जिलाधिकारी अमृत अभिजात ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि एण्टी रैगिंग एक्ट में अभिलिखित प्राविधानों के अनुसार कालेजों के प्राचार्यो से समन्वय कर कालेजों के अन्दर व आस पास सूचना पट पर निर्देश प्रिन्ट करा कर प्रदर्शित कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि अधिनियम के अनुसार किसी शैक्षणिक संस्था के भीतर या उसके वाहर रैगिंग प्रतिशिद्व है। जो कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी शैक्षणिक संस्था के भीतर या बाहर रैगिंग करता है, उसमें भाग लेता है, दुश्प्रेरित करता है या उसका प्रचार करता है, उसे दो वशZ तक कारावास या दस हजार रूपये जुर्माना या दोने से दण्डित किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि धारा-5 के अधीन अपराध के लिए दोश सिद्व किसी छात्र को विवर्जन के पॉच वर्ष तक की अवधि के लिए किसी शैक्षणिक संस्था में प्रवेश नही दिया जायेगा।
श्री अभिजात ने कहा है कि रैगिंग एक मानवीय उत्पीडन का कृत्य है और सभ्य समाज में एक अभिशाप है। अत: रैगिंग को रोकने में सक्रिय रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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