उत्तराखण्ड की त्रासदी में राहत एवं बचाव कार्यों हेतु उत्तर प्रदेश के किसी भी अधिकारी के वहां पर कैम्प नहीं करने अथवा सहयोग न करने संबंधी आरोप बेबुनियाद, असत्य व भ्रामक है। उल्लेखनीय है कि मीडिया में इस आशय की खबर आयी है कि अन्य प्रदेशों के अधिकारियों द्वारा उत्तराखण्ड में कैम्प कर राहत व बचाव कार्यो का पर्यवेक्षण जा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कार्यवाही नही की गयी है और कोई कैम्प भी नही खोला गया है। सरकारी प्रवक्ता द्वारा मीडिया में आयी इस खबर का खण्डन किया गया है।
सरकारी प्रवक्ता द्वारा स्पष्ट किया गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस संबंध में पूरी तरह संवेदनशील है तथा वहां पर लोगों की हर संभव मदद हेतु सतत प्रयत्नशील भी है। प्रदेश सरकार द्वारा इस प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बिना किसी भेदभाव के हर प्रदेश के व्यक्तियों की यथा सम्भव सहायता की जा रही है। राजकीय परिवहन निगम की बसों से मेरठ, दिल्ली या अन्य स्थानों पर जाने के लिए केवल उत्तर प्रदेश के नागरिक ही नही अपितु अन्य प्रदेशों के नागरिकों को भी निःशुल्क परिवहन उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश सरकार के उत्तराखण्ड में स्थापित राहत शिविरों में स्पष्ट रुप से प्रचारित किया जा रहा है कि इन शिविरों में सभी प्रदेशों में नागरिकों का स्वागत है। शिविरों में आने वाले किसी भी प्रदेश के व्यक्ति को निःशुल्क भोजन की व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड अभी कुछ समय पूर्व तक उत्तर प्रदेश का ही भाग रहा है और उत्तर प्रदेश का उत्तराखण्ड से भावनात्मक सम्बन्ध व लगाव है। अतः उत्तराखण्ड राज्य को बचाव एवं राहत कार्यों में उत्तर प्रदेश द्वारा निश्चित रूप से पूर्ण सहायता उपलब्ध कराने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है। उत्तराखण्ड की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के जनपदों में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को सहायता व राहत कार्यो के निकटतम पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है, ताकि इस कार्य में किसी प्रकार की असुविधा अथवा कठिनाई न आने पाये।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक उत्तराखण्ड तथा भारत सरकार के विशेषकर रक्षामंत्रालय के कर्मी बचाव व राहत कार्यो में जुटे हुये है। प्रदेश सरकार का सहायता पहुंचाने मे स्पष्ट मत है कि वहाॅ चल रहे सहायता कार्यो में बिना किसी प्रकार के व्यवधान को उत्पन्न किये उत्तर प्रदेश सरकार के संसाधनों का उपयोग कर दैवी आपदा में यथा सम्भव मदद की जा सके तथा किसी भी दशा में इस कार्य के लिए उत्तराखण्ड सरकार के संसाधनों पर निर्भर न रहना पड़े, ताकि वहाॅ की सरकार पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड सरकार को वर्तमान आपदा से निपटने हेतु अन्य किसी प्रदेश की तुलना में सबसे अधिक आर्थिक सहायता 25 करोड़ रूपये की धनराशि तत्काल उपलब्ध करायी गयीं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से उत्तराखण्ड राज्य को पेंशन फण्ड की धनराशि 350 करोड़ रूपये, जो किश्तों मे दी जानी थी, वहां की वर्तमान विषम परिस्थिति को देखते हुये तत्काल एकमुश्त अवमुक्त कर दी गयी।
उत्तराखण्ड राज्य में दैवी आपदा में वहां की सरकार के अनुरोध पर प्रशासकीय सहयोग के लिए राज्य सरकार द्वारा श्री अनिल कुमार सिटी मजिस्ट्रेट बांदा, श्री उदय सिंह सिटी मजिस्ट्रेट फिरोजाबाद, श्री आशुतोष मोहन अग्निहोत्री, उप जिलाधिकारी बिजनौर, श्री रमेश चन्द्र, उप जिलाधिकारी मथुरा, श्री कामता प्रसाद सिंह, उप जिलाधिकारी कानपुर नगर, श्री कपिल सिंह सहायक भूलेख अधिकारी हापुड़ आदि अधिकारियों की ड्यूटी विगत 22 जून से लगायी गयी है। यह सभी अधिकारी प्रमुख सचिव गृह उत्तराखण्ड शासन के निर्देश पर राहत कार्यो में सहयोग हेतु लगे हुये है। उल्लेखनीय है कि यह अधिकारी उत्तरांचल गठन के पूर्व वहाॅ तैनात रह चुके है, तथा वहाॅ की भौगोलिक परिस्थिति से भिज्ञ व उस क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव भी उन्हें प्राप्त है।
दैवी आपदा में प्रभावित व्यक्तियों के उपचार हेतु त्वरित चिकित्सीय सहायता हेतु डाॅ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के 14 प्रशिक्षित डाॅक्टरों की एक विशेष टीम को विगत 21 जून को उत्तराखण्ड भेजा गया।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से इसके अलावा उत्तराखण्ड में 7 राहत शिविरों का संचालन क्रमशः रेलवे स्टेशन तथा बस स्टेशन हरिद्वार, जौंलीग्रान्ट हवाई अड्डा देहरादून, इंटर स्टेट बस टर्मिनल ऋषिकेश, बस अड्डा ऋषिकेश, हल्द्वानी (नैनीताल) व रामनगर (ऊधमसिंह नगर) पर किया जा रहा है। इन शिविरो के संचालन में अपर जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी विगत 21 जून से मय वाहन स्टाफ सहित राहत व बचाव कार्यो में लगायी गयी हैं।
वाटर प्रूफ शामियानो में लगाये गये राहत शिविरों के माध्यम से यात्रियों के ठहरने, भोजन, उपचार, विश्राम, शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था की गयी है। इन शिविरों में निःशुल्क मोबाइल पर बात करने की व्यवस्था की गई है, ताकि पीडि़तजन अपने परिजनों से निःशुल्क सम्पर्क स्थापित कर सके। इन शिविरों में बिना किसी भेद भाव के आने वाले उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न प्रदेशों के अभी तक लगभग 50 हजार से अधिक व्यक्तियों के लिए निःशुल्क भोजन की व्यवस्था करायी गयी। इन कैम्पों में चिकित्सकों व दवाइयों की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की गयी है, जिनमें लगभग 1700 व्यक्तियों के उपचार कर उन्हें दवायें उपलब्ध करायी गयीं।
उत्तराखण्ड में फंसे यात्रियों को सुरक्षित एवं गन्तव्य स्थल तक पहंुचाने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये गये है। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की लगभग 450 बसों के माध्यम से 2700 से अधिक फेरे लगा कर आपदा से प्रभावित लगभग सवा लाख से अधिक व्यक्तियों को उनके विभिन्न गन्तव्य स्थानों तक निःशुल्क पहुचाया गया है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य का दृष्टिकोण इस आपदा में इस भांति सहायता प्रदान करने का रहा है जिससे उत्तराखण्ड एवं केन्द्र सरकार द्वारा चलाये जा रहे राहत एवं बचाव कार्य में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राहत एवं बचाव के सम्बन्ध में किये जा रहे कार्यो में राज्य सरकार द्वारा सम्बल बढ़ाते हुए यथासंभव समुचित सहायता उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये है।
उत्तर प्रदेश के ऐसे व्यक्ति जो इस आपदा में अभी तक लापता हैं अथवा उनसे सम्पर्क नही हो पा रहा है, की जानकारी हेतु खोज का पर्यााप्त समय परिवारजनो को देने के बाद अब गृह विभाग के साम्प्रदायिकता नियंत्रण प्रकोष्ठ में एक सेल गठित किया गया है। इस सेल का नोडल अधिकारी श्री अशोक कुमार सिंह, विशेष कार्याधिकारी को बनाया गया है। इस सेल द्वारा लापता व्यक्तियों के संबंध में जनपद स्तर पर सूचना संकलन, सत्यापन समन्वय व सहायता कार्य जिलाधिकारी के माध्यम से शुरु किया गया है।
प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिलाधिकारियों के माध्यम से ग्राम स्तर पर यह जानकारी संकलित की जा रही है कि प्रदेश के कौन-कौन से लोग चार धाम की यात्रा पर उत्तराखण्ड गये थे और अभी तक नही लौटे है। इस प्रकार लापता व्यक्तियों की ग्रामवार व थानावार सूची बनाकर उनका विवरण प्राप्त किया जा रहा है और उसके सम्बन्ध में उत्तराखण्ड सरकार से समन्वय बनाकर लापता व्यक्तियों की जानकारी की जा रही है।
निकट भविष्य में होने वाली कांवड़ यात्रा जिसमें हरिद्वार जाने वाले कांवड़ यात्रियों के लिए भी प्रदेश सरकार उत्तराखण्ड सरकार के स्थानीय प्रशासन से समन्वय बनाये रख कर इस प्रकार कार्यवाही करेगी कि वहां पर राहत कार्यो मे किसी प्रकार का व्यवधान न उत्पन्न हो एवं कंावड़ यात्रा भी निर्विघ्न रुप से सम्पन्न हो।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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