प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मन्त्री श्री अनन्त कुमार मिश्रा ने केन्द्र के स्वास्थ्य मन्त्री को पत्र लिखकर मोहनलाल गंज क्षेत्र में टीकाकरण की घटना में प्रभावित बच्चों के परिवारों को 10-10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता तत्काल स्वीकृत किए जाने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि जिन परिस्थितियों में यह घटना हुई उससे प्रथम दृश्ट्या यह प्रतीत होता है कि वैक्सीन में कुछ गड़बड़ी रह गई, जिसके चलते यह घटना घटी। उन्होंने कहा कि यद्यपि मुख्यमन्त्री ने प्रत्येक प्रभावित परिवारों को 50-50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता देने की स्वीकृत प्रदान कर दी है, परन्तु इस घटना की सभी परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा टीकाकरण कार्यक्रम के हित में केन्द्र सरकार के स्तर से प्रत्येक प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता स्वीकृत किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने यह भी मांग की है कि प्रदेश में टीकाकरण हेतु आपूर्ति की जा रही सभी वैक्सीनों की गुणवत्ता पर विशेश ध्यान दिया जाए।
श्री मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार के खाद्य एवं औशधि प्रशासन द्वारा भारत सरकार के सेन्ट्रल ड्रग लैबोरेटरी, कसौली, हिमांचल प्रदेश को प्रयोग किए गए वैक्सीन के सैम्पुल पहले ही भेजे जा चुके हैं। सैम्पुल की गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट शीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा है कि उक्त रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात ही राज्य सरकार द्वारा गठित डॉ0 जी0के0 मलिक समिति अन्तिम निश्कशZ पर पहुंच सकेगी।
चिकित्सा मन्त्री ने पत्र में लिखा है कि खसरे का टीका, बी0सी0जी0 की वैक्सीन, टीका लगाने के लिए सुई एवं विटामिन-ए के सीरप की आपूर्ति भारत सरकार द्वारा समस्त राज्यों को की जाती है। राज्य सरकार द्वारा गठित प्रोफेसर मलिक समिति का भी मानना है कि घटना की जांच से जुड़े हुए समस्त तथ्यों की पड़ताल के लिए वैक्सीन, इंजेक्शन सिरिंज एवं विटामिन-ए सीरप की गुणवत्ता की जांच होना अत्यन्त आवश्यक है।
श्री मिश्रा ने अपने पत्र में केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्री को लिखा है कि गांव बिन्दौवा, पदमिनीखेड़ा तथा रामपुर गढ़ी में गत 21 अगस्त को खसरे का टीका लगाने के कुछ समय बाद हुई चार बच्चों की मौत को उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री ने गम्भीरता से लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों को तत्काल 50-50 हजार रूपये मुख्यमन्त्री विवेकाधीन कोश से उपलब्ध कराने के अलावा दोशी लोगों को निलिम्बत कर घटना की प्राथमिकी दर्ज कराने तथा छत्रपति शाहूजी महाराज चिकित्सा विश्वविद्यालय के बाल रोग विभाग के विभागध्यक्ष श्री जी0के0 मलिक की अध्यक्षता में समिति गठित करके ´´डेथ आडिट´´ कराने के निर्देश दिए थे।
चिकित्सा मन्त्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा श्री मलिक की अध्यक्षता में गठित समिति ने अपनी छानबीन में पाया कि 21 अगस्त, 2010 को मोहनलाल गंज क्षेत्र में चार टीमें एक ही कोल्ड चेन से वैक्सीन के साथ टीकाकरण हेतु रवाना की गई थीं। इन टीमों द्वारा 215 बच्चों का टीकाकरण किया गया था। तीन टीमों द्वारा किए गए टीकाकरण में कहीं कोई समस्या नहीं आयी। चौथी टीम ने बिन्दौवा, पदमिनी खेड़ा, अहमदपुर खालसा, नारायणपुर उतरावां तथा रामपुर गढ़ी गांवों में 35 बच्चों का टीकाकरण किया, जिसमें से दुर्भाग्यवश चार बच्चों की मृत्यु हो गई। उन्होंने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि 21 अगस्त, 2010 को पूरे राज्य के 20 हजार गांवों में दो लाख से अधिक बच्चों का टीकाकरण कराया गया था। अकेले लखनऊ जनपद में इसी दिन 278 गांवों में तीन हजार से अधिक बच्चों का टीकाकरण हुआ था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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