Posted on 24 August 2010 by admin
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मन्त्री श्री अनन्त कुमार मिश्रा ने केन्द्र के स्वास्थ्य मन्त्री को पत्र लिखकर मोहनलाल गंज क्षेत्र में टीकाकरण की घटना में प्रभावित बच्चों के परिवारों को 10-10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता तत्काल स्वीकृत किए जाने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि जिन परिस्थितियों में यह घटना हुई उससे प्रथम दृश्ट्या यह प्रतीत होता है कि वैक्सीन में कुछ गड़बड़ी रह गई, जिसके चलते यह घटना घटी। उन्होंने कहा कि यद्यपि मुख्यमन्त्री ने प्रत्येक प्रभावित परिवारों को 50-50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने की स्वीकृत प्रदान कर दी है, परन्तु इस घटना की सभी परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा टीकाकरण कार्यक्रम के हित में केन्द्र सरकार के स्तर से प्रत्येक प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता स्वीकृत किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने यह भी मांग की है कि प्रदेश में टीकाकरण हेतु आपूर्ति की जा रही सभी वैक्सीनों की गुणवत्ता पर विशेश ध्यान दिया जाए।
श्री मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार के खाद्य एवं औशधि प्रशासन द्वारा भारत सरकार के सेन्ट्रल ड्रग लैबोरेटरी, कसौली, हिमांचल प्रदेश को प्रयोग किए गए वैक्सीन के सैम्पुल पहले ही भेजे जा चुके हैं। सैम्पुल की गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा है कि उक्त रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात ही राज्य सरकार द्वारा गठित डॉ0 जी0के0 मलिक समिति अन्तिम निश्कशZ पर पहुंच सकेगी।
चिकित्सा मन्त्री ने पत्र में लिखा है कि खसरे का टीका, बी0सी0जी0 की वैक्सीन, टीका लगाने के लिए सुई एवं विटामिन-ए के सीरप की आपूर्ति भारत सरकार द्वारा समस्त राज्यों को की जाती है। राज्य सरकार द्वारा गठित प्रोफेसर मलिक समिति का भी मानना है कि घटना की जांच से जुड़े हुए समस्त तथ्यों की पड़ताल के लिए वैक्सीन, इंजेक्शन सिरिंज एवं विटामिन-ए सीरप की गुणवत्ता की जांच होना अत्यन्त आवश्यक है।
श्री मिश्रा ने अपने पत्र में केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्री को लिखा है कि गांव बिन्दौवा, पदमिनीखेड़ा तथा रामपुर गढ़ी में गत 21 अगस्त को खसरे का टीका लगाने के कुछ समय बाद हुई चार बच्चों की मौत को उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री ने गम्भीरता से लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों को तत्काल 50-50 हजार रूपये मुख्यमन्त्री विवेकाधीन कोश से उपलब्ध कराने के अलावा दोशी लोगों को निलिम्बत कर घटना की प्राथमिकी दर्ज कराने तथा छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बाल रोग विभाग के विभागध्यक्ष श्री जी0के0 मलिक की अध्यक्षता में समिति गठित करके ´´डेथ आडिट´´ कराने के निर्देश दिए थे।
चिकित्सा मन्त्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा श्री मलिक की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी छानबीन में पाया कि 21 अगस्त, 2010 को मोहनलाल गंज क्षेत्र में चार टीमें एक ही कोल्ड चेन से वैक्सीन के साथ टीकाकरण हेतु रवाना की गई थीं। इन टीमों द्वारा 215 बच्चों का टीकाकरण किया गया था। तीन टीमों द्वारा किए गए टीकाकरण में कहीं कोई समस्या नहीं आयी। चौथी टीम ने बिन्दौवा, पदमिनी खेड़ा, अहमदपुर खालसा, नारायणपुर उतरावां तथा रामपुर गढ़ी गांवों में 35 बच्चों का टीकाकरण किया, जिसमें से दुर्भाग्यवश चार बच्चों की मृत्यु हो गई। उन्होंने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि 21 अगस्त, 2010 को पूरे राज्य के 20 हजार गांवों में दो लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण कराया गया था। अकेले लखनऊ जनपद में इसी दिन 278 गांवों में तीन हजार से अधिक बच्चों का टीकाकरण हुआ था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 24 August 2010 by admin
सुल्तानपुर - नवागत एंव सुल्तानपुर जनपद की चर्चित जयसिहंपुर तहसील जो कुछ महीनो पहले निर्माण कार्य को लेकर बिधायक व जनता के बीच काफी अफरातफरी रही वही तहसील के अधिकारी अपने कर्मचारियो द्वारा आय जाति निवास के नाम पर हो रहे लूट घसोट को नज़रन्दाज करते नज़र आ रहे है। एकल खिडकी की व्यवस्था के लिए आय,जाति,निवास प्रमाण पत्र ग्रामीणों के लिए पहाड खोदना साबित हो रहा है। यहां छात्रों के एड्मीशन के लिए आय, जाति, प्रमाण पत्र कि आवश्यकता के चलते इन बच्चो का एडमीशन खतरे मे पडता नज़र आ रहा है। एकल खिडकी के बाहर लगने वाली लम्बी्-लम्बी कतरो मे खडे होकर अपने-अपने प्रमाण पत्रो की आस लगाये रहते है लेकिन निराशा हाथ आती है और मजबूरन दलालो से सम्र्पZर्क करना पडता है। जिससे प्रमाण पत्रो के लिए सौ दो सौ खर्च करने के लिए आसानी से तैयार हो जाते है। ये दलाल इतने सक्रीय है कि पैसा देने के बाद प्रमाण पत्र को एक या दो दिन मे प्राप्त करा देते है एकल खिडकी व्यवस्था सुविधा कम असुविधा ज्यादा नज़र आ रही है।एकल खिडकी के कर्मचारी भी एमरजेन्सी मे प्रमाण पत्र बनवाने का ठेका लेने से नही चूकते और चूके ही क्यों जब सब कुछ उन्ही के हाथ मे है। भारी भीड के चलते इस तहसील में दलाल बरसाती मेढक की भाति नज़र आते है। जो सीजन के आते भारी संख्या मे तब्दील हो जाया करते है और सीजन खत्म होने के बाद बिलुप्त हाक जाते है। प्रमाण पत्रो की मारा मारी के बीच ये दलाल ग्रामीणो की मजबूरी का अच्छा खासा फायदा उठा रहे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 24 August 2010 by admin
सुलतानपुर - के0 एन0 आई0 महा विद्यालय सुल्तानपुर मे आशा बहु सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमे हिन्दुस्तान लैटेक्स फेंमली प्लानिगं प्रमोशन ट्रस्ट के तत्वाधान में के0एन0ओ0पी0 एंव स्टाल लगाकर लगभग तीन हजार तक महिला एंव पुरूश स्टाल पर आकर एच0आई0बी0एड्स एवं प्रजनन अंग संक्रमण परिवार नियोजन एवं परिवार कल्याण के विषय में जानकारी दी।
जानकारी के दौरान अरविन्द कुमार मिश्र और उनके सहयोगी विरेन्द्र जी के द्वारा यह बताया कि एचआइबी एड्स और प्रजनन अगं सक्रमण से बचने के लिए हर व्यक्ति को कन्डोम का इस्तेमल करना नियमित रूप से बहुत जरूरी है। कन्डोम ही एक एैसा साधन है जो कि परिवार के कल्याण के लिए तेहरी सुरक्षा प्रदान करता है, जो व्यक्ति इस साधन का प्रयोग नियमित रूप से करेगा वह व्यक्ति और उसका परिवार अत्यन्त खुशहाल होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 24 August 2010 by admin
लखनऊ -उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा खेती की उपजाऊ जमीन के जबरन अधिग्रहण के खिलाफ उभरे किसानों के असन्तोश पर अपनी रोटियॉ सेंकने के लिए कई दल मैदान में कूद पड़े हैं। जबकि उनका किसान-गॉव और खेती से कभी कोई ताल्लुक नहीं रहा है। शहर की राजनीति करने वालों को अचानक गॉवों की याद आ गई है। लेकिन सबसे ज्यादा आश्चर्य तो बसपा के ताजा-ताजा किसान प्रेम को देखकर होता है। जिसकी मुख्यमन्त्री मायावती ने स्वतन्त्रता की पूर्व संध्या (14 अगस्त, 2010) पर अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में किसानों पर गोलियां चलवा दी। तीन लोगों की मौत और दर्जनों लोगो के घायल होने से भी जब इस सरकार की रक्त पिपासा शान्त नहीं हुई तो 17 अगस्त, 2010 को आगरा की पुलिस चौकी कुमेरपुर के पास गॉव वालों की भीड़ पर गोलियॉ चलवा दीं, जिसमें दो गम्भीर रूप से घायल हो गए। इन किसानों का दोश बस इतना ही था कि वे यमुना एक्सपे्रस वे के लिए खेती की छीनी जा रही जमीन के मुआवजे में नोएडा के बराबर रकम मॉग रहे थे। प्रदेश सरकार उन्हें बेघर और बेरोजगार करने पर उतारू है क्योंकि उसने उनकी जमीन का मोटा सौदा एक बड़े बिल्डर से कर लिया है। इससे पहले 13 अगस्त, 2008 को नोएडा में मायावती सरकार ने किसानों पर गोलियॉ चलवाई थीं, जिसमें आधा दर्जन किसानों की मौत हुई थी।
मुख्यमन्त्री को शायद यह भ्रम हो गया है कि वे गोली चलवाकर मलहम लगाने का नाटक भी कर सकती हैं। खुद तो उन्होंने जमीन छीनने का काम किया है और किसानों को दिल्ली में लड़ाई लड़ने को भेजना चाहती हैं। कांग्रेस भी मायावती के पदचिन्हों पर चलते हुये किसानों की हमदर्द बन रही है। जबकि हकीकत यह है कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार और प्रदेश की बसपा सरकार के बीच पिछले तीन सालों से मिली भगत का खेल चल रहा है। मुख्यमन्त्री ने सत्ता का दुरूपयोग किया, राजकोश लुटा दिया, संविधान के विरूद्ध आचरण किया और विकास के नाम पर सिर्फ लूट, कमीशन और वसूली का ही धंधा पनपाया है, किन्तु उसका कहीं कोई संज्ञान नहीं लिया गया। खुद मुख्यमन्त्री ने राजधानी लखनऊ में 3 हजार एकड जमीन पर कब्जा कर रखा है।
सच तो यह है कि समाजवादी पार्टी और इसके नेता श्री मुलायम सिंह यादव गॉव और गरीब की लड़ाई ईमानदारी से लड़ते रहे हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार में किसानों के जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ रोक लगा दी गई थी, इसे मायावती सरकार ने हटा दिया। अभी पिछले दिनों 16 अगस्त, 2010 को समाजवादी पार्टी ने किसानों के दमन के विरोध में प्रदेश व्यापी धरना दिया था। आगामी 26 अगस्त, 2010 को समाजवादी पार्टी गंगा-यमुना एक्सप्रेस वे जैसी योजनाएं रद्द किए जाने, किसानों पर लाठी-गोली चलाने वाले अफसरों के खिलाफ कार्यवाही कर जेल भेजने आदि मांगों को लेकर फिर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। अब तक अन्य पार्टियों ने सिर्फ कागजी बयानबाजी और दिखावटी सहानुभूति जताने के अलावा कुछ और नहीं किया है। समाजवादी पार्टी को विश्वास है कि प्रदेश का किसान मौकापरस्तों की पहचान में नहीं चूकेगा। किसानों की हत्यारी सरकार को एक पल भी सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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