Archive | April 12th, 2010

मनरेगा कार्यक्रम में गड़बड़ी करने वाले बख्शे नहीं जायेंगे-मायावती

Posted on 12 April 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के अन्तर्गत वशZ 2008-09 में निर्मित सभी आवासों का कब्जा पात्र लाभार्थियों को प्रत्येक दशा में 20 अप्रैल तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने अवशेष आवासों का निर्माण कार्य हर हालत में 31 मई, 2010 तक पूरा करके उनका कब्जा भी लाभार्थियों को देने की हिदायत दी है। उन्होंने गर्मी के मौसम को देखते हुए पेयजल की समस्या के समाधान के लिए पुराने हैण्डपम्पों की री-बोरिंग, नये हैण्डपम्पों की स्थापना तथा खराब पड़ी हुई पेयजल योजनाओं को मई के अन्त तक अनिवार्य रूप से चालू कराने के लिए भी कहा है। उन्होंने चित्रकूट और झांसी मण्डलों में पेयजल के लिए आवश्यक प्रबन्ध तथा समस्याग्रस्त गांवों में टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश दिये हैं।

सुश्री मायावती ने ये निर्देश उस समय दिए जब कैबिनेट सचिव श्री शशांक शेखर सिंह, मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता एवं अपर कैबिनेट सचिव श्री नेत राम ने मण्डलायुक्तों, प्रमुख सचिवों एवं सचिवों की आज यहां योजना भवन में आयोजित समीक्षा बैठक के निश्कशोZं से मुख्यमन्त्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी गरीब आवास योजना के अन्तर्गत वशZ 2009-10 के सारे आवासों के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश एवं आंिशक धनरािश उपलब्ध करायी जा चुकी है। उन्होंने सम्बन्धित शहरोंं में तत्काल शहर के भीतर या लगे हुए आबादी क्षेत्र में भूमि चििन्हत कर आवासों का निर्माण कार्य 8 माह में पूरा कराकर पात्र लाभार्थियों को आगामी दिसम्बर माह तक कब्जा दिलाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमन्त्री ने डॉ0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के अधूरे कायोंZ-नाली, खड़ंजा, डामरीकरण, मजरों के जोड़ने का कार्य, सी0सी0 रोड आदि को 30 अपै्रल तक पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने चालू वित्तीय वर्ष के लिए चयनित 2224 गांवों के सारे कायोंZ की अनुमानित लागत को पांच मई तक अनुमोदन करा कर सभी कार्य युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चयनित सभी अम्बेडकर ग्रामों के कार्य 31 दिसम्बर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाय। उन्होंने सभी कायोंZ में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही गांवों में बनाई गई नालियों में जल की निकासी के लिए समुचित ढाल पर विशेष ध्यान देने को कहा, जिससे कहीं भी जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो। उन्होंने ग्रामीण अभियन्त्रण सेवा तथा लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता को निर्देश दिये कि एक महीने के अन्दर 40 गांवों का निरीक्षण कर नालियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करायें।
सुश्री मायावती ने चयनित अम्बेडकर गांवों में 10 हजार सोलर लाइट लगाने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने इसके रख-रखाव पर विशेष जोर दिया। उन्होंने अम्बेडकर गांवों में निर्माणाधीन सामुदायिक केन्द्रों को 30 मई तक पूरा करने तथा वर्ष 2010-11 में बनने वाले 2000 सामुदायिक केन्द्रों के निर्माण का कार्य दिसम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अगले 20-25 वषोंZ में ग्राम पंचायतों के पास काफी परिसम्पत्तियां सृजित होंगी। उन्होंने इनके रख-रखाव का संरक्षण के लिए नीति बनाने पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने तहसील दिवस पर प्राप्त जन शिकायतों का प्रभावी निस्तारण तथा अम्बेडकर गांवों में कराये गये सभी कायोंZ की डिजिटल डायरी तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने मनरेगा के तहत सोशल ऑडिट व योजना के बेहतर संचालन हेतु कार्मिकों के चयन की कार्यवाही 30 अपै्रल तक पूरा करने के निर्देश दिये।

मुख्यमन्त्री ने उत्तर प्रदेश मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना का हवाला देते हुए कहा कि इस योजना के अन्तर्गत पात्र परिवारों के सर्वेक्षण के दिशा-निर्देश गत 30 मार्च को जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि इन निर्देशों का अनुपालन सुनििश्चत करते हुए शत-प्रतिशत लाभार्थियों का चयन 30 सितम्बर तक सुनििश्चत कर लिया जाय, ताकि इन परिवारों को योजना का लाभ अक्टूबर माह से मिलने लगे।

सुश्री मायावती ने मनरेगा कार्यक्रम में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि हाल में कई अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है एवं योजना के क्रियान्वयन में आगे भी अगर कोई गड़बड़ी मिलती है, तो उत्तरदायी अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा। मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी यह सुनििश्चत करें कि गरीब एवं रोजगार की आवश्यकता वाले लोगों को इस योजना में मांग के अनुसार काम करने को मिले तथा गांवों में उपयोगी स्थायी परिसम्पत्तियां सृजित की जायें। उन्होंने मनरेगा को अन्य विभागों के साथ कन्वर्जन के माध्यम से बेहतर कार्य करने पर जोर दिया है।

सुश्री मायावती ने कहा कि हाल में जहरीली शराब से मृत्यु की दुर्भाग्यपूर्ण घटनायें घटित हुई हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों एवं आबकारी आयुक्तों को इस प्रकार की घटनाओं पर पैनी नज़र रखने तथा जहरीली/अवैध शराब का धन्धा करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने चकबन्दी में लिम्बत वादों का तेजी से गुणवत्तापरक निस्तारण किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों को समय से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करायें। इसके साथ ही उन्होंने महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना का प्रभावी क्रियान्वयन तथा पिछड़े वर्ग के छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति का कार्य प्रभावी ढंग किये जाने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने वृद्धावस्था पेंशन का सत्यापन एवं पात्र लाभार्थियों को लाभ देने पर जोर दिया।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि निर्माण कार्याें के ठेकों में गुण्डा तत्वों एवं माफियाओं के प्रवेश की िशकायते मिली हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिलाधिकारी एवं सम्बन्धित विभाग के अधिकारी ऐसे ठोस और कारगर कदम उठायें, जिससे ठेकों में किसी भी प्रकार से गुण्डा तत्व प्रदेश में ठेका हासिल न कर पायें। उन्होंने अनुसूचित जाति/जनजाति को दिये जाने वाले ठेके में रोस्टर प्रणाली लागू करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निर्माण कायोंZ में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए निर्धारित आरक्षण को प्रभावी ढंग से लागू किया जाय। इसमें किसी प्रकार की उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने रोस्टर के मुताबिक बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। इसके साथ ही उन्होंने खराब ट्रांसफार्मर, जर्जर तार आदि बदलने के भी निर्देश दिये। उन्होंने आवास विकास तथा प्राधिकरणों द्वारा आवंटित भूखण्डों एवं आवासों की रजिस्ट्री समय से कराने के लिए मण्डलायुक्तों को विशेष निर्देश दिये, ताकि अधिक से अधिक राजस्व सरकार को प्राप्त हो सके।

सुश्री मायावती ने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्रों पर उपयुक्त व्यवस्था सुनििश्चत की जाय, जिससे किसानों को बिना किसी कठिनाई के उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा है कि गेहूं खरीद के लिए खरीद एजेंसियों का समय से भुगतान तथा बोरों की पर्याप्त व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद के मामले में किसानों को किसी तरह से परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि इस वर्ष गेहूं का उत्पादन बहुत अच्छा हुआ है और लक्ष्य से अधिक खरीद के लिए पूरी कोशिश की जानी चाहिए। उन्होंने गेहूं खरीद में बिचौलियों की गतिविधियों को पूरी तरह अंकुश लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी खरीफ के लिए फास्फेटिक उर्वरकों के अिग्रम भण्डारण की व्यवस्था तत्काल सुनििश्चत की जाय, जिससे किसानों को समय से ये उर्वरक उपलब्ध हो सकें। उन्होंने सितम्बर से पहले 10 लाख टन फास्फेटिक उर्वरक मंगाया जाना है, जिसमें तीन लाख टन खरीफ एवं सात लाख टन रबी के लिए है। इसके लिए सहकारिता विभाग को आवश्यक बजट उपलब्ध करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृशि एवं कृशि उत्पादन आयुक्त संगठन से सम्बद्ध सभी विभाग तत्काल आवश्यक रणनीति बनाकर कार्यवाही सुनििश्चत करें।

मुख्यमन्त्री ने मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सूखे एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए अभी से अपने स्तर पर पूरी आवश्यक तैयारी कर लें, ताकि यदि ऐसी स्थिति आती है तो आम आदमी को कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने गत वर्ष बाढ़ से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों को दो महीने के भीतर मरम्मत किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन मण्डलों में बाढ़ से क्षति होती है, उसके लिए अभी से कार्य योजना बना ली जाय। इसके साथ ही उन्होंने वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत लगाये गये पौधों की देखभाल तथा इस वर्ष बुन्देलखण्ड तथा प्रदेश के अन्य भागों में आवंटित लक्ष्य के अनुरूप वृक्षारोपण किये जाने के निर्देश दिये।

सुश्री मायावती ने निर्देश दिए कि सरकारी अस्पतालों में हो रहे आपरेशन मानक के आधार पर कराए जायें। उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि अस्पतालों में आने वाले मरीजों को मिलने वाली दवाओं एवं अन्य सुविधाओं का सतत अनुश्रवण किया जाय। उन्होंने प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर गरीबों एवं बेसहारा मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक दवाओं, जांच की सुविधा एवं चिकित्सक तथा पैरा-मेडिकल की अनिवार्य रूप से उपस्थिति भी बनाये रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी मण्डलायुक्त अपने-अपने क्षेत्रों में स्थानीय जरूरतों के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं को और कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है, उसके बारे में भी प्रस्ताव/सुझाव दें।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि वित्तीय वशZ 2010-11 की शुरूआत से ही विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यक्रमों एवं योजनाओं को समय से उच्च स्तरीय गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए सम्बन्धित विभागों को आवश्यक धनरािश तत्काल अवमुक्त करके पूरा करने के लिए विकास कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुनििश्चत कराया जाये। उन्होंने कहा कि मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी इसके लिए सीधे जिम्मेदार होंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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श्री जुफर अहमद फारूकी सुन्नी वक्फ बोर्ड एवं श्री कमालुद्दीन अहमद िशया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन निर्वाचित

Posted on 12 April 2010 by admin

उत्तर प्रदेश सुन्नी एवं िशया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का चुनाव आज सम्पन्न हुआ। इस चुनाव में श्री जुफर अहमद फारूकी सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा श्री कमालुद्दीन अहमद िशया वक्फ बोर्ड के सर्वसम्मति से चेयरमैन निर्वाचित हुए।

सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के निर्वाचित 08 सदस्यों एवं मनोनीत 05 सदस्यों ने चुनाव में भाग लिया। उपस्थित सभी 12 सदस्यों ने सर्वसम्मति से श्री जुफर अहमद फारूकी (मुतवल्ली कोटे से) को चेयरमैन चुना।

िशया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के निर्वाचित 06 एवं मनोनीत 07 सदस्यों में से 09 सदस्यों ने चुनाव में भाग लिया। उपस्थित सभी 09 सदस्यों ने सर्वसम्मति से श्री कमालुद्दीन अहमद को िशया वक्फ बोर्ड का चेयरमैन चुना।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कन्नौज मेडिकल कालेज को निजी क्षेत्र में देने के सरकार के निर्णय के प्रति विरोध

Posted on 12 April 2010 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव से आज पार्टी के राज्य मुख्यालय लखनऊ में कन्नौज से आए सैकड़ों नौजवानों ने भेंटकर कन्नौज स्थित मेडिकल कालेज को निजी क्षेत्र में देने के सरकार के निर्णय के प्रति विरोध व्यक्त किया और उनसे इस सम्बंध में अपने प्रभाव का प्रयोग करने का आग्रह किया। श्री यादव ने आश्वासन दिया कि वे इस दिशा में हर सम्भव प्रयास करेगें।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने नौजवानों से कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार के निकम्मेपन से पूरा प्रदेश चौपट है। शासन नामक कोई चीज नहीं रह गई है। कमीशन और लूट के लिए सरकारी संस्थानों को निजी क्षेत्र के हाथों बेचा जा रहा है। मायावती सरकार को जनहित से कुछ लेना देना नहीं है।

श्री यादव ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की सरकार के समय चिकित्सा सुविधा के अभाव से पीड़ित क्षेत्रों में बीमारों व गरीबों के लिए अस्पतालों की स्थापना को प्राथमिकता दी थी। कन्नौज में मेडिकल कालेज खुलने से जनता के एक बड़े वर्ग को विशेषकर स्थानीय गरीब मरीजों एवं महिलाओं को चिकित्सा लाभ उपलब्ध हो रहा है। अब सरकार इसे बेचकर अपनी झोली भरना चाहती है। निजी क्षेत्र में अस्पताल सिर्फ अमीरों के लिए ही रह जाएगा। समाजवादी पार्टी इसके निजीकरण का विरोध करेगी और संघर्षशील छात्रों को पूरा समर्थन देगी।

पिछले सप्ताह बालकृष्ण (डमरू वाले) के नेतृत्व में  विरोध प्रदर्शन किया था। आज श्री अखिलेश यादव से  प्रतिनिधि मण्डल में सर्वश्री पंकज यादव, अजय द्विवेदी, बबलू यादव, विजेंन्द्र सिंह पाल, सन्तोष यादव, देव कुशवाहा, जितेन्द्र गौड़ आदि मिले थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी पार्टी और पिछड़ी जातियों का स्वाभाविक सम्बंध

Posted on 12 April 2010 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने आज यहां कहा कि समाजवादी पार्टी और पिछड़ी जातियों का स्वाभाविक सम्बंध है। इन समाजों का सम्मान समाजवादी पार्टी को ताकत पहुंचाने से ही सुरक्षित रहेगा। उन्होने भरोसा दिलाया कि समाजवादी पार्टी उनसे संवाद का सिलसिला जारी रखेगी और उन्हें शासन सत्ता तथा संगठन में समानुपातिक प्रतिनिधित्व देगी।

04 श्री यादव पार्टी के राज्य मुख्यालय 19, विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ में चौहान और पाल समाज के प्रमुख नेताओं की संयुक्त बैठक को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि वर्तमान में समाजवादी पार्टी को कांग्रेस और बसपा दोनों की सरकारों से जूझना पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी को पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों किसानों का समर्थन प्राप्त है। इसको तोड़ने के लिए साजिशन महिला आरक्षण बिल लाया गया है। नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव ने संसद में और उसके बाहर इस सबके खिलाफ पुरजोर आवाज उठाई है। उन्होने ही ईमानदारी से इस उपेक्षित समाज को आगे बढ़ाने का काम किया है। पिछड़ों को बसपा-कांग्रेस-भाजपा सभी ने धोखा दिया है। अब इस बार आगामी चुनावों में Þमत चूको चौहानÞ की कहावत चरितार्थ करने का समय आ गया है। समाजवादी पार्टी को इस बार एकजुट होकर सत्ता सौपने की जिम्मेदारी समाज के सभी वर्गो को उठानी चाहिए।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी से ही पिछड़ों की पहचान होती है। इस कौम की सूरत बदलने की उम्मीद भी इसीलिए इसी पार्टी से ही हो सकती है। समाजवादी पार्टी के सन्देश को पिछड़ों के घर-घर तक पहुंचाने की जरूरत है। श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमन्त्रित्वकाल में और रक्षामन्त्री बनने पर पिछड़ों के लिए उल्लेखनीय कार्य किए थे। जब-जब उन्हें राजनीतिक ताकत मिली उन्होने पिछड़ों कोे राजनीति की मुख्यधारा में सम्मानजनक अवसर दिये। उनके कामों के बारे में बताया जाना चाहिए।   श्री यादव ने कहा कि प्रदेश में इस समय लूट मची है। प्रदेश जल रहा है। किसान परेशान है अपराधों की बाढ़ आई हुई है। विकास ठप्प है। इस तस्वीर को बदलने की क्षमता सिर्फ समाजवादी पार्टी में और इसके नेता श्री मुलायम सिंह यादव में है।

बैठक में समाजवादी पार्टी के महासचिव श्री ओमप्रकाश सिंह प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी, समाजवादी मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आर0डी0पाल, श्री रामाज्ञा चौहान, श्री विजय बहादुर पाल, पूर्व विधायक, श्री समर सिंह चौहान, प्रदेश सचिव,  श्री इन्द्रपाल सिंह, पूर्व विधायक, श्री अवधनाथ पाल, श्री श्यामलाल पाल, श्री प्रसिद्ध नारायण सिंह चौहान, श्री शत्रुध्न चौहान, श्री नर्वदा चौहान, एडवोकेट एवं भृगुनाथ सिंह चौहान की उपस्थित उल्लेखनीय रही।

बैठक में प्रतिनिधियों ने कहा कि इन समाजों का सम्बंध खेतों से है और यह 70 प्रतिशत समाज श्री मुलायम सिंह यादव के पीछे है। समाजवादी पार्टी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का उनका निर्णय है। बैठक में वर्तमान कुशासन को समाप्त करने और समाज के सपनों को पूरा करने के लिए एकजुटता के साथ श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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एटीएम से निकले नकली नोटों की जबावदेही किसकी

Posted on 12 April 2010 by admin

देश के प्रमुख राश्ट्रीयकृत बैंक भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम से निकलते नकली नोट, सबूत के अभाव में कानून लाचार और नोट निकालने वाला बैंक का ग्राहक निकले नकली नोटों का सबूत न दे पाने के कारण परेशान। यह है भारत में चल रहे नकली नोटों को रोकने के बैंकों के योगदान की असलियत क्योंकि जब बैंक के एटीएम ही निकालेगें नकली नोट तो नकली नोटों को चलने से रोकेगा कौन। यह अह्म सवाल हर किसी भारतीय के मन में कौंध रहा है।

एटीएम से निकले नकली नोटों की गलती मानना तो दूर उलटे बैंक के ग्राहक को ही झूठा ठहरा दिया जाता है बिना यह देखें कि वह ग्राहक बैंक का कितना पुराना ग्राहक है और उसका क्या रिकार्ड है। उस वक्त प्रतििश्ठत बैंक भूल जाते है कि उनका अपना क्या रिकार्ड है, भूल जाते है कि देश के प्रतििश्ठत बैंक से जुड़े लोग ही उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में बीते समय में नकली नोटों के कारोबार में पकड़े गये थे फिर भी बैंक अपने आपको पूरी तरह से ईमानदार बताकर ग्राहक की बातों व उसकी िशकायतों को न समझकर उसे ही झूठा ठहराने में नहीं चूक रहा है।

ऐसा ही उदाहरण भारतीय स्टेट बैंक की अमीनाबाद शाखा के ग्राहक पंकज कुमार के साथ देखने को मिल रहा है। दस वशZ से अधिक पुराने इस ग्राहक पंकज कुमार ने भारतीय स्टेट बैंक की शाखा महानगर में लगे एटीएम से दिनांक 25 फरवरी को उन्नीस हजार रूपये निकाले, जिसमें एक नोट मार्कर से क्रास किया हुआ पॉच सौ रूपये का एक नोट संख्या 9 ए डब्लू 655548 निकला, जिसको लेकर बैंक और सम्बन्धित थाने में लिखा पढ़ी करने के बावजूद सन्तोशजनक परिणाम सामने नहीं आ सका है, और बैंक अपने एटीएम से नकली नोट निकलने से साफ मुकर चुका है। अब इस ग्राहक ने इस लड़ाई को और आगे ले जाने के लिये बैंकिंग लोकपाल को पत्र लिखकर इस मामले में समुचित काररवाई करने की मांग करते हुये यह जानना चाहा है कि एटीएम से निकलने वाले नकली नोटों की आखिर जबावदेही किसकी है.

देश में बैंकों के एटीएम की व्यवस्था ही ऐसी है कि एटीएम से पैसा निकालते वक्त सिर्फ वही व्यक्ति एटीएम के अन्दर होना चाहिए जिसे रूपया निकालना है, और ऐसी स्थिति में यदि एटीएम से नकली नोट निकलता है तो पीड़ित ग्राहक कैसे सबूत देगा और कहां से गवाह लायेगा। नतीजतन सबूत और गवाह के अभाव में पुलिस भी लाचार है कि बिना सबूत व गवाह के काररवाई कैसे की जाये। ऐसी स्थिति में भुक्तभोगी ग्राहक सिवाय अपनी किस्मत को कोसने के कुछ नहीं कर सकता कि किस बुरे वक्त में उसने एटीएम से रूपये निकाले।

शायद इस तरह से बैंक के कई ग्राहक प्रतििश्ठत बैेंको की इन गलतियों का िशकार होते होंगे परन्तु साक्ष्यों के अभाव में उनकी समस्याओं को सुनने के बजाय कहीं उन्हें ही नकली नोटों का सौदागर न बना दिया जाये यही सोचकर अपनी किस्मत को कोसते हुये कुछ भी नहीं करते होंगे और उनमें से कुछ भी नहीं करते होंगे और उनमें से कई ग्राहक कुछ दिनों बाद चुपचाप एटीएम से निकले नोटों को बाजार में चलाने का प्रयास करते है जिनमें कई सफल तो कई असफल हो जाते है, यदि नोट चलाने में ग्राहक सफल हो जाते है तो वह नोट भारतीय अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन जाते है। अत: बैंकों के एटीएम से नकली नोट निकलने पर ग्राहकों को चाहिये कि वह आगे आयें और बैंक की इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठायें ताकि बैंक की इस व्यवस्था के खिलाफ सकारात्मक परिणाम सामने लाया जा सके।

पंकज कुमार
भुक्तभोगी ग्राहक
भारतीय स्टेट बैंक, अमीनाबाद शाखा
6/926, जानकीपुरम विस्तार लखनऊ।
मोबाइल नम्बर : 9839012624

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मूर्तियां तोड़कर सौहार्द नष्ट करने वाले शरारती तत्वों को दण्डित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी

Posted on 12 April 2010 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमापतिराम त्रिपाठी ने बसपा सरकार पर राज्य का साम्प्रदायिक सौहार्द नष्ट करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार हिन्दू आस्था से जुड़े प्रत्येक प्रश्न को वोट बैंक राजनीति से जोड़कर बहुसंख्यक समुदाय का उत्पीड़न कर रही है। कालपी (जालौन) में श्री दुगाZ और शिव की मूर्तियों को खण्डित करने के बाद आहत श्रद्धालुओं द्वारा मात्र जांच और कार्रवाई की मांग करने वालों पर भी सरकार ने बलवा सहित अनेक गम्भीर आरोपों वाले मुकदमें दर्ज कराये हैं। मूर्तियों के खण्डित होने पर जनरोष स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। जनरोष के कारण उमड़े जनसमूह में बसपा विधायक भी शामिल थे। मूर्तियां तोड़कर सौहार्द नष्ट करने वाले शरारती तत्वों को दण्डित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी थी लेकिन सरकार ने अभियुक्तों की गिरतारी की मांग करने वालों को ही अभियुक्त बना दिया। इनमें पूर्व विधायक अरूण मेहरोत्रा आदि नेता भी हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने आज कालपी की घटनाओं से व्यथित लोगों से मिलने जा रहे वरिष्ठ नेता बाबूराम एम0काम0 आदि की गिरतारी की घोर निन्दा की। गिरतारी को गैर कानूनी बताया और मूर्ति विखण्डित करने के वास्तविक दोषी लोगों का पता लगाने व उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की।

डॉ0 त्रिपाठी ने इस समस्या के लिए बसपा सरकार को दोषी ठहराया और पूरा दोष सरकार की वोट बैंक राजनीति पर मढ़ते हुए आज कालपी की घटनाओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति की घोषणा की है। समिति में पूर्व मन्त्री विधायक प्रेमलता कटियार, पूर्व मन्त्री विधायक सतीश महाना, विधायक सलिल विश्नोई, पूर्व मन्त्री विधायक बाबूराम एम0काम0 व कानपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष सुशील शाक्य शामिल हैं। समिति कालपी जाकर वस्तु स्थिति का अध्ययन करेगी। अपनी रिपोर्ट देगी, भाजपा इस रिपोर्ट के आधार पर आगे आन्दोलन की रणनीति तय करेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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चन्द्रगुप्ता मौर्य की 2355वीं जयन्ती समारोह 13 अप्रैल को

Posted on 12 April 2010 by admin

सम्राट चन्द्रगुप्ता मौर्य महासभा उ0प्र0 के प्रदेश महामन्त्री बनवारी लाल मौर्य, एडवोकेट हाईकोर्ट ने बताया कि भारतवशZ के प्रथम चक्रवती सम्राट चन्द्रगुप्ता मौर्य की 2355वीं जयन्ती समारोह 13 अप्रैल को सहकारिता भवन सभागार विधान सभा मार्ग लखनऊ में आयोजित की गई हैं जयन्ती कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी प्रसाद मौर्य, मन्त्री पंचायती राज, नेता सदन विधान परिशद एवं प्रदेश अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी उप्र वििशश्ट अतिथि नन्दरतन दर्जा राज्यमन्त्री अध्यक्ष अन्तराश्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, ज्ञान प्रकाश मौर्य सूचना आयुक्त उप्र व मुख्य वक्ता जी.एस. शाक्य प्रबन्ध निदेशक बौद्ध कम्यून इण्टरनेशनल इलाहाबाद सम्पादक बुद्ध ज्योति सहित। कार्यक्रम में मौर्य समाज के विधायक, सदस्य जिला पंचायत, अध्यक्ष नगर पालिका, प्रधान एवं बी0डी0सी0 सहित हजारों लोगों के भाग ले सकते है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रमुख सचिव अव्यवस्था पर खफा, एक का वेतन रोका

Posted on 12 April 2010 by admin

अध्यक्ष परिवहन निगम के दौरे ने खोली सुल्तानपुर डिपो की पोल
लोड़ फैक्टर व राजस्व बढ़ाने का दिया निर्देश

उत्तर-प्रदेश परिवहन निगम के प्रमुख सचिव, अध्यक्ष व प्रबन्ध निदेशक का कार्य देख रहे पंकज अग्रवाल ने अम्बेडकर जयन्ती के दो दिन पहले सुल्तानपुंर डिपो की खस्ता हाल स्थितियों का जायजा लिया। जिसमें उन्हें कमी के सिवाय ऐसा कुछ नहीं मिला जिस पर उन्हें सन्तोष मिलता। आधे घण्टे तक डिपों के परिसर में घूम-घूमकर अग्रवाल ने बसों से भवन में यात्री सुविधाओं का बुरा हाल देखा और मौके पर मौजूद अधिकारियों को धमकाते रहे। अव्यवस्था से क्रुध अग्रवाल ने यहां तक कह डाला कि डिपों उनके निर्देशों को नज़रदाज कर रहा है।

sulpसुलतानपुर डिपों पर श्री अग्रवाल ने फैली अव्यव्स्थाओं को देखते ही एआरएम लोहानी पर विफर पडे़। प्रमुख सचिव श्री अग्रवाल डिपो परिसर मे धुसते ही परिसर में खडी बसो पर चढ गये, और बसों की जर्जर स्थिति देखते ही एआरएम लोहानी पर नाराजगी जताते हुए यहां तक कह दिया कि मेरे आदेशों का क्या मतलब रह गया है, जब इसका कोई पालन नहीं हो रहा है। आपने मेरे आदेशों कोे नपुंशक बना दिया है। पविहन निगम में तीन पदो पर आसीन पंकज अग्रवाल ने कई बसों पर खस्ताहालत सीटों, इमरर्जेन्सी दरवाजा देखा और एआरएम की जमकर िख्ंाचाई की।

एक बस के अन्दर प्रवेश करते ही श्री अग्रवाल ने एआरएम से कहा कि सीटोें के पीछे क्या लिखा है, पढ कर बताओ, जो विल्कुल अस्पश्ट नही था। इस पर प्रवन्ध निदेशक परिवहन निगम श्री अग्रवाल ने कहा कि मैने बसोें के सीटों के पीछे लिखने का आदेश दिया था कि, यात्री कृपया टिकट मागेंं, परिवहन निगम के अध्यक्ष श्री अग्रवाल शीतल जल, एकवा गार्ड की व्यवस्था देखी, जिससे सन्तुश्ट नही रहे। प्रमुख सचिव ने चालक परिचालक व रूट आदि सम्बन्धी जानकारी के लिये लगाये गये कम्प्यूटर का उद्घाटन किया और उसकी पूरी जानकारी ली। परिवहन निगम निदेशक ने लोड फैक्टर बढाने तथा बसो के छूटने व पहुुंचने के सही समय के साथ राजस्व बढाने का जोर दिया।

प्रमुख सचिव ने विभाग फैली अव्यवस्थाओं से इतने रूश्ट दिखे कि उन्होने एक भी कर्मचारी को बेतन न देने की बात कही। इनके साथ आरएम फैजाबाद आशीश चटर्जी और तमाम रोडबेज कर्मी थे। रोडबेज कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी ये चाहते रहे कि स्टाफ रूम स्वच्छ पानी की व्यवस्था, तथा स्टाफ की समस्या भी सुनें, परन्तु श्री अग्रवाल ने मौका नही दिया। लगभग आधे धण्टे डिपो परिसर में फैली अव्यवस्थाओं तथा लोड फैक्टर व राजस्व बढ़ाने पर ही वार्ता किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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राष्ट्रीय राजमार्गों के सम्बन्ध में स्टेट सपोर्ट एग्रीमेन्ट वापस लेने के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मन्त्रालय को अवगत कराया

Posted on 12 April 2010 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने राष्ट्रीय राजमार्गों के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को सहयोग देने से मना करने के सम्बन्ध में कतिपय समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार को भ्रामक और तथ्यों से परे बताया है। प्रवक्ता ने कहा कि समाचार से यह आभास हो रहा है कि जैसे राज्य सरकार ने अपने स्तर से निर्णय लेते हुए प्रदेश में स्थित राष्ट्रीय राजमार्गों के सम्बन्ध में स्टेट सपोर्ट एग्रीमेन्ट वापस लेने के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मन्त्रालय को अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास एनएचएआई से कराने के सम्बन्ध में केन्द्र ने फैसला लेकर राज्य सरकार के स्टेट सपोर्ट एग्रीमेन्ट को वापस कर दिया।

सरकारी प्रवक्ता ने स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि वास्तविकता तो यह है कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मन्त्रालय ने प्रदेश सरकार द्वारा गत 5 नवम्बर, 2009 को भेजे गये एम0ओ0यू0 को बगैर हस्ताक्षर किए इस टिप्पणी के साथ वापस कर दिया कि प्रश्नगत राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन0एच0ए0आई0) द्वारा ही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने सोलह राज्यों मे से केवल उत्तर प्रदेश के बारे में इस प्रकार का निर्णय लिया, जो कि केन्द्र सरकार एवं योजना आयोग द्वारा लिये गये नीतिगत निर्णय के सर्वथा प्रतिकूल है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा इन राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास एन0एच0ए0आई0 के माध्यम से कराये जाने के परिणाम स्वरूप स्टेट सपोर्ट एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर करने का औचित्य समाप्त हो जाने के कारण ही राज्य सरकार ने इस एग्रीमेन्ट को भारत सरकार से वापस लेने का फैसला लिया है।

इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार द्वारा 500 किमी0 लम्बे एकल/इन्टरमीडिएट/दो लेन राष्ट्रीय राजमार्गों को एन0एच0डी0पी0 फेज-4ए तथा इससे आगे की परियोजनाओं के लिए बी0ओटी0 के आधार पर पेव्ड शोल्डर द्वारा दो लेन उच्चीकरण/सृदढ़ीकरण परियोजनाओं हेतु योजना आयोग भारत सरकार तथा भूतल परिवहन, राजमार्ग मन्त्रालय द्वारा इन परियोजनाओं का कार्य राज्य सरकार के माध्यम से कराये जाने के सम्बन्ध में परियोजनावार एम0ओ0यू0 तथा अम्ब्रेला स्टेट सपोर्ट एग्रीमेन्ट का माडल ड्राफ्ट तैयार किया गया तथा इस परियोजना से जुड़ी 16 राज्य सरकारों को प्रेषित करते हुए इसे हस्ताक्षरित करने का अनुरोध किया गया।

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार के स्तर पर इस सम्बन्ध में कई बैठकें आयोजित की गईं, जिसमें योजना आयोग के सलाहकार श्री हिल्दया भी शामिल हुए थे। इन बैठकों में स्पष्ट रूप से यह तथ्य उभर कर आया था कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारण प्रश्नगत परियोजनाओं को क्रियािन्वत किये जाने की स्थिति में नहीं है। अत: एम0ओ0यू0 के माध्यम से एन0एच0 डी0पी0-4ए व इससे अग्रेतर परियोजनाओं के कार्य राज्य सरकार के माध्यम से कराया जायेगा। भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित एम0ओ0यू0 पर न्याय एवं वित्त विभाग का परामर्श प्राप्त किया गया तथा इस सम्बन्ध में 06 अक्टूबर, 2009 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुयी थी, जिसमें राज्य सरकार के अधिकारियों के अलावा केन्द्रीय योजना आयोग के सलाहकार भी सम्मिलित हुए थे। तत्पश्चात मुख्यमन्त्री जी के अनुमोदन के बाद 06 मागोंZ के सम्बन्ध में मैमोरेण्डम ऑफ अन्डरस्टैण्डिंग (एम0ओ0यू0) हस्ताक्षरित कर भारत सरकार को भेजा गया था।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित अम्ब्रेला स्टेट सपोर्ट एग्रीमेन्ट पर भी समय-समय पर भारत सरकार द्वारा बैठकें आयोजित की गई। सलाहकार, योजना आयोग, भारत सरकार के सलाहकार श्री गजेन्द्र हिल्दया की अध्यक्षता में 30 अक्टूबर, 2009 को हुयी बैठक में कम्पीटिंग रोड के सम्बन्ध में उन्होंने अवगत कराया था कि राज्य सरकार द्वारा बनाये जा रहे अथवा प्रस्तावित एक्सप्रेसवे या स्टेट हाईवे का स्पष्ट उल्लेख करते हुए वर्ष के प्रारम्भ में भारत सरकार को अवगत करा दिया जाये, ताकि वे माडल कन्सेशन एग्रीमेन्ट के कम्पीटिंग रोड की परिभाषा में न आ सके।

यह भी उल्लेखनीय है कि वित्त एवं न्याय विभाग से प्राप्त परामर्श तथा मुख्यमन्त्री जी के द्वारा अनुमोदन के बाद स्टेट सपोर्ट एग्रीमेन्ट हस्ताक्षरित कर शासन द्वारा 13 जनवरी, 2010 को केन्द्रीय सड़क पविहन एवं राजमार्ग मन्त्रालय, के सचिव को भेजा गया। इस पत्र में यह भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि प्रदेश सरकार की संस्थायें यथा यूपीडा द्वारा 07 एक्सप्रेस-वे तथा उपसा द्वारा 25 राजमार्गों का विकास पी0पी0पी0 माडल के आधार पर किये जाने हेतु चयनित कर अिग्रम कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है। यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा पी0पी0पी0 के आधार पर न्यू ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे तथा राज्य राजमार्ग परियोजनाएं विकसित करने का निर्णय लिया गया है तथा भारत सरकार द्वारा नॉन कम्पीटिंग रोड की बाध्यता रखी गई है। यद्यपि इससे सरकार पर बाइबिलिटी गैप फण्डिंग (वी0जी0एफ0) का कम वित्तीय भार तो अवश्य पड़ेगा, परन्तु इससे उपभोक्ताओं को भविष्य में और अच्छी सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा।

ज्ञातव्य है कि अधिशासी अभियन्ता (एन0एच0 डी0पी0-4ए) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मन्त्रालय, भारत सरकार ने अपने पत्र दि0 23.02.2010 द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा शासनादेश दि0 05.11.09 द्वारा भेजे गये एम0ओ0यू0 को बिना हस्ताक्षरित किये हुए वापस करते हुए यह अवगत कराया गया है कि मन्त्रालय में सक्षम अधिकारी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अब प्रश्नगत मार्गों का विकास भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया जायेगा। भारत सरकार द्वारा कदाचित् 16 राज्यों में से केवल उ0प्र0 के बारे में इस प्रकार का निर्णय लिया जाना उचित नहीं था। क्योंकि यह निर्णय भारत सरकार की बैठकों एवं योजना आयोग द्वारा लिए गये नीतिगत निर्णय के प्रतिकूल है।

चूंकि भारत सरकार ने राज्य सरकार द्वारा हस्ताक्षरित एम0ओ0यू0 को वापस करते हुए प्रश्नगत मार्ग का विकास राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से कराये जाने का निर्णय लिया है, अत: उक्त विर्णत स्थिति में स्टेट सपोर्ट एग्रीमेन्ट को हस्ताक्षरित किये जाने का औचित्य नहीं रह गया। फलस्वरूप मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के अनुमोदन के उपरान्त इस एग्रीमेन्ट को भारत सरकार से वापस लिये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सूचना के अधिकार को राष्ट्रहित में शस्त्र की तरह इस्तेमाल करें

Posted on 12 April 2010 by admin

सूचना आयोग अगर शिकायतकर्ता को तीस दिनों के अन्दर उसकी शिकायत पर सूचना नहीं देता है या उसको राहत देने में विफल रहता है तो सूचना का अधिकार का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा। अगर सरकार इस अधिनियम के त्वरित क्रियान्वयन के प्रति गम्भीर है तो उसे निगरानी प्रणाली का सहारा लेना पड़ेगा। वैसे भी इस अधिनियम की धारा 25 के अन्र्तगत निगरानी प्रणाली की व्यवस्था भी की गई है लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण यह बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा है।

एक्शनग्रुप फॉर पीपुल्स राईट टू इन्फार्मेशन के छठवें राष्ट्रीय सम्मेलन एवूं कार्यशाला में “सूचना का अधिकार अधिनियम 2005: क्रियान्वयन, समस्याएं एवं समाधान´´ विषय पर आज यहां एनबीआरआई सभागार में वक्ताओं ने उक्त विचार व्यक्त किए। इस कार्यशाला में 200 से अधिक एन जी ओ और भूतपूर्व न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ, न्यायमूर्ति ड़ी.पी सिंह, भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारी योगेन्द्र नारायण, एक्शनग्रुप फॉर पीपुल्स राईट टू इन्फार्मेशन के चीफ कोआर्डिनेटर अफजाल अंसारी, सामाजिक कार्यकर्ता शैलेन्द्र दुबं और पत्रकार ओम प्रकाश त्रिपाठी ने सूचना के अधिकार पर बड़ी बेबाकी से अपने-अपने विचार रखे।

इस अवसर पर भूतपूर्व न्यायमूर्ति कमलेश्वर नाथ ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम हमारा एक शस्त्र है और इसे राष्ट्रहित में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। समय से सूचना मिलना महत्वपूर्ण है और धारा 25 में प्रावधान है कि सरकार समय पर सूचना उपलब्ध कराएं। यह अधिनियम लोकतन्त्र को सशक्त और मजबूत करने की प्रक्रिया निधारिZत करता है। इसका गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। यह अधिनियम समय के साथ-साथ प्रभावी हो जाएगा। लोकतन्त्र में लोंगो की सहभागिता होनी चाहिए। लोकतन्त्र में सूचना का अधिकार इसलिए जरुरी है ताकि सरकार में जनता की सहभागिता हो सके और पारदर्शिता कायम भी रह सके। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1968 से लोकपाल बिल चर्चा में है लेकिन आज तक नहीं बन सका। सूचना का अधिकार अधिनियम में खामिया कम नहीं है जैसे कि शिकायतकर्ता सूचना आयुक्त के निर्णय के खिलाफ अपील नहीं कर सकता है। बस वह केवल हाईकोर्ट जा सकता है और हकीकत यह है कि सूचना आयोग में काम होता नहीं, मुकदमों का निस्तारण होता नहीं और आयोग के खुलने और बन्द होने या अधिकारी-कर्मचारी के आने जाने का कोई समय निधारिZत नहीं है।

इस अधिनियम पर पीएचडी करने वाले भूतपूर्व प्रशासनिक अधिकारी योगेन्द्र नारायण ने अपने विचार रखते हुए कहा कि इसमें व्यवस्था सबके सामने है, बस इसको समझने और क्रियान्चयन करने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि 2002 में नौ राज्यों ने अपना सूचना के अधिकार का कानून बना लिया था लेकिन उसको लागू किया गया 2005 में वो भी सूचना का अधिकार अधिनियम का नाम देकर। सरकार का काम है कि इसके प्रति जनता में जागरुकता पैदा करे लेकिन जागरुकता पैदा करने के लिए एन जी ओ और मीडिया को ही आगे आना पड़ेगा और इस महत्वपूर्ण भूमिका को निभाना पड़ेगा। उन्होंने लोंगो की सुविधा के लिए सूचना अधिकारियों की एक उायरेक्टरी छपवाने का भी सुझाव दिया।

एक्शनग्रुप फॉर पीपुल्स राईट टू इन्फार्मेशन के चीफ कोआर्डिनेटर अफजाल अंसारी ने मेहमानों का स्वागत किया और अपने विचार रखते हुए कहा कि इस अधिनियम में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और लोंगो की भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के लागू होने से पूर्व जनता को विकास के कार्यों और सरकार के कार्यकलापों में हस्ताक्षेप का अधिकार नहीं था लेकिन इस अधिनियम ने हमको यह अधिकार दिलाया है। इससे भ्रप्टाचार कम होगा और साथ ही विकास के रास्ते खुलेगे लेकिन इसको सफल बनाने के लिए जरुरी है कि इसे ईमानदारी से लागू किया जाएं और लोगां में जागरुकता पैदा की जाएं।

न्यायमूर्ति डी पी सिंह ने कहा कि इस अधिनियम से सरकार के कार्यों में बदलाव आ सकता है। मुकदमों का समय पर निस्तारण होना चाहिए और धारा 25 के अनुसार सरकार को समय पर सूचना का जवाब देना चाहिए और लोगो का इसका राष्ट्रहित में प्रयोग करना चाहिए। सामाजिक कार्यकर्ता शैलेन्द्र दुबं ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम अपने आप में एक क्रान्ति है। इसका देशहित में एक हथियार के रुप में प्रयोग करना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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