अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्वयं में देवता है यह बात इलाहाबाद उच्चन्यायालय की लखनऊ पीठ ने अपने फैसले में सर्व सम्मति से स्वीकारी है। चूंंकि देवता का बटवारा नहीं हो सकता इसलिए अदालत की ओर से इसके विभाजन और बटवारे का जो निर्णय आया है उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसी फैसले के विरूद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई है। जिस प्रकार लखनऊ पीठ में सत्य को स्वीकारा गया और माना गया है कि अयोध्या में श्रीराम का जन्म हुआ था और वह स्थान प्राचीन काल से हिन्दुओं के लिए आराध्य के रूप में है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के महामन्त्री और अयोध्या के जन्मभूमि मामले के वरिश्ठ अधिवक्ता श्री रवि ‘ांकर प्रसाद ने श्रीहनुमत् ‘ाक्ति जागरण अनुश्ठान समिति द्वारा लखनऊ के रामलीला मैदान, ऐशबाग में आयोजित श्रीहनुमत ‘ाक्ति जागरण महायज्ञ एवं विशाल धर्मसभा के मंच पर बोलते हुए कही।
श्री रवि ‘ांकर प्रसाद ने अयोध्या प्रकरण से सम्बंधित हिन्दू और मुसलमानों के पक्ष में दी गई दलीलों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि मुसलमान यह साबित ही नहीं कर सके कि मिस्जद बाबर के कहने पर मीरबाकी ने बनवायी थी। मुस्लिम पक्ष यह भी साबित नहींं कर सका कि उस स्थान पर मिस्जद बनने के पहले क्या था और जमीन किसकी थी। श्री प्रसाद ने अदालत द्वारा कराये गए भूगर्भ सर्वेक्षण और पुरातत्व विभाग की देख-रेख में करायी गई खुदाई के निश्कशोZं का भी उदाहरण दिया और कहा कि यह खुदायी सभी की उपस्थिति में हुयी थी।
सभा में युगपुरूश परमानन्द जी महाराज की शिश्या एवं साध्वी ऋतम्भरा जी की गुरूबहन साध्वी निरंजन ज्योति जी ने आजम खॉं को आडे हाथों लिया, बताया कश्मीर के बारे उनका दिया गया बयान भारत की अखण्डता के लिए खतरनाक है। साध्वी निरंजन ज्योति ने भगवा व हिन्दू आतंकवाद पर कठोर प्रहार किया और कांग्रेस को चेतावनी दी कि इसके बहुत गम्भीर परिणाम होंगे।
साध्वी निरंजन जी ने कहा कि मर्यादा पुरूशोत्तम श्रीराम ने पिता के वचन का पालन कर, निशादराज को गले लगाकर, भिलनी के बेर खाकर आदशZ उपस्थित किया था, साधु-सन्तों की-धर्म की रक्षार्थ आसुरी ‘ाक्तियों का विनाश किया था। ऐसे भगवान श्रीराम के जन्मस्थान पर भव्य मन्दिर का निर्माण हो ऐसी करोड़ो-करोड़ हिन्दू समाज की अपेक्षा है। यह तभी सम्भव होगा जब हम बस जाति-पान्ति, मत-पन्थ, भाशा-प्रान्त से ऊपर उठकर इस पुनीत कार्य में लगेंगे। साध्वी जी कहा कि जिस प्रकार त्रेतायुग में हनुमान जी रामकाज करके दिखाये थे उसी प्रकार आज रामकाज हित श्रीहनुमत् ‘ाक्ति का जागरण आवश्यक है, इस कार्य में नििश्चत रूप से प्रभु सहयोगी होगे। भव्य मन्दिर निर्माण हेतु सभी मत-पन्थ के साधु-सन्त एकजुट होकर प्रयास करेंगे तो नििश्चत रूप से सफलता मिलेगी।
साध्वी जी ने केन्द्र सरकार से मांग की कि श्रीराम जन्मभूमि से सटी हुए 70 एकड़ जमीन श्रीराम लला की क्रीडा भूमि है वह श्रीराम लला को सौंप देनी चाहिए। देश के कराड़ों हिन्दू एक ओर जहॉं सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बाट जोह रहे हैं वहीं केन्द्र सरकार से उनकी स्पश्ट मांग है कि 70 एकड भूमि जिसे सरकार ने अधिग्रहीत कर रखा है श्रीराम जन्मभूमि न्यास को सौंपें। केन्द्र सरकार को चाहिए कि कानून बनाकर संसद के माध्यम से सम्पूर्ण श्रीराम जन्मभूमि परिसर श्रीराम लला को समर्पित करे, ताकि श्रीराम जन्मभूमि न्यास देश भर से पूजित लाखों शिलाओं और गढ़कर रखे गए पत्थरों के माध्यम से भव्य श्रीराम मन्दिर का निर्माण करा सके।
साध्वी जी ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि राश्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिन्दू परिशद, हिन्दू महासभा, आर्य समाज जैसे संगठन और देश के धर्माचार्य हमेशा समाज को सही दिशा देने का काम करते रहे हैं। “सर्वे भवन्तु सुखिन:´´ एवं लोकतन्त्र में विश्वास करने वाली यह संस्थायें पूरी तरह अहिंसक हैं और इनका हिंसा में कोई विश्वास नहीं है।
छोटी छावनी अयोध्या जी से पधारे पू.कमलनयनदास जी महाराज ने कहा कि किसी को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मन्दिर निर्माण के पहले हिन्दू समाज ‘ाान्त बैठेगा। मन्दिर निर्माण हेतु जो भी करना होगा हिन्दू समाज करेगा, इसके लिए सम्पूर्ण सन्त समाज एकजुट है, अयोध्या की एक इंच भूमि भी मिस्जद निर्माण के लिए नहीं दी जायेगी। जन्मभूमि स्वमेव एक देवता है उसका बटवारा किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जायेगा और मन्दिर निर्माण उन्हीं की देख-रेख में होगा जिन्होंने वर्तमान 77वॉं आन्दोलन/अभियान चलाकर हिन्दू समाज का जागरण किया है।
इसके पहले अपराह्न 2 बजे से श्रीराम लीला मैदान, ऐशबाग, में श्रीहनुमत् ‘ाक्ति जागरण महायज्ञ अनुश्ठान सम्पन्न हुआ जिसको गायत्री परिवार के सुयोग्यतम आचार्यो द्वारा कराया गया।
कार्यक्रम में हजारों की संख्या में जनता, हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं सहित पदाधिकारी क्षेत्र कार्यवाह श्री रामकुमार वर्मा जी, प्रान्त प्रचारक श्री कृपा ‘ांकर जी, प्रान्त संरक्षक श्री हरी कृश्ण अरोड़ा जी, अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह भदौरिया जी, काशी प्रान्त संगठन मन्त्री श्री मनोज जी, अवध प्रान्त संगठन मन्त्री श्री कौशल जी, विधायक विघासागर गुप्ता जी, श्री सुरेश श्रीवास्तव जी, श्री सुरेश तिवारी जी, पूर्व विधायक श्री गोमती यादव जी आदि उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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