भावी पीढ़ी के लिए संजीवनी बूटी साबित होगी पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´– डा. दिनेश शर्मा, मेयर, लखनऊ
लखनऊ- प्रख्यात साहित्यकार पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ द्वारा लिखित एवं युवा पीढ़ी को सकारात्मक विचारों के साथ शून्य से शिखर पर पहुंचने की प्रेरणा देने वाली पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ का भव्य विमोचन सी.एम.एस. गोमती नगर ऑडिटोरियम में तालियों की जोरदार गड़गड़ाहट के बीच उल्लासपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि डा. दिनेश शर्मा, मेयर, लखनऊ व अन्य विशिष्ट अतिथियों ने पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ के मार्गदर्शक व पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ के पूज्य माता-पिता श्री मिहीलाल शर्मा व श्रीमती रेशम देवी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से `विमोचन समारोह´ का विधिवत उद्घाटन किया। जाने-माने शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गांधी ने समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर जहां एक ओर बड़ी संख्या में लेखकों, कवियों, प्रशासनिक अधिकारियों, वरिष्ठ पत्रकारों, शिक्षाविदों, कानूनविदों व लखनऊ के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने समारोह को यादगार बना दिया तो वहीं दूसरी ओर मंचासीन साहित्य, शिक्षा, पत्रकारिता जगत के मूर्धन्य विद्वानों की उपस्थिति ने समारोह की गरिमा में चार चान्द लगा दिये। विशिष्ट अतिथियों के रूप में पधारे श्री वीरेन्द्र सक्सेना, सूचना आयुक्त, उ.प्र., श्री के. विक्रम राव, वरिष्ठ पत्रकार व अध्यक्ष, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ विर्कंग जर्नलिस्ट, श्री शिव शंकर त्रिपाठी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ऑल इण्डिया स्माल न्यूजपेपर एसोसिएशन, डा. (श्रीमती) विनीता कामरान, प्रधानाचार्या, सी.एम.एस. डिग्री कालेज, श्री के. एस. अटोरिया, आई.ए.एस, श्री उमेश चन्द तिवारी, आई.ए.एस. आदि का पुस्तक प्रेमियों ने जोरदार स्वागत किया। समारोह की संचालनकर्ता एवं सी.एम.एस. प्रधानाचार्या सुश्री अर्चना पाण्डे की सुमधुर एवं ओजस्वी वाणी ने इस समारोह को कभी न भूलने वाला ऐतिहासिक गौरव प्रदान किया। इससे पहले समारोह का शुभारम्भ बदायूं से पधारे प्रख्यात विद्वान डा. गौरी शंकर शर्मा एवं उनके शिष्यों द्वारा प्रस्तुत `ईश वन्दना´ व संस्कृत के श्लोकों द्वारा भारतीय संस्कृति के वातावरण में हुआ।
समारोह का संचालन करते हुए प्रख्यात वक्ता सुश्री अर्चना पाण्डे ने पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पुस्तक सिर्फ युवाओं व किशोरों के लिए प्रेरणास्रोत ही नहीं है अपितु यह समाज के हर वर्ग, हर आयु के लोगों को आदर्श सामाजिक व्यवस्था से रूबरू कराती है और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ जीवन की बुलिन्दयों को छूने का हौसला देती है। सुश्री पाण्डे ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से पं. शर्मा ने युवा पीढ़ी के विचारों को विस्तृत स्वरूप देने का अभिनव प्रयोग किया है। किशोरों व युवाओं को नई राह दिखाने वाली यह प्रेरणादायी व संग्रहणीय पुस्तक सामाजिक सरोकारों पर भी पैनी नज़र रखती है एवं समाज के प्रत्येक सदस्य को जीवन के उच्चतम सोपानों पर कदम रखने का सपना दिखाकर उसको मंजिल पर पहुंचने की राह दिखाती है। 70 लेखों व 330 पृष्ठों में रंगीन साज-सज्जा वाली इस पुस्तक में अंग्रेजी भाषा के सरल, सहज व आत्मीय भाव से शब्दों का चयन किया गया है जो बरबस ही पाठक की मन व आत्मा को झकझोर देते हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ के विमोचन अवसर पर आप सभी पुस्तक प्रेमियों का उमड़ा जन-समूह इस बात का प्रमाण है कि इस पुस्तक ने लखनऊवासियों के दिलो-दिमाग में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर ली है तथापि आने वाले दिनों में पूरे देश में इसकी गूंज सुनाई देगी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. दिनेश शर्मा, मेयर, मेयर, लखनऊ ने अपने सम्बोधन में कहा कि पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ किशारों व युवाओं के लिए `संजीवनी बूटी´ की तरह है जो कि युवा पीढ़ी के दिलो-दिमाग पर अमिट छाप छोड़ेगी व सामाजिक विकास में रचनात्मक योगदान हेतु प्रेरित करेगी। मेरा विश्वास है कि यह पुस्तक किशोर व युवा पीढ़ी को एक नई राह दिखाने वाली प्रेरणादायी पुस्तक है, जो पारिवारिक-सामाजिक तानेबाने को और मजबूती प्रदान करेगी। वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रम राव ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पं. शर्मा का लेखन सदैव से ही प्रभावशाली रहा है। आपकी सरल, सुबोध लेखन शैली ही आपकी अपनी पहचान है जो पाठकों को उत्साह से भर देती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तक निश्चित रूप से अपने नाम को सार्थक कर दुनिया भर को भारत की सभ्यता व संस्कृति से रूबरू करायेगी।
सूचना आयुक्त, श्री वीरेन्द्र सक्सेना ने अपने संबोधन में कहा कि आज हमारे देश को ऐसे ही प्ररेणादायी लेखकों की जरूरत है। आजकल बाजार में गन्दा व अश्लील साहित्य भरा पड़ा है और साफ सुथरे रोचक साहित्यिक लेखों का अभाव है। ऐसे में पं. शर्मा ने प्रेम व भाईचारे को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि यह संग्रहणीय पुस्तक सामाजिक सरोकारों पर भी पैनी नज़र रखती है और समाज के प्रत्येक सदस्य को नई राह दिखाती है। प्रख्यात शिक्षाविद् व क्वालिटी विशेषज्ञ डा. (श्रीमती) विनीता कामरान, प्रधानाचार्या, सी.एम.एस. डिग्री कालेज ने कहा कि पं. शर्मा लेखन के माध्यम से समाज की जो सराहनीय सेवा कर रहे हैं, वह अतुलनीय है। आज समाज को ऐसे ही पथ-प्रदर्शकों की जरूरत है जो आने वाली पीढ़ी को ऊर्जा व उत्साह को समाज के रचनात्मक विकास हेतु प्रेरित कर सके।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात शिक्षाविद् व सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गांधी ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों का हादिZक स्वागत करते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप सबके स्वागत का अवसर मिल रहा है। पं. शर्मा जी पिछले 37 वर्षो से लेखन के क्षेत्र में सक्रिय हैं एवं देश भर में उनके लेख, कविताएं व कहानियां नियमित प्रकाशित होते रहते हैं। इस लम्बी समयावधि में उन्होंने सदैव रचनात्मक व सकारात्मक दृष्टिकोण को ही प्राथमिकता दी है और यही कारण है कि पं. शर्मा सिर्फ लेखक ही नहीं अपितु बच्चों के लिए एक मार्गदर्शक भी हैं। डा. गांधी ने कहा कि आज जहां चारों ओर पैसा कमाने व भौतिकता की अंधी दौड़ में आगे निकलने की होड़ लगी हुई है, वहीं अपनी मौलिक संस्कृति व स्वस्थ परम्पराओं को हम बहुत पीछे छोड़ आये हैं। पं. शर्मा जी की यह पुस्तक हमें आधुनिकता के इस स्वप्न से झकझोर के जगाकर वास्तविकता से हमारा पुन: परिचय कराने का कार्य करती है और हमें आपने जीवन मूल्यों, अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति सचेत करती है, जिन्हें पूरा किए बिना हम प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने का सपना भी नहीं देख सकते।
पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ के लेखक पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ ने इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य नागरिकों व बुद्धिजीवियों का हादिZक स्वागत करते हुए कहा कि आप सभी की उपस्थिति ने मेरा मनोबल व उत्साह दो गुना नहीं अपितु सौ गुना कर दिया है। हरि ओम शर्मा को पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ बनाने वाले तो आप ही हैं। मैं आप सभी का तहे दिल से स्वागत व अभिनन्दन करता हूं। पं. शर्मा ने कहा कि पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ की प्रेरणा मुझे अपने पूज्य माता-पिता स्व. श्री मिहीलाल शर्मा व श्रीमती रेशम देवी से मिली और यह उन्हीं के आशीर्वाद का सुफल है कि आज इसका विमोचन हो रहा है। इस अवसर पर पं. शर्मा ने अपनी अगली पुस्तक `जड़, जमीन, जहान´ की चर्चा करते हुए घोषणा की कि इस पुस्तक का विमोचन भी डा.दिनेश शर्मा जी के कर कमलों द्वारा व डा. जगदीश गांधी की छत्रछाया में 15 फरवरी 2011 को सम्पन्न होगा। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक परिवार को जोड़ने वाली, माता-पिता, बच्चों को अपने कर्तव्य बोध से अवगत कराने वाली व सामाजिक संस्कारों से जुड़ी पुस्तक है।
पुस्तक विमोचन समारोह के अवसर पर प्रख्यात कवियत्री श्रीमती रमा आर्य `रमा´ ने रचना के माध्यम से आदर्श सामाजिक व्यवस्था की पुरजोर अपील की। इसके अलावा पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ के लेखन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर आधारित मल्टीमीडिया प्रजेन्टेशन ने भी दर्शकों को मन्त्रमुग्ध कर दिया।
समारोह के संयोजक श्री प्रवीण शुक्ला ने बताया कि पं. हरि ओम शर्मा `हरि´ द्वारा पूर्व में लिखी गई पुस्तक `जागो, उठो, चलो´ बेहद लोकप्रिय रही, जिसने किशोरों व युवाओं का खूब मार्गदर्शन किया। इस प्रेरणादायी पुस्तक का लोकार्पण प्रधानमन्त्री डा. मनमोहन सिंह ने किया था जबकि नेपाल की जनता के लिए इस पुस्तक का लोकार्पण नेपाल के तत्कालीन प्रधानमन्त्री श्री पुष्प कमल दहल प्रचण्ड ने काठमाण्डू में आयोजित एक भव्य समारोह में किया था जबकि मारीशस की जनता के लिए इसी पुस्तक का लोकापर्ण मारीशस के राष्ट्रपति महामहिम सर् अनिरुद्ध जगन्नाथ ने किया था। श्री शुक्ला ने बताया कि हिन्दी साहित्य की अतुलनीय सेवा के लिए पं. शर्मा को विभिन्न प्रतििष्ठत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वर्ष 1984 में `पत्रकार गौरव सम्मान´, वर्ष 2007 में `सागरिका सम्मान´ एवं `साहित्य मनीषी सम्मान´, वर्ष 2008 में `साहित्य सागर सम्मान´, वर्ष 2009 में `प्रकृति रत्न सम्मान´ एवं `साहित्य रत्न सम्मान´ एवं वर्ष 2010 में `साहित्य श्री सम्मान´ के अलावा अन्य सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है। श्री शुक्ला ने विश्वास व्यक्त किया कि पं. हरि की पुस्तक `जागो, उठो, चलो´ की देश-विदेश में अभूतपूर्व सफलता के बाद अब उनकी दूसरी पुस्तक `अवेक, एराइज, असेन्ड´ भी सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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