लखनऊ - उ0प्र0 कांग्रेस के हो रहे संगठनात्मक चुनाव में पी.सी.सी. डेलीगेट सूची में अपना स्थान न बना पाने के कारण क्षुब्ध जो नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की निराधार आलोचना कर रहे हैं, वह वस्तुत: कांग्रेस संगठन को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
पूर्व मन्त्री बेगम हामिदा हबीबुल्ला, पूर्व मन्त्री डॉ. अम्मार रिजवी, पूर्व सांसद श्री सईदुज्जमां, पूर्व मन्त्री श्री मुईद अहमद, पूर्व मन्त्री डॉ0 मेराजुद्दीन, पूर्व विधायक श्री रफी सिद्दीकी, श्री तारिक सिद्दीकी ने आज यहां संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा कि संगठन चुनाव की नियमावली के अनुसार 20प्रतिशत स्थान अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित करने की व्यवस्था है जबकि अभी तक घोषित कुल पी.सी.सी. डेलीगेट सूची में लगभग 50प्रतिशत स्थान पर इन वर्गो के प्रतिनिधित्व को दिया गया है। यदि कुछ महत्वपूर्ण कार्यकर्ता छूट गए हैं तो उन्हें कोआप्टेड सूची में स्थान मिलेगा।
इन कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जबसे डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी ने उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया है तबसे वह लगातार अल्पसंख्यकों, पिछड़ों, अनु.जाति, जनजातियों के लिए संघर्ष कर रही हैं। इतना ही नहीं मदरसा शिक्षकों के हितों की बात हो, केन्द्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हितों के लिए चलायी जा रही योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए किये जा रहे कार्यों की बात हो, डॉ. जोशी ने पूरी ताकत के साथ पूरे प्रदेश में सभी वर्गों को एकजुट कर उनके हितों की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी आज़मगढ़ और सजापुर में मुस्लिम वर्ग के साथ संवेदना व्यक्त करने श्री दिग्विजय सिंह के साथ गईं और उन्हें न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि डॉ0 जोशी ने मोअल्लमें उर्दू के लिए संघर्ष किया। मदरसों के शिक्षकों के हक की लड़ाई लड़ी। मुसलमानों के हक की लड़ाई लड़ रहे पीपुल्स डेमोक्रेटिक फोरम(पीडीएफ) का, जिसके अध्यक्ष श्री सलाउद्दीन खांन एवं महामन्त्री श्री नसीम खान थे, कंाग्रेस में विलय करवाया। साझी शहादत-साझी विरासत कार्यक्रम प्रदेश में शुरू किया गया, जो हिन्दू-मुस्लिम एकता एवं साम्प्रदायिक सौहार्द को समर्पित है। इसके तहत एक वर्ष में पूरे प्रदेश में 48 कार्यक्रम किये जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस में “साम्प्रदायिकता विरोधी मोर्चा´´ गठित किया गया, जिससे साम्प्रदायिकता के विरूद्ध कांग्रेस के संघर्ष को धार दी जा सके। कंाग्रेस के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की बागडोर मुस्लिम नेताओं को सौंपी गई। कंाग्रेस की स्थापना के 125वें वर्ष पर किये जा रहे आयोजन की कड़ी में `साम्प्रदायिक सौहार्द एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस´ विषय पर आयोजित सेमिनार के संयोजक डॉ. अम्मार रिजवी बनाए गये वहीं “ उत्तर प्रदेश में शासन के मुद्दे´´ विषय पर आयोजित सेमिनार के संयोजक श्री तारिक सिद्दीकी बनाए गए। उ0प्र0 कंाग्रेस में नवगठित “रिसर्च एण्ड एनालिसिस´´ यूनिट का चेयरमैन श्री तारिक सिद्दीकी को बनाया गया। गोरखपुर, देवबन्द में विशाल अल्पसंख्यक सम्मेलन किए गये। जहां तक श्री फजले मसूद एवं मंजूर अहमद का कांग्रेस छोड़कर जाने का प्रश्न है, यह नेता केवल निजी स्वार्थ सिद्ध के लिए ही पार्टी छोड़कर गए हैं।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. जोशी एक काबिल, इंसाफ पंसद और सेक्युलरिज्म के झण्डाबरदार परिवार की काबिल और जुझारू बेटी हैं। यही कारण है कि अल्पसंख्यकों में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। मायावती सरकार के खिलाफ अपने जुझारू तेवरों के कारण डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी पूरे प्रदेश में एक मजबूत आवाज बनकर उभरी हैं जो उनके विरोधियों से बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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