से 1.65 लाख रु0 अनुदान सुविधा प्रदान की जाती थी लेकिन उ0प्र0 सरकार ने अब कुल लागत का 50 प्रतिशत अंश अनुदान दिए जाने की सुविधा प्रदत्त कर दी है। अतएवं फिश पार्लर लाभार्थी को अब 2.75 रु0 का अनुदान मिलेगा और 2.75 लाखरु0 लाभार्थी को स्वयं वहन करना होगा।
जल प्लावित क्षेत्रों में मत्स्य पालन विविधीकरण की योजना के अन्तर्गत कृषि हेतु अनुपयुक्त जल प्लावित भूमि को तालाब के रूप में विकसित करके मत्स्य पालन के अन्तर्गत आच्छादित किया जाता है। योजना की इकाई लागत   1.25 लाख रु0 प्रति हेक्टेयर निर्धारित है जिससे सामान्य वर्ग के व्यक्तियों को 80 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को 90 प्रतिशत अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
महाझींगा पालन की योजना के अन्तर्गत मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि तथा जनसामान्य को महाझींगा के रूप में उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए मत्स्य पालन विविधिकरण के अन्तर्गत प्रदेश के मीठे जल में महाझींगा पालन को बढ़ावा दिये जाने हेतु योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत 1/2  हेक्टेयर जल क्षेत्र की एक इकाई के लिए महाझींगा के आयातित बीज एवं आहार की कुल लागत 50,000 रु0 प्रति मत्स्य पालक को प्रोत्साहन स्वरूप 50 प्रतिशत अनुदान देने की सुविधा प्रदत्त की जाती है। फिश फीड मिल की स्थापना हेतु परियोजना की प्रतियूनिट 10 लाख रु0  लागत में 50 प्रतिशत की दर से पांच लाख रु0 अनुदान लाभार्थी को दिये जाने की व्यवस्था है।
मत्स्य पालकों/मत्स्य विकास/संचय, संवर्धन तथा मत्स्य व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों एवं मछुआ समुदाय के व्यक्तियों को योजनाओं/कार्यक्रमों की अधिक जानकारी करने के लिए उ0प्र0 मत्स्य निदेशालय, लखनऊ उ0प्र0 मत्स्य विकास निगम तथा जनपदों के  जिला मत्स्य विकास अभिकरणों से सम्पर्क करके जानकारी मिल सकेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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