उत्तर प्रदेश विद्यालय प्रबन्धक महासभा 21 सूत्रीय मांगों को लेकर िशक्षा निदेशक (माध्यमिक) के कार्यालय पर धरना दिया। धरने पर बैठे आक्रोिशत प्रबन्धकों ने सरकार के नीतियों की जमकर आलोचना की। प्रदेश अध्यक्ष सूर्यनारायण मणि त्रिपाठी ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रबन्धकों के स्वाभिमान की रक्षा के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी। प्रबन्धक हितों की उपेक्षा करने वाले अधिकारियोंको किसी भी दशा में बख्शा नही जायेगा।
मुख्यमन्त्री को सम्बोधित 21 सूर्षोर्षोीय मांगपत्र िशक्ष निदेशक माध्यमिक संजय मोहन को सौपा गया। मांगपत्र में माध्यमिक विद्यालयों में विवाद की जड़ प्रशासन योजना को समाप्त करने, कक्षा 9 तक के नि:शुल्क िशक्षा के बदले क्षतिपूर्ति अनुदान देने, राश्ट्रीय माध्यमिक िशक्षा अभियान में प्रबन्धकों की भागीदारी सुनििश्चत करने, चयन बोर्ड को भंग कर प्रबन्धकों को निुयक्ति का अधिकार देने, िशक्षा न्यायाधिकरण की स्थापना करने, माइनर पनिश्मेन्ट का अधिकार देने, जूनियर हाईस्कूलों में पूर्व की भान्ति चतुर्थ श्रेणी के तीन पद की व्यवस्था करने, अरबी मदरसा, संस्कृत पाठशालाओं को अनुदन सूची पर लेने, क्षतिपूर्ति, त्रिभाशा अनुदान का नियमित भुगतान करने, मान्यता शुल्क को समाप्त करने, मृतक आश्रित को उसी विद्यालय में सेवायोजित करने, सुविधाओं में नाम पर सवित्त व वित्तविहीन मेें विभेद न करने सहित कई अन्य मांगेें शामिल है।
धरने को संघशZ एवं संरक्षण समिति के सभापति मनमोहन तिवारी, महामन्त्री मैथिलीशरण श्रीवास्तव, संयुक्त महामन्त्री डा0 अनिल कुमार अग्रवाल, संगठन मन्त्री राजबहादुर सिंह, वीरेन्द्र कुमार मौर्या, डा0 माया गुप्ता, विजय दयाल, ए0ए0 कुमार, प्रेम प्रकाश मौर्या, रामनारायण यादव, हरिश्चन्द्र सिंह,सूर्य नारायण पाण्डेय, विजय कुमार रस्तोगी, अरशद खॉ, अरविन्द कुमार, नरसिंह नारायण दूबे, संजय द्विवेदी, मुख्तार आलम, जावेद अहमद, चन्द्रशेखर चतुर्वेदी, कुंवर अली मोहम्मद, नरेन्द्र तिवारी, मनोज शुक्ला सहित तमाम लोगों ने सम्बोधित किया । धरने मेे प्रदेश के विभिन्न जनपदों व मण्डलों के सैकड़ों प्रबन्धकों ने प्रतिभाग किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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