देश के प्रमुख राश्ट्रीयकृत बैंक भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम से निकलते नकली नोट, सबूत के अभाव में कानून लाचार और नोट निकालने वाला बैंक का ग्राहक निकले नकली नोटों का सबूत न दे पाने के कारण परेशान। यह है भारत में चल रहे नकली नोटों को रोकने के बैंकों के योगदान की असलियत क्योंकि जब बैंक के एटीएम ही निकालेगें नकली नोट तो नकली नोटों को चलने से रोकेगा कौन। यह अह्म सवाल हर किसी भारतीय के मन में कौंध रहा है।
एटीएम से निकले नकली नोटों की गलती मानना तो दूर उलटे बैंक के ग्राहक को ही झूठा ठहरा दिया जाता है बिना यह देखें कि वह ग्राहक बैंक का कितना पुराना ग्राहक है और उसका क्या रिकार्ड है। उस वक्त प्रतििश्ठत बैंक भूल जाते है कि उनका अपना क्या रिकार्ड है, भूल जाते है कि देश के प्रतििश्ठत बैंक से जुड़े लोग ही उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में बीते समय में नकली नोटों के कारोबार में पकड़े गये थे फिर भी बैंक अपने आपको पूरी तरह से ईमानदार बताकर ग्राहक की बातों व उसकी िशकायतों को न समझकर उसे ही झूठा ठहराने में नहीं चूक रहा है।
ऐसा ही उदाहरण भारतीय स्टेट बैंक की अमीनाबाद शाखा के ग्राहक पंकज कुमार के साथ देखने को मिल रहा है। दस वशZ से अधिक पुराने इस ग्राहक पंकज कुमार ने भारतीय स्टेट बैंक की शाखा महानगर में लगे एटीएम से दिनांक 25 फरवरी को उन्नीस हजार रूपये निकाले, जिसमें एक नोट मार्कर से क्रास किया हुआ पॉच सौ रूपये का एक नोट संख्या 9 ए डब्लू 655548 निकला, जिसको लेकर बैंक और सम्बन्धित थाने में लिखा पढ़ी करने के बावजूद सन्तोशजनक परिणाम सामने नहीं आ सका है, और बैंक अपने एटीएम से नकली नोट निकलने से साफ मुकर चुका है। अब इस ग्राहक ने इस लड़ाई को और आगे ले जाने के लिये बैंकिंग लोकपाल को पत्र लिखकर इस मामले में समुचित काररवाई करने की मांग करते हुये यह जानना चाहा है कि एटीएम से निकलने वाले नकली नोटों की आखिर जबावदेही किसकी है.
देश में बैंकों के एटीएम की व्यवस्था ही ऐसी है कि एटीएम से पैसा निकालते वक्त सिर्फ वही व्यक्ति एटीएम के अन्दर होना चाहिए जिसे रूपया निकालना है, और ऐसी स्थिति में यदि एटीएम से नकली नोट निकलता है तो पीड़ित ग्राहक कैसे सबूत देगा और कहां से गवाह लायेगा। नतीजतन सबूत और गवाह के अभाव में पुलिस भी लाचार है कि बिना सबूत व गवाह के काररवाई कैसे की जाये। ऐसी स्थिति में भुक्तभोगी ग्राहक सिवाय अपनी किस्मत को कोसने के कुछ नहीं कर सकता कि किस बुरे वक्त में उसने एटीएम से रूपये निकाले।
शायद इस तरह से बैंक के कई ग्राहक प्रतििश्ठत बैेंको की इन गलतियों का िशकार होते होंगे परन्तु साक्ष्यों के अभाव में उनकी समस्याओं को सुनने के बजाय कहीं उन्हें ही नकली नोटों का सौदागर न बना दिया जाये यही सोचकर अपनी किस्मत को कोसते हुये कुछ भी नहीं करते होंगे और उनमें से कुछ भी नहीं करते होंगे और उनमें से कई ग्राहक कुछ दिनों बाद चुपचाप एटीएम से निकले नोटों को बाजार में चलाने का प्रयास करते है जिनमें कई सफल तो कई असफल हो जाते है, यदि नोट चलाने में ग्राहक सफल हो जाते है तो वह नोट भारतीय अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन जाते है। अत: बैंकों के एटीएम से नकली नोट निकलने पर ग्राहकों को चाहिये कि वह आगे आयें और बैंक की इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठायें ताकि बैंक की इस व्यवस्था के खिलाफ सकारात्मक परिणाम सामने लाया जा सके।
पंकज कुमार
भुक्तभोगी ग्राहक
भारतीय स्टेट बैंक, अमीनाबाद शाखा
6/926, जानकीपुरम विस्तार लखनऊ।
मोबाइल नम्बर : 9839012624
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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