बाढ़ राहत काकार्यो के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अब तक 10 करोड़ रू0 अवमुक्त
बाढ़ में फंसे लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए
क्षतिग्रस्त सड़कों एवं पुलियों की मरम्मत के लिए 02 करोड़ रू0 अलग से जारी
पी0ए0सी0 को ढाई करोड़ रू0 33 नई रबराइज़ड बोट, मोटर बोट तथा अन्य जरूरी जीवन रक्षक उपकरणों हेतु उपलब्ध कराये गये
बाढ़ पीड़ितों को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाए तथा संक्रामक रोगों की प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित की जाए
चरसरी बांध के कटाव की युद्धस्तर पर मरम्मत करायी जाए, सिंचाई मन्त्री तत्काल हवाई सर्वेक्षण कर बांध के कटाव से उत्पन्न स्थिति का जायजा लें
लखनऊ - उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सम्बन्धित जिलों के स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे बाढ़ पीड़ितों को युद्धस्तर पर सुरक्षित स्थानों में राहत शिविरों में पहुंचाकर राहत सामग्री एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा है कि राहत या बचाव कार्य में शिथिलता बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी।
सुश्री मायावती आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में बाढ़ राहत कार्यो की गहन समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत कार्यो के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अब तक 10 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है और सभी जनपदों को आवश्यकतानुसार धनराशि उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कों एवं पुलियों की मरम्मत के लिए 02 करोड़ रूपये अलग से दे दिए गए हैं। इसके अलावा बचाव एवं राहतकार्यो के लिए 33 नई रबराइज़ड बोट, मोटर बोट तथा अन्य जरूरी जीवन रक्षक उपकरणों की व्यवस्था हेतु पी0ए0सी0 को ढाई करोड़ रूपये की धनराशि उपलब्ध करायी गई है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि बाढ़ राहत मद में धन की कोई कमी नहीं है। इसलिए आवश्यकता के अनुरूप नाव, मोटर बोट, खाद्य सामग्री और औषधियों की समुचित व्यवस्था की जाए और प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि बाढ़ के कारण जो लोग फंसे हों, उन्हें तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।
सुश्री मायावती ने कहा कि उनके निर्देश पर प्रदेश के सिंचाई मन्त्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बाढ़ प्रभावित बिजनौर, कांशीराम नगर, बलिया, गोण्डा तथा बहराइच जनपदों में राहत कार्यो की मौके पर समीक्षा की है। उन्होंने कहा कि उनके निर्देशों के क्रम में शासन स्तर पर बाढ़ राहत एवं बचाव सम्बन्धी उपायों की समीक्षा मुख्य सचिव द्वारा विगत 25 अगस्त को की गई। उन्होंने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में कराये जा रहे राहत एवं बचाव कार्यो की नियमित समीक्षा करने तथा आवश्यकतानुसार संसाधनों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए हैं।
मुख्यमन्त्री ने बन्धों की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बाराबंकी-गोण्डा जनपदों की सीमा पर स्थित परसावल गांव में चरसरी बांध में आज हुए कटाव की युद्धस्तर पर मरम्मत कराने का निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई मन्त्री को तत्काल हवाई सर्वेक्षण कर बांध के कटाव से उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने प्रभावित ग्रामों के निवासियों को त्वरित बचाव एवं राहत सहायता पहुंचाने के आदेश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से जहां भी नदियों में उफान के कारण बांध प्रभावित हुए हैं, उनकी भी मरम्मत करायी जाए। उन्होंने कहा कि कई बार बंधों के रख-रखाव में लापरवाही के कारण नदियों में बाढ़ के समय में बंधे टूट जाते हैं, जिससे कृषि योग्य भूमि एवं क्षेत्र की आबादी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि बंधों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
सुश्री मायावती ने बाढ़ पीड़ितों को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने तथा संक्रामक रोगों की प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए हैं। ज्ञातव्य है कि उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को नामित करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देशों के अनुपालन में बहराइच, सीतापुर, लखीमपुर-खीरी, पीलीभीत, कांशीराम नगर, मेरठ तथा बाराबंकी जिलों के लिए अपर स्वास्थ्य निदेशकों को बाढ़ राहत शिविरों में चिकित्सा सुविधाओं का प्रबन्धन एवं अनुश्रवण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मुख्यमन्त्री ने बाढ़ प्रभावित जनपदों में जिलाधिकारियों के अधीन स्थापित बाढ़ नियन्त्रण कक्ष को और अधिक प्रभावी बनाने तथा यहां प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी सड़कें एवं पुल बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनकी तत्काल मरम्मत सुनिश्चित करायी जाए, ताकि आवागमन में कोई असुविधा न हो और राहत कार्य सुचारू रूप से चल सके। उन्होंने कहा कि मरम्मत कार्यो को कराने में कोई विलम्ब न हो, इसलिए सम्बन्धित मण्डलायुक्तों तथा जिलाधिकारियों को शासन द्वारा अधिकार प्रतिनिधानित कर दिए गए हैं, ताकि वे अपने स्तर से निर्णय लेकर तत्काल कार्य प्रारम्भ करा सकें। उन्होने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए आवश्यकतानुसार चारा की व्यवस्था करने तथा बीमारियों से बचाव के लिए अभियान चलाकर पशुओं का टीकाकरण कराने के निर्देश दिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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