उ0प्र0 में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया का शुभारम्भ आज से हो गया है। ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत चुनाव को लेकर आम जनता में भारी दिलचस्पी से अमूमन रंजिश के साथ ही बड़े पैमाने पर धनबल-बाहुबल के प्रयोग के साथ ही बूथ कैप्चरिंग की भी गुंजाइश रहती है। ऐसे समय में उ0प्र0 चुनाव आयोग द्वारा केन्द्र से अतिरिक्त सुरक्षा बल की मांग को जिस तरह से केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने ठुकराया है उससे उ0प्र0 में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव सम्पन्न होना पूरी तरह संदिग्ध है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने आज जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में तमाम बूथ अतिसंवेदनशील हैं। लोकसभा एवं विधानसभा के चुनाव में भी अतिसंवेदनशील बूथों के प्रति सरकार व चुनाव आयोग अपनी विशेष भूमिका का निर्वहन कर निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव के लिए तमाम साधन मुहैया कराता है। आज उ0प्र0 में जब पंचायत का चुनाव निचले पायदान तक विस्तारित हो चुका है और ऐसे में अतिरिक्त साधन एवं सुरक्षा बलों की आवश्यकता है, केन्द्र सरकार का रवैया इस चुनाव को लेकर जिस तरह दिख रहा है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि केन्द्र सरकार पूरी तरह से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार को खुली छूट देकर मदद करना चाहती है। सर्वविदित है कि समय-समय पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी की जुगलबन्दी ऐन-केन-प्रकारेण उत्तर प्रदेश के किसी भी चुनाव में दिखाई पड़ती रहती है।
प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी प्रबल आशंका है कि लोकतंत्र के इस पवित्र उत्सव पंचायत चुनाव में खूनखराबा-मारपीट, बूथकैप्चरिंग सहित बाहुबल-धनबल और माफिया की भूमिका भी कहीं न कहीं इस चुनाव को प्रभावित कर सकती है। यदि जनता इस पंचायत के चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित नहीं कर पायेगी तो इसकी पूरी जिम्मेदारी केन्द्र और प्रदेश सरकार की होगी। चुनाव आयोग की भी निष्पक्षता पर यक्ष प्रश्न बना रहेगा।
उ0प्र0 कंाग्रेस एक बार पुनः चुनाव आयोग एवं केन्द्र सरकार से मांग करती है कि वह उ0प्र0 में हो रहे पंचायत चुनाव को निष्पक्ष एवं स्वतंत्र कराने हेतु प्रदेश की पुलिस के स्थान पर केन्द्रीय बलों की तैनाती सुनिश्चित करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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