भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमापतिराम त्रिपाठी ने बसपा सरकार पर राज्य का साम्प्रदायिक सौहार्द नष्ट करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार हिन्दू आस्था से जुड़े प्रत्येक प्रश्न को वोट बैंक राजनीति से जोड़कर बहुसंख्यक समुदाय का उत्पीड़न कर रही है। कालपी (जालौन) में श्री दुगाZ और शिव की मूर्तियों को खण्डित करने के बाद आहत श्रद्धालुओं द्वारा मात्र जांच और कार्रवाई की मांग करने वालों पर भी सरकार ने बलवा सहित अनेक गम्भीर आरोपों वाले मुकदमें दर्ज कराये हैं। मूर्तियों के खण्डित होने पर जनरोष स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। जनरोष के कारण उमड़े जनसमूह में बसपा विधायक भी शामिल थे। मूर्तियां तोड़कर सौहार्द नष्ट करने वाले शरारती तत्वों को दण्डित करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी थी लेकिन सरकार ने अभियुक्तों की गिरतारी की मांग करने वालों को ही अभियुक्त बना दिया। इनमें पूर्व विधायक अरूण मेहरोत्रा आदि नेता भी हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने आज कालपी की घटनाओं से व्यथित लोगों से मिलने जा रहे वरिष्ठ नेता बाबूराम एम0काम0 आदि की गिरतारी की घोर निन्दा की। गिरतारी को गैर कानूनी बताया और मूर्ति विखण्डित करने के वास्तविक दोषी लोगों का पता लगाने व उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की।
डॉ0 त्रिपाठी ने इस समस्या के लिए बसपा सरकार को दोषी ठहराया और पूरा दोष सरकार की वोट बैंक राजनीति पर मढ़ते हुए आज कालपी की घटनाओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति की घोषणा की है। समिति में पूर्व मन्त्री विधायक प्रेमलता कटियार, पूर्व मन्त्री विधायक सतीश महाना, विधायक सलिल विश्नोई, पूर्व मन्त्री विधायक बाबूराम एम0काम0 व कानपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष सुशील शाक्य शामिल हैं। समिति कालपी जाकर वस्तु स्थिति का अध्ययन करेगी। अपनी रिपोर्ट देगी, भाजपा इस रिपोर्ट के आधार पर आगे आन्दोलन की रणनीति तय करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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