बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज अम्बेडकर नगर जिले में कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को पूरी तरह फ्लाप शो करार देते हुए इस मौके पर कांग्रेस के तथाकथित युवराज द्वारा दिये गये भाषण को दिशाहीन और गुमराह करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर नगर में बी0एस0पी0 के धरना प्रदर्शन में उमड़ी लगभग एक लाख की भीड़ तथा प्रदेश के अन्य स्थानों में भी अप्रत्याशित जनसैलाब की खबर पाकर कांग्रेस के युवराज बौखला गये। इसके विपरीत उनकी रैली में मात्र लगभग दस हजार लोग पूरे उत्तर प्रदेश से पूरी ताकत लगाकर इकट्ठा किये गये, जिसमें से ज्यादातर लोगों को लालच देकर बुलाया। इसी बौखलाहट में उन्होंने देश के लाखों करोड़ों दलितों, शोषितों, पिछड़ों एवं वंचितों के मसीहा परम् पूज्य भारत रत्न डॉ0 भीमराव अम्बेडकर का सम्मानजनक और सही ढंग से नाम तक नहीं लिया।
सबसे बड़ी बात यह रही कि कांग्रेस के युवराज ने अपने सम्बोधन में दलितों, पिछड़ों व शोषितों के मसीहा डॉ0 अम्बेडकर का उल्लेख करते समय “परमपूज्य, बोद्धिसत्व, बाबा साहेब, डॉक्टर´´ जैसे सम्मान सूचक शब्दों का प्रयोग न करना भी अत्यन्त निन्दनीय है, इससे बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर के करोड़ों समर्थकों और अनुयायियों को गहरी ठेस पहुंची है तथा जो बाबा साहेब के प्रति कांग्रेस के छद्म प्रेम को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के युवराज द्वारा बाबा साहेब डॉ0 अम्बेडकर के जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित सभा में उनके महान एवं प्रेरक व्यक्तित्व तथा दलितों, पीड़ितों, शोषितों के उत्थान के लिए बाबा साहेब के ऐतिहासिक योगदान का उल्लेख न करना यह दर्शाता है कि परमपूज्य डॉ0 अम्बेडकर के प्रति कांग्रेस पार्टी की उस जातिवादी सोच में आज तक भी कोई बदलाव नहीं आया है, जिसके चलते इस पार्टी ने उन्हें भारत रत्न नहीं दिया था।
बी0एस0पी0 प्रदेश अध्यक्ष ने कांग्रेस पार्टी के तथाकथित युवराज के भाषण पर आपकी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि धर्म और जाति की राजनीति राजनीतिक स्वार्थ के लिए व सबसे पहले कांग्रेस ने ही शुरू की। इस मामले में कांग्रेस पार्टी का इतिहास काफी दागदार है। इससे कौन इंकार कर सकता है कि अयोध्या में वर्ष 1986 में कांग्रेस पार्टी ने ताला खुलवाया, सन् 1989 में वहां पर शिलान्यास कराया और फिर विश्व हिन्दु परिषद को रथ यात्रा निकालने की अनुमति किसने दी तथा विवादित ढांचा को केन्द्र की किसकी सरकार के कार्यकाल में ढहाया गया। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्य है कि दूसरी तरफ धर्म की राजनीति की बुनियाद कांग्रेस पार्टी ने ही रखी है। उन्होंने कहा कि धर्म की राजनीति को बी0एस0पी0 ने खत्म किया है। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि सर्वसमाज के हितों को ध्यान में रखकर बी0एस0पी0 सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीति पर चलने वाली इकलौती पार्टी है।
बी0एस0पी0 ने समाज को जोड़ने का काम किया है, जबकि अन्य सभी राजनीतिक दल समाज को बांटकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते हैं।
श्री मौर्य ने देश में दो प्रकार के हिन्दुस्तान मौजूद होने को लेकर कांग्रेसी युवराज की टिप्पणी पर कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कांग्रेसी नेताओं को इस बात का जवाब देना चाहिए कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद केन्द्र सहित ज्यादातर राज्यों में सबसे लम्बे समय तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी ही इस असन्तुलित विकास के लिए जिम्मेदार है। प्रदेश से गरीबी और बेरोजगारी दूर करने की बात करने वाले कांग्रेस के युवराज को उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश से गरीबी और बेरोजगारी दूर करने की बात करनी चाहिए। उन्होंने देश में गरीबी व बेरोजगारी बढ़ने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार की पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाली गलत आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने गत वर्ष बजट पेश करते समय प्रत्येक वर्ष दो करोड़ रोजगार के अवसर की व्यवस्था करने की बात कही थी, परन्तु इस साल के बजट भाषण में रोजगार सृजन व बेरोजगारी की चर्चा तक नहीं हुई। कांग्रेस के युवराज युवाओं को किस आधार पर रोजगार मुहैया कराने का हवा-हवाई सपना दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक मनरेगा के माध्यम से लोगों को रोजगार दिलाने की बात है, कांग्रेस की हमेशा से यही सोच रही है कि गरीब को गरीब रखा जाये। साल में सिर्फ 100 दिन का रोजगार देकर बेरोजगारी दूर नहीं होगी। बी0एस0पी0 ने कई बार प्रधानमन्त्री को पत्र लिखकर गरीबों को 365 दिन के स्थायी रोजगार की व्यवस्था करने का अनुरोध किया, लेकिन यूपीए सरकार के कान पर कोई जूं तक नहीं रेंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग 08 घण्टे फावड़ा चलवाने को ही रोजगार मान बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र से 07 हजार करोड़ रूपये देने की मांग की थी, किन्तु केन्द्र ने सिर्फ 6,300 करोड़ रूपये की धनराशि काफी विलम्ब से दी। इससे योजना के संचालन में जहां एक ओर बाधा उत्पन्न हुई, वहीं दूसरी ओर लोगों को रोजगार से वंचित होना पड़ा।
श्री मौर्य ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमन्त्री जी ने प्रधानमन्त्री को कई बार पत्र लिखकर उनको बताया था कि बी0पी0एल0 की संख्या वर्ष 2002 के आंकड़ों पर आधारित है। जबकि जनसंख्या में लगातार वृद्धि होने के साथ-साथ बी0पी0एल0 की संख्या भी बढ़ी है, इसलिए केन्द्र सरकार बी0पी0एल0 की सूची को नये सिरे से तय करे। उन्होंने कहा कि गरीबों के हितैषी बनने वाले कांग्रेस के युवराज की पार्टी की केन्द्र सरकार ने आज तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। आखिरकार मजबूर होकर बी0एस0पी0 सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद ऐसे गरीबों, जिनको बी0पी0एल0 सूची तथा अन्त्योदय खाद्यान्न योजना में कोई लाभ नहीं मिल रहा, उनको 300 रूपये की मासिक आर्थिक सहायता देने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना का संचालन शुरू करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को गरीबों की जरा भी पीड़ा होती तो सभी गरीबों को बी0पी0एल0 सूची में लाने की स्वीकृति देती। ऐसा न करने से पता चलता है कि कांग्रेसी गरीबों की हमदर्द नहीं हैं और उसके नेता राजनैतिक लाभ पाने की नीयत से घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
बी0एस0पी0 प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमन्त्री जी ने प्रधानमन्त्री को पत्र लिखकर यह भी अनुरोध किया था कि उत्तर प्रदेश में बी0एस0पी0 सरकार ने जिस तरह बैकलॉग भर्ती का अभियान चलाकर आरक्षण के रिक्त कोटे को भरा है, उसी प्रकार केन्द्र सरकार भी अपने अधीन आरक्षण की बैकलॉग रिक्तियों को भरने का अभियान चलाये। इस मामले में केन्द्र सरकार द्वारा अब तक कोई कार्यवाही न किये जाने से पता चलता है कि यह लोग दलितों के कितने हमदर्द हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों से ही रोजमर्रा वस्तुओं के दाम में अनाप-शनाप बढ़ोत्तरी हुई है, उससे गरीबों खासतौर से दलितों, पिछड़ों एवं कमजोर वर्ग के लोगों के मुहं से निवाला छिन गया है, परन्तु कांग्रेस की यू0पी0ए0 सरकार के कानों तक गरीबों की आह नहीं पहुंच रही है।
श्री मौर्य ने कहा कि कांग्रेस के युवराज ने शिक्षा का अधिकार को लेकर राज्य सरकार पर जो टिप्पणी की है, वह पूरी तरह आधारहीन और सच्चाई से कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि दलितों, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों तथा अपर कास्ट के गरीब लोगों के सामाजिक शैक्षिक एवं आर्थिक उत्थान की चिन्ता होती तो कांग्रेस पार्टी अपने लम्बे शासनकाल के दौरान इस सम्बन्ध में जरूर ठोस उपाय करती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति हमेशा से ही गरीब एवं दलित विरोधी रही है और इसी मानसिकता से ग्रसित कांग्रेस के लोग दलितों का उत्थान न करके सिर्फ बयानबाजी से काम चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक रात किसी दलित के घर सोने का नाटक करने और उसके बाद फिर कभी मुड़ कर न देखने से इनकी बदहाली दूर नहीं होती। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास और पिछड़ापन की बात करने वाले कांग्रेस के नेताओं को सिर्फ रायबरेली और सुल्तानपुर के आगे कुछ दिखायी नहीं देता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में रायबरेली और सुल्तानपुर में लगाये गये तमाम उद्योग बन्द हो चुके हैं और वहां के मजदूर रोजी-रोटी के मोहताज हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश सरकार पर विकास विरोधी होने और केन्द्र से भेजे गये पैसे का दुरूपयोग किये जाने के आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से पूरे प्रदेश का विकास कर रही है, लेकिन केन्द्र सरकार तमाम योजनाओं में बाधा उत्पन्न कर रही है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड एवं प्रदेश के दूसरे हिस्सों का पिछड़ापन दूर करने के लिए सत्ता में आते उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने प्रधानमन्त्री से मिलकर 80 हजार करोड़ रूपये के विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की। लगभग तीन वर्ष पूरे होने को है, लेकिन केन्द्र सरकार ने एक पैसे की भी मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के केन्द्रीय बजट में बुन्देलखण्ड के लिए सिर्फ 1200 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है, जिससे बुन्देलखण्ड के प्रति कांग्रेस की सोच का पता चलता है। उन्होंने कहा कि अम्बेडकर नगर समेत राज्य के अन्य जनपदों के बुनकरों के हमदर्द बनने वाले कांग्रेस के युवराज के दिल में अगर इनके लिए कोई दर्द होता, तो किसानों के साथ ही बुनकरों के कर्ज को भी माफ करवाते।
श्री मौर्य ने कहा कि कांग्रेस के युवराज द्वारा युवाओं के लिए प्रदेश में 2012 तक बेरोजगारी दूर करने एवं उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार लाने की बात करना राजनीतिक ड्रामेबाजी से अधिक कुछ भी नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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