उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि से सम्पादित कराई जाने वाली योजनाओं का प्रभावी अनुश्रवण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला परियोजना प्रबन्धक इकाई द्वारा प्रत्येक माह में कम से कम एक बार बैठक कर अवश्य सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि प्रबन्ध ईकाइ की मासिक बैठक में कार्यदायी संस्थाओं की वर्षवार उपलब्ध धनराशि के व्यय की प्रगति, कार्यदायी संस्थावार वर्षवार भौतिक प्रगति, उपभोग प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किये जाने की प्रगति, सोशल आडिट एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबप्लान प्रगति की समीक्षा तथा नोडल अधिकारी, अपर मुख्य अधिकारी के खातों से निकायों एवं कार्यदायी संस्थाओं की धनराशि का हस्तांतरण तथा जनपद स्तर पर धनराशि अवशेष रहने के कारणों की समीक्षा अवश्य की जाय। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्री के सैम्पल को तकनीकी प्रयोगशाला में भेजकर परीक्षण अवश्य कराया जाय। यदि कार्यस्थल पर किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाय तो उसे तत्काल समिति के संज्ञान में लाया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास योजना (बी0आर0जी0एफ0) के कार्यों के सफलतापूर्वक के संचालन हेतु सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मियों को आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण भी दिलाया जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि कार्यक्रम की उच्च शक्ति प्राप्त समिति की 13वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कार्यों को निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ कराने हेतु थर्ड पार्टी से मूल्यांकन अवश्य कराया जाय। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक वर्ष, प्रत्येक निकाय को आवंटित की गई धनराशि के सापेक्ष कराये जा रहे कार्यों में 10प्रतिशत कार्यों की जाँच तकनीकि कमेटी गठित कर अवश्य कराई जाय। गठित तकनीकि समिति की रिपोर्ट को उच्च अधिकारियों को अवश्य उपलब्ध कराई जाय ताकि समस्त जाँच रिपोर्टों का विवेचन कर सम्बन्धित अधिकारी अपनी आख्या संस्तुति सहित शासन को प्रेषित करें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा विगत 2008-2009 से 2013-14 तक अनुमन्य 3946.71 करोड़ रूपये के सापेक्ष अवमुक्त 2750.96 करोड़ रूपये में से प्रदेश में विभिन्न कार्यों के तहत व्यय 2595.56 करोड़ रूपये के फलस्वरूप अवशेष 155.40 करोड़ रूपये धनराशि का उपयोग स्वीकृत विभिन्न कार्यों को कराकर पारदर्शिता के साथ कराया जाय। उन्होंने कहा कि उपभोग धनराशि के भेजे गये उपभोक्ता प्रमाण-पत्र के अतिरिक्त यदि उपभोक्ता प्रमाण-पत्र अवशेष हो तो भेज दिये जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव, पंचायतीराज श्री चंचल कुमार तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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