नई व्यवस्था के अनुसार मध्यान्ह भोजन योजना के ग्रामीण क्षेत्र में सफल क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक विद्यालय स्तर पर मध्यान्ह भोजन योजना हेतु पृथक खाता खोला जायेगा जो “मध्यान्ह भोजन निधि´´ कहलायेगा। इस खाते में परिवर्तन लागत, रसोइये का मानदेय, किचन उपकरण, किचेन सेड निर्माण आदि की धनरािश रखी जायेगी, तथा ग्राम निधि में अवशेश पविर्तन लागत की धनरािश एवं ग्राम िशक्षा समितियों के खाते में उपलब्ध मध्यान्ह भोजन योजना सम्बंधी धनरािश मध्यान्ह भोजन निधि में तत्काल स्थानान्तरित कर दी जायेगी। खाते का संचालन ग्राम पंचायत के प्रधान तथा विद्यालय के प्रधानाध्यापक के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जायेगा।
पूर्व में जारी व्यवस्था के अनुसार ग्राम पंचायत स्तर पर मध्यान्ह भोजन योजना हेतु ग्राम निधि खाता संख्या-5 (मिड-डे-मील) खोला गया है जिसमें मध्यान्ह भोजन योजना के अन्तर्गत प्राप्त परिवर्तन लागत रखी जाती हैै, जिसका संचालन ग्राम प्रधान तथा सचिव ग्राम पंचायत के संयुक्त हतस्ताक्षर से किया जाता है। एक ग्राम पंचायत सचिव द्वारा 4-5 ग्राम पंचायतों का कार्य देखे जाने तथा दूसरी मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत विद्यालयवार एकाउिन्टंग की आवश्यकता होने के कारण योजना के संचालन में स्थानीय स्तर पर कठिनाई अनुभव की जा रही थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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