लखनऊ - झूठ, लूट और भ्रश्टाचार पर टिकी प्रदेश की मायावती सरकार को निर्दोशों की जिन्दगी से खेलने का शौक हो गया है। किसानों पर नोएडा, अलीगढ़ और आगरा में गोलियां चलवाकर चार किसानों की मौत, दर्जनों के घायल होनेकी बात अभी ताजा है। आज राजधानी में तड़के प्रात: 4-30 बजे इस सरकार की मुखिया के घर में न्यायिक रोक के बावजूद अन्दरखाने चले रहे निर्माण कार्य में लगे मजदूरों पर गाज गिरी जिसमें कई मजदूर हताहत हुए हैं। मुख्यमन्त्री के इन्हीं निजी प्रोजेक्ट पर सरकारी धन लुटाया जा रहा है जेल रोड और गोमतीनगर के निर्माण स्थलों पर दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। इन स्थलों पर मिट्टी-बालू की ढुलाई कर रहे डम्परों ने, सड़कों पर कायदा कानून तोड़कर दौड़ते हुए, दर्जनों जाने ले ली है।
माल एवेन्यू की आज की इस दुर्घटना में सरकार का रवैया बहुत ही संवेदनहीन है। ठेकेदार ने मजदूरों को बंधक बना लिया ताकि घटना का खुलासा न हो सके। गम्भीर घायलों को लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया। भ्रम फैलाने के लिए बताया गया कि कांशीराम स्थल पर यह घटना घटी जबकि मुख्यमन्त्री के निवास माल एवेन्यू में चोरी छुपे ढंग से हो रही खुदाई में मिट्टी धंसने से दर्जनों मजदूर मलबे में दब गए। इनमें से ज्यादातर मजदूर सीतापुर के खरौहा गांव के हैं। दुर्घटना में घायलों का हालचाल समाजवादी पार्टी विधायक श्री महेन्द्र कुमार उर्फ झीन बाबू, महानगर अध्यक्ष श्री सुशील दीक्षित, मोहम्मद एबाद तथा अन्य साथियों ने जाकर लिया। दुर्घटना स्थल पर लगभग 50 श्रमिक काम कर रहे थे जिनमें से कइयों का अता-पता नहीं है।
सरकार ने अपने इन प्रोजेक्ट को पूरा करने की जल्दी में न्यायिक आदेशों को भी उठाकर ताक पर रख दिया है। झूठे बहाने बनाने के उसके इन कारनामों पर अदालतें एकाधिक बार फटकार भी लगा चुकी हैं। लेकिन यह सरकार तो सभी संवैधानिक संस्थाओं को नश्ट करने में विश्वास रखती है। विधान सभा में अपने बहुमत से मदंध प्रदेश की बसपा सरकार अधिनायकशाही की तरफ बढ़ती जा रही है।
समाजवादी पार्टी का मानना है कि निर्माण कार्यो के ठेकों में कमीशन की लम्बी लूट, घटिया सामग्री के इस्तेमाल और श्रमिक कानूनों के पालन न करने की वजह से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। न्यायालय के रोक के आदेशों भी यह सरकार नहीं मानती है। मुख्यमन्त्री केवल अपनी निजी महत्वाकांक्षा और अपने को अमर करने की सनक में ये निर्माण कार्य करा रही हैं। इसके पीछे न तो कोई विकास दृिश्ट है और नहीं ये जनहित की योजनाएं हैं। इनके माध्यम से अफसर और बसपा नेता साठगांठ कर जनता का धन लूट रहे हैं।
समाजवादी पार्टी न्यायिक आदेशों के विपरीत हो रहे अवैध निर्माण स्थल पर दुर्घटना में दबकर मृत तथा घायल मजदूरों के प्रति संवेदना व्यक्त करती है। वह इन निर्माण स्थलों पर चल रही धांधलियों तथा मजदूरों की मौतों की निश्पक्ष स्वतन्त्र न्यायिक जांच की मांग करती है क्योंकि उनके ये निर्माण स्थल निर्दोश मजदूरों और आम आदमी के लिए कब्रगाह में तब्दील हो गए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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