बुन्देलखण्ड के सुप्रसिद्ध साहित्यकार चिन्दका प्रसाद सक्सेना कीर्ति का 80वॉ जन्म दिन साहित्यकार सम्मान समारोह के रूप में धूम धाम से मनाया गया जिसमें समाज के विभिन्न वर्गो के लोगों ने स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों गणमान्य नागरिकों राजनैतिक हस्तियों एवं साहित्यकारों ने उनके दीघZ जीवन की कामना की। इस अवसर पर 6 साहित्यकारों वशZ 2010 की इण्टर मीडिएट परीक्षा में 85 प्रतिशत हासिल करने वाली कु0 चंचल कलवानी को सम्मानित किया गया। समारोह इलाहाबाद के पूर्व आई जी श्रीराम त्रिपाठी ने कहा कि बुन्देलखण्ड के पिछड़ेपन के कारण यहां साहित्यक सांस्कृति धरोहर का उतना प्रचार पसार नही हो पाया जितना होना चाहिये था। इसी कारण बुन्देलखण्ड की विशेशताओं पर देश वासियों का ध्यान आकर्शित नही हो पा रहा है। मै यहां उपपुलिस महानिरीक्षक के रूप मेे रहा लेकिन मैने इस प्रकार का स्तरीय समारोह पहली बार देखा है। जिसमें इतने साहित्यकार उपस्थित हुए है। केती जी अपने जन्म दिन के साथ-साथ इसलिए बधाई के पात्र है कि उन्होंने इतने साहित्यकारों से एक साथ मिलने का अवसर दिया। सामारोह के अध्यक्ष बी0डी0 नकवी अपर जनपद न्यायाधीश ने कहा कविता मनुश्य की प्राकृतिक भाशा है। इसके माध्यम से दिलकी आवाज निकलती है। कार्यक्रम में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी साहित्यकार रामभजन निगम पूर्व सांसद राम रतन शर्मा पूर्व विधायक देवकुमार यादव पूर्व न्यायाधीश अवधेश नारायण द्विवेदी डा0 चिन्द्रका प्रसाद दीक्षित अशोक त्रिपाठी आदि ने भी विचार व्यक्त किये। समारोह का संचालन सुधीर खरे कमल ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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