Posted on 29 August 2010 by admin
महिलाओं को बराबर का प्रतिनिधित्व
लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना अन्तर्गत 10 लाख परिवारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने की रणनीति तैयार की है। इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य अत्यन्त वंचित वर्ग के पांच लाख परिवारों व 5 लाख महिला जॉबकार्ड धारकों अर्थात 10 लाख वंचितों को चिन्हित करते हुए इन्हें 100 दिन का रोजगार वित्तीय वर्ष 2010-11 में उपलब्ध कराना है।
यह जानकारी ग्राम्य विकास, सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि वंचित वर्ग के लोग न केवल सबसे अधिक अशिक्षित हैं वरन् इनकी मुख्य सम्पत्ति भी प्राय: इनकी श्रम शक्ति ही है। उन्होंने बताया कि एक रणनीति बनाकर मनरेगा के तहत इन अत्यन्त वंचित वर्ग के परिवारों को लक्षित किया जाये तो योजना का सीधा लाभ निर्धनतम तबके के परिवारों को पहुंच सकता है।
श्री सिंह ने बताया कि मनरेगा के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्यांचल के जनपदों को छोड़कर प्रदेश के अन्य जनपदों में योजना के तहत महिलाओं की भागेदारी निर्धारित 33 प्रतिशत से बहुत कम है। इस कारण प्रदेश के 26 जनपदों में यह प्रस्तावित किया गया है कि कम से कम 5 लाख महिला जॉबकार्ड धारकों को चिन्हित कर उन्हें योजना के अन्तर्गत काम पर आने के लिए प्रोत्साहित किया जाय।
ग्राम्य विकास सचिव ने बताया कि योजना को लागू करने के लिए सर्वप्रथम लक्षित जनपदों में वंचित परिवारों को चिन्हित कर इनका कम्प्यूटराइज्ड डाटावेस तैयार किया जायेगा। यह कार्य नोडल एजेन्सी तथा इसके द्वारा चयनित सिविल सोसाइटी अर्गनाइजेशन के द्वारा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि लक्षित परिवारों को ग्राम पंचायतवार चिन्हित करने के उपरान्त सिविल सोसाइटी अर्गनाइजेशन द्वारा इन्हें प्रोत्साहित कर मनरेगा के अन्तर्गत समूह गठित कर नियत प्रक्रिया के अनुसार काम के लिए आवेदन कराया जायेगा।
श्री सिंह ने बताया कि नोडल एजेन्सी एक राष्ट्रीय स्तर की संस्था होनी चाहिए और इसका चयन एक समीति द्वारा किया जायेगा। चयन समीति सचिव, ग्राम्य विकास की अध्यक्षता में गठित की गई है। आयुक्त ग्राम्य विकास, निदेशक गिरि इंस्टीट्यूट लखनऊ, निदेशक अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान चित्रकूट तथा उपायुक्त मनरेगा समीति के सदस्य हैं। अपर आयुक्त मनरेगा को समीति का सदस्य सचिव बनाया गया है। श्री सिंह ने बताया कि इस पूरे अभियान और रणनीति के तहत की जा रही कार्यवाही और इसके प्रभाव का मूल्यांकन थर्ड पार्टी द्वारा कराया जायेगा।
श्री सिंह ने बताया कि इस महत्वपूर्ण रणनीति के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों/जिला कार्यक्रम समन्वयकों और मुख्य विकास अधिकारियों को भेज दिये गये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 August 2010 by admin
लखनऊ- मितवा प्रोडक्शन हाउस का उद्घाटन गोमती नगर में आज किया गया। इस अवसर पर प्रोडक्शन हाउस के प्रबंध निदेशक धमेन्द्र कुमार मौर्या ने बताया कि इसमें भोजपुरी फिल्म निर्माताओं को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने का उनका प्रयास होगा।
उन्होने बताया कि समाज में व्याप्त बुराईयों को समाप्त करने का प्रयास भोजपुरी फिल्मों में किया जाता है। इसी तारतम्य में उनकी फिल्म `भईल तोहरा से प्यार´ की शूटिंग लखनऊ व अन्य जिलों में फरवरी 2011 में शुरू की जायेगी। उन्होने बताया कि इस फिल्म के मुख्य कलाकारों में विनय आनन्द व रूबी सिंह जिन्होने फिल्म के लिए अपनी अनुमति दे दी है। इसमें कुल नौ गाने होगें जिनको उदित नारायण, सुरेश वाडेकर, मो. अजीब, साधना सरगम, सपना अवस्थी व खुशबू जैन ने रिकार्ड कराया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 29 August 2010 by admin
लखनऊ - जिला कांग्रेस कमेटी फतेहपुर के अध्यक्ष श्री रियाज अहमद के निधन पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉं0 रीता बहुगुणा जोशी ने शोक व्यक्त करते हुए उनके परिवारजनों को इस असहनीय कष्ट को सहन करने की शक्ति प्रदान किये जाने हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है।
डॉ0 जोशी ने अपनी शोक संवेदना में कहा कि श्री रियाज अहमद ने जनपद-फतेहपुर में पार्टी संगठन के विभिन्न पदों पर रहते हुए कांग्रेस पार्टी की जो सेवा की है उसे कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता, उनके निधन से हमने एक कर्मठ एवं कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति को खो दिया है, जिसकी क्षतिपूर्ति निकट भविष्य में हो पाना सम्भव नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 August 2010 by admin
झाँसी - दादा ध्यानचंद जिनका जन्मदिन (29 अगस्त) पूरा देश खेल दिवस के रूप में मनाता है ध्यानचंद ने तीन ओलंपिक खेलों [1928], [1932] और [1936] में भारत का प्रतिनिधित्व किया तथा तीनों बार देश को स्वर्ण पदक दिलाया। आंकड़ों से भी पता चलता है कि वह वास्तव में हाकी के जादूगर थे। भारत ने 1932 में 37 मैच में 338 गोल किए जिसमें 133 गोल ध्यानचंद ने किए थे। ध्यानचंद की अगुवाई में 1947 में भारत की युवा टीम ने पूर्वी अफ्रीका का दौरा किया। असल में तब जो न्यौता दिया गया था उसमें लिखा गया था कि यदि ध्यानचंद नहीं तो कोई टीम नहीं। ध्यानचंद तब 42 साल के थे और उन्होंने 22 मैच में 61 गोल दागे। उसी जादूगर की सबसे प्रिय ‘हॉकी’ आज कितनी दयनीय अवस्था में पहुँच गई है… ध्यानचंद की कर्म स्थली झाँसी में हर वर्ष ध्यानचंद की समाधी स्थल हीरोज फिल्ड पर हाकी एक वार फिर जिन्दा हो जाती है इस दिन झाँसी में मेराथन दोड़ का सुबह आयोजन किया जाता है और जगह जगह स्कूल कालेजो में खेलो का आयोजन किया जाता है……. वही ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचंद देश में होकी के गिरते स्थर के लिए चिंतित है उनका कहना है की होकी के स्थर हो सुधारना है तो खिलाडियों को किरकेट की तर्ज पर शुभिधाओ की अबशाकता है
बताने की जरूरत नहीं है कि हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है, लेकिन इस खेल के साथ 14 सालों तक जो खिलवाड़ हुआ , उसी का नतीजा रहा कि 8 स्वर्ण, 1 रजत और2 काँस्य ओलिम्पिक पदक जीतने वाला भारत 80 साल के ओलिम्पिक इतिहास में पहली मर्तबा बाहर था।
दादा ध्यानचंद हॉकी के जादूगर थे और अपने काल में ऐसा नाम कमाया कि ‘क्रिकेट के संत’ माने जाने वाले डॉन ब्रैडमैन भी उनके कायल हो गए थे। हॉकी को उन्होंने भरपूर जीया और देश के लिए तीन ओलिम्पिक (1928 एम्सटर्डम), 1932 लॉस एंजिल्स और 1936 बर्लिन) खेलें और इन तीनों में वे ओलिम्पिक स्वर्ण विजेता टीम का हिस्सा बने। यदि दुनिया द्वितीय विश्वयुद्ध में नहीं झोंकी जाती तो दादा ध्यानचंद के गले में और स्वर्ण पदक लटकते रहते।
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को चलाने वालों को कुछ सद्बुद्धि आई और उन्होंने दादा ध्यानचंद को हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा खेल नायक मानकर हर साल 29 अगस्त को देश में ‘खेल दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया। बीते कई सालों से इस दिन पूरे देश में हॉकी यकायक जिंदा होती और अगले दिन फिर से मर जाती है। लकड़ी का यह जरा-सा डंडा (हॉकी स्टिक) सिर्फ उन हाथों तक सीमित रहता है, जो नियमित रूप से इसे गले से लगाए हुए हैं।
हिन्दुस्तान की हॉकी की दुर्दशा देखकर हर भारतीय का दु:खी होना लाजिमी है। जो लोग क्रिकेट को पागलों की तरह प्यार करते हैं, उनके दिल में भी राष्ट्रीय खेल के प्रति आस्था है लेकिन हॉकी पर से विश्वास इसलिए कम हो गया, क्योंकि बीते सालों में ऐसी लगातार कामयाबियाँ नहीं मिली, जिस तरह क्रिकेट में मिली।
बेशक यूरोपीय देश बहुमत के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने तरीके से नियम बनाते चले गए और मैदान पर खेली जाने वाली एशियाई शैली की हॉकी को ‘हिट एंड रन’ वाली शैली में तब्दील करके इसे नाइलोन की घास वाले मैदान तक ले गए, जहाँ घास गर्म होने पर उसे पानी की फुहारों से ठंडा किया जाने लगा। आधुनिक हॉकी एशियाई हॉकी को पूरी तरह लील गई।
जब नियम बनाए जा रहे थे, तब भारत, पाकिस्तान, कोरिया, जापान जैसे ताकतवर एशियाई देशों ने विरोध नहीं किया। एक गलती यह भी है कि यदि नए नियम और एस्ट्रोटर्फ आ गए थे तो क्यों नहीं भारत ने भी इसके लिए तैयारियाँ की? हकीकत यह है कि इस बदलाव में हम काफी पिछड़ गए।
यह ठीक वैसी ही स्थिति है जैसे कि गाँवों में मिट्टी पर लड़ने वाले पहलवान को बड़ा होने पर कुश्ती की मैट मिले और सुशील कुमार जैसे कम ही भाग्यशाली पहलवान होते हैं, जो अभाव में पलकर भी ओलिम्पिक से काँसे का पदक ले आते हैं। अब जबकि ‘गुदड़ी के दो लालों’ ने भारत को गरीब खेल माने जाने वाले कुश्ती और बॉक्सिंग में दो ओलिम्पिक पदक दिला दिए हैं तो हो सकता है कि इन खेलों का उद्धार करने पर भारत सरकार ध्यान दें।
1979 में दादा ध्यानचंद की कोमा में जाने के बाद मृत्यु हुई लेकिन जब तक वे होश में रहे, भारतीय हॉकी के प्रति चिंतित रहे। बेटे अशोक से हमेशा कहते थे कि मेरा यही सपना है कि भारतीय हॉकी एक बार फिर स्वर्णिम युग में पहुँचे। अब मेरे बूढ़े शरीर में भले ही दम नहीं रहा हो लेकिन मैं भारत की हॉकी को सम्मानजनक स्थिति में देखना चाहता हूँ ताकि खुद को जवान महसूस कर सकूँ।
इसमें कोई दो मत नहीं कि दादा ध्यानचंद की आत्मा आज जहाँ भी होगी, वह इस बदहाली पर आँसू बहा रही होगी। जिस शख्स ने हॉकी में भारत की पहचान स्थापित की, आज उनकी ही कर्म स्थति झाँसी के साथ देश भी हॉकी से अनाथ हो गया है।
परिचय -हॉकी के जादूगर दादा ध्यानचंद का जन्म प्रयाग (उत्तरप्रदेश) के राजपूत घराने में 29 अगस्त 1905 को हुआ था। उनके पिता सामेश्वर दत्त सिंह भारतीय फौज में सूबेदार थे। सेना में रहते हुए उन्होंने भी खूब हॉकी में अपने जौहर दिखाए। मूलसिंह और रूपसिंह ध्यानचंद के दो भाई थे। ध्यानचंद की तरह रूपसिंह का भी हॉकी का जाना-माना चेहरा थे। पिता के तबादले के कारण ध्यानचंद ढंग से किताबों में मन नहीं लगा सके। यही वजह थी कि छठी कक्षा के बाद ही उन्हें पढ़ाई को अलविदा कहना पड़ा। कालांतर में पूरा परिवार झाँसी आकर बस गया।
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Vikas Sharma
Editor
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Posted on 29 August 2010 by admin
परीक्षा केन्द्रो के 200 मीटर परिधि में धारा 144 लागू
आगरा - कर्मचारी चयन आयोग द्वारा सहायक उप निरीक्षक (एक्ज्युकेटिव) परीक्षा 2010 आगरा नगर में 29 अगस्त को प्रात: 10 से 12 बजे और अपरान्ह में 2 से 4 बजे के मध्य 11 परीक्षा केन्द्रो पर आयोजित की जा रही है।
अपर जिला मजिस्ट्रेट (नगर) अरूण प्रकाश ने बताया है कि परीक्षा को निर्विध्न सम्पन्न कराने एवं शान्ति व्यवस्था बनाने रखने हेतु महानगर के परीक्षा केन्द्रो के 200 मीटर की परिधि में जनहित में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा -144 के अन्तर्गत निशेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
उन्होंने कहा है कि परीक्षा केन्द्र पर परीक्षार्थी एवं स्टाफ के अतिरिक्त बाहरी व्यक्ति एकत्रित नही होगें। परीक्षा केन्द्र के 200 मीटर की दूरी तक फोटोस्टेट मशीन, पीसीओ संचालित नही होगे। इस परिधि में ध्वनि विस्तारक यन्त्रों का प्रयोग नही हो सकेगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा केन्द्रो में बी.डी. जैन गल्र्स डिग्री कालेज, केन्द्रीय विद्यालय नं0 2,भगवती देवी जैन गल्र्स इण्टर कालेज, केन्द्रीय विद्यालय नं0 1, माया रानी गल्र्स इण्टर कालेज, एन.सी. बैदिक इण्टर कालेज, साकेत विद्यापीठ इण्टर कालेज, श्रीमती वैजन्ती देवी इण्टर कालेज, रत्नमुनि जैन इण्टर कालेज, विक्टोरिया इण्टर कालेज, आर.बी.एस. इण्टर कालेज सम्मिलित है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 29 August 2010 by admin
जिलाधिकारी अमृत अभिजात ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि एण्टी रैगिंग एक्ट में अभिलिखित प्राविधानों के अनुसार कालेजों के प्राचार्यो से समन्वय कर कालेजों के अन्दर व आस पास सूचना पट पर निर्देश प्रिन्ट करा कर प्रदर्शित कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि अधिनियम के अनुसार किसी शैक्षणिक संस्था के भीतर या उसके वाहर रैगिंग प्रतिशिद्व है। जो कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी शैक्षणिक संस्था के भीतर या बाहर रैगिंग करता है, उसमें भाग लेता है, दुश्प्रेरित करता है या उसका प्रचार करता है, उसे दो वशZ तक कारावास या दस हजार रूपये जुर्माना या दोने से दण्डित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि धारा-5 के अधीन अपराध के लिए दोश सिद्व किसी छात्र को विवर्जन के पॉच वर्ष तक की अवधि के लिए किसी शैक्षणिक संस्था में प्रवेश नही दिया जायेगा।
श्री अभिजात ने कहा है कि रैगिंग एक मानवीय उत्पीडन का कृत्य है और सभ्य समाज में एक अभिशाप है। अत: रैगिंग को रोकने में सक्रिय रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 August 2010 by admin
आगरा - जनपद के ग्रामीण अंचलो के 13 से 35 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं के सर्वागींण विकास एवं क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान हेतु नेहरू युवा केन्द्र द्वारा 03 सितम्बर तक कार्यक्रमों के आयोजन किये जा रहे है।
राश्ट्रीय एकता एवं सद्भावना संगोश्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद,वृक्षारोपण, निबन्ध एवं चित्रकला प्रतियोगिताएं आदि कार्यक्रम ग्रामीण अंचलो में कार्यरत नेहरू युवा/युवती मण्डलों के सहयोग से आयोजित कराये जा रहे है।
जिला समन्वयक गोपाल भगत ने बताया कि मेंरी धरती मेरा कर्तव्य के अन्र्तगत ग्राम नौबरी में श्री श्रीरवि शंकर विद्या मिन्दर पर वृहद वृ़क्षारोपण कार्यक्रम में बडी संख्या युवाओं ने भाग लेकर वृक्षा रोपण तथा वृक्षो की देखभाल हेतु संकल्प लिया। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान किताब सिंह, नेहरू युवा संगठन के जिला अध्यक्ष दिनेश बाबू यादव, प्रवीन कुमार सक्सैना, रमेश कुमार, विनय कुमार, कुव संध्या ,ममता गार्गी,सुमन रेखा आदि उपस्थित थे
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आगरा - क्षेत्रीय सेवा योजन कार्यालय में 08 सितम्बर को रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। क्षेत्रीय सेवा योजन अधिकारी ने बताया है कि इच्छुक अभ्यर्थी 07 सितम्बर मंगलवार तक आवेदन पत्र जमा कर अपना रोल नम्बर प्राप्त कर लें। साक्षात्कार हेतु 8 सितम्बर को प्रात: 10 बजे सभी मूल प्रमाण पत्र एवं रोल न0 स्लिप के साथ उपस्थित हो। उन्होंने बताया कि मेले में नवभारत फर्टिलाइजर लि0 द्वारा एग्रीकल्चर आफिसर हेतु भर्ती के लिए वीएससी(कृशी)/एमएससी (कृशि)आयु 20 से 30 वर्ष के अभ्यर्थी पात्र होगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 August 2010 by admin
आगरा - अनुसूचित जाति-जन जाति के अभ्यर्थियों के लिए लोक सेवा आयोग परीक्षा हेतु नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था है। कोचिंग में प्रवेश हेतु आवेदन 31 अगस्त 2010 तक जमा करा सकतें है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी गणेश प्रसाद ने बताया है कि डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर आई.एस.एस. /पी.सी.एस. कोचिंग केन्द्र खन्दारी आगरा में अनुसूचित जाति/जनजाति के आई.ए.एस. /पी.सी.एस परीक्षा 2011 मे सम्मिलित होने से पूर्व अभ्यर्थियों को नि:शुल्क परीक्षण दिये जाने की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि पात्र अभ्यर्थियो को प्रवेश हेतु आवेदन पत्र जमा करने की अन्तिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित की गई है । विस्तृत जानकारी उनके कार्यालय से प्राप्त कर सकते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 29 August 2010 by admin
फैजाबाद-अयोध्या स्थित विबादित परिसर को लेकर होने वाले फैसले के मद्येनज़र सुरक्षा एजेंसियों के साथ साथ चिकित्सा व्यवस्था भी सतर्क कर दी गई है। जिला अस्पताल में डाक्टरों की छुटि्टयॉं निरस्त करने के साथ ही दो वार्ड आपात परिस्थितियों से निपटन के लिए आरक्षित कर दिए गए हैं।खास कर अयोध्या स्थित श्री राम अस्पताल में फैसले का लेकर एहतियातन तैयारियॉं शुरु कर दी गई हैं।अस्पताल में बेड आरक्षित करन के साथ साथ तुरन्त रस्पांस के लिए रैपिड रिसपारंस टीम के गठन की कवायद भी शुरु कर दी गई है।यह टीम आपात परिस्थितियों मे मौके पर पहंच कर लोगों को चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराएगी।
सितम्बर माह मे आने वाले आयोध्या स्थित विवादित परिसर के फैसले को लेकर एहतियात का दायरा बढता जा रहा है।सुरक्षा एजेंसियां ही नही आपात परिस्थितियों स निपटने के लिए चिकित्सा इकाइयां को भी सचेत कर दिया गया है।श्री राम अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा.अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि फैसले का लकर चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ करने की तैयारी चल रही है।फैसला आने के बाद विवाद की संभावना को लेकर श्रीराम अस्पताल मे इस बार तैयारियॉं विशश दर्जे की हैं।आर्थोपेडिक सर्जन,फिजीशियन सहित डाक्टरोंका एक पैनल बनाया गया है,जिसे रैपिड रेस्पांस टीम का नाम दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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