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प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई विद्युत आपूर्ति प्रदान कराने हेतु वर्तमान में लगभग 11 हजार मेगावाॅट की विद्युत उपलब्धता को वर्ष 2016-17 तक बढ़ाकर लगभग 21 हजार मेगावाॅट करने तथा पारेषण तथा वितरण नेटवर्क के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण हेतु प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये: मुख्य सचिव

Posted on 29 September 2015 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई विद्युत आपूर्ति प्रदान कराने हेतु वर्तमान में लगभग 11 हजार मेगावाॅट की विद्युत उपलब्धता को वर्ष 2016-17 तक बढ़ाकर लगभग 21 हजार मेगावाॅट करने तथा पारेषण तथा वितरण नेटवर्क के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण हेतु प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि बढ़े हुये विद्युत प्रवाह के सापेक्ष राजस्व बढ़ाने हेतु फीडरवार, उपकेन्द्रवार, खण्डवार, मण्डलवार एवं क्षेत्रवार मासिक लक्ष्य निर्धारित कर सम्बन्धित अवर अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं मुख्य अभियंताओं की जिम्मेदारी नियत की जाये। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्तर पर सम्बन्धित अभियन्ता निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में विफल हो, तो उसकी वार्षिक गोपनीय आख्या में प्रतिकूल प्रविष्टि एवं अन्य प्रशासनिक दण्ड हर हालत में दिया जाये। उन्होंने कहा कि निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु वर्तमान वर्ष के अवशेष 06 माहों में ‘तारा-1’, ‘तारा-2’, ‘तारा-3’ अभियान के रूप में चलाया जाये, जिसके अन्तर्गत 200 तहसीलों, 20 हजार से कम उपभोक्ता के 105 टाउन एवं 63 टाउनों के 368 उपकेन्द्रों की ए0टी0 एण्ड सी0 हानियों को 15 प्रतिशत से कम स्तर पर लाना सुनिश्चित कराना होगा। उन्होंने कहा कि तारा अभियान (टर्न अराउण्ड बाई रिड्यूसिंग ए0टी0 एण्ड सी0 लाॅसेस) की सफलता से ही पावर कार्पोरेशन की वित्तीय स्थिति और अधिक बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी इस तारा अभियान में अपने टाउन, तहसील या उपकेन्द्र की ए0टी0एण्ड सी0 लाइन हानियों को 15 प्रतिशत से कम हासिल करें, उन्हें तारा रत्न की उपाधि से प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय के कर-कमलों द्वारा प्रशस्ति पत्र दिलाने के साथ-साथ उनकी वार्षिक प्रविष्टि में इसका विशेष रूप से उल्लेख किया जाये। उन्होंने कहा कि आगामी 12 अक्टूबर को उनके समक्ष समस्त लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये एक समेकित एवं समग्र रणनीति तैयार कर प्रस्तुत की जाये, जिसमें अभियान के लिये आवश्यक मानव संसाधन एवं अन्य आवश्यकताओं का तथ्यपरक आकलन अवश्य हो।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में ऊर्जा विभाग की कार्य योजना/वसूली की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने वित्त विभाग एवं गृह विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह तत्काल पावर कारपोरेषन के अन्तर्गत उपलब्ध विजिलेन्स यूनिट को बिजली चोरी रोकने के लिये विषेष थानों का अधिकार प्रदान कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायें, जिससे विजिलेन्स इकाई एफ़0आई0आर0 की विवेचना का अधिकार प्राप्त कर सके। उन्होंने विजिलेन्स के 55 अतिरिक्त दलों के अनुमोदन के लिए भी आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता से संपादित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि दीनदयाल ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्तर्गत 33 के0वी0 एवं 11 के0वी के पोषकों पर फीडर मीटर स्थापना सुनिष्चित की जाये और साथ ही 11 के0वी0 केपेसिटर बैंक स्थापित किये जायें, जिससे लगभग 1500 करोड़ रुपये की लाईन हानियों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र से भी शत-प्रतिषत राजस्व वसूली सुनिष्चित कराने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में बिलिंग एवं कलेक्षन की स्थिति को सुदृढ़ करते हुए आई0टी0 इन्टरवेन्षन के ज़रिए एक समेकित व्यवस्था मार्च 2016 से पहले विकसित कर क्रियाषील करानी होगी। उन्होंने कहा कि ‘तारा‘ कार्यक्रमों का प्रत्येक स्थिति में प्रभावी अनुश्रवण किया जाये और प्रत्येक षिथिलता को दण्डित और उपलब्धि को पुरस्कृत किया जाये।
प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री संजय अग्रवाल द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी संख्या में अनमीटर्ड बिजली उपभोक्ताओं, हो रही विद्युत चोरी, बिल वितरण एवं राजस्व वसूली की मूलभूत सुविधाओं के न होना तथा विभागीय अधिकारियो एवं कर्मचारियों की अत्यधिक कमी को वितरण कम्पनियों की ख़राब वित्तीय स्थिति का कारण बताया गया। उन्होंने बताया कि प्रति यूनिट प्राप्त राजस्व (थ्रू रेट) विद्युत कम्पनियों की वित्तीय स्थिति का सबसे प्रमुख मानक है विद्युत कम्पनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार हेतु थ्रू रेट में सुधार आवष्यक है। थ्रू रेट को रणनीति का मुख्य आधार बनाते हुए प्रमुख सचिव द्वारा सूचित किया गया कि प्रत्येक विद्युत कम्पनी को अपने वर्तमान थ्रू रेट एवं 15 प्रतिषत एटी एण्ड सी हानियों के आधार पर निकाले गये थ्रू रेट के अन्तर के लगभग 30 प्रतिषत को वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान पूर्ण करना होगा। इस प्रकार से रणनीति के अन्तर्गत कारपोरेषन स्तर पर थ्रू रेट का लक्ष्य रू0 3.95 प्रति यूनिट तय किया गया। कारपोरेषन स्तर पर उपरोक्त लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु वित्तीय वर्ष 2015-16 के अन्त तक दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 को रू0 3.37 प्रति यूनिट, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि0 को रू0 4.16 प्रति यूनिट, पष्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 को रू0 4.48 प्रति यूनिट, पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम लि0 को रू0 3.23 प्रति यूनिट एवं केस्को को रू0 5.55 प्रति यूनिट का थ्रू रेट प्राप्त करना होगा। रणनीति के अन्तर्गत थ्रू रेट के टारगेट के अतिरिक्त वितरण कम्पनियों के थर्ड क्वार्टर एवं फोर्थ क्वार्टर के बिल वितरण के लक्ष्य भी क्रमषः 95 प्रतिषत एवं 97 प्रतिषत निष्चित किये गये है। रणनीति के तहत चलाये जाने वाले अभियान के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष के अन्तर्गत सभी वितरण कम्पनियों को अपने 2 साल से कम के बकायों को 90 प्रतिषत तक एवं 2 साल से ऊपर के बकायों को 50 प्रतिषत तक वसूलना होगा। इस हेतु विजिलेन्स टीम द्वारा रू0 25 हज़ार से अधिक के बकायेदारों के संयोजनों का विच्छेदन किया जायेगा।
बैठक में ऊर्जा, गृह एवं वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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