पूरक एवं वैकल्पिक उपचार हेतु विश्व का सबसे बड़ा आयोजन
चौथे वल्र्ड आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) एवं आरोग्य एक्सपो का उद्घाटन आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर गुरूजी और कर्नाटक के माननीय मुख्यमन्त्री श्री बी.एस. येद्यूरप्पा द्वारा किया गया। इस भव्य कार्यक्रम की शुरूआत बेंगलूरू में शुरू हुआ है।
इस कार्यक्रम का आयोजन विजन भारती द्वारा आयुष विभाग, भारत सरकार और कर्नाटक सरकार के सहयोग से किया गया है। इस सम्मेलन में देश और विदेश के लगभग 500,000 आगन्तुकों और 4,000 प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। प्रथम वल्र्ड आयुर्वेद कांग्रेस का आयोजन नवंबर, 2002 में कोची में, इसके द्वितीय संस्करण का आयोजन नवंबर, 2006 में पुणे में और तृतीय संस्करण का आयोजन दिसम्बर 2008 में जयपुर में किया गया था।
सम्मेलन पूर्व इन कार्यशालाओं के विषय हैं: उत्पादन की उचित प्रणालियां (जीएमपी), आहार पूरक एवं स्वास्थ्य शिक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आहार पूरकों का विनियमन (डीएसएचईए), पंचकर्म पर कार्यशाला, भारतीय शैली की औषधियों के लिये शोध केन्द्र (सीआरआईएसएम): आयुष विभाग एवं प्राकृतिक उत्पाद शोध हेतु राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएनपीआर)- भारतीय शैली की औषधियां, मानसिक स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद, अग्नि कर्म एवं क्षार कर्म और वैज्ञानिक लेखन। कार्यक्रम के दौरान इन कार्यशालाओं/सत्रों का निर्धारण किया गया है: अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा- एक चिकित्सा पद्धति के रूप में आयुर्वेद की वैश्विक पहचान( संरक्षण, संवर्धन और स्थाई संग्रहण पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार, दुर्लभ और विलुप्ति के कगार पर खड़े औषधीय पौधों को प्राथमिकता देते हुए इनका परिमार्जन और विपणन, फार्मेक्ससिल: पारंपरिक/आयुर्वेदिक औषधियों के अन्तर्राष्ट्रीय क्रेताओं और विक्रेताओं की गोष्ठी, गुरू शिष्य गोष्ठी, पारंपरिक उपचारकर्ताओं की सभा और प्रदर्शन, प्रमुख एलोपैथिक एवं आयुर्वेदिक चिकित्सकों की पारस्परिक चर्चा, तदविद्या संभाषा, यूनानी दवाओं का परिचय, आयुर्वेद प्रोटोकॉल और आयुष इंफॉर्मेटिक्स, आदि।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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